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Share Market ने पूरे किए सपने, नौकरी छोड़ आधी दुनिया की सैर कर चुकी है ये लड़की

शेयर मार्केट में ट्रेड कर दुनिया की सैर

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 06 जून 2022,
  • (अपडेटेड 06 जून 2022, 12:58 PM IST)
  • दुनिया घूमने के लिए छोड़ी बैंकर की नौकरी
  • शेयर मार्केट में ट्रेड कर कमाती हैं पैसे

अच्छी-खासी सैलरी वाली बैंकर (Banker) की नौकरी को भला कौन छोड़ना चाहता है. हालांकि दुनिया में ऐसे भी लोग होते हैं, जिनका सपना अलग होता है. कोलकाता (Kolkata) की रहने वाली राजर्षिता सुर (Rajarshita Sur) की कहानी भी ऐसी ही है. राजर्षिता का सपना दुनिया घूमने का था और इस कारण उन्होंने बैंकर की नौकरी की परवाह नहीं की. सुर के सपने को पूरा करने में मददगार बना शेयर मार्केट (Share Market).

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ऐसे की शेयर मार्केट में शुरुआत

राजर्षिता सुर ने बैंक की नौकरी छोड़ने के बाद इंडीपेंडेंट तरीके से स्टॉक मार्केट में ट्रेड (Stock Market Trading) करने लगीं. शुरुआत में उन्होंने एक कॉरपोरेट फर्म के साथ तीन साल तक प्रॉपरायटरी इक्विटी ट्रेडर के रूप में काम किया. इस नौकरी के साथ-साथ वह अपना ट्रेड भी करती रहीं. धीरे-धीरे राजर्षिता को शेयर मार्केट की चाल समझ आने लगी और उन्होंने ठीक-ठाक फंड भी बना लिया. बस फिर क्या था, उन्होंने ये नौकरी भी छोड़ दी और दुनिया घूमने निकल पड़ीं.

कर चुकीं दुनिया के इन हिस्सों की सैर

आज राजर्षिता सुर फॉरेक्स ट्रेडिंग मार्केट कैसे काम करती है की पहचान एक इन्वेस्टमेंट गुरू (Investment Guru) के रूप में बन चुकी है. उन्हें शेयर मार्केट में ट्रेड करते हुए आठ साल हो चुके हैं. राजर्षिता सुर अभी तक ब्रिटेन (Britain), तुर्की (Turkey), दक्षिण पूर्वी एशिया (South East Asia) और लगभग 70 फॉरेक्स ट्रेडिंग मार्केट कैसे काम करती है फीसदी यूरोप (Europe) की सैर कर चुकी हैं. अभी-अभी उन्होंने नेपाल (Nepal) का ट्रिप पूरा किया है और अब केन्या (Kenya) व आइसलैंड (Iceland) जाने की तैयारी में हैं. राजर्षिता हर साल विदेश की सैर करने के लिए कम-से-कम 10 लाख रुपये अलग रख दिया करती हैं. उनका कहना है कि वह हर महीने 3-4 फीसदी फायदा कमाने का टारगेट रखती हैं. जैसे ही ये टारगेट अचीव होता है, वह ट्रेडिंग बंद कर सैर करने निकल पड़ती हैं.

जिस ट्रेडिंग कंपनी के जरिए शेयर बाजार में पैसा लगा रहे, वही बंद हो गई तो क्‍या होगा? जानिए आपका पैसा डूबेगा या बचा रहेगा

जिस ट्रेडिंग कंपनी के जरिए शेयर बाजार में पैसा लगा रहे, वही बंद हो गई तो क्‍या होगा? जानिए आपका पैसा डूबेगा या बचा रहेगा

अब आम आदमी भी शेयर बाजार में निवेश कर ज्‍यादा रिटर्न पाने में रुचि दिखा रहा है. यही कारण है कि बीते एक साल में रिकॉर्ड संख्‍या में डीमैट अकाउंट खोले गए हैं. पिछले महीने तक के आंकड़ों के अनुसार देशभर में करीब 6.9 करोड़ डीमैट अकांउट्स हैं. हालांकि, दूसरे देशों के मुकाबले आबादी के लिहाज से यह अनुपात अभी भी बहुत कम है. भारतीय शेयर बाजार में सबसे ज्‍यादा पैसा महाराष्‍ट्र, गुजरात और उत्‍तर प्रदेश के लोग लगाते हैं. लक्षद्वीप, अंडमान एवं निकोबार से लेकर मिज़ोरम तक के लोग शेयर बाजार से अच्‍छी कमाई कर रहे हैं.

