निवेश करने का परिचय

बिटकॉइन किस देश की करेंसी है

बिटकॉइन किस देश की करेंसी है
एलन मस्‍क ने अपनी ट्वि‍टर प्राेेफाइल पिक चेंज होने के बाद डोगेक्‍वाइन की कीमत में 10 फीसदी का इजाफा देखने को मिल रहा है। ( Source : Elon Musk Twitter Handle )

बिटकॉइन का मालिक कौन है? | Bitcoin Cryptocurrency Ka Malik Kaun Hai

बिटकॉइन का मालिक कौन है? | Bitcoin Cryptocurrency Ka Malik Kaun Hai | cryptocurrency ka malik kaun hai: – Bitcoin के मालिक Satoshi Nakamoto है जो जापान के रहने वाले है इन्होंने इसकी शुरुआत 9 जनवरी 2009 को एक डिजिटल करेंसी बिटकॉइन के रूप में की थी. इनका जन्म 5 अप्रैल 1975 को जापान में हुआ था बिटकॉइन किस देश की करेंसी है इसका सिंबल ₿ है और इसे BTC के नाम से भी पुकारा जाता है.

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Cryptocurrency kya hai | Cryptocurrency kya hoti hai

क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एक डिजिटल करेंसी होती है. इसका कोई रेगुलेटर नहीं है और अभी तक किसी देश में इसे कोई कंट्रोल नहीं करता. साल 2009 में शुरू होने के बाद अलग-अलग क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में हैं, लेकिन पिछले कुछ समय से इनकी कीमतों में बड़ी तेजी देखने को मिली है.

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आसान भाषा में कहें तो क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एक डिजिटल कैश (Digital Money) प्रणाली है, जो कम्प्यूटर एल्गोरिदम पर बनी है. यह सिर्फ डिजिट के रूप में ऑनलाइन रहती है. इस पर किसी भी देश या सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है

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क्रिप्टोकरेंसी आज के समय में हर दूसरे एसेट क्लास से बेहतर प्रदर्शन करने में कामयाब रहा है. इस एसेट क्लास ने निवेशकों को उनकी उम्मीद से कहीं बेहतर रिटर्न दिया है. यह पूरी तरह से डिजिटल है, इसका मतलब है कि निवेशकों को सोने की तरह इसके भंडारण को लेकर परेशान होने की जरूरत नहीं है.

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बीते महीने आरबीआई और वित्त मंत्रालय कह चुका है कि वे भारत की डिजिटल करेंसी और उसके के लिए क़ानून बनाने पर विचार करेंगे. लेकिन भारत की ख़ुद की डिजिटल करेंसी लाना आसान है.

नए जमाने के

TV9 Bharatvarsh | Edited By: अंकित त्यागी

Updated on: Apr 12, 2021 | 8:13 PM

पिछले महीने आरबीआई ने फिर एक बार दोहराया था कि वो खुद की क्रिप्टो करेंसी लाने जा रहे है. अभी इसके चलन को लेकर ऑप्शन पर काम जारी है. हालांकि, सरकार पिछले कुछ महीनों से क्रिप्टोकरंसी के खिलाफ कार्रवाई की योजना बना रही है. अगर नया विधेयक कानून का रूप लेता है तो यह निवेशकों के लिए चिंता का विषय होगा. अगर ऐसा होता है तो भारत क्रिप्टोकरेंसी को अवैध बनाने वाली पहली बड़ी अर्थव्यवस्था होगी. यहां तक ​​कि चीन में भी इसे लेकर सजा का प्रावधान नहीं है. भारत में 70 लाख से अधिक लोगों ने क्रिप्टोकरंसी में 100 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है.

सबसे पहले जानते हैं क्रिप्टोकरेंसी के बारे में…

डिजिटल या क्रिप्टो करेंसी इंटरनेट पर चलने वाली एक वर्चुअल करेंसी हैं. बिटकॉइन के अलावा दुनिया में सैकड़ों अन्य क्रिप्टो करेंसी भी मौजूद हैं जैसे- रेड कॉइन, सिया कॉइन, सिस्कॉइन, वॉइस कॉइन और मोनरो.

