म्यूचुअल फंड्स के साथ अपना रिटायरमेंट कैसे प्लान करें?

Retirement Planning: पीएफ और ग्रेच्यूटी के पैसों का ऐसे करें इस्तेमाल, सटीक रणनीति से बुढ़ापे में पैसों की किल्लत होगी खत्म
Retirement Planning: इन पांच तरीकों से आप अपने रिटायरमेंट को बेहतर बना सकते हैं. पीएफ खाते में अधिक पैसे सुनिश्चित कर मासिक पेंशन को बढ़ा सकते हैं.
अगर जीवन भर की पूंजी एंप्लाईज म्यूचुअल फंड्स के साथ अपना रिटायरमेंट कैसे प्लान करें? प्रोविडेंट फंड (EPF) और ग्रेच्यूटी को सटीक रणनीति से मैनेज किया जाए तो अपनी रिटायर होने के बाद अपनी आर्थिक स्थिति को और मजबूत किया जा सकता है.
Retirement Planning: रिटायरमेंट के बाद अपनी रोज की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए अधिकतर लोग हर महीने मिलने वाली पेंशन पर निर्भर रहते हैं. हालांकि अगर जीवन भर की पूंजी एंप्लाईज प्रोविडेंट फंड (EPF) और ग्रेच्यूटी को सटीक रणनीति से मैनेज किया जाए तो अपनी रिटायर होने के बाद अपनी आर्थिक स्थिति को और मजबूत किया जा सकता है. अपने रिटायरमेंट के लिए योजना बनाते समय अपनी जीवन भर की बचत पर ध्यान देना चाहिए. आप इन पांच तरीकों से अपने रिटायरमेंट को बेहतर बना सकते हैं और पीएफ खाते में अधिक पैसे सुनिश्चित कर मासिक पेंशन को बढ़ा सकते हैं.
ईपीएफ खाते में पैसे बढ़ने दें
मौजूदा दौर में डेट फंडों में सबसे अधिक ब्याज ईपीएफ पर मिल म्यूचुअल फंड्स के साथ अपना रिटायरमेंट कैसे प्लान करें? रहा है. इस पर अभी ब्याज दर 8.5 फीसदी है. आखिरी कामकाजी दिन के बाद आपके ईपीएफ में जमा पैसे पर 36 महीने क ब्याज मिलता है यानी कि अगर आपने 31 मार्च 2022 तक काम किया तो ईपीएफ खाते में जमा पैसे पर इस खाते के बंद होने से पहले तीन वित्त वर्षों- वित्त वर्ष 2022, वित्त वर्ष 2023 और वित्त वर्ष 2024 के लिए ब्याज मिलेगा. ईपीएफ खाते में जमा पैसे पर चक्रवृद्धि ब्याज मिलता है यानी कि आपको न सिर्फ मूल जमा पैसे पर ब्याज मिलता है बल्कि ब्याज पर भी ब्याज मिलता है. ऐसे में अगर आपको पैसे की बहुत जरूरत न हो तो ईपीएफ फंड से पैसे निकालने की गलती न करें. तीन म्यूचुअल फंड्स के साथ अपना रिटायरमेंट कैसे प्लान करें? साल के बाद आप ईपीएफ खाते से पूरा पैसा निकाल सकते हैं या थोड़ा-थोड़ा कर पैसे निकाल सकते हैं ताकि बचे पैसों पर ब्याज मिलता रहे.
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अपनी वित्तीय देनदारियों का निपटारा करें
अपनी सभी वित्तीय देनदारियों का जल्द से जल्द निपटारा करें जैसे कि होम लोन, कार लोन या अन्य किसी कर्ज की किश्त बची है तो इसे जल्द से जल्द चुकता करें. इसे एकमुश्त चुकाने के लिए अपने पीएफ और ग्रेच्यूटी की रकम का इस्तेमाल कर सकते हैं या रेगुलर प्री-पेमेंट्स का विकल्प चुन सकते हैं.
