निवेश न्यूज़

भारत में म्युचुअल फंड इतिहास

भारत में म्युचुअल फंड इतिहास
Quant Small Cap Fund- इस फंड ने वित्त वर्ष 2021-22 में 56 फीसदी रिटर्न दिया है। इस फंड का AUM 1615 करोड़ रुपये है। Quant Mutual Fund अपने सभी फंडों में रूल बेस्ड इन्वेस्टमेंट रणनीति अपनाता है।

इन स्मॉलकैप म्यूचुअल फंड्स ने FY22 में दिया 56% तक रिटर्न, आइए भारत में म्युचुअल फंड इतिहास डालते हैं इन पर एक नजर

UTI Mutual Fund- यह भारत के सबसे पुराने फंड हाउस द्वारा चलाया जाता है। इस फंड की AUM 2034 करोड़ रुपये है। वित्त वर्ष 2021-22 में इसने 35.7 फीसदी का रिटर्न दिया है.

देश में स्मॉलकैप फंड निवेशकों के करीब 1 लाख करोड़ रुपये मैनेज करते हैं। अलग- अलग म्यूचुअल फंड हाउसों द्वारा करीब 40 स्मॉलकैप फंड चलाए जा रहे हैं। इन फंडों ने वित्त वर्ष 2021-22 में में अब तक शानदार औसत रिटर्न दिया है। इनका औसत रिटर्न 35 फीसदी के आसपास रहा है। गौरतलब है कि इस अवधि में लॉर्ज कैप फंडों के लिए अपने बेंचमार्क इंडेक्स की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करना काफी चुनौतीपूर्ण रहा है। वहीं इसी अवधि में स्मॉलकैप फंडों का प्रदर्शन अपने बेंचमार्क इंडेक्सों की तुलना में तमाम फंडों के मामले में बेहतर रहा है। करीब 71-75 फीसदी स्मॉलकैप फंडों ने 5 से 3 साल की अवधि में अपने बेंचमार्क इंडेक्स की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है लेकिन यह ध्यान रखें कि ये फंड तुलनात्मक रुप से ज्यादा वोलेटाइल हो सकते हैं।

एक ही फंड में गोल्‍ड एंड सिल्‍वर दोनों, मोटी कमाई के लिए अलग-अलग निवेश की जरूरत नहीं!

विशेषज्ञों का सुझाव है कि पोर्टफोलियो का 5-10% हिस्सा सोना हो सकता है.

विशेषज्ञों का सुझाव है कि पोर्टफोलियो का 5-10% हिस्सा सोना हो सकता है.

एडलवाइस म्यूचुअल फंड 24 अगस्त को भारत की पहली स्कीम लॉन्च करने वाली है, जो सिंगल फंड के जरिए सोने और चांदी में निवेश की . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : August 18, 2022, 18:18 IST
एडलवाइस म्यूचुअल फंड सिंगल फंड के जरिए सोने और चांदी में निवेश की पेशकश करेगी.भारत में म्युचुअल फंड इतिहास भारत में म्युचुअल फंड इतिहास
अभी तक भारत में ऐसा कोई फंड नहीं है, जिसमें निवेश करके दोनों धातुओं में एक साथ निवेश हो सके.
इस स्कीम के तहत अन्य फंड हाउसेज़ के गोल्ड और सिल्वर ईटीएफ की यूनिट्स में निवेश किया जाएगा.

नई दिल्ली. एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) एडलवाइस म्यूचुअल फंड 24 अगस्त को भारत की पहली स्कीम लॉन्च करने वाली है, जो सिंगल फंड के जरिए सोने और चांदी में निवेश की पेशकश करेगी. एडलवाइस गोल्ड एंड सिल्वर ईटीएफ फंड ऑफ फंड (FoF) के लिए नया फंड ऑफर (NFO) 7 सितंबर को बंद होगा. स्कीम के लिए फंड के मैनेजर भावेश जैन और भरत लाहोटी हैं.

