डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर?

– होलसेल (CBDC-W): इसे सिर्फ चुनिंदा फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस के लिए डिजाइन किया गया है.
InfoHindiHub.in
What's the difference between digital currency and cryptocurrency: हम सबने Digital Currency और Crypto currency के बारे में सुना ही होगा। लकिन क्या हम इन दोनों में फरक जानते है. क्या हैं जानते है के | Digital Currency Or Cryptocurrency me kya farak hai |? आज इस article के माध्यम से हम आप को इन दोनों करेंसी में अंतर समझायेंगे। इस नए युग में सब कुछ डिजिटल होता जा रहा है. सबसे पहले यह समझते है की डिजिटल का क्या अर्थ है.
Digital का अर्थ होता है अगर हम कोई भी काम एक electronic system डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? दुवारा करते है. तो उसे डिजिटल सिस्टम करते है. जैसे मान ली जिए की हम कोई भी सामान खरीदते है तो और उस की पेमेंट Paytm से कर देते है तो इसे हम पेमेंट का एक डिजिटल रूप कह सकते है. यह एक digital payment system है. इसी तरह हमारे करेंसी भी डिजिटल होती जा रही है. इस के अलावा UPI भी एक डिजिटल पेमेंट सिस्टम है.
डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में क्या अंतर है? | What is the difference between cryptocurrency and digital currency?
Digital Currency और Cryptocurrency में जो अंतर है उस को समझना थोड़ा मुश्किल है. लकिन हम इसे बहुत आसानी से समझने की कोशिश करेंगे।
- Digital Currency या Cryptocurrency को रखने के लिए एक डिजिटल वॉलेट की ज़रुरत होती है.
- Digital Currency एक इलेक्ट्रॉनिक रूप है हमारे अपने देश के करेंसी का जैसे हम नोट का इस्तिमाल करते है इसे की डिजिटल रूप को हम Digital Currency कहते है. इसे हम जब भी चाहे कॅश में बदल सकते है. जबकी Cryptocurrency एक दुसरी करेंसी है. जो किसे भी देश की करेंसी नही है. मार्किट में बहुत सरे क्रिप्टो करेंसी है. जैसे बिटकॉइन, डोज कॉइन, शीबा इननू, एथेरुम और भी बहुत सरे cryptocurrency है.
- Digital Currency को उस देश के सरकार द्वारा नियंत्रण में रखा जाता है. सरकार इस के लिए एक बड़ी संस्था बनती है जिस से इस में होने वाले हर गतिविधि पर नज़र रखी जाती है. जबकि Cryptocurrency में किसे सरकार का कोई निरंतरण नही है. अगर आप की डिजिटल वॉलेट डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? से आप की Cryptocurrency गायब हो जय तो आप किसे को complain नही कर सकते है.
- Digital Currency बहुत ज़्यादा सुरक्षित है जबकि Cryptocurrency में सुरक्षा बहुत काम है. आप का Cryptocurrency का अकाउंट अगर हैक हो जाए तो आप कुछ भी नही कर सकते।
- Digital Currency में अधिक बदलाव नही होते। Digital Currency बहुत ज़ादा ऊपर नीचे नही होते है. लकिन cryptocurrency एक volatile करेंसी है. Volatile का मतलब है अचानक और अप्रत्याशित रूप से बदल जाना। कभी कभी cryptocurrency में बहुत ज़ादा तेज़ी या गिरावट आ सकती है. इसे लिए हमे cryptocurrency में बहुत सोच समझ कर निवेश करना चाहिए।
- Digital Currency में Transparency और Security बहुत जादा है. हम जो भी ट्रांसक्शन करते है. वो हमारे और जिस को पैसा ट्रांसफर किया है उसे की बीच रहता है. इस के अलावा Cryptocurrency में भी हम जो भी ट्रांसक्शन करते है वोह हमारे और जिस के साथ हम ने transaction किया है उसे के बेच रहती है.
- Digital Currency एक centralized system पर काम करता है। हमारे हर एक transaction की जानकारी सरकार के पास होती है जबकी Cryptocurrency एक decentralized system है. और इस में किसे का कोई भी कण्ट्रोल नही है.
- Digital Currency डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? में आप को हर एक ट्रांसक्शन पर कुछ फीस देने पड़ सकती है. लकिन Cryptocurrency में ऐसा नही होता है. Cryptocurrency ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी पर काम करती है. और इस में आप को कोई डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? एक्स्ट्रा फीस नही देनी होती है.
