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वास्तविक उपज

वास्तविक उपज
इस योजना के अंतर्गत बीमा करने के लिए अधिसूचित फसलों के लिए श्रण लेने वाले किसानों का बीमा बैंक के माध्यम से होगा। गैर श्रणी किसानों को अपनी करीबी बैंक शाखा में जाकर खुद प्रस्ताव पत्र भरकर बीमा कराना होगा।

राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना

प्रति एकड़ प्रीमियम लिया 336, क्लेम दिया 2.79 रुपए

खरीफ सीजन 2017 में कबीरधाम जिले में फसल बीमा करने वाली इफको टोकियो इंश्योरेंस कंपनी और सरकार ने किसानों के साथ मौसम से भी भद्दा मजाक किया है। क्लेम के तौर पर 2 वास्तविक उपज रुपए 79 पैसे तक क्लेम जमा करवाए हैं, जबकि प्रति एकड़ किसानों से 336 प्रीमियम लिया था।

कंपनी ने 12,590 किसानों को ही 22.16 करोड़ क्लेम दिया है, जबकि 65,188 किसानों ने फसल बीमा कराया था। जिन्हें क्लेम बांटे हैं, उनमें भी 280 किसान ऐसे हैं, जिन्हें 100 रुपए से भी कम क्लेम मिला है।

7.23 करोड़ वास्तविक उपज प्रीमियम: सूखे से 65,188 हजार किसान प्रभावित हुए और 95132.43 हेक्टेयर में लगी धान व सोयाबीन की फसल को नुकसान पहुंचा। इससे पहले इन किसानों ने 7.23 करोड़ रुपए प्रीमियम देकर इफको टोकियो कंपनी में बीमा कराया। सूखे के बाद हाल ही में 12,590 किसानों के खाते में 22,1689444 रुपए क्लेम डाले गए हैं। अभी 6,404 किसानों को 9.20 करोड़ वास्तविक उपज रुपए क्लेम देना बाकी है।

अनावारी से नहीं बल्कि फसल कटाई प्रयोग के आंकड़ों से तय होती है फसल बीमा राशि .

मौसम खरीफ में धान सिंचित, वास्तविक उपज धान असिंचित, सोयाबीन, अरहर, उड़द, मूंग तथा मौसम रबी में गेहूं सिंचित, गेहूं असिंचित, चना, अलसी, सरसों फसल अधिसूचित है। योजना के तहत् बीमा की इकाई ग्राम निर्धारित किया गया है।

Crop insurance amount is determined not by non-vegetation but by harvesting usage data.

राजनांदगांव. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना शासन की महत्वाकांक्षी योजना है। जिसके तहत् मौसम खरीफ में धान सिंचित, धान असिंचित, सोयाबीन, अरहर, उड़द, मूंग तथा मौसम रबी में गेहूं सिंचित, गेहूं असिंचित, चना, अलसी, सरसों फसल अधिसूचित है। योजना के तहत् बीमा की इकाई ग्राम निर्धारित किया गया है। जिसमें बीमित किसानों को मिलने वाली क्षतिपूर्ति राशि अनावारी के आधार पर तय नहीं होती है। अपितु फसल कटाई प्रयोग के आधार पर तय होती है।

बीमा योजना के लिए किसान की पात्रता

  • अधिसूचित क्षेत्रों में अधिसूचित फसलों को उगाने वाले बटाईदारों , काश्तकारों सहित सभी किसान कवर किये जाने योग्य हैं। इस योजना के अंतर्गत नीचे दिए गए वर्गों के किसानों को कवर किया अत है।
    1. अनवार्य आधार पर : सभी किसान जो अधिसूचित फसल उगा रहे हैं और वित्तीय संस्थानों से मौसमी कृषि प्रचालन शरण ले रहे हैं , अर्थात श्रेणी किसान।
    2. स्वैच्छिक आधार पर : अधिसूचित फसल उगाने वाले वे सभी अश्रणी किसान जो इस योजना में आने की इच्छा रखते हैं।
  1. प्राकृतिक रूप से आग लगना और बिजली का गिरना।
  2. तूफ़ान ,
  3. ओला
  4. चक्रवात ,
  5. टाइफून ,
  6. समुद्री तूफ़ान ,
  7. हरिकेन ,
  8. टोर्नेडो , आदि।
  9. बाढ़
  10. जलप्लावन
  11. भू-स्खलन।
  12. सूखा,
  13. शुष्क अवधि
  14. कृमि/रोगी