Year Ender 2021: Mutual Funds ने जोड़े 7 लाख करोड़, ब्याज दरों में संभावित बढ़ोतरी से 2022 में घटेगी दिलचस्पी

Year Ender 2021: Mutual Funds ने जोड़े 7 लाख करोड़, ब्याज दरों में संभावित बढ़ोतरी से 2022 में घटेगी दिलचस्पी

TV9 Bharatvarsh | Edited By: संजीत कुमार

Updated on: Dec 27, 2021 | 7:48 AM

Mutual Funds in 2021: म्यूचुअल फंड ने वर्ष 2021 में निवेश के साधन के रूप में निवेशकों का भरोसा जीतने के साथ ही अपने प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियों (Asset Under Management) में सात लाख करोड़ रुपए का इजाफा किया. वहीं भारतीय कंपनियों ने इस साल इक्विटी और कर्ज के जरिये नौ लाख करोड़ रुपए से अधिक राशि जुटाई. हालांकि, ओमिक्रॉन के चलते हालात बिगड़ने की आशंका और ब्याज दरों में संभावित बढ़ोतरी के चलते नए साल में मुश्किलों का सामना भी करना पड़ सकता है.

म्यूचुअल फंड का AUM 38 लाख करोड़ के पार

भारत में म्यूचुअल फंड कंपनियों के संगठन AMFI के मुताबिक इस उद्योग का एयूएम 2021 में नवंबर के अंत तक 24 फीसदी बढ़कर 38.45 लाख करोड़ रुपए के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया, जो दिसंबर 2020 में 31 लाख करोड़ रुपए था.

प्राइम इन्वेस्टर डॉट इन की सह-संस्थापक विद्या बाला का मानना है कि दिसंबर के अंत में म्यूचुअल फंड एयूएम का आंकड़ा थोड़ा कम या इतना ही रह सकता है, क्योंकि इस समय बाजार में सुधार का दौर चल रहा है. मॉर्निंगस्टार इंडिया के संयुक्त निदेशक – शोध प्रबंधक हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि दिसंबर में अग्रिम कर भुगतान के डेट फंड्स से कुछ निकासी हो सकती है.

भारतीय कंपनियों ने जुटाए कुल 9 लाख करोड़

AMFI के अध्यक्ष ए बालासुब्रमण्यम ने कहा कि ब्याज दरें कम होने से निवेशक पारंपरिक तरीकों के अलावा दूसरे विकल्पों की तलाश कर रहे हैं. इसके अलावा म्यूचुअल फंड के बारे में जागरूकता बढ़ने से लोगों की भागीदारी बढ़ी है. दूसरी ओर भारतीय कंपनियों ने वर्ष 2021 में इक्विटी और कर्ज के जरिये नौ लाख करोड़ रुपए से अधिक राशि जुटाई. विशेषज्ञों ने कहा कि यदि ओमिक्रॉन के चलते हालात खराब नहीं हुए तो इसमें 2022 के दौरान और अधिक मजबूती आने की उम्मीद है. ऐसा लग रहा है कि बाजार में धन की कोई कमी नहीं है.

फर्स्ट वाटर कैपिटल फंड के प्रमुख प्रायोजक रिकी कृपलानी ने कहा कि बैंक काफी समय से तरलता के भंडार पर बैठे हैं और गुणवत्ता वाले कर्जदारों के लिए अवसर काफी अच्छे हैं. वर्ष 2021 में डेट बाजारों के जरिए पूंजी जुटाने में तेजी से गिरावट आई है, जबकि इक्विटी फंड जुटाने में मजबूती आई है. इस साल दिसंबर के मध्य तक कुल 9.01 लाख करोड़ रुपए में से 5.53 लाख करोड़ रुपए डेट बाजार से जुटाए गए, जबकि 2.1 लाख करोड़ रुपए इक्विटी बाजार से मिले.

