अस्थिरता के दो प्रकार हैं

अस्थिरता के दो प्रकार हैं
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दबाव-समूहों, हित-समूहों तथा आं .
दबाव-समूहों, हित-समूहों तथा आंदोलनों के नकारात्मक तथा सकारात्मक दोनों प्रकार के प्रभाव होते हैं।' व्याख्या करें।
Solution : नकारात्मक प्रभाव-(i) ये किसी एक वर्ग के लोगों की रक्षा करते हैं।
(b) ये लोकतंत्र के मूलभूत ढाँचे को कमजोर करते हैं क्योंकि ये अक्सर किसी एक वर्ग अथवा किसी एक मुद्दे पर काम करते हैं जबकि लोकतंत्र केवल एक वर्ग के हितों की रक्षा नहीं करता बल्कि सभी के कल्याण को देखता है।
(c) ऐसे समूह सत्ता का इस्तेमाल तो करना चाहता है लेकिन जिम्मेदारी से बचना चाहते हैं। राजनीतिक दलों को चुनाव के समय जनता का सामना करना - पड़ता है लेकिन ये समूह जनता के प्रति जवाबदेह नहीं होते।
(d) संभव है कि दबाव-समूहों और आंदोलनों को जनता से समर्थन अथवा धन न मिले । कभी-कभी ऐसा भी हो सकता है कि दबाव-समूहों को बहुत कम लोगों का समर्थन प्राप्त हो लेकिन उसके पास धन अधिक हो और इसके बूते अपने संकुचित एजेंडे पर वे सार्वजनिक बहस का कारण जोड़ने में सफल हो जाएँ।
(e) कभी-कभी ये दबाव समूह राजनीतिक अस्थिरता पैदा कर देते हैं।
सकारात्मक प्रभाव-
(a) दबाव समूहों और आंदोलनों के कारण लोकतंत्र की जड़ें मजबूत हुई हैं। शासकों के ऊपर दबाव डालना लोकतंत्र में कोई अहितकर गतिविधि अस्थिरता के दो प्रकार हैं नहीं बशर्ते इसका अवसर सबको प्राप्त हो।
(b) सरकारें अक्सर थोड़े से धनी और ताकतवर लोगों के अनुचित दबाव में आ जाती हैं। जन-साधारण के हित-समूह तथा आंदोलन इस अनुचित दबाव के प्रतिकार में उपयोगी भूमिका निभाते हैं और आम नागरिक की जरूरतों तथा सरोकारों से सरकार को अवगत कराते हैं।
अस्थिरता के दो प्रकार हैं
वैश्विक स्तर पर कोरोनावायरस (COVID-19) महामारी के कारण भारतीय शेयर बाज़ार के अस्थिरता संकेतक ‘भारत VIX सूचकांक’ (India VIX Index) में गिरावट आई।
प्रमुख बिंदु
- ‘भारत VIX सूचकांक’ निकट भविष्य में बाज़ार में होने वाले उतार चढ़ाव की स्थिति को प्रदर्शित करता है।
- सरल शब्दों में कहें तो, जहाँ एक ओर अस्थिरता (Volatility) स्टॉक अथवा सूचकांक के मूल्य में परिवर्तन की दर को दर्शाती है, वहीं ‘भारत VIX सूचकांक’ में परिवर्तन आगामी 30 दिनों में समग्र बाज़ार में होने उतार-चढ़ाव की उम्मीद को दर्शाता है।
- इस प्रकार ‘भारत VIX सूचकांक’ में बढ़ोतरी का अर्थ होता है कि बाज़ार निकट भविष्य में उच्च अस्थिरता की उम्मीद कर रहा है।
- ‘भारत VIX सूचकांक’ की गणना निफ्टी ऑप्शंस की ऑर्डर बुक के आधार पर राष्ट्रीय शेयर बाज़ार (अस्थिरता के दो प्रकार हैं NSE) द्वारा की जाती है।
पृष्ठभूमि
- ‘VIX सूचकांक’ सर्वप्रथम वर्ष 1993 में शिकागो बोर्ड ऑप्शन्स एक्सचेंज (Chicago Board Options Exchange-CBOE) द्वारा S&P 500 इंडेक्स (S&P 500 Index) की कीमतों के आधार पर विकसित किया गया था।
- तब से ‘VIX सूचकांक’ अमेरिकी इक्विटी बाज़ार में अस्थिरता के माप हेतु वैश्विक मान्यता प्राप्त सूचकांक बन गया है।
- ‘भारत VIX सूचकांक’ को वर्ष 2010 में लॉन्च किया गया था।
मौजूदा परिदृश्य
- वर्तमान में भारत समेत संपूर्ण विश्व कोरोनावायरस (COVID -19) महामारी ने दुनिया भर के सभी क्षेत्रों को प्रभावित किया और भारतीय बाज़ार भी इस महामारी से बच नहीं सका है, इस महामारी के प्रभाव से ‘भारत VIX सूचकांक’ पाँच गुना बढ़कर 67 के स्तर पर पहुँच गया है।
