क्रिप्टो करेंसी से पैसा कैसे कमाए?

अगर खुद निवेश कर रहे हैं

अगर खुद निवेश कर रहे हैं
यदि आपने अचानक आने वाली आफत के लिए रकम का इंतजाम पहले ही कर रखा है और आपका निवेश भी ठीकठाक है तो आपको माली दिक्कतों से नहीं गुजरना पड़ेगा। अगर किसी व्यक्ति के पास तीन से छह महीने तक घर चलाने के लिए जरूरी रकम जमा है, उसने अच्छी तरह अगर खुद निवेश कर रहे हैं निवेश किया है और उस पर ज्यादा कर्ज भी नहीं है तो उसे आराम से बैठना चाहिए। एएसके वेल्थ एडवाइजर्स में मैनेजिंग पार्टनर और फैमिली ऑफिस प्रमुख निशांत अग्रवाल मानते हैं, 'ऐसे लोगों के लिए हालात कुछ ज्यादा सहूलियत भरे होंगे। शेयर बाजार में जबरदस्त गिरावट के बाद भी निवेशकों को ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है। जब तक तस्वीर और साफ नहीं हो जाती अगर खुद निवेश कर रहे हैं एक फंड छोड़कर दूसरे फंड में जाने की अपनी इच्छा दबाकर रखिए।' अगर बुरी खबरों का सिलसिला जारी रहता है तो हो सकता है कि एक बार फिर बाजार लुढ़कने जा रहा हो। लेकिन यह भी सच है कि आगे जाकर बाजार फिर उछाल भरेगा। इसीलिए इस वक्त हाथ पर हाथ धरकर बैठने में ही समझदारी है।

म्यूचुअल फंड में एसआईपी निवेशकों की चांदी, महिंद्रा स्कीम ने दिया 27.2 प्रतिशत का फायदा

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देश में अधिकतर लोग दूसरे के कहने पर शेयर बाजार में पैसे लगाते हैं. उन्हें ये पता नहीं होता है कि जिस कंपनी के स्टॉक में वे पैसे लगा रहे हैं, उस कंपनी का क्या कारोबार है? खासकर रिटेलर (Retailer) या कहें आम आदमी, अक्सर दूसरे की सलाह पर शेयर बाजारों (Share Market) में निवेश करते हैं.

उन्हें कोई अगर खुद निवेश कर रहे हैं कह देता है कि ये Stock अच्छा रिटर्न (Return) दे सकता है, और फिर उसमें वे अपनी गाढ़ी कमाई लगा देते हैं. लेकिन क्या आपने ये कभी जानने की कोशिश की है कि जिस कंपनी के स्टॉक में आप निवेश कर रहे हैं, उस कंपनी रिटर्न कहां से देगी, कितनी कमाई है?

कैसे करें स्टॉक्स Stock Selection?

दरअलस, रिटेल निवेशक (Retail Investor) भविष्य को ध्यान में रखकर शेयर बाजार (Stock Market) में निवेश करते हैं, क्योंकि उनका नजरिया लॉन्ग टर्म (Long Term) रहता है. लेकिन इसके बावजूद अधिकतर रिटेल निवेशक वर्षों तक निवेशित रहने के बाद भी अच्छा मुनाफा नहीं कमा पाते हैं. इसका एक ही कारण स्टॉक (Stock Selection) का सही से चयन नहीं कर पाना है.

Stocks vs Mutual Funds: निवेशक को कहां करना चाहिए निवेश जिससे मिले ज्यादा रिटर्न

Stocks vs Mutual Funds: निवेशक को कहां करना चाहिए निवेश जिससे मिले ज्यादा रिटर्न

रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए इन्वेस्टमेंट स्कीम का रिटर्न महंगाई के मुकाबले ज्यादा होना अगर खुद निवेश कर रहे हैं चाहिए. वर्तमान में महंगाई दर 5-6 फीसदी के बीच है. ऐसे में अगर निवेश के परंपरागत साधनों में निवेश करते हैं तो नेट रिटर्न कम होगा. म्यूचुअल फंड में आपका पैसा शेयर बाजार में भी निवेश होता है जिसके कारण रिटर्न ज्यादा मिलता है और आपका नेट रिटर्न ज्यादा होगा.

