लाभ और बचत

लेखना एक पुस्तक की खरीद पर 15 रुपये की बचत करती है, जब 20% की छूट दी जाती है। उसने पुस्तक के लिए कितना भुगतान किया?
The Delhi Subordinate Services Selection Board (DSSSB) has released the Tier II Exam date for the DSSSB JE Electrical (Post Code (24/21) on 28th October 2022. The exam will be conducted on 28th November 2022 (Monday) from 8:30 A.M. to 10:30 A.M. A total number of 691 candidates will be selected for the post of DSSSB JE. The candidates can check their DSSSB JE Result by following the steps mentioned here. Also, the candidates may have a look at the DSSSB JE Cut-Off from here.
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बचत खाते की तरह निकाल सकते हैं इस FD से पैसे, फिर भी नहीं टूटेगा फिक्स्ड डिपॉजिट
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की एक खास FD के बारे में जानना उन लोगों के लिए बेहद जरूरी है जो बैंक में अपना फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) करवाने जा रहे हैं या ऐसा प्लान बना रहा हैं। दरअसल, बहुत से लोग आधी-अधूरी जानकारियों के अभाव में केवल लाभ चक्कर में फंसकर किसी भी बैंक में कोई भी FD कराने को तैयार हो जाते है, लेकिन बाद में इसका हर्जाना भी उन्हें चुकाना पड़ता है। जिंदगी में मुश्किलें बता कर नहीं आती। कई बार भविष्य में आने वाली इन्हीं मुसीबतों के समय लोगों के लिए FD में जमा किए पैसे काम आते हैं। लेकिन तब क्या हो जब आपकी FD मैच्योर ही न हुई हो और आपको पैसों की जरूरत हो. ऐसे में मजबूरन आपको FD तुड़वानी पड़ती है।
इसलिए अपने आपको ऐसे किसी घाटे के सौदे में मत डालिए जहां ये रिस्क उठाना महंगा पड़ जाए। ऐसे में खाताधारकों के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की एक खास FD जिसे SBI MODS के नाम से जाना जाता है, काम आएगी। आइए विस्तार से जानते हैं इसके बारे में…
क्या है SBI MODS ?
SBI मल्टी ऑप्शन डिपॉजिट स्कीम (MODS) एक तरह का टर्म डिपॉजिट ही है। लेकिन इसकी खासियत यह है कि यह डिपॉजिटर के सेविंग्स या करंट अकाउंट से लिंक्ड होता है। FD में बाकी बचे पैसों पर आपको ब्याज हासिल होता रहेगा, यानि आपको पूरी की पूरी FD तुड़वाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
फिक्स्ड डिपॉजिट यानी FD को आज भी कई लोग निवेश/बचत का सरल और सुलभ माध्यम मानते हैं, लेकिन FD के साथ सबसे बड़ी मुश्किल यही होती है कि जरूरत पड़ने पर आपको पूरी की पूरी FD तुड़वानी पड़ती है, फिर चाहे जरूरत भर के कुछ ही पैसे क्यों न चाहिए हो। ऐसे में SBI की यही FD काम आती है।
कितना मिलेगा लाभ ?
SBI MODS पर भी उतना ही ब्याज मिलता है, जो SBI में एक रेगुलर FD पर है। विड्रॉल के बाद ब्याज, प्रारंभिक जमा के समय लागू FD रेट्स के आधार पर MOD में बचे अमाउंट पर मिलता रहता है। MODS के मामले में, आप अपनी आवश्यकतानुसार 1,000 के मल्टीप्लाइज में राशि निकाल सकते हैं। याद रहे कि लिंक्ड बचत बैंक/चालू खाते में निर्धारित एएमबी (औसत मासिक बैलेंस) बरकरार रखना होगा।
SBI MODS की क्या है विशेषता ?