- इसका स्पष्ट अर्थ है कि बाज़ार निकट भविष्य में उच्च अस्थिरता की उम्मीद कर रहा है।
गोंड जनजाति
Gond tribe
कोरोनावायरस (COVID-19) महामारी के तीव्र अस्थिरता के दो प्रकार हैं प्रसार के कारण देश में मास्क और ग्लव्स आदि की भारी कमी देखी जा रहा है, किंतु विभिन्न क्षेत्रों में रहने वाले कोया और गोंड जनजाति के आदिवासी लोग कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिये औषधीय पत्तियों के साथ अन्य पारंपरिक तरीकों का प्रयोग कर रहे हैं।
जनजाति
- जनजातियाँ वह मानव समुदाय हैं जो एक अलग निश्चित भू-भाग में निवास करती हैं और जिनकी एक अलग संस्कृति, रीति-रिवाज़ और भाषा होती है।
- सरल अर्थों में कहें तो जनजातियों का अपना एक वंश, पूर्वज तथा देवी-देवता होते हैं। ये आमतौर पर प्रकृति पूजक होते हैं।
- जहाँ एक ओर भारतीय संविधान में इन्हें ‘अनुसूचित जनजाति’ के रूप में परिभाषित किया गया है, वहीं देश भर में इन्हें कई अन्य नामों जैसे- आदिवासी, आदिम-जाति, वनवासी, प्रागैतिहासिक और कबीलाई समूह आदि के नाम से जाना जाता है।
गोंड जनजाति
- गोंड जनजाति विश्व के सबसे बड़े आदिवासी समूहों में से एक है। यह भारत की सबसे बड़ी जनजाति है इसका संबंध प्राक-द्रविड़ प्रजाति से है।
- गोंड जनजाति अधिकांशतः मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, गुजरात, झारखंड, कर्नाटक, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में पाई जाती है।
- गोंड को चार भागों में उपविभाजित किया गया है:
- राज गोंड
- माड़िया गोंड
- धुर्वे गोंड
- खतुलवार गोंड
रेड फ्लैग हवाई अभ्यास
Red Flag air exercise
अमेरिकी वायु सेना ने 30 अप्रैल से अलास्का में आयोजित होने वाले अपने प्रमुख बहुपक्षीय हवाई अभ्यास, रेड फ्लैग (Red Flag) के चरण-1 को रद्द कर दिया है।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि अमेरिकी वायु सेना के इस बहुपक्षीय हवाई अभ्यास में भारतीय वायु सेना (IAF) अपने सुखोई Su-30 लड़ाकू जेट विमानों के साथ भाग लेने वाली थी।
- अमेरिकी वायु सेना के अनुसार, इस हवाई अभ्यास को रद्द करने का निर्णय COVID-19 के कारण यात्रा प्रतिबंधों को देखते हुए लिया गया है।
रेड फ्लैग एयर एक्सरसाइज़
- रेड फ्लैग हवाई अभ्यास एक उन्नत हवाई युद्ध प्रशिक्षण अभ्यास है, जो अमेरिकी वायु सेना द्वारा एक वर्ष में कई बार आयोजित किया जाता है।
- इस अभ्यास में अमेरिकी वायु सेना, नाटो और अन्य संबद्ध देशों के सैन्य पायलटों तथा अन्य उड़ान चालक दल के सदस्यों को वास्तविक हवाई-युद्ध प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।
- इस बहुपक्षीय युद्ध अभ्यास की की शुरुआत वर्ष 1975 में हुई थी।
- इस अभ्यास का मूल उद्देश्य वियतनाम युद्ध के दौरान वायु सेना के लड़ाकू पायलटों के असंतोषजनक प्रदर्शन के कारणों को जानना और उसमें सुधार करना था।
- यह अभ्यास अमेरिकी वायु सेना, अमेरिकी नौसेना, अमेरिकी समुद्री सैन्य दल, अमेरिकी सेना और कई नाटो तथा अन्य संबद्ध देशों की वायु सेना को एक मंच पर लाता है।
COVID-19 समाधानों को मापने एवं प्रोत्साहित करने हेतु देशव्यापी प्रयास
Nationwide Exercise to Map & Boost Covid-19 Solutions