हाई रिस्क वाले विकल्पों में निवेश से बचें
अपने रिस्क लेने की क्षमता के हिसाब से विभिन्न एसेट क्लासेज में अपने पैसे लगाएं. इसका मतलब हुआ कि अगर आप अधिक रिस्क नहीं उठा सकते हैं तो अधिक रिटर्न के चलते में हाई रिस्क वाले विकल्प में पैसे लगाने से बचना चाहिए. इसके लिए कम से मॉडेरेट रिस्क वाले डेट ओरिएंटेड प्रोडक्ट्स को चुन सकते हैं. इसके लिए आप पीपीएफ, म्चूयुअचल फंड्स की बैलेंस्ड एडवांटेड स्कीम्स, डेट ओरिएंटेड हाइब्रिड म्यूचुअल फंड स्कीम्स और पोस्ट ऑफिस सेविंग्स में एकमुश्त निवेश जैसे विकल्पों पर गौर कर सकते हैं.
रेगुलर कैश फ्लो सुनिश्चित करें
मासिक पेंशन के अलावा नियमित तौर पर ब्याज या डिविडेंड पेमेंट के जरिए रेगुलर कैश फ्लो जरूर सुनिश्चित करें. अपनी जरूरतों के मुताबिक पोस्ट ऑफिस सेविंग्स में मासिक या तिमाही ब्याज भुगतान के विकल्प पर गौर कर सकते हैं. जैसे कि सीनियर सिटीजंस सेविंगस स्कीम (SCSS) में 5 साल के लिए 10 लाख रुपये का निवेश करते हैं तो मौजूदा 7.4 फीसदी की ब्याज दर के हिसाब से आपको हर तिमाही 18500 रुपये मिलेंगे. इस प्रकार पांच साल में आपको 3.70 लाख रुपये सिर्फ ब्याज के रूप में म्यूचुअल फंड्स के साथ अपना रिटायरमेंट कैसे प्लान करें? मिल जाएंगे और 5 लाख की आपकी पूंजी भी आपको मिल जाएगी. इसी प्रकार आप या तो डिविडेंड ऑप्शन चुन सकते हैं या म्यूचुअल फंड निवेश में सिस्टमैटिक विदड्रॉल प्लान (SWP) के विकल्प को जोड़ सकते हैं.
इमरजेंसी फंड बनाएं और हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदें
किसी भी आकस्मिक खर्चे के लिए इमरजेंसी फंड को तैयार करना बहुत जरूरी है. रिटायरमेंट के बाद कम से कम 5 लाख रुपये आपके पास नगदी के रूप में तुरंत उपलब्ध हो सके, इसका इंतजाम जरूर होना चाहिए. इस पैसे का इस्तेमाल किसी मेडिकल इमरजेंसी या अन्य किसी विशेष जरूरतों के लिए किया जा सकता है. इस पैसे को रेगुलर बैंक डिपॉजिट या लिक्विड म्यूचुअल फंड स्कीम में रखा जा सकता है. मेडिकल खर्चों को लेकर एक और तैयारी बहुत जरूरी है, हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदना. आपके पास बेहतर कवरेज वाली हेल्थ पॉलिसी जरूर होनी चाहिए ताकि मेडिकल से जुड़े खर्च अधिक वित्तीय भार म्यूचुअल फंड्स के साथ अपना रिटायरमेंट कैसे प्लान करें? न डाल सके.
हर महीने 10,000 रुपये की बचत 5 साल में दिलाएगी 12 लाख, जानिए प्लान के बारे में
लंबे दिनों तक निवेश किया जाए तो महंगाई को मात देने वाला रिटर्न आसानी से प्राप्त किया जा सकता है. आइए यहां ऐसे इक्विटी म्यूचुअल फंड के बारे में जानते हैं जिसमें 5 साल तक हर महीने 10,000 रुपये जमा कर 12 लाख रुपये पाया जा सकता है.
