मूल्य सीमाएं

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मूल्य सीमाएं
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काबुल नगर पालिका ने आवश्यक वस्तुओं पर दिया मूल्य सीमा लगाने का आदेश
काबुल, 6 मार्च (आईएएनएस)। खाना पकाने की आपूर्ति और ईधन जैसे आवश्यक सामानों की बढ़ती कीमतों के खिलाफ कई शिकायतों मिलने के बाद काबुल नगरपालिका ने ऐसी वस्तुओं पर मूल्य सीमा मूल्य सीमाएं का आदेश दिया है।
टोलो न्यूज ने काबुल नगरपालिका के प्रवक्ता नियामतुल्ला बराकजई के हवाले से कहा, बढ़ी कीमतों को नियंत्रित करने के लिए नगरपालिका ने मूल्य सीमा जारी की है। हम निवासियों से मूल्य सीमा लागू करने में मदद करने का आह्वान करते हैं।
इस कदम का अफगानिस्तान की राजधानी के निवासियों ने स्वागत किया है, जिन्होंने कहा कि इस तरह के फैसलों से खाद्य सामग्री की कीमतों को उचित रखने में मदद मिलेगी।
धान के अवैध परिवहन को लेकर प्रशासन सख्त, छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्यों से लगी सीमाएं होंगी सील… 1 दिसम्बर से शुरू होगी समर्थन मूल्य पर खरीदी
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के सीमावर्ती राज्यों से मूल्य सीमाएं छत्तीसगढ़ में धान के अवैध परिवहन की शिकायतों को गंभीरता से लिया है। उन्होंने सभी जिला कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को पड़ोसी राज्यों से धान के अवैध परिवहन पर कड़ाई से अंकुश लगाने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा है कि पड़ोसी राज्यों से लगने वाली राज्य की सीमाओं को सील किया जाए और सीमावर्ती इलाकों में धान का अवैध परिवहन रोकने के लिए लगातार कड़ी निगरानी सुनिश्चित की जाए और धान का अवैध परिवहन करने वालों पर कठोरता से कार्रवाई की जाए।
आम जनता के लिए खुशखबरी, इतने रुपये सस्ती हो जाएगी गैस, सरकार ने बनाया खास प्लान
नई दिल्ली : आम जनता को जल्द ही महंगी गैस से राहत मिल सकती है. केंद्र सरकार (Central Government) जल्द ही गैस सस्ती करने के लिए खास प्लान बना रही है. इससे खाना बनाने वाली गैस समेत सीएनजी की कीमतों में गिरावट आएगी. इस समय एलपीजी की कीमतों (LPG Price) में तेजी देखने को मिल रही है. पिछले महीने भी कॉमर्शियल गैस की कीमतों में तेजी देखने को मिली थी. आइए आपको बताते हैं कि सरकार का क्या प्लान है.
गैस की तय हो सकती है मूल्य सीमा
गैस की कीमतों की समीक्षा करने वाली कमेटी की तरफ से एक प्लानिंग की जा रही है, जिसके तहत सार्वजनिक मूल्य सीमाएं क्षेत्र की कंपनियों के ओल्ड फील्ड से निकलने वाली प्राकृतिक गैस की मूल्य सीमा तय करने करने का फैसला लिया जा सकता है. इसको लेकर सिफारिश की जा सकती है. सरकार के इस फैसले से सीएनजी और पीएनजी दोनों की ही कीमतों में गिरावट आएगी.
गैस मूल्य समीक्षा पैनल चर्चा में क्यों है?
गैस मूल्य समीक्षा पैनल/किरीट पारिख पैनल ने जनवरी 2026 से मूल्य निर्धारण स्वतंत्रता का सुझाव देते हुए एक गैस रिपोर्ट प्रस्तुत की।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2030तक भारत के ऊर्जा संमिश्रण में गैस की हिस्सेदारी6.2%से बढ़ाकर15%करना चाहते हैं,जिससे इसे2070के निवल शून्य कार्बन-उत्सर्जन लक्ष्य को पूरा करने में सहायता प्राप्त होगी।
- साथ ही, राज्य द्वारा निर्धारित गैस की स्थानीय कीमतें एवं उच्चतम दरें रिकॉर्ड ऊंचाई पर हैं तथा यूक्रेन-रूस संघर्ष के कारण वैश्विक गैस की कीमतों में वृद्धि के कारण इसमें और वृद्धि होने की संभावना है। मूल्य सीमाएं
- अतः, सितंबर में भारत ने ऊर्जा विशेषज्ञ किरीट पारिख की अध्यक्षता में एक पैनल का गठन किया, जो भारत के गैस मूल्य निर्धारण फॉर्मूले की समीक्षा करेगा ताकि पुराने क्षेत्रों से गैस की मूल्य सीमाएं राज्य-निर्धारित कीमतों के बाद उपभोक्ताओं को उचित मूल्य सुनिश्चित किया जा मूल्य सीमाएं सके एवं कठिन ब्लॉकों से उत्पादन के लिए अधिकतम मूल्य एक रिकॉर्ड उच्च तक बढ़ गया।
गैस की कीमत निर्धारित करने का वर्तमान फॉर्मूला क्या है?