COVID-19 वैश्विक महामारी से उत्पन्न जन स्वास्थ्य संकट से लड़ने की देशव्यापी ज़रूरत को देखते हुए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (Department of Science & Technology-DST) द्वारा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा इसकी स्वायत्त संस्थाओं व वैज्ञानिक निकायों द्वारा चलाई जाने वाली विभिन्न गतिविधियों को समन्वित किया जा रहा है।
सिद्धांत
पायस तरल-तरल कोलाइडियल प्रणाली है जिसमें विसरित चरण और विसरण माध्यम तरल पदार्थ होते हैं। पायस दो या दो से अधिक अमिश्रणीय तरल पदार्थों का मिश्रण होता है, जो सामान्यत: अमिश्रणीय होते हैं। इनमें इनसे होकर गुजरने वाले प्रकाश को तितर बितर करने का गुण होता है जिसे टिंडल प्रभाव कहा जाता है।
पायस को विभिन्न प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है।
- तेल-में-पानी पायस:इस पायस में, तेल पानी में विसरित होता है, यानी .. तेल विसरित चरण होता है और पानी विसरण माध्यम होता है। दूध, फाउंडेशन क्रीम और वैनिशिंग क्रीम इसके कुछ उदाहरण हैं।
- पानी-में-तेल पायस: इस पायस में, पानी तेल में विसरित होता है, यानी, पानी विसरित चरण होता है और तेल विसरण माध्यम होता है। मक्खन और कॉड लिवर आयल इसके कुछ उदाहरण हैं।
- बहु पायस:इस पायस में, तेल-में-पानी या पानी-में-तेल पायस एक दूसरे तरल माध्यम में विसरित होता है। ये दो प्रकार के होते हैं:
- तेल-में-पानी-में-तेल पायस:इस पायस में, तेल के बहुत छोटे गोलक पानी-में-तेल पायस के पानी के गोलक में विसरित होते हैं।
- पानी-में-तेल-में-पानी पायस: इस पायस में पानी की बूंदें पानी-में-तेल पायस की तैलिय अवस्था में विसरित होती हैं।
पायस की स्थिरता उसके गुणधर्मों में बदलाव का विरोध करने की उसकी क्षमता को दर्शाती है। पायस को अक्सर उसके सफेद बादलनुमा रंगरूप से पहचाना जाता हैं, क्योंकि पदार्थ एक साथ एकीकृत तरीके से मिश्रित नहीं होते हैं। थोड़े समय बाद, मिश्रित पदार्थ विभिन्न ढंग से अलग-अलग परतों में अलग हो जाते हैं। इसे पायस की अस्थिरता कहा जाता है। पायस में अस्थिरता के चार अलग-अलग प्रकार हैं:
क्या है पायसीकरण ?पायस बनाने की प्रक्रिया को पायसीकरण के रूप में जाना जाता है। दोनों तरल पदार्थों का मिश्रण जोर-जोर से हिलाकर पायस प्राप्त किया जा सकता है। लेकिन ये पायस तापगतिकी रूप से अस्थिर होते हैं क्योंकि विसरित बूंदें एकाएक एक साथ आती हैं और अलग-अलग परतें बनाती हैं । इसलिए पायस को स्थिर करने की आवश्यंकता होती है।
पायस को स्थिर
पायसीकारी कहलाने वाला पायसीकारक एजेंट वह पदार्थ होता है जो दो अमिश्रणीय तरल पदार्थों के बीच अंतरापृष्ठीय तनाव को कम करके पायस को स्थिर बनाता है। इसे स्थिरकारी भी कहा जाता है क्योंकि यह पायस को स्थिर बनाता है। साबुन और डिटर्जेंट सबसे अधिक प्रयोग किए जाने वाले पायसीकारी हैं। ये पायस की बूंदों पर परत बनाते हैं और उन्हें एक साथ आने से रोकते हैं और पायस को स्थिर बनाते हैं।
उदाहरण के लिए, साबुन के अणुओं का ध्रुवीय सिर और गैर ध्रुवीय हाइड्रोकार्बन पुच्छ होता है। ध्रुवीय सिर प्रकृति में हाइड्रोफिलिक (जलप्रेमी) होता है और गैर ध्रुवीय पूंछ प्रकृति में हाइड्रोफोबिक (तेलप्रेमी) होती है। जब साबुन का विलयन तेल-में-पानी के पायस में मिलाया जाता है, तो ध्रुवीय सिर पानी वाले चरण में घुल जाता है और गैर ध्रुवीय पूंछ तेल की बूंदों में घुल जाती है जिससे पायस का स्थिरीकरण होता है।