Cryptocurrency से आरबीआई की Digital Currency अलग कैसे? किसमें निवेश फायदेमंद, कौन डुबाएगा लुटिया
Edited By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Published on: November 06, 2022 19:38 IST
Photo:डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? INDIA TV Cryptocurrency से आरबीआई की Digital Currency अलग कैसे?
Cryptocurrency vs Digital Currency: क्रिप्टोकरेंसी और केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) दोनों ने पूरे भारत में लाखों लोगों का ध्यान आकर्षित किया डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? है। डिजिटल एसेट्स के रूप में सामान्य स्थिति के बावजूद दोनों में काफी अंतर है। पूर्व वित्त सचिव एससी गर्ग का मानना है कि सीबीडीसी डीमैटरियलाइज्ड बैंक नोट की तरह होता है, और उसका क्रिप्टोकरेंसी से कोई लेना-देना नहीं है।
सीबीडीसी डिजिटल कॉइन क्रिप्टो का भविष्य
क्रिप्टोकरेंसी को दुनिया मुद्रा के रूप में स्वीकार नहीं कर सकती है। हालांकि, सीबीडीसी जैसे रेगुलेटेड डिजिटल कॉइन क्रिप्टो का भविष्य हो सकते हैं। मैकिन्से ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में स्टेबल कॉइन के प्रचलन में तेजी से डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? वृद्धि के साथ केंद्रीय बैंकों ने अपनी स्टेबल डिजिटल करेंसी का पता लगाने के प्रयास तेज कर दिए हैं।
सीबीडीसी या भारतीय ई-रुपया आरबीआई द्वारा जारी किया गया एक डिजिटल टोकन है और यह देश की फिएट करेंसी से जुड़ा हुआ है। ब्लॉकचैन विशेषज्ञों के एक समूह ब्लॉकचैन काउंसिल का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी के विकास ने कैशलेस सोसाइटी और डिजिटल करेंसी में रुचि बढ़ा दी है, जिसके चलते दुनिया भर की सरकारें और केंद्रीय बैंक सरकार समर्थित डिजिटल करेंसी के डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? उपयोग पर विचार कर रहे हैं।
सीबीडीसी के ये हैं बड़े फायदे
सीबीडीसी का प्राथमिक उद्देश्य कंपनियों और उपभोक्ताओं को गोपनीयता, हस्तांतरणीयता, सुगमता और वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है। काउंसिल का कहना है, सीबीडीसी एक जटिल वित्तीय प्रणाली के लिए आवश्यक रखरखाव को भी कम करता है, सीमा पार लेनदेन लागत में कटौती करता है और उन लोगों को कम लागत वाले विकल्प देता है जो अब दूसरे धन हस्तांतरण विधियों का उपयोग करते हैं।
केंद्रीय बैंकों द्वारा जारी डिजिटल करेंसी अपने मौजूदा स्वरूप में डिजिटल मुद्राओं के उपयोग से जुड़े खतरों को भी कम करती है। दूसरी ओर क्रिप्टोकरेंसी बहुत अस्थिर है, उनका मूल्य हर समय बदलता रहता है। उपयोग के मामलों के संदर्भ में क्रिप्टोकरेंसी को संपत्ति और डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? मुद्रा दोनों के रूप में वगीर्कृत किया जाता है। क्रिप्टोकरेंसी के प्राइस पर अटकलें लगाने के लिए व्यक्ति निवेश बाजारों में हिस्सा ले सकता है। वे खुद को मुद्रास्फीति और आर्थिक अस्थिरता से बचाने के लिए बिटकॉइन जैसी विशेष परियोजनाओं का भी उपयोग कर सकते हैं।
क्रिप्टोकरेंसी से बिलकुल अलग है आरबीआई की डिजिटल करेंसी, जानिए दोनों के बीच का मुख्य अंतर और खासियत
Representations of cryptocurrency Bitcoin are seen in this picture illustration taken June 7, 2021. REUTERS/Edgar Su/Illustration
भारत को जल्द ही अपनी डिजिटल करेंसी मिलने वाली है। इसको लेकर भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई ने अपनी योजना का खुलासा किया है। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी रबि शंकर ने गुरुवार को कहा कि रिजर्व बैंक फेसवाइज तरीके से डिजिटल करेंसी पेश करने की योजना बना रहा है। सबसे पहले डिजिटल करेंसी को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लॉन्च किया जाएगा।
क्रिप्टोकरेंसी से कैसे अलग
डिजिटल करेंसी (Digital Currency) और क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में काफी अंतर है. इसलिए दोनों में कन्फ्यूज न हों. सबसे बड़ा अंतर यह है कि डिजिटल करेंसी को उस देश की सरकार की मान्यता हासिल होती है, जिस देश का केंद्रीय बैंक इसे जारी करता है. डिजिटल रुपये को केंद्रीय बैंक द्वारा विनियमित किया जाता है. इसलिए इसमें जोखिम डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? नहीं होता है. वहीं क्रिप्टोकरेंसी एक मुक्त डिजिटल एसेट या वर्चुअल एसेट है. यह किसी देश या क्षेत्र की सरकार के अधिकार क्षेत्र या कंट्रोल में नहीं है. बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी डिसेंट्रलाइज्ड है और किसी सरकार या सरकारी संस्था से संबंध नहीं है.
RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? है कि डिजिटल रुपये (खुदरा खंड) (e₹-R) का पहला पायलट परीक्षण नवंबर माह के आखिर में शुरू करने की योजना है. आरबीआई की डिजिटल मुद्रा में सौदों का निपटान करने से निपटान लागत में कमी आने की संभावना है. डिजिटल रुपये (थोक खंड) के पहले पायलट परीक्षण में हिस्सा लेने के लिए SBI, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, HDFC बैंक, ICICI बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, IDFC फर्स्ट बैंक और HSBC को चुना गया है.
Cryptocurrency से आरबीआई की Digital Currency अलग कैसे? किसमें निवेश फायदेमंद, कौन डुबाएगा लुटिया
Edited By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Published on: November 06, 2022 19:38 IST
Photo:INDIA TV Cryptocurrency से आरबीआई की Digital Currency अलग कैसे?
Cryptocurrency vs Digital Currency: क्रिप्टोकरेंसी और केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) दोनों ने पूरे भारत में लाखों लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। डिजिटल एसेट्स के रूप में सामान्य स्थिति के बावजूद दोनों में काफी अंतर है। पूर्व वित्त सचिव एससी गर्ग का मानना है कि सीबीडीसी डीमैटरियलाइज्ड बैंक नोट की तरह होता है, और उसका क्रिप्टोकरेंसी से कोई लेना-देना नहीं है।
सीबीडीसी डिजिटल कॉइन क्रिप्टो का भविष्य
क्रिप्टोकरेंसी को दुनिया मुद्रा के रूप में स्वीकार नहीं कर सकती है। हालांकि, सीबीडीसी जैसे रेगुलेटेड डिजिटल कॉइन क्रिप्टो का भविष्य हो सकते हैं। मैकिन्से ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में स्टेबल कॉइन के प्रचलन में तेजी से वृद्धि के साथ केंद्रीय बैंकों ने अपनी स्टेबल डिजिटल करेंसी का पता लगाने के प्रयास तेज कर दिए हैं।
सीबीडीसी या भारतीय ई-रुपया आरबीआई द्वारा जारी किया गया एक डिजिटल टोकन है और यह देश की फिएट करेंसी से जुड़ा हुआ है। ब्लॉकचैन विशेषज्ञों के एक समूह ब्लॉकचैन काउंसिल का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी के विकास ने कैशलेस सोसाइटी और डिजिटल करेंसी में रुचि बढ़ा दी है, जिसके चलते दुनिया भर की सरकारें और केंद्रीय बैंक सरकार समर्थित डिजिटल करेंसी के उपयोग पर विचार कर रहे हैं।
सीबीडीसी के ये हैं बड़े फायदे
सीबीडीसी का प्राथमिक उद्देश्य कंपनियों और उपभोक्ताओं को गोपनीयता, हस्तांतरणीयता, सुगमता और वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है। काउंसिल का कहना है, सीबीडीसी एक जटिल वित्तीय प्रणाली के लिए आवश्यक रखरखाव को भी कम करता है, सीमा पार लेनदेन लागत में कटौती करता है और उन लोगों को कम लागत वाले विकल्प देता है जो अब दूसरे धन हस्तांतरण विधियों का उपयोग करते हैं।
केंद्रीय बैंकों द्वारा जारी डिजिटल करेंसी अपने मौजूदा स्वरूप में डिजिटल मुद्राओं के उपयोग से जुड़े खतरों को भी कम करती है। दूसरी ओर क्रिप्टोकरेंसी बहुत अस्थिर है, उनका मूल्य हर समय बदलता रहता है। उपयोग के मामलों के संदर्भ में क्रिप्टोकरेंसी को संपत्ति और मुद्रा दोनों के रूप में वगीर्कृत किया जाता है। क्रिप्टोकरेंसी के प्राइस पर अटकलें लगाने के लिए व्यक्ति निवेश बाजारों में हिस्सा ले सकता है। वे खुद को मुद्रास्फीति और आर्थिक अस्थिरता से बचाने के लिए बिटकॉइन जैसी विशेष परियोजनाओं का भी उपयोग कर सकते हैं।