कैसे विदेशी मुद्रा व्यापार करने के लिए

आदित्यनाथ ने इस मौके पर 504 करोड़ रुपये की 133 निवेश परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया और 260 करोड़ रुपये की लगभग 50 विकास परियोजनाओं की शुरुआत की।
आयातित तेलों के दाम टूटने से बीते सप्ताह खाद्य तेलों के भाव में गिरावट
नयी दिल्ली, चार दिसंबर (भाषा) विदेशी आयातित खाद्य तेलों के भाव टूटने के बीच बीते सप्ताह दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में सरसों, सोयाबीन, मूंगफली सहित सभी तेल-तिलहन कीमतों में गिरावट दर्ज हुई।
बाजार के जानकार सूत्रों ने कहा कि विदेशों से आयात होने वाले तेल-तिलहनों के दाम में जोरदार गिरावट रहने से कोई तेल-तिलहन अछूता नहीं रहा और सभी गिरावट में आ गये। स्थिति यह हो गयी कि कई खाद्य तेल मिलों के सामने अस्तित्व बचाने का संकट पैदा हो गया है।
सूत्रों ने कहा कि आयातित तेलों के मुकाबले देशी तेल-तिलहन थोड़ा महंगे जरूर बैठते हैं लेकिन इसमें देश को दूसरा कैसे विदेशी मुद्रा व्यापार करने के लिए कैसे विदेशी मुद्रा व्यापार करने के लिए फायदा है। उन्होंने अपने तर्क के पक्ष में कहा कि औसतन प्रति व्यक्ति खाद्य तेल की प्रतिदिन की खपत 50 ग्राम होती है लेकिन देश की मुद्रास्फीति पर यह गहराई से असर डालने में सक्षम है। डीओसी, खल आदि के महंगा होने से देश के मुर्गीपालन, मवेशीपालन किसान प्रभावित होते हैं। यानी दूध, मक्खन, अंडे एवं चिकन (मुर्गी मांस) के दाम बढ़ते हैं जिनका सीधा असर मुद्रास्फीति पर होता है। आयातित पाम और पामोलीन से हमें डीओसी या खल नहीं मिल सकता और इसे अलग से आयात करने की जरूरत होगी जिसके लिए विदेशी मुद्रा खर्च करनी होगी।
बाजार सूत्रों ने कहा, ‘‘विदेशी तेलों में आई गिरावट हमारे देशी तेल-तिलहनों को चोट पहुंच रही है जिससे समय रहते नहीं निपटा गया तो स्थिति संकटपूर्ण होने की संभावना है। विदेशी तेलों के दाम धराशायी हो गये हैं और हमारे देशी तेलों के उत्पादन की लागत अधिक बैठती है। कैसे विदेशी मुद्रा व्यापार करने के लिए अगर स्थिति को संभाला नहीं गया तो देश में तेल-तिलहन उद्योग और इसकी खेती गंभीर रूप से प्रभावित होगी। सस्ते आयातित तेलों पर आयात कर अधिकतम करते हुए स्थिति को संभाला नहीं गया तो किसान तिलहन उत्पादन बढ़ाने के बजाय तिलहन खेती से विमुख हो सकते हैं क्योंकि देशी तेलों के उत्पादन की लागत अधिक होगी।
सूत्रों ने कहा कि कई तेल-तिलहन विशेषज्ञ पूर्वोत्तर राज्यों सहित देश के कुछ अन्य भागों में पाम की खेती बढ़ाने की सलाह देते हैं और इस दिशा में सरकार ने प्रयास भी किये हैं। ऐसा करना एक हद तक सही है लेकिन यदि हमें पशुचारे, डीआयल्ड केक (डीओसी) और मुर्गीदाने की पर्याप्त उपलब्धता और आत्मनिर्भरता चाहिये तो वह सरसों, मूंगफली, सोयाबीन और बिनौला जैसी फसलों से ही प्राप्त हो सकती है। निजी उपयोग के अलावा इसका निर्यात कर देश विदेशी मुद्रा भी अर्जित कर सकता है। तेल-तिलहन के संदर्भ में इन वास्तविकताओं को ध्यान में रखकर ही कोई फैसला लिया जाना चाहिये।
सूत्रों ने कहा कि देश के प्रमुख तेल संगठनों को सरकार को जमीनी हकीकत भी बतानी चाहिये कि सस्ते खाद्य तेलों के आयात से देश के तेल-तिलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर होने का लक्ष्य गंभीर रूप से प्रभावित होगा और इस स्थिति को बदलने के लिए इन सस्ते आयातित तेलों पर पहले की तरह और हो सके तो अधिकतम सीमा तक आयात शुल्क लगा दिया जाना चाहिये। अगर खाद्य तेलों के दाम कैसे विदेशी मुद्रा व्यापार करने के लिए कम रहे तो खल की भी उपलब्धता कम हो जायेगी।