- गैस उत्पादकों को प्रोत्साहित करने एवं स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए, 2014से भारत ने स्थानीय गैस की कीमतों को हेनरी हब,अल्बर्टा गैस,एनबीपी एवं रूसी गैस सहित वैश्विक बेंचमार्क से जुड़े एक सूत्र से जोड़ा है।
- 2016 में, देश ने अत्यधिक गहरे समुद्र एवं चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों मूल्य सीमाएं से उत्पादित गैस की अधिकतम कीमतों को निर्धारित करना प्रारंभ किया एवं इन क्षेत्रों के संचालकों को विपणन स्वतंत्रता की अनुमति प्रदान की।
- समिति को “गैस आधारित अर्थव्यवस्था सुनिश्चित करने के मूल्य सीमाएं लिए भारत की दीर्घकालिक दृष्टिकोण हेतु बाजार उन्मुख,पारदर्शी एवं विश्वसनीय मूल्य सीमाएं मूल्य सीमाएं मूल्य निर्धारण व्यवस्था सुनिश्चित करते हुए”अंतिम उपभोक्ता को उचित मूल्य” का सुझाव देने का कार्य सौंपा गया था।”
- इसका अधिदेश एक ऐसी व्यवस्था के लिए सुझाव देना था जो 2030तक गैस से आने वाली15%ऊर्जा के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायता प्रदान करने हेतु घरेलू उत्पादन बढ़ाने में मदद करेगा एवं साथ ही उपभोक्ताओं को उचित मूल्य प्रदान करेगा।
गैस मूल्य समीक्षा पैनल की प्रमुख सिफारिशें
- गैस मूल्य समीक्षा पैनल ने1जनवरी, 2026 से मूल्य सीमाएं परंपरागत क्षेत्रों के लिए एक न्यूनतम एवं अधिकतम मूल्य तथा पूर्ण मूल्य निर्धारण स्वतंत्रता की सिफारिश की।
- गैस मूल्य समीक्षा पैनल ने परंपरागत क्षेत्रों से गैस के मूल्य निर्धारण के एक निश्चित सीमा की सिफारिश की, जो देश में उत्पादित सभी प्राकृतिक गैस का दो-तिहाई हिस्सा बनाता है, उत्पादकों के लिए एक अनुमानित मूल्य निर्धारण व्यवस्था सुनिश्चित करेगा एवं साथ ही सीएनजी एवं पाइप्ड कुकिंग गैस, जो विगत वर्ष से 70% तक बढ़ी है, इनपुट लागत मूल्य सीमाएं में वृद्धि के कारण सीएनजी की औसत कीमतों को सुनिश्चित करेगा।
- पैनल ने राज्य के स्वामित्व वाली कंपनियों द्वारा उत्पादित गैस की कीमत को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में गैस दरों के लिए बेंचमार्किंग के स्थान पर आयातित कच्चे तेल की कीमतों के लिए नामांकन के आधार पर दिए गए क्षेत्रों से जोड़ने का सुझाव दिया था, इस प्रकार आने वाली दरों को जोड़ना निम्नतम सीमा एवं उच्चतम सीमा के अधीन होगा।
- किरीट पारिख पैनल ने ओएनजीसी एवं ओआईएल द्वारा संचालित किए जा रहे परंपरागत एवं पुराने क्षेत्रों के लिए 4डॉलर प्रति मीट्रिक मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट (mmBtu) एवं 6.5 डॉलर प्रति मीट्रिक मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट की सीमा की सिफारिश की है।
- इसने सुझाव दिया कि एपीएम गैस कहे जाने वाले परंपरागत अथवा पुराने क्षेत्रों से इस गैस के लिए सीलिंग दर प्रतिवर्ष 0.5डॉलर प्रति मीट्रिक मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमएमबीटीयू) बढ़ाई जाएगी।
प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न
प्र. गैस मूल्य समीक्षा पैनल का नेतृत्व किसने किया?
उत्तर. भारत के गैस मूल्य निर्धारण फार्मूले की समीक्षा करने के लिए ऊर्जा विशेषज्ञ किरीट पारिख की अध्यक्षता में गैस मूल्य समीक्षा पैनल का गठन किया गया।
प्र. भारत ने कब स्थानीय गैस की कीमतों को वैश्विक बेंचमार्क से जुड़े एक फॉर्मूले से जोड़ा?
उत्तर. गैस उत्पादकों को प्रोत्साहित करने एवं स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए, 2014 से भारत ने स्थानीय गैस की कीमतों को हेनरी हब, अल्बर्टा गैस, एनबीपी एवं इसको उल्टा और मुलायम लगेगी सबसे ज्यादारूसी गैस सहित वैश्विक बेंचमार्क से जुड़े एक सूत्र से जोड़ा है।