ब्रोकरेज कंपनी बंद होने पर आपके निवेश का क्‍या होगा?

आप यह जानकार राहत की सांस ले सकते हैं कि स्‍टॉक ब्रोकिंग कंपनी के डिफॉल्‍ट करने या बंद होने के बाद भी आपकी पूंजी या फंड पूरी तरह से सुरक्षित रहेगा. ऐसा नहीं होगा कि स्‍टॉक ब्रोकर आपकी पूंजी लेकर भाग जाए. उदाहरण के तौर पर देखें तो जब हर्षद मेहता स्‍कैम सामने आया था, तब उनकी ब्रोकिंग कंपनी ग्रो मोर रिसर्च एंड एसेट मैनेजमेंट को सेबी ने बैन कर दिया था. लेकिन इस कंपनी के जरिए शेयर बाजार में पैसा लगाने वाले लोगों को कोई नुकसान नहीं हुआ.

आपको सबसे पहले यह समझने की जरूरत कि ये स्‍टॉक ब्रोकिंग कंपनियां महज एक बिचौलिए के तौर पर काम करती हैं. आपके फंड पर इनकी पहुंच सीधे तौर पर नहीं होती है ताकि वे आपकी पूंजी पर अपना हम जमा सकें. लेकिन इनके पास पड़ी अपनी फंड या पूंजी को इस्‍तेमाल करने के लिए आप इन्‍हें निर्देश दे सकते हैं.

स्‍टॉक्‍स और शेयरों का क्‍या होगा?

आपका फंड डीमैट अकाउंट में जमा होता है. ये डीमैट अकाउंट डिपॉजिटरीज के पास खुलात है. सेबी ने दो डिपॉजिटरीज – नेशनल सिक्‍योरिटीज डिपॉजिटरीज लिमिटेड (NSDL) और सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (इंडिया) लिमिटेड (CDSL) को मंजूरी दी है. भारत सरकार के वित्‍त मंत्रालय के प्रति सेबी की जवाबदेही होती है.फॉरेक्स ट्रेडिंग मार्केट कैसे काम करती है

किसी भी समय पर एक निवेशक का स्‍टॉक या शेयर ब्रोकरेज फर्म्‍स के पास नहीं होता है. वे बस एक प्‍लेटफॉर्म के तौर पर काम करते हैं. इनका काम बस आपके निर्देश के हिसाब से आपकी जगह ट्रेड करना है. बदले में ये आपसे फीस वसूलते हैं.

इसी प्रकार आपका म्‍यूचुअल फंड इन्‍वेस्‍टमेंट एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) के पास होता है. ऐसे में अगर ब्रोकरेज फर्म बंद भी हो जाता है तो आपका म्‍यूचुअल फंड सुरक्षित रहेगा.

Crypto Trading : कैसे करते हैं क्रिप्टोकरेंसी फॉरेक्स ट्रेडिंग मार्केट कैसे काम करती है में निवेश और कैसे होती है इसकी ट्रेडिंग, समझिए

Crypto Trading : कैसे करते हैं क्रिप्टोकरेंसी में निवेश और कैसे होती है इसकी ट्रेडिंग, समझिए