इस खाते में कम से कम 1 वर्ष और अधिक से अधिक 5 वर्ष के लिए डिपॉजिट कर सकते हैं। डिपॉजिट्स पूरी तरह लिक्विड हैं और चेक/ATM/इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से 1000 रुपए के मल्टीप्लाइज में कितनी भी बार पैसा निकाला जा सकता है। MODS के तहत न्यूनतम 10 हजार रुपए में खाता खोला जा सकता है। इस खाते में जमा पर ब्याज टर्म डिपॉजिट्स की तरह ही मिलता है। वरिष्ठ नागरिकों को रेगुलर रेट+0.50 प्रतिशत अतिरिक्त दर से ब्याज मिलेगा। स्कीम में डिपॉजिट पर प्रचलित दर से TDS लागू है। नॉमिनी बनाने की सुविधा से लेकर कर्ज लेने की सुविधा मौजूद है।
उल्लेखनीय है कि SBI सेविंग्स प्लस खातों में भी ऑटो स्वीप सुविधा के माध्यम से MODS की सुविधा उपलब्ध है। इससे संबंधित अधिक जानकारी के लिए आप स्टेट बैंक की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं। बता दें, ‘ऑटो स्वीप’ की सुविधा हेतु, बचत खाते या चालू खाते में मिनिमम थ्रेसहोल्ड बैलेंस 35,000/- रुपए एवं मिनिमम रिजल्टेंट बैलेंस 25,000/- रुपए होना चाहिए। 1000/- रुपए के मल्टीप्लाइज में न्यूनतम स्वीप राशि 10,000/- रुपए है।
लाभ और बचत
आपको सिर्फ इतना करना है कि आप अपने परिवार के सभी सदस्यों के खाते खोलें और खाते मे बकाया शेष के लचीलेपन को बनाए रखने के लिए उन सभी को एक समूह के रूप मे लिंक कर दें। परिवार के सभी सदस्यों के खातों के कुल बकाए की राशि लाभ और बचत के आधार पर निःशुल्क सुविधाओ के लिए परिवार के सभी सदस्य पात्र हो जाते हैं।
- समूह मे एक परिवार के न्यूनतम 2 और अधिकतम 6 बचत बैंक लाभ और बचत खातों को जोड़ा जा सकता है। वे ग्राहक जिनके एक से अधिक बचत खाते हमारे पास खुले हों, वह अपने सभी खाते तथा परिवार के अन्य सदस्यों के खाते इस योजना के तहत एक समूह के रूप मे साथ जोड़ सकते हैं।
- परिवार के सदस्यों मे दादा-दादी, पिता-माता, पति-पत्नी,भाई-बहन, बेटा-बेटी को शामिल किया जा सकता है।
- योजना के तहत उपलब्ध निःशुल्क लाभ लेने के लिए, समूह विशेष के सभी खातों मे मिलकर बचत खातों में रू 1,00,000 अथवा मियादी जमा खातों मे रू 10,00,000 औसत तिमाही शेष रखना होगा। हालांकि, इस योजना के तहत खोले और समूहीकृत नए खातों के लिए, संयुक्त एस.बी. बैलेन्स रू 50,000 पर रखा गया है।
- निःशुल्क सुविधाएं पहले दिन से ही उपलब्ध हो जाती हैं। इस योजना के लाभ परिवार के किसी भी सदस्य (खाते) द्वारा लिए जा सकते हैं। खातों को एक साथ समूह के रूप मे जोड़ने का एकमात्र उद्देश्य समूह की लाभ और बचत पहचान तथा समूह के तिमाही औसत की संगणना करना है।
- एकल खाते खाताधारक द्वारा शाखा कार्यालय को दिये गए अधिदेश के अनुसार ही परिचालित किए जाएंगे और खातों मे गुप्तता एवं गोपनीयता का पूर्णरुपेण पालन किया जाएगा।
विशेषताएँ | सुविधाएं |
क) चेक बुक एवं धन प्रेषण | |
प्रति वर्ष मुफ्त व्यतिगत बहू शहरी चेक बुक | प्रति खाते मे 2 बुक |
प्रतिमाह इंटर सोल संव्यवहार (नकद छोड़कर) | असीमित मुफ्त |
एन. ई. एफ़. टी. / आर. टी. जी. एस. | असीमित मुफ्त |
प्रतिमाह मुफ्त प्रेषण | प्रति खाते `20,000/- तक डीडी/पीओ |
ख) इंटरनेशनल डेबिट सह एटीएम कार्ड सुविधा | |
एटीएम सह डेबिट कार्ड | हाँ |
एटीएम से आहरण | 25000/-प्रति दिन |
खरीददारी सीमा – पीओएस | 25000/-प्रति दिन |
संयुक्त सीमा (एटीएम+पीओएस) | 50000/-प्रति दिन |
डेबिट कार्ड उपयोग करने पर दुर्घटना बीमा कवर | 2 लाख |
डेबिट कार्डों के लिए कोई वार्षिक शुल्क नहीं | |
इंटरनेट बैंकिंग (निधि अंतरण+बिल भुगतान) | मुफ्त |
पास बुक/खाता विवरण | मुफ्त |
ग) एड-ऑन सुविधाएं | |
अन्य केन्द्रों मे नकद जमा प्रभारों मे छुट | प्रति दिन `50000/- तक |
सभी शाखाओं मे सेवा निवेदन प्रोसेसिंग मे प्राथमिकता | हां |
SMS अलर्ट | मुफ़्त |
समूह द्वारा औसत तिमाही शेष न रखने पर जुर्माना:
कोई जुर्माना नहीं। तथापि, जमा राशि अपेक्षित औसत तिमाही शेष से कम होने पर मुफ्त सुविधाएं नहीं मिलेंगी और सामान्य सेवा प्रभार लिए जाएंगे। अधिक जानकारी के लिए नजदीकी शाखा से संपर्क करें
Investment Tips: निवेश और बचत करते वक्त ध्यान रखें ये बातें, नहीं होगी पैसों की टेंशन!