बिटकॉइन (Bitcoin) भी क्रिप्टोकरेंसी है. इसे सातोशी नकामोति ने 2008 में बनाया था. हालांकि आजतक यह नहीं पता चल पाया है कि सातोशी नकामोति कौन है.

इसे पहली बार 2009 में ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के रूप में जारी किया गया था. इसको कोई बैंक या सरकार कंट्रोल नहीं करती है.

भारत में रिजर्व बैंक ने इसे मान्यता नहीं दी है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने वर्चुअल करेंसी के माध्यम से क्रिप्टोकरेंसी में लेन देन की इजाज़त दे दी है. यानी भारत में भी बिटकॉइन की खरीद-फरोख्त हो सकती है.

क्रिप्टोकरेंसी का मुनाफा काफ़ी अधिक होता है, ऑनलाइन खरीदारी से लेन-देन आसान होता है. क्रिप्टो करेंसी के लिए कोई नियामक संस्था नहीं है, इसलिए नोटबंदी या करेंसी के अवमूल्यन जैसी स्थितियों का इस पर कोई असर नहीं पड़ता.

साल 2009 में जब बिटकॉइन को लांच किया गया था तब उसकी वैल्यू 0 डॉलर थी. 2010 में भी इसकी वैल्यू 1 डॉलर तक नहीं पहुंची. लेकिन आज एक बिटकॉइन का रेट करीब 45 लाख रुपये के करीब है.

अब क्या कर रहा है RBI

इसको लेकर कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं है कि कितने भारतीयों के पास क्रिप्टो करेंसी है या कितने लोग इसमें व्यापार करते हैं लेकिन कई मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि करोड़ों लोग डिजिटल करेंसी में निवेश कर रहे हैं और महामारी के दौरान इसमें बढ़ोतरी हुई है.

बीते महीने आरबीआई और वित्त मंत्रालय कह चुका है कि वे भारत की खुद की डिजिटल करेंसी और उसके के लिए कानून बनाने पर विचार करेंगे. लेकिन भारत की खुद की डिजिटल करेंसी लाना आसान है.

सरकार केवल किसी प्रकार के लेन-देन को एक लीगल टेंडर का दर्जा देगी जो कि भारत की भारी जनसंख्या इस्तेमाल कर सकती है.

हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि डिजिटल लीगल टेंडर (मान्याता देना) को जारी करना चुनौतीपूर्ण है. अगर आसान शब्दों में कहें तो आम लोगों तक इसे पहुंचाना एक बड़ा टास्क होगा.

एक्सपर्ट्स बताते हैं कि कानून बनाना आसान नहीं होगा. भारत में इसको लेकर कई चुनौतियां है. यहां पर सबसे बड़ा सवाल ये उठता है क्या ये आम चलन में इस्तेमाल होगी. क्या ये डिजिटल लीगल टेंडर होंगे या इनका आम जनता भी इस्तेमाल कर सकेगी.

इसके अलावा देश के बैंकिंग सिस्टम के सामने मनी लॉन्ड्रिंग टाटा प्रोटेक्शन जैसे कई मामले खड़े हो जाएंगे. लेकिन कोरोना काल में भारत में तेजी से डिजिटल अर्थव्यवस्था बढ़ी है. इसीलिए इसको लेकर उम्मीदें बढ़ रही है.

RBI ने इन चीज़ों को लेकर जताई चिंता

आरबीआई ने हाल में कहा था कि किसी देश की करेंसी उसका सोवरन राइट है और यह किसी एक व्यक्ति के साथ नहीं जोड़ा जा सकता. अब तक इस तरह के इंस्ट्रूमेंट को कानूनी जामा पहुंचा पहनाने की कोशिश सफल नहीं हो पाई है.

इसीलिए RBI ने केंद्र सरकार को सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं से भी अवगत कराया है. आरबीआई ने कहा है कि क्रिप्टो करेंसी को देश में इजाजत देने की वजह से मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग को बढ़ावा मिल सकता है.

क्रिप्टो करेंसी के ट्रांजैक्शन में लेन-देन करने वाले के नाम का पता नहीं लगता, इसलिए इसका उद्देश्य देश विरोधी गतिविधियों के लिए किया जा सकता है.