सूत्रों ने कहा कि सरकार को खाद्य तेलों के आयात की ‘कोटा प्रणाली’ को समाप्त करने के बारे में सोचना चाहिये। उन्होंने कहा कि जब सूरजमुखी का आयातित तेल का दाम पहले से लगभग 50 रुपये किलो नीचे चल रहा है तो ऐसे में किसान इस फसल को कैसे बोयेगा? सूत्रों के मुताबिक, पिछले सप्ताहांत के मुकाबले बीते सप्ताह सरसों दाने का भाव 175 रुपये घटकर 7,100-7,150 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सरसों दादरी तेल समीक्षाधीन सप्ताहांत में 750 रुपये घटकर 14,000 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। वहीं सरसों पक्की घानी और कच्ची घानी तेल की कीमतें भी क्रमश: 110-110 रुपये घटकर क्रमश: 2,120-2,250 रुपये और 2,180-2,305 रुपये टिन (15 किलो) पर बंद हुईं।
सूत्रों ने कहा कि विदेशों में खाद्य तेलों के भाव टूटने से समीक्षाधीन सप्ताह कैसे विदेशी मुद्रा व्यापार करने के लिए में सोयाबीन दाने और लूज के थोक भाव क्रमश: 125-125 रुपये की गिरावट के साथ क्रमश: 5,450-5,550 रुपये और 5,260-5,310 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए।
गिरावट के आम रुख के बीच समीक्षाधीन सप्ताहांत में सोयाबीन दिल्ली, सोयाबीन इंदौर और सोयाबीन डीगम तेल भी क्रमश: कैसे विदेशी मुद्रा व्यापार करने के लिए 850 रुपये, 600 रुपये और 1,250 रुपये की हानि के साथ क्रमश: 13,400 रुपये, 13,250 रुपये और 11,500 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।
सस्ते खाद्य तेल आयात के सामने बेपड़ता होने और गिरावट के आम रुख के अनुरूप समीक्षाधीन सप्ताह में मूंगफली तेल-तिलहनों कीमतों में गिरावट देखने को मिली। समीक्षाधीन सप्ताहांत में मूंगफली तिलहन का भाव 150 रुपये टूटकर 6,कैसे विदेशी मुद्रा व्यापार करने के लिए 360-6,420 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। पूर्व सप्ताहांत के बंद भाव के मुकाबले समीक्षाधीन सप्ताह में मूंगफली तेल गुजरात 150 रुपये टूटकर 14,800 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ जबकि कैसे विदेशी मुद्रा व्यापार करने के लिए कैसे विदेशी मुद्रा व्यापार करने के लिए मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड का भाव 35 रुपये की गिरावट के साथ 2,390-2,655 रुपये प्रति कैसे विदेशी मुद्रा व्यापार करने के लिए टिन पर बंद हुआ।
सूत्रों ने कहा कि विदेशी तेलों के दाम धराशायी होने के दबाव में सीपीओ और पामोलीन तेल कीमतों में भी गिरावट आई। समीक्षाधीन सप्ताह में कच्चे पाम तेल (सीपीओ) का भाव 500 रुपये टूटकर 8,450 रुपये क्विंटल पर बंद हुआ। जबकि पामोलीन दिल्ली का भाव 500 रुपये घटकर 9,950 रुपये और पामोलीन कांडला का भाव 600 रुपये हानि के साथ 9,000 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।
तेल कीमतों पर दबाव होने के बीच समीक्षाधीन सप्ताह में बिनौला तेल भी 950 रुपये टूटकर 11,450 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर बंद हुआ।
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देश की खबरें | अपराधी राज्य में आने वाले निवेश के सबसे बड़े दुश्मन: मुख्यमंत्री
गोरखपुर (उत्तर प्रदेश), 30 नवंबर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि अपराधी और उन्हें संरक्षण देने वाले लोग राज्य में आने वाले निवेश के सबसे बड़े दुश्मन हैं इसलिए सरकार ने अपराध को ‘‘कतई बर्दाश्त नहीं करने’’ की नीति अपनायी है।
मुख्यमंत्री ने यहां गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) के स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में भारत को पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था में बदलना है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘अपराधी और उन्हें संरक्षण देने वाले लोग निवेश के सबसे बड़े दुश्मन हैं और राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार ने अपराधियों और उन्हें शरण देने वालों को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति अपनाई है।"
हाल ही कैसे विदेशी मुद्रा व्यापार करने के लिए में WMO (विश्व मौसम विज्ञान संगठन) ने अपनी पहली वार्षिक स्टेट ऑफ ग्लोबल वाटर रिसोर्सेज रिपोर्ट 2021 जारी की है।
- इस वार्षिक रिपोर्ट का उद्देश्य बढ़ती मांग और सीमित आपूर्ति के युग में वैश्विक ताजे जल के संसाधनों की निगरानी और प्रबंधन का समर्थन करना है।
- रिपोर्ट तीन प्रमुख क्षेत्रों पर केंद्रित है:
- धारा प्रवाह, किसी भी समय नदी धारा के माध्यम से बहने वाले जल की मात्रा।
- स्थलीय जल भंडारण (TWS) - भूमि की सतह पर और उप-सतह में के सभी जल की मात्रा।
- हिममंडल
- परिचय:
- 2001 और 2018 के बीच, UN-WATER ने बताया कि सभी प्राकृतिक आपदाओं का 74% जल से संबंधित था।
- मिस्र में हाल ही में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन, COP27 ने सरकारों से अनुकूलन प्रयासों में जल को एकीकृत करने कैसे विदेशी मुद्रा व्यापार करने के लिए का आग्रह किया, पहली बार COP में जल के महत्त्व के परिणामों को दस्तावेज़ों में संदर्भित किया गया है।
- 6 अरब लोगों को प्रति वर्ष कम से कम एक महीने जल तक अपर्याप्त पहुँच है और वर्ष2050 तक यह बढ़कर पाँच अरब से अधिक होने की उम्मीद है।
- वर्ष 2021 में विश्व के बड़े क्षेत्रों में सामान्य से अधिक शुष्क स्थिति दर्ज की गई, जो एक ऐसा वर्ष था जिसमें जलवायु परिवर्तनऔरला नीना घटनासे वर्षा के प्रतिरूप प्रभावित हुए थे।
- 30 साल के हाइड्रोलॉजिकल औसत की तुलना में औसत प्रवाह से कम वाला क्षेत्र औसत प्रवाह से अधिक वाले क्षेत्र की तुलना में लगभग दो गुना बड़ा था।
भारतीय परिदृश्य:
- पूर्वी पाकिस्तान, उत्तरी भारत, दक्षिणी नेपाल और पूरे बांग्लादेश में फैले सिंधु-गंगा के मैदान (Indo-Gangetic Plain- IGP) पर ग्लोबल वार्मिंग के कुप्रभाव देखे जा सकते हैं।
- वर्ष 2021 में कुल जल भंडारण में गिरावट आने के बावजूद गंगा-ब्रह्मपुत्र और सिंधु घाटियों में हिमनदों के पिघलने के कारण इनकी नदी धाराओं में अधिक जल का प्रवाह दर्ज किया गया।
- यह बेहद चिंताजनक खबर है क्योंकि IGP चार देशों के लगभग आधे अरब लोगों के जीवन यापन हेतु सहायक है।
- मीठे जल के संसाधनों के वितरण, मात्रा और गुणवत्ता में हुए परिवर्तन संबंधी समझ पर्याप्त नहीं है, इस अंतर को समाप्त करने और दुनिया के विभिन्न हिस्सों में जल की उपलब्धता का संक्षिप्त विवरण प्रदान करने की आवश्यकता है।
- सूखे और बाढ़ की पूर्व चेतावनी प्रणाली के लिये एंड-टू-एंड विकास की आवश्यकता है।
- ग्लेशियर के पिघलने और उच्च जल उपलब्धता के समय का दीर्घकालिक अनुमान अनुकूलन निर्णयों के लिये महत्त्वपूर्ण इनपुट होना चाहिये।
- जल विज्ञान डेटा की उपलब्धता और साझाकरण में तेज़ी लाने की आवश्यकता है, जिसमें नदी के निर्वहन और सीमा पार नदी बेसिन की जानकारी शामिल है।
विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO):
- विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) 192 देशों की सदस्यता वाला एक अंतर-सरकारी संगठन है।
- भारत विश्व मौसम विज्ञान संगठन का सदस्य देश है।
शासन व्यवस्था
विश्व एड्स दिवस
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टैग्स:
विश्व एड्स दिवस, एड्स, HIV
विश्व स्तर पर और राष्ट्रीय स्तर पर एड्स की स्थिति, एड्स, HIV, संबंधित पहल
विश्व एड्स दिवस प्रत्येक वर्ष 01 दिसंबर को पूरी दुनिया में इस बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाने और उन सभी लोगों को याद करने के लिये मनाया जाता है जिन्होंने इससे अपनी जान गँवाई है।