Cryptocurrency Trading : क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को लेकर है बहुत से भ्रम. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एन्क्रिप्शन के जरिए सुरक्षित रहने वाली एक डिजिटल करेंसी है. माइनिंग के जरिए नई करेंसी या टोकन जेनरेट किए जाते हैं. माइनिंग का मतलब उत्कृष्ट कंप्यूटरों पर जटिल गणितीय समीकरणों को हल करने से है. इस प्रक्रिया को माइनिंग कहते हैं और इसी तरह नए क्रिप्टो कॉइन जेनरेट होते हैं. लेकिन जो निवेशक होते हैं, वो पहले से मौजूद कॉइन्स में ही ट्रेडिंग कर सकते हैं. क्रिप्टो मार्केट में उतार-चढ़ाव का कोई हिसाब नहीं रहता है. मार्केट अचानक उठता है, अचानक गिरता है, इससे बहुत से लोग लखपति बन चुके हैं, लेकिन बहुतों ने अपना पैसा भी उतनी ही तेजी से डुबोया है.

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अगर आपको क्रिप्टो ट्रेडिंग को लेकर कुछ कंफ्यूजन है कि आखिर यह कैसे काम करता है, तो आप अकेले नहीं हैं. बहुत से लोग यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि वर्चुअल करेंसी में कैसे निवेश करें. हम इस एक्सप्लेनर में यही एक्सप्लेन करने की कोशिश कर रहे हैं कि आप क्रिप्टोकरेंसी में कैसे निवेश कर सकते हैं, और क्या आपको निवेश करना चाहिए.

क्रिप्टोकरेंसी क्या है, ये समझने के लिए समझिए कि यह क्या नहीं है. यह हमारा ट्रेडिशनल, सरकारी करेंसी नहीं है, लेकिन इसे लेकर स्वीकार्यता बढ़ रही है. ट्रेडिशनल करेंसी एक सेंट्रलाइज्ड डिस्टिब्यूशन यानी एक बिंदु से वितरित होने वाले सिस्टम पर काम करती है, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी को डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नॉलजी, ब्लॉकचेन, के जरिए मेंटेन किया जाता है. इससे इस सिस्टम में काफी पारदर्शिता रहती है, लेकिन एन्क्रिप्शन के चलते एनॉनिमिटी रहती है यानी कि कुछ चीजें गुप्त रहती हैं. क्रिप्टो के समर्थकों का कहना है कि यह वर्चुअल करेंसी निवेशकों को यह ताकत देती है कि आपस में डील करें, न कि ट्रेडिशनल करेंसी की तरह नियमन संस्थाओं के तहत.

क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग कैसे होती है?

इसके लिए आपको पहले ये जानना होगा कि यह बनता कैसे है. क्रिप्टो जेनरेट करने की प्रक्रिया को माइनिंग कहते हैं. और ये काम बहुत ही उत्कृष्ट कंप्यूटर्स में जटिल क्रिप्टोग्राफिक इक्वेशन्स यानी समीकरणों को हल करके किया जाता है. इसके बदले में यूजर को रिवॉर्ड के रूप में कॉइन मिलती है. इसके बाद इसे उस कॉइन के एक्सचेंज पर बेचा जाता है.

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कौन कर सकता है ट्रेडिंग?

ऐसे लोग जो कंप्यूटर या टेक सैवी नहीं हैं, वो कैसे क्रिप्टो निवेश की दुनिया में प्रवेश कर सकते हैं? ऐसा जरूरी नहीं है कि हर निवेशक क्रिप्टो माइनिंग करता है. अधिकतर निवेशक बाजार में पहले से मौजूद कॉइन्स या टोकन्स में ट्रेडिंग करते हैं. क्रिप्टो इन्वेस्टर बनने के लिए माइनर बनना जरूरी नहीं है. आप असली पैसों से एक्सचेंज पर मौजूद हजारों कॉइन्स और टोकन्स में से कोई भी खरीद सकते हैं. भारत में ऐसे बहुत सारे एक्सचेंज हैं तो कम फीस या कमीशन में ये सुविधा देते हैं. लेकिन यह जानना जरूरी है कि क्रिप्टो में निवेश जोखिम भरा है और मार्केट कभी-कभी जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखता है. इसलिए फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स निवेशकों से एक ही बार में बाजार में पूरी तरह घुसने की बजाय रिस्क को झेलने की क्षमता रखने की सलाह देते हैं.