हाल में एक इंटरव्यु में आरबीआई के अधिकारी ने कहा था कि इसमें बहुत सारे कोड हैं और बहुत से ट्रांजैक्शन होते हैं, इसमें सोर्स का पता लगाना बहुत मुश्किल है क्योंकि इस तरह के इंस्ट्रूमेंट का नेचर बहुत जटिल होता है.

आरबीआई के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय चलन के अनुसार इस तरह के ट्रांजैक्शन की रिपोर्टिंग में काफी मुश्किलें आ सकती हैं. वास्तव में क्रिप्टोकरेंसी में लाभ पाने वाले बिटकॉइन किस देश की करेंसी है की पहचान करना और ट्रांजैक्शन को ट्रैक करना बहुत मुश्किल काम है.

आइए जानें सरकार का क्या कहना है?

वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने संसद में बताया कि बिटकॉइन, सहित सभी क्रिप्टोकरेंसी के साथ जुड़े जोखिमों को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ने 6 अप्रैल , 2018 को एक परिपत्र के माध्यम से देश की सभी संस्थाओं को सलाह दी है कि क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े कोई भी काम नहीं करें.

लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने दिनांक 04 मार्च , 2020 को अपने एक फैसले में 2018 के डब्ल्यूपी ( सी ) सं . 528 और 2018 के डब्ल्यूपी ( सी ) सं . 373 में दिनांक 06 अप्रैल , 2018 के उपर्युक्त परिपत्र को खारिज कर दिया है.

उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2018-19 के बजट भाषण में यह घोषणा की गई कि सरकार क्रिप्टो करेंसियों को वैध मुद्रा या सिक्का नहीं मानती और इन क्रिप्टो के उपयोग को समाप्त करने के लिए सरकार सभी उपाय करेगी.

सरकार डिजिटल अर्थव्यवस्था में प्रवेश करने हेतु ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी का सक्रिय रूप से उपयोग करके उसका पता लगाएगी.

अब क्या है सरकार की तैयारी

क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित मुद्दों का अध्ययन करने को लेकर केंद्र सरकार ने एक कमेटी बनाई है. देश में अभी प्रचलित सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया जाएगा. सिर्फ सरकार के पास ही इसे चलाने का अधिकार होगा.

इसको लेकर विशिष्ट कार्रवाई करने के प्रस्ताव के लिए सचिव ( आर्थिक कार्य ) की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय स्तरीय समिति का गठन किया गया है.

Cryptocurrency: भारत में लाने की तैयारी, चीन ने किया सभी क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन को अवैध घोषित

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कह चुकी हैं कि वह क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े विधेयक को लेकर मंत्रिमंडल की मंजूरी का इंतजार कर रही हैं। प्रस्तावित विधेयक उसके सामने है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: September 24, 2021 17:45 IST

China declares all cryptocurrency transactions illegal- India TV Hindi

Photo:PIXABAY

China declares all cryptocurrency transactions illegal

बीजिंग/नई दिल्‍ली। एक ओर जहां भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) भारत में डिजिटज करेंसी मॉडल लाने की तैयारियों में जुटा है, वहीं दूसरी ओर चीन के केंद्रीय बैंक ने शुक्रवार को बिटकॉइन सहित अन्‍य वर्चुअल करेंसी में किए गए सभी लेनदेन को अवैध घोषित कर दिया है। चीन ने अनाधिकृत डिजिटल मनी के उपयोग को हतोत्‍साहित करने के लिए यह कदम उठाया है। 2013 में चीनी बैंकों द्वारा क्रिप्‍टोकरेंसी को संभालने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, लेकिन सरकार ने इस साल फ‍िर रिमाइंडर जारी किया। जो दर्शाता है कि सरकार की चिंता के बावजूद देश में क्रिप्‍टोकरेंसी की माइनिंग और ट्रेडिंग चोरी-छिपे चल रही है या सार्वजनिक वित्‍तीय प्रणाली के लिए परोक्ष रूप से जोखिम हो सकता है।