म्युचुअल फंड में करते हैं निवेश तो ध्यान दें, इस भारत में म्युचुअल फंड इतिहास मशहूर कंपनी का बदल गया नाम

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: January 13, 2022 15:49 IST

म्युचुअल फंड में. - India TV Hindi

Photo:FILE

म्युचुअल फंड में करते हैं निवेश तो ध्यान दें, इस मशहूर कंपनी का बदल गया नाम

Highlights

  • ऐसेट मैनेजमेंट भारत में म्युचुअल फंड इतिहास से जुड़ी इकाई ‘यस एसेट मैनेजमेंट’ का नाम बदल गया है
  • यस एसेट मैनेजमेंट का नाम बदलकर व्हाइट ओक कैपिटल एसेट मैनेजमेंट किया गया
  • यस म्युचुअल फंड का नाम भी अब से व्हाइट ओक कैपिटल म्युचुअल फंड होगा

नयी दिल्ली। अगर आप भी म्युचुअल फंड में निवेश करते हैं तो यह खबर आपको जरूर ही जाननी चाहिए। ऐसेट मैनेजमेंट से जुड़ी इकाई ‘यस एसेट मैनेजमेंट’ का नाम बदल गया है। 12 जनवरी यस एसेट मैनेजमेंट का नाम बदलकर व्हाइट ओक कैपिटल एसेट मैनेजमेंट किया गया है। यस म्युचुअल फंड का नाम भी अब से व्हाइट ओक कैपिटल म्युचुअल फंड होगा।

व्हाइट ओक कैपिटल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आशीष पी सोमैया ने बृहस्पतिवार को ट्वीट में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, ‘‘व्हाइट ओक कैपिटल ने नियामक मंजूरी की खातिर इक्विटी म्युचुअल फंड पेशकश दस्तावेज दाखिल किए हैं।’’ व्हाइट ओक कैपिटल समूह ने नवंबर में घोषणा की थी कि यस बैंक के म्युचुअल फंड कारोबार के अधिग्रहण के लिए लेनदेन पूरा हो चुका है।

Mutual Fund से भी होती है भारत में म्युचुअल फंड इतिहास तगड़ी कमाई, 18 साल पहले जिन्होंने इस फंड में 10 लाख लगाया, आज है 2.5 करोड़ का मालिक

Value investing best way to earn money in long term

वैल्यू इन्वेस्टिंग लांग टर्म में पैसे कमाने का सबसे अच्छा तरीका

वैल्यू फंड रिलेटिव वैल्यू अप्रोच का करते हैं पालन
मॉर्निंगस्टार के विश्लेषण के अनुसार, 2018 के बाद जिन कई फंडों को वैल्यू कैटेगरी में फिर से वर्गीकृत किया गया उनके पोर्टफोलियो में भी ग्रोथ स्टॉक होल्डिंग में भारत में म्युचुअल फंड इतिहास गिरावट दिखाई दे रही है। इसलिए कई तथाकथित वैल्यू फंड रिलेटिव वैल्यू अप्रोच का पालन करते हैं। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल वैल्यू डिस्कवरी फंड उन कुछ म्यूचुअल फंडों में से है, जिन्हें मॉर्निंगस्टार द्वारा गोल्ड रेटिंग दी गई है। फंड का प्रबंधन आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी के ईडी और सीआईओ एस नरेन द्वारा किया जाता है, जो भारतीय म्यूचुअल फंड उद्योग में सबसे अनुभवी मैनेजरों में से एक है। इन वर्षों में उन्होंने अपने द्वारा प्रबंधित धन के आधार पर एक दमदार ट्रैक रिकॉर्ड बनाया है। चूंकि नरेन निवेश की वैल्यू स्टाइल भारत में म्युचुअल फंड इतिहास के प्रैक्टिशनर रहे हैं, इसलिए फंड की स्ट्रेटेजी उन्हें अपनी ताकत से खेलने की अनुमति देती है। संयोग से आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल वैल्यू डिस्कवरी फंड ने हाल ही में 18 साल पूरे किए हैं। इस स्कीम का एयूएम रु. 24,694 करोड़ जो वैल्यू कैटेगरी में कुल एयूएम का लगभग 30% है। यह स्कीम में वैल्यू इन्वेस्टिंग में निवेशक के विश्वास (investor trust) को दर्शाता है।

रेटिंग: 4.40
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 117
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *