डेब्ट फंड्स के बारे में अधिक जाने

इंश्योरेंस क्या है ?
Zerodha Paathshala (Hindi)
पिछले ३ सालों से डेब्ट फंड्स में कुछ निवेशकों को बहुत तकलीफ सहनी पड़ी है। इससे एक बात साफ़ है, डेब्ट एलोकेशन पर ध्यान देना बहुत ज़रूरी है। इस एपिसोड में हम IDFC म्यूच्यूअल फण्ड के सिबेष कुमार जी से जानेगें की अपना डेब्ट पोस्टफोलिओ हम कैसे बना सकते हैं।
इस चर्चा में सिबेष जी हमें बताते हैं की -
शेयर बाजार में उनका करियर कैसे चालू हुआ
अपने करियर की शुरुवात से आज तक उन्होंने फाइनेंसियल मार्केट्स में क्या बदलाव देखे हैं
अपने पोर्टफोलियो में डेब्ट क्यों रखना चाहिए
डेब्ट में निवेश करने का कोर और सैटेलाइट एप्रोच
निवेश करने के थंब रूल्स कितने सही होते हैं
आज कल के लो इंटरेस्ट दुनिया में रेटियरी और इंटरेस्ट पे निर्भर निवेशक क्या करें?
निझी इन्वेस्मेंट फिलोसोफी और कुछ अपने जीवन में मिली सीख
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म्यूच्यूअल फंड्स में पहला निवेश
पिछले साल से शेयर बाजार में पहले बड़ी गिरावट और फिर लम्बी तेज़ी ने हम सबको चौका दिया है। कई नए निवेशक जाना चाहते हैं की ऐसे हालत में उन्हें अभी क्या करना चाहिए। नए निवेशकों के लिए म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्टमेंट मार्किट में आने का एक पॉपुलर डेब्ट फंड्स के बारे में अधिक जाने जरिया रहा है। इस एपिसोड में हम महिंद्रा मान्यूलाइफ़ म्यूच्यूअल फण्ड के MD और CEO आशुतोष बिश्नोई जी से जानेगें की म्यूच्यूअल फंड्स क्या होते हैं और निवेश चालू करने से पहले हमें क्या ध्यान में रखना चाहिए।
इस चर्चा में आसुतोष जी हमें बताते हैं की -
1. शेयर बाजार में उनका करियर कैसे चालू हुआ
2. अपने करियर की शुरुवात से आज तक उन्होंने फाइनेंसियल मार्केट्स में क्या बदलाव देखे हैं
3. छोटे शेरोन और गाओं में लोग निवेश कैसे करते हैं
4. म्यूच्यूअल फंड्स में निवेश क्यों करना चाहिए
5. म्यूच्यूअल डेब्ट फंड्स के बारे में अधिक जाने फंड्स किसके के लिए सही हैं
शेयर मार्केट के सफल निवेशकों का स्वाभाव - रामदेव अग्रवाल से जानिये।
हम समझते हैं कि शेयर मार्केट में तेज़ गिरावट की वजह से आप चिंतित हो सकते हैं। हमारी कोशिश रही है की हम आपके लिए उन् भारतीय शेयर मार्केट एक्सपर्ट्स को इस पॉडकास्ट में शामिल करें जो अपने अनुभव से आपकी सहायता कर सकते हैं।
आज के एपिसोड में हमारे साथ मोतीलाल ओसवाल फिनांशियल सर्विसेस के मैनेजिंग डायरेक्टर, रामदेव अग्रवाल जी, उपस्थित हैं। रामदेव जी ने अपने शेयर मार्केट करियर डेब्ट फंड्स के बारे में अधिक जाने डेब्ट फंड्स के बारे में अधिक जाने में वारेन बुफेट जैसे दिगज निवेशकों से सीख लेते हुए अविश्वसनीय सफलता प्राप्त करी है। आज हम उनसे उनकी अपनायी हुई QGLP (क्वालिटी, ग्रोथ, लांजेविटी और फेयर प्राइस) फिलोसोफी के बारे में चर्चा करेंगे। रामदेव जी अपनी "बाई राइट, सिट टाइट" फिलोसोफी के लिए भी मशहूर हैं। मार्केट्स के ऐसे हालातों में क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए, हमने रामदेव जी से समझने की कोशिश की है।