प्लान बनाकर इन्वेस्ट करने में समझदारी
हर कोई चाहता है कि वो छोटी-बड़ी बचत के जरिए भविष्य के लिए फंड जमा करे, ताकि आगे चलकर वित्तीय परेशानियों का सामना ना करना पड़े. लोग इसके लिए खर्चों में कटौती करते हैं, लेकिन कभी-कभार अचानक आए भारी भरकम खर्च से आर्थिक स्थिति पर असर पड़ता है. कोरोना काल में इस बात को शायद हर इंसान समझ चुका है. हम आपको कुछ खास टिप्स बता रहे हैं, जिन्हें अगर आप निवेश या बचत करते समय अपनाएंगे, तो आपको किसी भी फाइनेंशियल परेशानी से निजात मिल सकती है और आप भविष्य के लिए पैसे जमा कर सकते हैं.
ज्यादा रिटर्न देने वाले विकल्पों में लगाए पैसा
सबसे पहले बात कर लेते हैं निवेश के बारे में. तो अगर आप सिर्फ एफडी या पीपीएफ जैसे पारंपरिक निवेश विकल्पों में निवेश करते हैं, तो ध्यान रखें इन योजनाओं पर आमतौर पर आपको एक ही तरह का रिटर्न मिलता रहता है. ऐसे में आपको निवेश के ऐसे विकल्पों पर ध्यान देना जहां ज्यादा रिटर्न मिले. जैसे म्यूचुअल फंड में एसआईपी के जरिए निवेश से फायदा हो सकता है.
निवेश से पहले पूरी जांच-पड़ताल
आपको अपने लिए फंड इकठ्ठा करने के लिए ज्यादातर उन्हीं स्कीम पर अपनी सेविंग्स को खर्च करना होगा, जहां गारंटेड और अच्छे रिटर्न की उम्मीद हो. ऐसे में अगर आप शेयर बाजार में निवेश करने का मन बना रहे हैं, तो किसी भी कंपनी या ब्रांड के शेयरों में निवेश से पहले उस कंपनी के कारोबार के बारे में जांच-पड़ताल कर लें. उसके रिटर्न के डाटा पर एक नजर जरूर डालें.
समय पर और नियमित निवेश करें
अगर आपको आर्थिक रूप से समृद्ध होना है, तो इसके लिए महंगाई को ध्यान में रखते हुए फंड जुटाने के बारे में सोचना होगा. इस बात का ध्यान रखें कि जिस तेजी से महंगाई बढ़ रही है, आपके निवेश का जरिया उसी हिसाब से या फिर उससे अधिक का रिटर्न देने में सक्षम हो. यहां एक बात और गांठ बांध लें कि निवेश के बारे में सिर्फ सोच-विचार ना करते रहें. जितनी जल्दी निवेश शुरू करेंगे, उतना अधिक रिटर्न पाएंगे. इस तरह, आप फंड जुटाने और फाइनेंशियली फिट रहने में सक्षम होंगे.