TV9 Bharatvarsh | Edited By: Ravikant Singh
Updated on: Sep 11, 2022 | 9:59 AM
अधिक रिटर्न और कमाई के लिए अधिक दिनों तक निवेश करना होता है. म्यूचुअल फंड का फंडा भी यही कहता है कि जो भी निवेश करें, लंबे दिनों के लिए करें तो बिना किसी जोखिम के भारी रिटर्न पाया जा सकता है. इक्विटी म्यूचुअल फंड में अगर इस फंडे का इस्तेमाल किया जाए और साथ में सिस्टमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान यानी कि एसआईपी जारी रखा जाए तो कम समय में मोटी रकम बनाई जा सकती है. इक्विटी म्यूचुअल फंड में कम समय में अधिक रिटर्न देने की क्षमता देखी गई है. लंबे दिनों तक निवेश किया जाए तो महंगाई को मात देने वाला रिटर्न आसानी से प्राप्त किया जा सकता है. आइए यहां ऐसे इक्विटी म्यूचुअल फंड के बारे में जानते हैं जिसमें 5 साल तक हर महीने 10,000 रुपये जमा कर 12 लाख रुपये पाया जा सकता है.
क्वांट एक्टिव फंड डायरेक्ट-ग्रोथ
क्वांट एक्टिव फंड की शुरुआत 1 जनवरी, 2013 को की गई थी. 30 जून, 2022 तक क्वांट एक्टिव फंड डायरेक्ट-ग्रोथ का एयूएम 2,644.71 करोड़ रुपये का था. 9 सितंबर, 2022 को इस फंड का एनएवी 470.37 रुपये था. जब से इस फंड की शुरुआत हुई है, तब से इसने 21.08 परसेंट का एनुअल रिटर्न दिया है. इसमें एक साल का रिटर्न रेट 14.10 परसेंट रहा है. अगर किसी व्यक्ति ने 5 साल पहले इस फंड में 10,000 रुपये का एसआईपी शुरू किया है, तो आज उसे 12.72 लाख रुपये का रिटर्न मिल रहा है. इस फंड में पिछले पांच साल में 30.62 परसेंट सालाना का रिटर्न दिया है.
पिछले तीन साल में इस फंड का सालाना एसआईपी रिटर्न 40.78 परसेंट रहा म्यूचुअल फंड्स के साथ अपना रिटायरमेंट कैसे प्लान करें? है. इस हिसाब से तीन साल पहले 10,000 रुपये का एसआईपी आज 6.36 लाख रुपये में तब्दील हो गया है. पिछले एक साल में इस फंड ने 9.04 परसेंट का अब्सल्यूट रिटर्न दिया है. इससे पता चलता है कि हर दो साल में निवेशकों का पैसा डबल हो गया. इस फंड की स्पेशल होल्डिंग सर्विसेज, कंज्यूमर गुड्स, फाइनेंशियल, केमिकल, मेटल्स और माइनिंग प्रोडक्ट में है. आईटीसी लिमिटेड, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, अडाणी पोर्ट, वेदांता लिमिटेड और लार्सन टूब्रो जैसी कंपनियां टॉप 5 होल्डिंग में शामिल हैं.
क्वांट मिड कैप फंड डायरेक्ट-ग्रोथ
क्वांट मिड कैप फंड डायरेक्ट ग्रोथ की शुरुआत 1 जनवरी, 2013 को की गई. 30 जून 2022 तक 621 करोड़ का एसेट अंडर मैनेजमेंट था और 9 सितंबर 2022 तक इसका एनएवी 145.3 रुपये था. क्वांट मिड कैप फंड डायरेक्ट ने हर साल 17.46 परसेंट का एवरेज रिटर्न दिया है. इसमें पिछले एक साल का रिटर्न 23.56 फीसद रहा है. इस फंड में 10,000 रुपये का मंथली सिस्टमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान 5 साल में 12.83 लाख रुपये का रिटर्न दिया है. पिछले पांच साल में इस फंड का सालाना एसआईपी रिटर्न 30.97 फीसद दर्ज किया गया है.
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इन पांच म्यूचुअल फंड्स में कर सकते हैं निवेश, मिलेगा शानदार रिटर्न और जोखिम भी कम
तीन साल पहले इस फंड में म्यूचुअल फंड्स के साथ अपना रिटायरमेंट कैसे प्लान करें? 10,000 रुपये का मंथली एसआईपी आज 6.59 लाख रुपये में तब्दील हो गया है. यह सालाना 43.52 परसेंट के एसआईपी रिटर्न के मुताबिक है. इस फंड की होल्डिंग सर्विसेज, फाइनेंशियल, ऑटोमोबाइल, कंज्यूमर स्टेपल और कैपिटल गुड्स सेक्टर में है. पतंजलि फूड्स लिमिटेड, कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड, केनरा बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा इस फंड की टॉप 5 होल्डिंग्स हैं.