अस्थिर शेयर मार्केट में निवेश के अगले कदम - नीलेश सुराणा से जाने।
पिछले दिनों में कुछ सुधार देखने से पहले, फरवरी से निफ्टी 12300 के स्तर से 7500 तक के स्तर पर गिर डेब्ट फंड्स के बारे में अधिक जाने गया था। यह भारतीय बाजारों के इतिहास में 2008 में आई सबसे तेज गिरावट में से एक है। इस अस्थिरता से चिंतित होना शायद उचित है।
आज के पॉडकास्ट एपिसोड में हम मिरै इंडिया म्यूचुअल फंड के सी।आई।ओ नीलेश सुराणा जी से बात कर रहे हैं। शेयर बाजार के हालातों को ध्यान में रखते हुए हम जानेंगे की हमें क्या करना चाहिए और क्या नहीं। 25 साल के अनुभव के साथ नीलेश जी भारत के शीर्ष फंड मैनेजरों में से एक है और उनके फंड ने अपने निवेशकों डेब्ट फंड्स के बारे में अधिक जाने के लिए अकूत संपत्ति बनाई है। इस चर्चा में हम पिछले बाजार दुर्घटनाओं, निवेशक व्यवहार, एसेट एलोकेशन, अस्थिर समय के दौरान निवेश कैसे करें और आम गलतियों से बचने के बारे में बात करेंगे।
कृपया नीलेश सुराणा जी के साथ इस चर्चा का आनंद लें।
टैक्स बचाने के लिए ELSS और इंश्योरेंस में कौन बेहतर ?
आज के समय में प्रत्येक व्यक्ति अपने पैसे से बेहतर मुनाफ़े की इच्छा रखता है , इसलिए उन संभावनाओं को तलाशता रहता है जहाँ उसका इन्वेस्टमेन्ट सुरक्षित भी रहे और किसी न किसी प्रकार से मुनाफा भी कमा कर दे । अब अगर मुनाफा होगा तो वह इनकम टैक्स को भी आकर्षित करेगा। यहाँ हम यह जानने की कोशिश करेंगे कि अगर हम अपना इनकम टैक्स बचाना चाहते हैं, तो निवेश के दो साधन ELSS और इंश्योरेंस में से कहाँ निवेश करना बेहतर होगा।
ELSS क्या है ?
- ELSS का मतलब है इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम। इसको टैक्स बचाने वाला म्युचुअल फण्ड भी कहा जाता है।
- इसमें डेढ़ लाख रुपये तक के निवेश पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80 C के तहत इनकम टैक्स में छूट मिलती है।
- 80 C के तहत जितनी भी टैक्स बचाने वाली स्कीम हैं जैसे पीपीएफ , इंश्योरेंस की स्कीम आदि , उनमें ELSS ही है जिसमें इनकम टैक्स बेनिफिट के साथ सबसे ज्यादा रिटर्न मिलता है।
- इसमें पैसा बाजार में लगाया जाता है। व्यक्ति अगर चाहे तो कितना भी पैसा इसमें लगा सकता हैं लेकिन इनकम टैक्स में छूट सिर्फ डेढ़ लाख रुपये तक ही मिलती है।
Benefits of Debt Funds in Hindi: डेट फंड में निवेश क्यों करना चाहिए? जानिए 8 बड़े डेब्ट फंड्स के बारे में अधिक जाने कारण
Benefits of Debt Funds in English: Debt funds give lower returns than equity funds but there are many reasons why you should include debt funds in your portfolio. Let's know Debt Fund Benefits in Hindi