लक्ष्य बनाकर करें पैसों का इन्वेस्ट
वेल्थ क्रिएट करने का सबसे अच्छा फंडा ये है कि आप एक लक्ष्य निर्धारित करके निवेश और बचत के बारे में कदम आगे बढ़ाएं. कोशिश करें कि किसी भी परिस्थिति में आप इस लक्ष्य से डगमगाएं नहीं. इसके अलावा अपने किए गए सभी तरह के निवेशों की समय-समय पर जांच करते रहना भी जरूरी है कि उनसे आपके लक्ष्य के मुताबिक रिटर्न मिल पा रहा है या नहीं. ऐसा ना होने पर विकल्प बदलने पर भी ध्यान देना चाहिए.
खर्च की लिमिट तय करें
विशेषज्ञों की मानें तो खर्च की लिमिट तय करना भी बेहद जरूरी है. कभी-कभी देखने को मिलता है कि अचानक आए किसी खर्च या फिर त्योहार पर ज्यादा खर्च होने से बजट गड़बड़ा जाता है. ऐसे में जरूरी है कि अपनी सैलरी का एक हिस्सा बचत करके रखना जरूरी है. विशेषज्ञ इस बात की सलाह देते हैं कि अगर आप पेशेवर हैं तो सैलरी का 60 से 70 फीसदी हिस्सा ही विभिन्न खर्चों में लगाएं. बाकी के पैसे निवेश करें, ताकि जरूरत के समय ये बचत आपके काम आ सके.
कर्ज के जाल में फंसने से बचें
आज तकनीकी युग में जैसे-जैसे आमदनी में इजाफा हुआ है, खर्चे भी बढ़ते जा रहे हैं. लोग अपने कई कामों के लिए बैंक या क्रेडिट कार्ड के जरिए कर्ज या लोन लेकर जरूरतें पूरा करते हैं. आपका वित्तीय लक्ष्य प्रभावित ना हो इसके लिए उतना ही कर्ज लें, जिसे आप तय समय में आसानी से चुका सकें. यह आपकी वित्तीय सेहत के लिए बेहद जरूरी है. इसके अलावा निवेश के साथ अपने पास कुछ इमरजेंसी फंड जरूर रखें.
पानी की बचत और संरक्षण की दिशा में चार अहम कदम
इस साल 22 मार्च को विश्व जल दिवस पर भारत के प्रधानमंत्री ने एक अभियान शुरू किया- 'कैच द रेन: वेयर इट इज़, व्हेन इट इज़, लाभ और बचत फॉर सेविंग वॉटर। अभियान के तहत मानसून की शुरुआत से पहले और मानसून के दौरान मार्च से नवंबर के बीच जल संरक्षण पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इस तरह का कदम उच्चतम राजनीतिक प्रतिबद्धता को दिखाता है और संभावना है कि इस तरह के प्रयास देश भर में राज्य और स्थानीय स्तर पर भी किए जाएं ।
पानी पर हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी और आर्थिक विकास निर्भर है। इस समय देश में कुल 1123 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) जल उपलब्ध है जिसमें 690 बीसीएम सतही जल और शेष भू-जल है। जलाशयों की भंडारण क्षमता सीमित है। इसके साथ-साथ हमारे देश में पानी की एक स्थानिक भिन्नता है यानी अर्ध-शुष्क क्षेत्र को मानसून में कम पानी मिलता है तो पूर्वी और उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों को अधिक। साल के लगभग 4 महीनों में मानसून का पानी मिल पाता है।
आने वाली पीढ़ी के लिए करनी होगी आज बचत
एक अनुमान से पता चलता है कि 2050 तक पानी की मांग इसकी आपूर्ति लाभ और बचत से अधिक हो जाएगी। इस अतिरिक्त आपूर्ति के लिए पानी का कहां से आएगा? पानी का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों जैसे कृषि, उद्योग और घरेलू क्षेत्रों में किया जाता है। विभिन्न क्षेत्रों द्वारा इसके उपयोग के दौरान पानी को बचाने की आवश्यकता है। पानी का संरक्षण न केवल वर्तमान पीढ़ी के लिए बल्कि भविष्य की पीढ़ी के लिए भी आवश्यक है। अगस्त 2019 में, लगभग 14 करोड़ ग्रामीण परिवारों को नल का कनेक्शन (55 लीटर पानी प्रति घर प्रति दिन) लाभ और बचत देने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा हर घर जल कार्यक्रम शुरू किया गया था। केंद्र सरकार के 2021-22 के वित्तीय बजट में, शहरी क्षेत्र में भी पानी की पहुंच की परिकल्पना की गई थी। कुछ साल पहले, सरकार ने औद्योगिक क्षेत्रों में "मेक इन इंडिया" की शुरुआत की थी। इन दोनों पहलों को स्रोत पर पानी की उपलब्धता की आवश्यकता होगी। यह पानी कहां से आएगा? हमें पानी को बचाने और बढ़ी हुई पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए संरक्षण की आवश्यकता है।