अधूरे सपनों को पूरा करने के लिए 2020 में यहां करें निवेश, नहीं होगी पैसों की कमी
सपने देखना आसान होता है लेकिन उन्हें पूरा करना कठिन। साल 2020 में कई लोग 2019 में देखे गए अपने अधूरे सपनों को पूरा करना चाहेंगे। लेकिन इन सपनों को पूरा करने के लिए धन की आवश्यकता होती है। अपने भविष्य को संवारने के लिए हम कड़ी मेहनत तो करते हैं लेकिन महंगाई के इस दौर में अपने सभी सपने पूरे नहीं कर पाते। एक जगह पर हम कई बार चूक जाते हैं और वो है बचत। हम अपने भविष्य के लिए सोचते तो बहुत हैं लेकिन बचत नहीं कर पाते। बचत कर भविष्य के लिए हम एक ऐसी पूंजी तैयार कर सकते हैं, जिसकी मदद से हम रिटायरमेंट के बाद अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं। अपना घर खरीदना, बच्चों की उच्च शिक्षा और उनकी शादी हमारे लिए जितनी जरूरी है, उतनी ही जरूरी है बचत। इसके लिए हमें अच्छी फाइनेंशियल प्लानिंग करनी चाहिए।
हम आपको कुछ ऐसे उपाय बताने जा रहे हैं, जिनकी मदद से आप सुखद जीवन व्यतीत कर सकेंगे। खुद के लिए पूंजी तैयार करने के लिए नीचे लिखे टिप्स आपके बेहद काम आ सकते हैं।
म्यूचुअल फंड
पीपीएफ, फिक्स डिपॉजिट और इनके फायदों के बारे में तो सबको पता है। मौजूदा समय में इनकी ब्याज दरें लगातार घटती जा रही हैं। ऐसे में हम आपको निवेश के एक और विकल्प के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। हम बात कर रहे हैं म्यूचुअल फंड की। आज म्यूचुअल फंड्स ने ऐसे कई रास्ते खोले हैं जिससे हम वो हर सपने पूरा कर सकते हैं जिन्हें हमने हमेशा से ही पूरा करना चाहा था। इन्हीं रास्तों में से एक है एसआईपी।
अपने सपनों को पूरा करने का सबसे आसान तरीका है दीर्घकालीन और नियमित निवेश। म्यूचुअल फंड्स द्वारा प्रस्तावित SIP या सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान नियमित रूप से निवेश करने का एक सुलभ और भरोसेमंद तरीका है, जिसके तहत आप 500 रुपये प्रतिमाह से भी निवेश कर सकते हैं। मतलब अपने मासिक खर्च पर बिना किसी अतिरिक्त बोझ के अपने सपनों को पूरा कर सकते है। निवेश की राशि भले ही छोटी हो पर SIP लंबे समय में धीरे-धीरे धन संचयित करने की आसान व्यवस्था है।
म्यूचुअल फंड्स SIP निवेश से आप चक्रवृद्धिता का भी लाभ उठा सकते हैं, अर्थात पहले महीने का आपका मुनाफा आपके अगले महीने के मूलधन में जुड़ जाता है जिससे आपका निवेश बढ़ता जाता है और आपका फायदा भी। जितने ज्यादा समय तक आप SIP में निवेश करेंगे, उतना ही ज्यादा फायदा आपको मिल सकता है। इसलिए लंबे समय तक SIP के जरिये निवेश करने से आपको धन संचय करने में मदद मिलती है।
एसआईपी शुरू करने के लिए सही समय का इंतजार नहीं करना होता, जितना जल्दी शुरू करेंगे उतना फायदा होने की संभावना होती है। जितने बड़े सपने उतनी अवधि का निवेश। तो बस सपने देखते रहिए और निवेश करते रहिए। यह आपके निवेश पर अधिक रिटर्न प्रदान कर सकते हैं। यहीं कारण हैं जिनकी वजह से म्यूचुअल फंड रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए एक अच्छा विकल्प माना जाता है।
NBFC में करें निवेश