Benefits of Debt Funds in Hindi: डेट फंड को अक्सर बॉन्ड फंड (Bond Fund) कहा जाता है। Debt Fund ऐसे म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) होते हैं जो बड़े पैमाने पर फिक्स्ड-इनकम सिक्योरिटीज जैसे बॉन्ड, डेट, टी-बिल और ऐसे अन्य मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं। वे स्टेबल रिटर्न उत्पन्न करते हैं डेब्ट फंड्स के बारे में अधिक जाने और इक्विटी फंड (Equity Fund) की तुलना में कम अनस्टेबल होते हैं। हालांकि डेट फंड इक्विटी फंड्स की तुलना में कम रिटर्न देते हैं लेकिन ऐसे कई कारण हैं जिनकी वजह से आपको अपने पोर्टफोलियो में Debt Fund को शामिल करना चाहिए। यहां हम आपको बताने वाले है कि डेट फंड में निवेश क्यों करना चाहिए और इसके लाभ (Benefits of Debt Fund in Hindi) क्या है।
Portfolio का क्या मतलब होता है Portfolio meaning in hindi
हेलो दोस्तों, में आपका एक बार फिर से स्वागत करता हूँ, आप सभी ने अलग- अलग जगहों पर इस शब्द “पोर्टफोलियो” को जरूर सुना होगा या पढ़ा होता , आइये आज हम इस पोर्टफोलियो को समझने की कोशिश करते है। आज हम जानेंगे की पोर्टफोलियो शब्द का शाब्दिक अर्थ अर्थात इसका मीनिंग [Portfolio meaning in hindi] क्या होता है , शेयर मार्केट में इसका क्या महत्व है , पोर्टफोलियो के कितने प्रकार होते है और अंत में जानेंगे की आप कैसे अपनी आवश्यकता के अनुसार एक सही पोर्टफोलियो बना कर शेयर मार्केट में ज्यादा से ज्यादा लाभ कमा सकते है।
पोर्टफोलियो शब्द का शाब्दिक अर्थ अर्थात मीनिंग देखा जाये, तो वह किसी विशेष प्रकार की चीजों का समूह को हम उस चीज का पोर्टफोलियो कहते है।
यह समूह किसी का भी हो सकता है । यदि हम शेयर मार्केट के सन्दर्भ में पोर्टफोलियो शब्द को परिभाषित करे तो यहाँ इसका अर्थ होता है हमारे विभिन्न प्रकार के निवेशों के समूह से, जिस प्रकार एक निवेशक स्टॉक्स, Govt. बांड्स , इक्विटी , मुद्रा, कमोडिटीज इत्यादि में निवेश करता है तो यह निवेश सामूहिक रूप से उसका पोर्टफोलियो कहलाता है।
पोर्टफोलियो का शेयर मार्केट में क्या महत्व है?
पोर्टफोलिओ निर्माण का सबसे बड़ा फायदा यह होते है की डेब्ट फंड्स के बारे में अधिक जाने इससे आप अपने सभी निवेशों पर नजर रख सकते है, साथ ही साथ समय समय पर सही परिवर्तन करके के आप अपने जोखिम को कम कर सकते है। पोर्टफोलियो की मदद से आपको अपने निवेशों से हो रहे फायदे और नुकसान की जानकारी मिलती रहती है जिससे आपको निर्णय लेने में आसानी होती है।आप अपनी सुविधा और अपने जोखिम लेने की क्षमता के आधार पर एक अच्छे पोर्टफोलियो का निर्माण कर सकते है, जो भविष्य में आपकी जरूरतों को पूरा करने के साथ साथ आपको शेयर मार्केट में आने वाले उतार चढ़ाव के जोखिम से आपको बचाता भी है। अगर आप अपने पोर्टफोलियो को सही ढंग से नहीं चुनते है, उसमे सही स्टॉक्स, बांड्स इत्यादि को सही समय पर सम्मिलित नहीं करते है तो आपके लिए जोखिम बढ़ सकता है, डेब्ट फंड्स के बारे में अधिक जाने जिससे आपको नुकसान होने की भी सम्भावना रहती है। एक अच्छा निवेशक अपने पोर्टफोलियो को बहुत सारे छोटे हिस्सों में बाँट कर रखता है, और हर एक हिस्से के अपने अलग अलग फायदे और नुकसान होते है ।
डेब्ट फंड्स के बारे में अधिक जाने
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