बीमित राशि की सीमा

बीमित राशि किये वास्तविक उपज गए किसानों की इच्छा के अनुसार बीमित फसल के लिए के निश्चित उत्पादकता स्तर के मूल्य तक बधाई जा सकती है। बहरहाल , कोई किसान वाणिज्यिक पर प्रीमियम के भुगतान द्वारा अपनी फसल का बीमा अधिसूचित क्षेत्र के औसत उत्पादकता के 150 प्रतिशत तक के मूल्य पर भी करवा सकता है।

वास्तविक उपज
मौसम फसलें प्रीमियम दरें
रबी गेहूं अन्य फसलें (अनाज मोठे अनाज एवं दहन ) बीमित राशि का 1.5 % या वास्तविक दर , इनमे जो भी काम हो। बीमित राशि का 2.0% या वास्तविक दर, इनमे जो भी कम हो।
खरीफ बाजरा एवं तिलहन अन्य फसलें (अनाज मोठे अनाज एवं दहन ) बीमित राशि का 3.5% या वास्तविक दर , इनमे जो भी काम हो। बीमित राशि का 2.3% या वास्तविक दर, इनमे जो भी कम हो।
वार्षिक नकदी/ वार्षिक बागवानी फसलेंवास्तविक दर

प्रीमियम राज्य सहायता

वर्तमान में लघु व सीमान्त किसानों को प्रीमियम राशि पर 10 प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा।

योजना का कार्यान्वयन

योजना को क्षेत्र दृष्टिकोण के आधार पर व्यापक आपदाओं के लिए प्रत्येक अधिसूचित क्षेत्र में अधिसूचित फसल के आधार पर कार्यान्वित किया जाता है। अधिसूचित क्षेत्र (बीमा के लिए इकाई क्षेत्र) एक ग्राम पंचायत , मंडल , होब्ली , सर्कल, पटवारी हल्का , वास्तविक उपज फिरका प्रखंड , तालुका , इत्यादि हो सकते हैं , जिसका निर्णय राज्य / केंद्र शासित प्रदेश लेते हैं। फ़िलहाल हर एक भागीदार राज्य / केंद्रशासित प्रदेश में पंचायत को इकाई के रूप तक लाने का प्रयास किया जा रहा है।
स्थानीय आपदाओं जैसे ओला , वास्तविक उपज भू-स्खलन चक्रवात , बाढ़ आदि के लिए व्यक्तिगत स्तर पर योजना प्रयोग के रूप में क्रियांवित् की जा रही है।

अनावारी से नहीं बल्कि फसल कटाई प्रयोग के आंकड़ों से तय होती है फसल बीमा राशि .

मौसम खरीफ में धान सिंचित, धान असिंचित, सोयाबीन, अरहर, उड़द, मूंग तथा मौसम रबी में गेहूं सिंचित, गेहूं असिंचित, चना, अलसी, सरसों फसल अधिसूचित है। योजना के तहत् बीमा की इकाई ग्राम निर्धारित किया गया है।

Crop insurance amount is determined not by non-vegetation but by harvesting usage data.

राजनांदगांव. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना शासन की महत्वाकांक्षी योजना है। जिसके तहत् मौसम खरीफ में धान सिंचित, धान असिंचित, सोयाबीन, अरहर, उड़द, मूंग तथा मौसम रबी में गेहूं सिंचित, गेहूं असिंचित, वास्तविक उपज चना, अलसी, सरसों फसल अधिसूचित है। योजना के तहत् बीमा की इकाई ग्राम निर्धारित किया गया है। जिसमें बीमित किसानों को मिलने वाली क्षतिपूर्ति राशि वास्तविक उपज अनावारी के आधार पर तय नहीं होती है। अपितु फसल कटाई प्रयोग के आधार पर तय होती है।

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