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शुक्रवार को जारी नोटिस में कहा गया है कि बिटकॉइन, एथेरियम और अन्‍य डिजिटल मुद्राएं वित्‍तीय प्रणाली में बाधा खड़ी कर रही हैं और इनका मनी-लॉन्ड्रिंग और अन्‍य अपराधों में उपयोग किया जा रहा है। पीपुल्‍स बैंक ऑफ चाइना ने अपनी वेबसाइट पर कहा है कि वर्चुअल करेंसी डेरीवेटिव ट्रांजैक्‍शन सभी अवैध वित्‍तीय गतिविधियां हैं और इन पर सख्‍त प्रतिबंध है। क्रिप्‍टोकरेंसी के प्रवर्तक कते हैं कि वे गोपनीयता और लचीलेपन की अनुमति देते हैं, लेकिन चीनी नियामकों को चिंता है कि वे वित्‍तीय प्रणाली पर सत्‍तारूढ़ कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के नियंत्रण को कमजोर कर सकते हैं और आपराधिक गतिविधियों में मदद कर सकते हैं।

पीपुल्‍स बैंक ऑफ चाइना देश की आधिकारिक मुद्रा युआन के इलेक्‍ट्रॉनिक वर्जन को विकसित कर रही है, ताकि कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा दिया जा सके और इसपर बीजिंग द्वारा निगरानी व नियंत्रण रखा जा सके।

इस साल के अंत तक डिजिटज करेंसी मॉडल ला सकता है आरबीआई

भारतीय रिजर्व बैंक इस साल के अंत तक डिजिटल करेंसी का मॉडल ला सकता है। केंद्रीय बैंक के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर ने कहा कि केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी पेश करने की संभावनाओं का आकलन कर रहा है। वह इसके विभिन्न पहलुओं मसलन दायरे, प्रौद्योगिकी, वितरण तंत्र तथा अनुमोदन की व्यवस्था पर गौर कर रहा है। इससे पहले शंकर ने 22 जुलाई को कहा था कि भारत भी चरणबद्ध तरीके से डिजिटल मुद्रा पर विचार कर रहा है। यह इसके लिए सही समय है।

शंकर ने कहा हम निकट भविष्य, संभवत: इस साल के अंत तक इसका मॉडल ला सकते हैं। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने स्पष्ट किया कि केंद्रीय बैंक निजी डिजिटल मुद्रा को लेकर लगातार बिटकॉइन किस देश की करेंसी है चिंतित है और उसने इस बारे में सरकार को अवगत करा दिया है।

क्रिप्टोकरेंसी विधेयक पर मंत्रिमंडल की मंजूरी का इंतजार

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कह चुकी हैं कि वह क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े विधेयक को लेकर मंत्रिमंडल की मंजूरी का इंतजार कर रही हैं। प्रस्तावित विधेयक उसके सामने है। डिजिटल मुद्राओं से जुड़े मुद्दों का अध्ययन करने और विशिष्ट कार्यों का प्रस्ताव पेश करने के लिए आर्थिक मामलों के सचिव की अध्यक्षता में गठित क्रिप्टोकरेंसी संबंधित अंतर-मंत्रालयी पैनल ने अपनी रिपोर्ट पहले ही जमा कर दी है।

रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि भारत में सरकार द्वारा जारी किसी भी डिजिटल मुद्रा को छोड़कर, अन्य सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित कर दिया जाए। वित्त मंत्री ने कहा क्रिप्टोकरेंसी (विधेयक) पर मंत्रिमंडल का नोट तैयार है। मैं मंत्रिमंडल से इसे मंजूरी देने का इंतजार कर रही हूं।

इस लिस्‍ट में है एलन मस्‍क की फेवरेट क्रिप्‍टोकरेंसी का नाम, जिनके दाम हैं 100 रुपए से कम

जब से सुप्रीम कोर्ट ने क्रि‍प्‍टोकरेंसी में निवेश से बैन को हटाया है तब से देश में वर्चुअल कॉइन में निवेश करने वालों की संख्‍या में इजाफा हुआ है। जहां बिटकॉइन और इथेरियम की कीमतें भारतीय रुपए के अनुसार लाखों रुपए में है। कुछ करेंसी ऐसी भी हैं जो 100 रुपए से कम है।