TV9 Bharatvarsh | Edited By: शशांक शेखर

Updated on: Feb 08, 2022 | 8:17 AM

निवेशकों (Investors) के मन में एक सवाल बार-बार आता है कि उन्हें म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) में निवेश करना चाहिए या फिर शेयर बाजार (Share market investment) अगर खुद निवेश कर रहे हैं में निवेश करना चाहिए. शेयर बाजार में निवेश का मुख्य रूप से दो तरीका है. पहला- खुद शेयर खरीदें और बेचें. दूसरा तरीका है कि म्यूचुअल फंड के जरिए शेयर बाजार में निवेश करें. निवेश का दोनों तरीका अच्छा है, अंतर बस इतना है कि डायरेक्ट शेयर खरीदने पर फायदे और नुकसान दोनों के लिए आप खुद जिम्मेदार होंगे. यह आपको तय करना है कि बाजार में कब एंट्री लेनी है, कौन सा शेयर खरीदना है, कितने दिन के लिए निवेश करना है. अगर म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं तो फंड मैनेजर आपके बदले ये तमाम फैसले लेता है.

पोर्टफोलियो डायवर्सिफाइड रखें

फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स की सलाह होती है कि पोर्टफोलियो को हमेशा डायवर्सिफाइड रखें. इससे रिस्क कम रहता है. पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाइड रखने से रिस्क फैक्टर घटता है. बाजार में किसी तरह की हलचल का आपके इन्वेस्टमेंट पर कम असर होता है. कोई इंडिविजुअल जब किसी खास सेक्टर के खास स्टॉक में निवेश करता है तो उसका रिस्क ज्यादा होगा. वहीं, म्यूचुअल फंड में आपके पैसा अलग-अलग सेक्टर के अलग-अलग स्टॉक्स में निवेश किया जाता है. इस तरह सेक्टर डायवर्सिफिकेशन के साथ-साथ स्टॉक डायवर्सिफिकेशन का भी लाभ मिलता है.

निवेशकों को इस बात को समझना चाहिए कि अगर आप खुद से शेयर बाजार में निवेश करते हैं तो राइट स्टॉक पिक होने पर आपको मल्टीबैगर रिटर्न मिल सकता है. लेकिन, म्यूचुअल फंड आपको इतने कम समय में मल्टीबैगर रिटर्न नहीं देगा. हालांकि, इस बात को भी ध्यान में रखना चाहिए कि खुद से निवेश करने पर आपका इन्वेस्टमेंट कई गुना अगर खुद निवेश कर रहे हैं घट भी सकता है, म्यूचुअल फंड के साथ ऐसा नहीं होता है. आसान शब्दों में खुद से निवेश करने पर ज्यादा रिटर्न के साथ ज्यादा रिस्क अगर खुद निवेश कर रहे हैं भी जुड़ा है. म्यूचुअल फंड बैलेंस्ड रिटर्न के साथ-साथ बैलेस्ड रिस्क का भी भरोसा देता है.

इक्विटी में नए हैं, तो कुछ ऐसे कर सकते है निवेश

कई निवेशक जो इक्विटी में नए हैं, अक्सर समझ नहीं पाते कि सही निवेश पथ पर कैसे आरंभ किया जाए। इक्विटी के प्रति रुचि आमतौर पर लंबी अवधि में मुद्रास्फीति से ऊपर रिटर्न बनाने की संभावना से बनती है। हमारे लक्ष्यों को पूरा करने के लिए कुछ इक्विटी एक्सपोजर की आवश्यकता होती है, अगर खुद निवेश कर रहे हैं चाहे वह म्युचुअल फंड, प्रत्यक्ष स्टॉक या इन दोनों के संयोजन के माध्यम से हो। लेकिन अगर आप इक्विटी में नए हैं और सीधे स्टॉक से शुरुआत करना चाहते हैं, तो निवेश करने के लिए सही कंपनी का चयन करना आसान नहीं है।आपको किसी कंपनी की वित्तीय स्थिति, व्यावसायिक संभावनाओं, उद्योग मूल्यांकन, बाजार की स्थितियों आदि को समझने की आवश्यकता है। अगर यह आपको मुश्किल लगता है, तो निफ्टी 50 ईटीएफ आपके लिए उपयुक्त विकल्प है।

लेखक : करुणेश देव

ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) क्या है: ईटीएफ शेयर्स का एक समूह है जो विशिष्ट इंडेक्स को ट्रैक करता है, एक्सचेंजों पर शेयरों की तरह कारोबार करता है लेकिन म्यूचुअल फंड हाउस द्वारा पेश किया जाता है। आप बाज़ार के समय के दौरान एक्सचेंजों से ईटीएफ की इकाइयां खरीद और बेच सकते हैं।

SIP Investment Tips: SIP शुरू करते समय रखें इन बातों का खयाल, वरना झेलना पड़ सकता है भरी नुकसान

SIP Investment Tips: वैसे तो सिप में निवेश करना ज्यादातर फायदे का सौदा ही साबित होता है, लेकिन कई बार कम जानकारी के कारण एसआईपी निवेशक कुछ गलतियां कर बैठते हैं। अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश करने जा रहे हैं तो इन गलतियों से जरूर बचें-

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(SIP Investment Tips), नाई दिल्ली. सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी एसआईपी (SIP) म्यूचुअल फंड में निवेश करने का सबसे पॉपुलर तरीका हो गया है। एसआईपी उन लोगो के लिए बेहतर है जो शेयर बाजार की पेचीदगियों से खुद को दूर रखना चाहते हैं और जो मार्केट के जोखिम से बचना चाहते हैं।


आपको बता दें कि एसआईपी से आप अपनी पसंद के म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में अपनी सुविधा के हिसाब से नियमित रूप से एक निश्चित धनराशि जमा कर सकते हैं। आज– कल लोग फंड्स की बदलती नेट असेट वैल्‍यू (NAV) के आधार पर अपने निवेश को संतुलित कर अच्‍छा पैसा बनाते हैं।

कोरोना के क्लेश में ठीक से संभालें अपना निवेश

जरा सोचिए कि कितनी उथलपुथल मची हुई है - कोविड-19 की वजह से दुनिया भर के शेयर बाजार बुरी तरह लुढ़क चुके हैं, उद्योग ठप होते जा रहे हैं और तमाम देश अपने यहां लॉकडाउन यानी बंदी का ऐलान करते जा रहे हैं। महीना भर भी नहीं गुजरा है और भारत के लोग खुद को ऐसे वैश्विक बवंडर में फंसा महसूस कर रहे हैं, जिसने हर किसी की जिंदगी को हिलाकर रख दिया है। विमानन जैसे कुछ क्षेत्र पहले ही वेतन में कटौती शुरू कर चुके हैं और कुछ अरसे बाद ही हमें पता चलेगा कि इस बवंडर की वजह से कितने बड़े पैमाने पर छंटनी हुई है। ऐसे वक्त में हर परिवार इसी उधेड़बुन में लगा है कि पैसा कैसे संभाला जाए और जरूरी सामान घर में किस तरह आए। मगर दिक्कत यह है कि इसका जो तरीका किसी एक परिवार के लिए कारगर होगा, वह दूसरे परिवार के साथ नहीं चल पाएगा। इसीलिए परिवारों या लोगों को चार श्रेणियों में बांटकर उनके लिए पैसा संभालने के गुर देना बेहतर रहेगा।

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