अंतर्निहित अस्थिरता
इंप्लाइड वोलैटिलिटी एक मीट्रिक को संदर्भित करता है जो कि के दृश्य को कैप्चर करता हैमंडी एक विशिष्ट सुरक्षा की कीमत में संभावित परिवर्तनों की। निवेशक आमतौर पर आपूर्ति और मांग के साथ-साथ भविष्य की रणनीतियों की योजना बनाने के लिए इस मीट्रिक का उपयोग करते हैं। अक्सर, इसका उपयोग मूल्य विकल्प अनुबंधों में निहित अस्थिरता को नियोजित करने के लिए भी किया जाता है।
जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है, निहित अस्थिरता एक ऐसा मीट्रिक है जिसका उपयोग निवेशक सुरक्षा की कीमत की भविष्य की अस्थिरता का मूल्यांकन अस्थिरता के दो प्रकार हैं करने के लिए करते हैं।आधार विशिष्ट प्रत्याशित पहलुओं की। निहित अस्थिरता को सिग्मा के प्रतीक द्वारा परिभाषित किया जा सकता है और इसे बाजार में जोखिम के प्रॉक्सी के रूप में माना जा सकता है।
इंप्लाइड वोलैटिलिटी की व्याख्या
आमतौर पर, यह एक निश्चित समय सीमा में मानक विचलन और प्रतिशत का उपयोग करके व्यक्त किया जाता है। जब शेयर बाजार में निहित अस्थिरता लागू होती है, तो यह आम तौर पर एक तेजी से बाजार में घट जाती है, और निवेशकों को लगता है कि इक्विटी की कीमतें समय के साथ बढ़ जाएंगी।
और, मंदी के बाजारों में IV बढ़ता है, जहां निवेशकों को उम्मीद है कि समय के साथ कीमतों में कमी आएगी। मंदी के बाजारों को एक तरह से अवांछनीय माना जाता है; इस प्रकार, बहुत सारे इक्विटी निवेशकों के लिए जोखिम भरा। निहित अस्थिरता का उपयोग उस दिशा का अनुमान लगाने के लिए नहीं किया जा सकता है जहां कीमत बढ़ेगी।
उदाहरण के लिए, उच्च अस्थिरता का मतलब है कि कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव है। हालाँकि, यह नीचे की ओर झूल सकता है, बहुत नीचे, ऊपर की ओर, बहुत ऊँचा या यहाँ तक कि दो अलग-अलग दिशाओं के बीच उतार-चढ़ाव भी कर सकता है। दूसरी ओर, कम अस्थिरता का मतलब है कि कीमत अप्रत्याशित, भारी बदलाव नहीं करेगी।
निहित अस्थिरता का उपयोग करने के लाभ और कमियां
जब बाजार की भावनाओं को मापने की बात आती है तो निहित अस्थिरता एक आवश्यक अवधारणा है। यह उस आंदोलन के आकार का मूल्यांकन करता है जो एक परिसंपत्ति को लेने की संभावना है। लेकिन यह आंदोलन की दिशा को नहीं दर्शाता है।
विकल्प लेखक गणनाओं का उपयोग करते हैं, जैसे मूल्य विकल्प अनुबंधों में निहित अस्थिरता, और उसी का आकलन करने के लिए और भी बहुत कुछ। इस पद्धति का उपयोग करने के कुछ फायदे और नुकसान नीचे दिए गए हैं:
- बाजार की अनिश्चितता और भावना को मापता है
- विकल्प मूल्य निर्धारित करने में सहायता करता है
- ट्रेडिंग रणनीति को समझता है
- केवल कीमतों के आधार पर और बुनियादी अवधारणाओं के आधार पर नहीं
- अप्रत्याशित समाचारों, घटनाओं और कारकों के प्रति संवेदनशील
- केवल आंदोलन की भविष्यवाणी करता है
सीबीओई और वीआईएक्स
निहित अस्थिरता का मूल्यांकन करने के लिए निवेशक और व्यापारी चार्ट का उपयोग करते हैं। ऐसा करने के लिए विशेष उपकरणों में से एक शिकागो बोर्ड विकल्प एक्सचेंज (सीबीओई) अस्थिरता सूचकांक (वीआईएक्स) है। इसे सीबीओई द्वारा विकसित किया गया था, और वीआईसी एक वास्तविक समय हैबाजार सूचकांक.
यह इंडेक्स महीने के दौरान उतार-चढ़ाव की उम्मीदों को सामने रखने के लिए नियर-द-मनी S&P 500 और नियर-डेटेड इंडेक्स ऑप्शंस के मूल्य डेटा का उपयोग करता है।