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सामान्य निवेश की समीक्षा

सामान्य निवेश की समीक्षा
किसी शेयर को चुनने से पहले आप किन बातों पर ध्यान देंगे?
मैं किसी भी शेयर में विकास की संभावनाओं की पड़ताल सबसे पहले करुंगा और उसके वैल्युएशन पर भी नजर रखूंगा। लंबी अवधि में उस शेयर से कमाई की क्या संभावनाएं बन रही हैं, इस पर भी मेरा ध्यान रहेगा। साथ ही यह भी जानना जरूरी रहेगा कि संबंधित शेयर से कोई घटनाक्रम या कोई जोखिम तो जुड़ा हुआ नहीं है।

चुनौतियों का सामना

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एनपीएस - स्वावलंबन क्या है?

‘‘एनपीएस - स्वावलंबन प्रारूप’’ को बेहद कम प्रशासनिक और लेन-देन के खर्च के लिये तैयार किया गया है, ताकि छोटे निवेश संभव हो सकें।

स्वावलंब योजना भारत सरकार द्वारा घोषित एक योजना है, जिसके अंतर्गत सरकार 2010-2011, 2011-2012, 2012-2013 में खोले गये प्रत्येक एनपीएस-स्वावलंबन खाते में निम्नलिखित रूप से पाँच वर्षों तक रु. 1000 जमा करेगी

  • 2010-2011 में खोले गये खाते को 2014-2015 तक लाभ मिलेगा
  • 2011-2012 में खोले गये खाते को 2015-2016 तक लाभ मिलेगा
  • 2012-2013 में खोले गये खाते को 2016-2017 तक लाभ मिलेगा
  • 2013-2014 से लेकर 2016-2017 के बीच खोले गये एनपीएस-स्वावलंबन खातों सामान्य निवेश की समीक्षा को 2016-2017 तक स्वावलंबन लाभ मिलेगा।

एनपीएस - स्वावलंबन की विशेषताएं:

  • स्वैच्छिक - भारत के 18-60 वर्ष के योग्य नागरिकों के लिये उपलब्ध। अभिदाता प्रतिवर्ष अपने निवेश की राशि चुनने के लिये स्वतंत्र है।
  • आसान: असंगठित क्षेत्र के योग्य उम्मीदवार अपने ऐग्रिगेटर के माध्यम से खाता खोलकर व्यक्तिगत अभिदाता (एनपीएस-स्वावलंबन) खाता प्राप्त कर सकते हैं।
  • सुरक्षित - निवेश के पारदर्शी नियमों के साथ पीएफआरडीए द्वारा नियंत्रित, एनपीएस ट्रस्ट द्वारा फंड मैनेजर्स की नियमित देख-रेख और प्रदर्शन की समीक्षा।
  • किफ़ायती - बेहद कम कीमत की संरचना, जिसमें प्रति वर्ष या प्रति अंशदान किसी न्यूनतम राशि की आवश्यकता नहीं है।

एनपीएस-स्वावलंबन बैंक के बचत खाते जैसे अन्य उत्पादों से किस प्रकार अलग है?

एनपीएस - स्वावलंबन सेवानिवृत्ति की आयु होने पर मासिक आमदनी सुनिश्चित करने सामान्य निवेश की समीक्षा वाला एक पेंशन प्रॉडक्ट है.

एनपीएस - स्वावलंबन जमा राशि के एक हिस्से का निवेश इक्विटी (स्टॉक) मार्केट में करता है, जिसके कारण इसमें बैंकों और अन्य आर्थिक संस्थानों के मुकाबले कहीं ज़्यादा रिटर्न मिलने की संभावना सामान्य निवेश की समीक्षा होती है I कुल जमा राशि के एक हिस्से का निवेश इक्विटी बाज़ारों में किया जाता है, ताकि जमा राशि तेज़ी से बढ़ सकेI हालांकि, सामान्य निवेश की समीक्षा इक्विटी पर आधारित अन्य निवेश योजनाओं में जहाँ पैसे खोने का जोखिम अधिक है के मुकाबले एनपीएस - स्वावलंबन में काफी कम है, क्योंकि 55% तक राशि का निवेश सरकारी प्रतिभूतियों और 40% तक राशि का निवेश कॉर्पोरेट बॉन्ड्स में किया जाता है.

स्वावलंबन योजना क्या है और कौन से अभिदाता इसके लिये योग्य हो सकते हैं?

स्वालंबन योजना असंगठित क्षेत्र के लिये भारत सरकार द्वारा चलायी गयी एक पहल है I यह असंगठित क्षेत्र को सेवानिवृत्ति के लाभ प्रदान करने के लिये उपलब्ध एक पेंशन योजना है और इस योजना के अंतर्गत, प्रतिवर्ष रु. 1000/- से रु. 12000/- तक की राशि जमा किये जाने पर भारत सरकार प्रत्येक एनपीएस - स्वावलंबन खाते में रु.1000 का अंशदान करेगी.

एनपीएस - स्वावलंबन में जमा की गयी राशि अभिदाता के परिवार के भविष्य के लिये किया गया एक निवेश हैI अभिदाता को उसकी वर्तमान आमदनी में से जमा की गयी राशि के आधार पर पेंशन प्राप्त होता है I चूंकि पेंशन अभिदाता के काम न करने की अवस्था में मिलता है, इसलिये निवेश की ज़्यादा लंबी अवधि से ज़्यादा अंशदान जमा की जा सकती है, और वृद्धावस्था में ज़्यादा पेंशन प्राप्त किया जा सकता है I एनपीएस - स्वावलंबन में निवेश की लंबी अवधि, लंबे समय के कारण अधिक लाभ सुनिश्चित करता हैंI

मेक इन इंडिया

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भारतीय अर्थव्यवस्था देश में मजबूत विकास और व्यापार के समग्र दृष्टिकोण में सुधार और निवेश के संकेत के साथ सामान्य निवेश की समीक्षा आशावादी रुप से बढ़ रही है । सरकार के नये प्रयासों एवं पहलों की मदद से निर्माण क्षेत्र में काफी सुधार हुआ है । निर्माण को बढ़ावा देने एवं संवर्धन के लिए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 25 सितम्बर 2014 को 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम की शुरुआत की सामान्य निवेश की समीक्षा जिससे भारत को महत्वपूर्ण निवेश एवं निर्माण, संरचना तथा अभिनव प्रयोगों के वैश्विक केंद्र के रुप में बदला जा सके।

'मेक इन इंडिया' मुख्यत: निर्माण क्षेत्र पर केंद्रित है लेकिन इसका उद्देश्य देश में उद्यमशीलता को बढ़ावा देना भी है। इसका दृष्टिकोण निवेश के लिए अनुकूल माहौल बनाना, आधुनिक और सामान्य निवेश की समीक्षा कुशल बुनियादी संरचना, विदेशी निवेश के लिए नये क्षेत्रों को खोलना और सामान्य निवेश की समीक्षा सरकार एवं उद्योग के बीच एक साझेदारी का निर्माण करना है।

समीक्षा:निवेश में गिरावट का दौर खत्म होने के संकेत, अधिक रोजगार देने वाली इकायों को प्रोत्साहन हो

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स्मार्ट पोर्टफोलियो सीजन 3 में साक्षात्कारों की पहली शृंखला में रेक्स कैनो ने आईआईएफएल प्राइवेट वेल्थ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष शिशिर बाजपेयी से बातचीत की। बाजपेयी यहां बाजार के प्रति अपने रुख और उनसे उम्मीदों के बारे में बता रहे हैं। साथ ही वे यह भी बताते हैं कि मौजूदा दौर में किसी शेयर के चुनाव में कौन-कौन सी सावधानियां बरतने की जरूरत है। इस बीच यह बता दें कि इस हफ्ते स्मार्ट पोर्टफोलियो ने अच्छा-खासा मुनाफा कमाया है। एसऐंडपी सीएनएक्स 500 सूचकांक में 1.4 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है। पिछल हफ्ते शिशिर बाजपेयी का नेट वर्थ 6.7 फीसदी बढ़कर 10.41 लाख रुपये से 11.11 लाख रुपये पर पहुंच गया है। सिद्घार्थ भामरे और विनय खट्टïर ने भी 2-2 फीसदी का मुनाफा कमाया है। अजय परमार के पोर्टफोलियो में हल्की गिरावट देखने को मिली। पेश हैं प्रमुख अंश:

स्मार्ट पोर्टफोलियो सीजन 3 में आपका क्या योगदान रहेगा?निश्चित तौर पर मेरा योगदान यही रहेगा कि मैं आने वाले समय के लिए निवेशकों को निवेश के बेहतर विकल्प सुझा सकूं।

जमा पूंजी : म्यूचुअल फंड की समीक्षा भी जरूरी

लॉकडाउन खुलने के बाद के रविवार को राजेंद्र जी के यहां जाना हुआ. फाइलें डाइनिंग टेबल पर खोले एसआइपी और म्यूचुअल फंड का कैलकुलेटर पर हिसाब करने में व्यस्त थे। मैंने चुटकी ली - म्यूचुअल फंड सुरक्षित है? बड़े सामान्य निवेश की समीक्षा सपाट चेहरे से बोले - अच्छे-भले परफॉर्म कर रहे थे, सारे थम से गए हैं, क्या करूं बाहर निकल आऊं?

जमा पूंजी : म्यूचुअल फंड की समीक्षा भी जरूरी

मैंने नजर दौड़ाई, सभी नामी-गिरामी थे, सभी का विगत वर्षों में प्रदर्शन सही था पर कुछ फंड ऐसे थे जिनमें शेयरों में निर्भरता ज्यादा थी। इनमें भी उन शेयरों पर ज्यादा, जिनसे जुड़े उद्योगों में अभी अगले दो-तीन साल तेजी आना संभव नहीं था, इसलिए मैंने राजेंद्र जी से कहा - आप सबसे पहले वे म्यूचुअल फंड बताइए जिनकी परिपक्वता अगले 2-3 साल में है। उन्होंने अलग कर मुझे दे दिए। मैंने कहा - चूंकि इनकी परिपक्वता नजदीक है और आगे हो सकता है कोरोनाकाल के कारण आपके इन म्यूचुअल फंड से जुड़े उद्योगों में खास तेजी संभव न हो, आप इन्हें बेचकर लाभ कमा लीजिए। राजेंद्र जी बोले - आप मुझे म्यूचुअल फंड बेचने की सलाह दे रहे हैं जबकि लोग कहते हैं कि धीरज रखो। मैंने कहा - धीरज तब रखा जाता है जब परिपक्वता अवधि काफी बची हो, यह कम हो और निवेश के बेहतर प्रदर्शन की अनिश्चितता हो तो बेचना बुद्धिमानी है। चूंकि आपकी उम्र 52 वर्ष है, सामान्य नियम है आपके पोर्टफोलियो में 48त्न (100-52) से ज्यादा इक्विटी फंड में निवेश जोखिम भरा होगा, सलाह पर अमल करेंगे तो ये भी सीमा में आ जाएगा।

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