यह समझना भी जरूरी है कि सिक्योर इन्वेस्टमेंट, सेफ इन्वेस्टमेंट नहीं होता है. यानी कि आपका निवेश ब्लॉकचेन में तो सुरक्षित रहेगा लेकिन बाजार में उतार-चढ़ाव का असर इसपर होगा ही होगा, इसलिए निवेशकों को पैसा लगाने से पहले जरूरी रिसर्च करना चाहिए.

विदेशी मुद्रा व्यापार: कैसे आरंभ करें

यदि आप इंटरनेट पर पैसा बनाने के तरीकों की तलाश कर रहे हैं, तो आपको विदेशी मुद्रा बाजार में एक से अधिक बार व्यापार करने के प्रस्ताव मिले होंगे। यह सरल लगता है, लेकिन जैसे ही आप ट्रेडिंग शुरू करते हैं, यह तुरंत स्पष्ट हो जाता है कि यह उतना आसान नहीं है जितना लगता है। आपको सही ट्रेडिंग ब्रोकर चुनना चाहिए और समझना चाहिए कि डील कैसे करें। इसके बिना विदेशी मुद्रा बाजार में कमाई असंभव है।

कैसे आरंभ करें और यदि आप व्यापार में रुचि रखते हैं तो आपको क्या जानने की आवश्यकता है?

ब्रोकर कैसे चुनें

सफल विदेशी मुद्रा व्यापार ब्रोकर चुनने के साथ शुरू होता है। इसे कुछ मानदंडों को पूरा करना चाहिए - यहाँ वे हैं:

  • उपयोगकर्ताओं के बीच अच्छी प्रतिष्ठा;
  • आरामदायक काम करने की स्थिति;
  • व्यापार के लिए वित्तीय संपत्तियों का एक बड़ा चयन;
  • उपयोगकर्ता के अनुकूल टर्मिनल।

आपको यह सुनिश्चित करने के बाद ही कंपनी के साथ काम करना चाहिए कि यह धोखाधड़ी नहीं है। इसे समझना काफी सरल है - इसे व्यापारियों के बीच पर्याप्त रूप से जाना जाना चाहिए, काम के लिए विश्वसनीय उद्धरण प्रदान करें (यदि संदेह हो, तो इंटरनेट पर चार्ट को दोबारा जांचना आसान है) और अर्जित धन को वापस ले लें। यदि निकासी नहीं की जाती है, तो शेड्यूल सार्वजनिक साइटों पर स्थित शेड्यूल से भिन्न होता है, और पंजीकरण के बाद, ब्रोकर के कर्मचारी आपको कॉल करना शुरू करते हैं और ट्रेडिंग में सहायता की पेशकश करते हैं - ऐसी कंपनी पर अपने फंड पर भरोसा न करना बेहतर है।

ट्रेडिंग सिस्टम चयन

यह तय करने के बाद कि कौन सा ब्रोकर काम के लिए उपयुक्त है, यह उस प्रणाली को चुनने के लायक है जिसके द्वारा आप व्यापार करेंगे। इसे दिन के कारोबार, स्केलिंग, या, इसके विपरीत, लंबी अवधि के लेन-देन के लिए डिज़ाइन किया जा सकता है।

जब आप अभी शुरुआत कर रहे हैं, तो आप अपना खुद का सिस्टम विकसित नहीं कर सकते हैं: इसके लिए बहुत सारे व्यापारिक अनुभव और विभिन्न बाजारों की समझ की आवश्यकता होती है। हालाँकि, आप अन्य लोगों के विकास पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं - इंटरनेट पर उनका वर्णन करने वाले पर्याप्त लेख हैं। शुरुआती के लिए, मुख्य बात यह है कि सिस्टम जटिल नहीं होना चाहिए और संकेतकों के साथ अतिभारित होना चाहिए। यह सरल और समझने योग्य होना चाहिए: यदि चार्ट पर एक प्रवेश बिंदु दिखाई दे रहा है, तो यह केवल यही हो सकता है - और लेन-देन के लिए अनुपयुक्त स्थिति के साथ व्यापार की स्थिति को भ्रमित करना असंभव होना चाहिए।

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