इस लिस्‍ट में है एलन मस्‍क की फेवरेट क्रिप्‍टोकरेंसी का नाम, जिनके दाम हैं 100 रुपए से कम

एलन मस्‍क ने अपनी ट्वि‍टर प्राेेफाइल पिक चेंज होने के बाद डोगेक्‍वाइन की कीमत में 10 फीसदी का इजाफा देखने को मिल रहा है। ( Source : Elon Musk Twitter Handle )

स्‍टॉक, गोल्‍ड के साथ-साथ अब भारतीय निवेशकों का ध्‍यान अब वर्चुअल करेंसी की ओर भी है। भारतीयों की सबसे पसंदीदा करेंसी ब‍िटकॉइन है। जिसकी कीमत आसमान पर है। खास बात ये है कि आप बिटकॉइन या दूसरी महंगे कॉइन में कितना ही निवेश कर सकते हैं। यह जरूरी नहीं कि एक कॉइन के बराबर ही आपको निवेश करना है। वैसे आज देश और दुनिया में कई वर्चुअल करेंसी सामने आ चुकी हैं। कुछ तो ऐसी हैं जि‍नके दाम भारतीय रुपए के मुकाबले 100 रुपए से कम है।

ऐसे में भारतीय निवेशकों के लिहाज से सोचा जाए तो ऐसी कम कीमत की करेंसी में निवेश कर अच्‍छे रिटर्न की उम्‍मीद की जा सकती है। भारतीय क्रिप्‍टो एक्‍सचेंज वजीरएक्‍स को स्‍टडी करने के बाद पता चला कि कई ऐसी करेंसी हैं जिनके दाम 100 रुपए से कम है। साथ ह‍ी जिनमें रिटर्न की काफी गुंजाइश है। आइए आपको भी बताते हैं कि इन वर्चुअल करेंसी के बारे में।

इस लिस्‍ट में मस्‍क की फेवरेट क्रिप्‍टोकरेंसी
वजीरएक्‍स एक्‍सचेंज के अनुसार देश में ऐसी कई करेंसीज में ट्रेडिंग हो रही है जिनकी कीमत 100 रुपए से कम है। इस लिस्‍ट में एलन मस्‍क की फेवरेट क्रि‍प्‍टोकरेंसी डॉगेकॉइन है। जिसके दाम आज 21.40 रुपए पर हैं। वहीं दूसरी ओर सैंड 80 रुपए पर कारोबार कर रही है। एफटीएम की कीमत करीब 55 रुपए है। सीएचआर 33 रुपए पर कारोबार कर रही है। वहीं कुछ करेंसी की कीमत 10 रुपए से भी कम है। टीआरएक्‍स के दाम 6.88 रुपए पर है। वहीं सीईएलआर की कीमत 3.75 रुपए देखने को मिल रही है। आईओएसटी की कीमत 3.22 रुपए और डीजीबी के दाम 4.99 रुपए पर है।

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क्‍या फायदे मंद हैं यह क्रिप्‍टोकरेंसी
कमोडिटी एंड करेंसी एक्‍सपर्ट अजय केडिया के अनुसार बिटकॉइन और इथेरि‍यम की कीमत ज्‍यादा होने के कारण रिटर्न का रेश्‍यो काफी कम हो गया है। जबकि छोटी और कम कीमत की करेंसी में संभावनाएं काफी ज्‍यादा है। ज्‍यादा से ज्‍यादा लोग इनमें ट्रेडिंग कर रहे हैं। इनकी कीमत में भी इजाफा होने के आसार हैं।

आज बिटकॉइन और इथर के दाम
अगर बात बिटकॉइन की करें तो आज 0.75 फीसदी की गिरावट के साथ 47,259 डॉलर पर कारोबार कर रहा है। जबकि इथेरियम में 5 फीसदी की तेजी देखने को मिल रही है। एक्‍सचेंज से प्राप्‍त आंकड़ों के अनुसार मौजूदा समस में कीमत 3521.70 डॉलर पर है। जबकि कारोबारी सत्र के दौरान 3534.57 डॉलर पर पहुंच गए थे।

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