यदि आप कम अवधि की फिक्सड डिपॉजिट (एफडी) पर अधिक ब्याज पाना चाहते हैं, तो गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) में निवेश एक बेहतर विकल्प हो सकता है। गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां और मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों द्वारा जारी किए जाने वाले कंपनी डिपॉजिट में पैसा जमा करना आपके लिए बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। बैंक डिपॉजिट की तुलना में कंपनी डिपॉजिट से आपको ज्यादा ब्याज मिलता है।
बता दें कि डिपॉजिट के जरिए पैसे जुटाकर कंपनियां अपना कारोबार बढ़ाती हैं। कंपनियों के लिए ये एक तरह का अनसिक्योर्ड लोन होता है। यानी डिफॉल्ट की स्थिति में निवेशकों को कोई गारंटी नहीं मिलती हैं।
कंपनी डिपॉजिट में एफडी की तुलना में ज्यादा जोखिम होता है। लेकिन ज्यादा ब्याज से ये ज्यादा ग्राहकों को आकर्षित करने में सफल हो जाता है। ये उन लोगों के लिए है जिन्हें नियमित आय चाहिए। बता दें कि एफडी और कंपनी डिपॉजिट दोनों ही 10 वर्षों तक के लिए कराई जा सकती है।
फिक्स्ड डिपॉजिट की तुलना में कंपनी डिपॉजिट पर आपको 50 से 100 बीपीएस (ब्याज दर का एक मापक) ज्यादा मिलता है। एनबीएफसी अपने कॉपोर्रेट डिपॉजिट पर 7.7 फीसद से आठ फीसदी तक ब्याज देता है। लेकिन वरिष्ठ नागरिकों के लिए ये दर 7.95 से 8.25 फीसदी के बीच है।
क्या है जीपीएफ ?
जीपीएफ के सदस्य केवल सरकारी कमर्चारी होते हैं। यह ब्याज दर केंद्र सरकार के कर्मचारियों, रेलवे, रक्षा बलों की भविष्य निधि, इंडियन ऑर्डिनेंस फैक्ट्ररीज के कर्मचारियों के भविष्य निधि पर लागू होगी। जीपीएफ में सरकारी कर्मचारी अपने वेतन का एक हिस्सा निवेश करते हैं, जिसका रिटर्न उन्हें रिटायरमेंट के समय मिलता है।
जुलाई में केंद्र सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के लिए सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) पर ब्याज दरों में कमी की थी। 10 बेसिस पॉइंट की कटौती के बाद अब जीपीएफ में जमा राशि पर 7.9 फीसदी ब्याज मिलता है।
इससे पहले सरकार ने पिछले साल अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के लिए यह ब्याज दर बढ़ाई थी। तब से इनमें किसी भी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया था।
ईटीएफ भी है लाभदायक
गोल्ड ईटीएफ परियोजनाओं की संपत्तियां चालू वित्त वर्ष के शुरुआती चार महीनों में बढ़कर 5,079.22 करोड़ रुपये पर पहुंच गई है। 2012 में उच्चतम स्तर छूने के बाद लंबे समय से निवेशकों ने गोल्ड ईटीएफ में निवेश से दूरी बनाई थी। हालांकि, सोने की कीमतें बढ़ने के साथ इस साल इसमें सुधार की प्रवृत्ति देखी जा रही है। ETF को एक्सचेंज ट्रेडेड फंड कहते हैं जो निवेश का एक सरल माध्यम है। इसकी खरीद-फरोख्त अन्य शेयरों की तरह स्टॉक एक्सचेंज में ही होती है। लेकिन इसे स्टॉक एक्सचेंज में खरीद-बिक्री की सुविधा वाला फंड भी कहा जाता है। यह किसी इंडेक्स या कई एसेट्स के समूह को ट्रैक करता है। पूरे दिन कारोबार होने से इसकी भी कीमतों में उतार-चढ़ाव देखा जाता है। बेहतर लिक्विडिटी होने की वजह से इसे कभी बेचा जा सकता है।
कैसे करता है काम?