जल संरक्षण के लिए अहम कोशिशें
- स्थानीय स्तर पर प्रयास
पानी के संरक्षण के लिए विभिन्न स्तरों पर पहल ज़रूरी है। पहला, भारतीय संविधान के अनुसार पानी एक राज्य का विषय है। अंतर-राज्यीय नदी जल विनियमन के अंतर्गत केंद्र सरकार की सीमित भूमिका है। संविधान में अनुच्छेद 243 के तहत यह भी कहा गया है कि जल प्रबंधन स्थानीय निकायों और पंचायतों को सौंपा जाना चाहिए। कई राज्यों में यह प्रतिनिधिमंडल पूरा नहीं हुआ है। इसके परिणामस्वरूप जल प्रशासन के स्थानीय स्तर पर संस्थाओं की जवाबदेही और जिम्मेदारी कम हो गई है। उदाहरण के लिए, जल संरक्षण के प्रयास या वर्षा जल संचयन के प्रयास स्थानीय स्तर पर होने चाहिए और स्थानीय प्रयासों के बिना जल संरक्षण के प्रयास व्यापक अभियान का रूप नहीं ले सकेंगें। - पानी के पुनर्चक्रण और पुन: उपयोग पर हो ज़ोर
दूसरा, पानी की बचत और संरक्षण के लिए, पानी के पुनर्चक्रण और पुन: उपयोग को अपनाया जाना चाहिए। वर्तमान में ऐसे प्रयास भारत में कम ही हैं। दिल्ली जल बोर्ड का मामला लें। दिल्ली में, प्रति दिन 3420 मिलियन लीटर पानी (MLD) की खपत होती है और 2600MLD से अधिक का सीवेज पानी उत्पन्न होता है। इसमें से केवल 1600 एमएलडी का ट्रीटमेंट किया जाता है और 338 एमएलडी का फिर से उपयोग किया जाता है। कुल मिलाकर, शहरी क्षेत्रों में, लगभग 37 प्रतिशत घरेलू सीवेज जल का ट्रीटमेंट किया जाता है। और ट्रीटमेंट के तरीकों में प्राकृतिक उपचार प्रणाली (उदाहरण के लिए, वेटलैंड्स), एरोबिक सिस्टम, एनारोबिक सिस्टम आदि शामिल हैं। इजरायल में, लगभग 80 प्रतिशत घरेलू सीवेज जल का ट्रीटमेंट किया जाता है और उसे पुन: कृषि और औद्योगिक उपयोग के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इस तरह के पुन: उपयोग से कुछ उद्योगों में भारतीय पर्यावरण नियामक द्वारा अनिवार्य किए गए ज़ीरो लिक्विड डिस्चार्ज (ZLD) प्राप्त करने में मदद मिलती है। - विभिन्न हितधारकों का एक साथ आना है ज़रूरी
तीसरा, जल संरक्षण को एक बड़ा अभियान बनाने के लिए विभिन्न हितधारकों की भागीदारी की आवश्यकता होगी। केंद्रीय अभियान पर्याप्त नहीं है। गैर सरकारी संगठनों, स्थानीय निकायों और व्यक्तियों को स्थानीय पंचायतों के साथ गहनता से शामिल किया जाना चाहिए। जल संरक्षण के लाभ को समझने के लिए विभिन्न हितधारकों की जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है। - जल संसाधनों के प्रबंधन पर दिया जाए ध्यान
चौथा, जल प्रशिक्षण कार्यक्रमों के ज़रिए विभिन्न जल प्रबंधकों और हितधारकों की क्षमता बढ़ाने की आवश्यकता है। जल प्रबंधन अवधारणा एक अपेक्षाकृत हालिया अवधारणा है, जिसका मतलब विभिन्न हितधारकों के साथ मिलकर जल संसाधनों के प्रबंधन से है। और जल प्रबंधकों और नीति निर्माताओं की जल प्रबंधन प्रशिक्षण के लिए कहती है।
पानी एक बुनियादी मानव अधिकार है। मानव की जल आवश्यकता को पूरा करने के लिए पानी की बचत और संरक्षण की ज़रूरत है।