ईटीएफ किसी इंडेक्स या एसेट को ट्रैक करता है। अगर कोई ईटीएफ बीएसई सेंसेक्स को ट्रैक करता है तो यह अपने फंड का निवेश सेंसेक्स में शामिल 30 कंपनियों के शेयरों में करेगा। यह निवेश उसी अनुपात में होगा, जितना हर कंपनी का सेंसेक्स म्यूचुअल फंड्स के साथ अपना रिटायरमेंट कैसे प्लान करें? में म्यूचुअल फंड्स के साथ अपना रिटायरमेंट कैसे प्लान करें? वेटेज होगा। आपके इस ईटीएफ में निवेश करने पर एसेट मैनेजमेंट कंपनी आपको निवेश के मूल्य के हिसाब से यूनिट्स जारी कर देगी।
आप रिटायरमेंट के बाद चाहते हैं 1 लाख रुपये की पेंशन, ऐसे करें निवेश..
डेस्क : हर इंसान चाहता है कि रिटायरमेंट के बाद उनका जीवन आरामदायक हो और पैसों की कोई चिंता न हो। साथ ही व्यक्ति के हिसाब से आरामदायक जीवन की परिभाषा और रकम में फर्क होता है। तो हम मान के चलते हैं कि रिटायरमेंट के बाद बगैर पैसों की चिंता के जीवनयापन करने के लिए 1 लाख रुपये की मासिक पेंशन की जरूरत होगी। तो जिसके बाद ये सवाल उठता है कि किन निवेश उपाय से आप अपनी रिटायरमेंट के म्यूचुअल फंड्स के साथ अपना रिटायरमेंट कैसे प्लान करें? बाद इतनी रकम पा सकते हैं।
आप रिटायरमेंट के बाद चाहते हैं 1 लाख रुपये की पेंशन, ऐसे करें निवेश.. 4
मिंट द्वारा साझा लेख में ऑप्टिमा मनी मैनेजर्स के एमडी व सीईओ पकंज मठपाल ने कहा है कि “1 लाख रुपये की पेंशन पाने के लिए शख्स को सिस्टमैटिक विड्रॉल प्लान में निवेश करना चाहिए। निवेशक कंजर्वेटिव या हाइब्रिड एसडब्ल्यूपी चुन सकता है जो हर साल 7-8 फीसदी का रिटर्न देकर महंगाई को मात दे सकते हैं। मुद्रास्फीति को ध्यान में रखते हुए एक निवेशक को 1 लाख रुपये की पेंशन के लिए एसडब्ल्यूपी में 2.76 करोड़ रुपये का फंड चाहिए होगा।”
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म्यूचुअल फंड्स : टैक्स एंड इन्वेस्टमेंट एक्सपर्ट जितेंद्र सोलंकी ने बताया कि “अगर 30 साल से आप पेंशन के लिए रकम जुटाना शुरू कर रहे हैं तो आमतौर पर इसे रिटायरमेंट से 30 साल आगे तक के लिए जुटाया जाता है। यानी आप 60-90 साल के लिए पेंशन फंड तैयार कर रहे हैं और इसके लिए आपके पास केवल 30 साल म्यूचुअल फंड्स के साथ अपना रिटायरमेंट कैसे प्लान करें? का समय है। अगर आपके पास एकमुश्त पैसा जमा करने के लिए नहीं है तो आप म्यूचुअल फंड एसआईपी का चयन करें इससे लंबी अवधि में आप मुद्रास्फीति को मात दे पाएंगे।”
कितना करें निवेश : मालूम हो जो व्यक्ति म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहा हो वो एक लंबे समय में 15 फीसदी के रिटर्न की उम्मीद रख सकता म्यूचुअल फंड्स के साथ अपना रिटायरमेंट कैसे प्लान करें? है। अगर कोई व्यक्ति 2.76 करोड़ रुपये एकत्रित करना चाह रहा है तो उसे हर साल एसआईपी में 10% तक की बढ़त कर देनी चाहिए। मान लिया जाए की म्यूचुअल फंड 15% तक का वार्षिक रिटर्न दे रही है और आप प्रति वर्ष 10% का इजाफा कर रहे हैं तो आपको 30 की उम्र में 2,200 रुपये से एसआईपी की शुरुआत करनी पड़ेगी। निवेशक 30 साल में 43,42,642 रुपये निवेश करेगा और 30 साल बाद उसका कुल निवेश बढ़कर 2,35,94,709 रुपये हो जाएगा।