बिटकॉइन के फायदे क्या है?

Bitcoin-Ether नुकसान में, स्टेबलकॉइंस ने कमाया मुनाफा, जानें कैसा है क्रिप्टो मार्केट का हाल
अंतरराष्ट्रीय एक्सचेंजों पर बिटकॉइन ने थोड़ी बड़ी गिरावट दर्ज की. यह 24,088 डॉलर (लगभग 19 लाख रुपये) पर कारोबार कर रहा था.
3.88 फीसदी के नुकसान के साथ ETH की कीमत वर्तमान में 2,055 डॉलर (लगभग 1.63 लाख रुपये) है.
खास बातें
- शीबा इनु, पॉलीगॉन, यूनिस्वैप, लाइटकॉइन, चेनलिंक को भी नुकसान
- बिनेंस USD, USD कॉइन और टीथर ने कमाया थोड़ा मुनाफा
- डॉजकॉइन, बिनेंस कॉइन और रिपल भी फायदे में
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) की कीमतों में अस्थिरता का दौर जारी है. दुनिया की सबसे पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (Bitcoin) ने मंगलवार को 1.37 फीसदी की गिरावट के साथ कारोबार शुरू किया. भारतीय एक्सचेंज कॉइनस्विच कुबेर के अनुसार बिटकॉइन की कीमत 25,837 डॉलर (लगभग 20 लाख रुपये) है. अंतरराष्ट्रीय एक्सचेंजों पर बिटकॉइन ने थोड़ी बड़ी गिरावट दर्ज की. Binance और CoinMarketCap के अनुसार 3.31 फीसदी की गिरावट के साथ बिटकॉइन 24,088 डॉलर (लगभग 19 लाख रुपये) पर कारोबार कर रहा था.
दुनिया की दूसरी सबसे पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी ईथर (Ether) भी बिटकॉइन की राह पर चलती हुई दिखाई दी. गैजेट्स 360 के क्रिप्टो प्राइस ट्रैकर के अनुसार, 3.88 फीसदी के नुकसान के साथ ETH की कीमत वर्तमान में 2,055 डॉलर (लगभग 1.63 लाख रुपये) है.
शीबा इनु, पॉलीगॉन, यूनिस्वैप, लाइटकॉइन, चेनलिंक और कॉसमॉस को भी नुकसान हुआ है. हालांकि बिनेंस USD, USD कॉइन और टीथर जैसे स्टेबलकॉइन थोड़ा मुनाफा देखने में कामयाब रहे हैं. डॉजकॉइन, बिनेंस कॉइन और रिपल को भी मामूली फायदा हुआ है. CoinMarketCap के अनुसार, ग्लोबल क्रिप्टो मार्केट कैप वर्तमान में 1.14 ट्रिलियन डॉलर बिटकॉइन के फायदे क्या है? है, बिटकॉइन के फायदे क्या है? जो पिछले दिन की तुलना में 3.30 फीसदी कम है.
सोमवार को देश ने 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाया, क्रिप्टो कम्युनिटी के अंदरुनी सूत्रों ने सरकार और देश के लोगों से क्रिप्टोकरेंसी को लेकर दिमाग खुला रखने का अनुरोध किया. गैजेट्स 360 से बात करते हुए Unocoin के पूर्व मुख्य वैज्ञानिक और क्रिप्टो-फोकस्ड फिनटेक फर्म GoSats के मौजूदा प्रमुख रोशन मोहम्मद ने कहा कि वह देश में सकारात्मक नियमों का मसौदा तैयार करने के लिए नियामकों में विश्वास करते हैं.
गौरतलब है कि पिछले कुछ वर्षों में क्रिप्टोकरेंसी का कारोबार तेजी से बढ़ा है. भारत में पिछले वर्ष सात प्रतिशत से अधिक लोगों के पास क्रिप्टोकरेंसी के तौर पर डिजिटल करेंसी थी. संयुक्त राष्ट्र की ट्रेड से जुड़ी संस्था UNCTAD के अनुसार कोरोना महामारी के दौरान विकासशील देशों सहित दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन के फायदे क्या है? का बिटकॉइन के फायदे क्या है? इस्तेमाल बढ़ा है. हालांकि, इस सेगमेंट में टैक्स की चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग जैसी समस्याएं भी हैं.
बीते दिनों UNCTAD ने पिछले वर्ष डिजिटल करेंसीज रखने वाले टॉप 20 देशों का डेटा जारी किया है. इसमें यूक्रेन पहले स्थान पर है. यूक्रेन की लगभग 12.7 प्रतिशत जनसंख्या के पास डिजिटल करेंसी थी. भारत इस लिस्ट में सातवें पायदान पर है. हालांकि, UNCTAD का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसीज एक अस्थिर फाइनेंशियल एसेट है और इससे सामाजिक जोखिमों के साथ ही वित्तीय नुकसान भी हो सकता है.
Digital Rupee क्या देसी Cryptocurrency है या फिर कुछ और? बिटकॉइन से कितना अलग है
Digital Rupee: 1 दिसंबर से RBI बिटकॉइन के फायदे क्या है? डिजिटल रुपया की लॉन्चिंग के साथ करेंसी के एक नए दौर में प्रवेश कर रहा है. बहुत से लोग इसे देसी क्रिप्टोकरेंसी जैसा समझ रहे हैं. आइए जानते हैं डिजिटल रुपया क्रिप्टोकरेंसी से कितना अलग है. पहले ये सेवा देश के चार शहरों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लॉन्च की जा रही है.
अभिषेक मिश्रा
- नई दिल्ली,
- 01 दिसंबर 2022,
- (अपडेटेड 01 दिसंबर 2022, 7:37 PM IST)
RBI का डिजिटल रुपया यानी देश में करेंसी का एक नया दौर शुरू हो चुका है. आज से दिल्ली समेत देश के चार शहरों में आम लोग इसका इस्तेमाल कर सकेंगे. हालांकि, इस डिजिटल करेंसी को लेकर लोग काफी ज्यादा कन्फ्यूज हैं. लोग इसे क्रिप्टोकरेंसी समझ रहे हैं. हालांकि, आप इसे कमोबेश वैसा ही समझ सकते हैं, लेकिन मूल रूप से दोनों में काफी ज्यादा अंतर है.
डिजिटल रुपया का ऐलान इस साल के बजट में किया गया था. गुरुवार यानी 1 दिसंबर को सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC), जिसे डिजिटल रुपया कहा जा रहा है, को पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर लॉन्च किया गया है. पहले फेज में इस प्रोजेक्ट को दिल्ली, मुंबई, बिटकॉइन के फायदे क्या है? बेंगलुरु और भुवनेश्वर में शुरू किया गया है.
इन शहरों में कस्टमर और मर्चेंट्स डिजिटल रुपया का इस्तेमाल कर सकेंगे. दूसरे चरण में इसका विस्तार कई अन्य शहरों में भी किया जाएगा. मगर डिजिटल रुपया है क्या? ये अभी भी बहुत से लोगों के लिए सवाल बना हुआ है. आइए जानते हैं इसका आसान जवाब.
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क्या है डिजिटल रुपया?
इसे आप कैश का डिजिटल वर्जन समझ सकते हैं और इसे शुरुआत में रिटेल ट्रांजेक्शन के लिए पेश किया गया है. इसे खर्च करना ठीक वैसा ही होगा, जैसे आप अपने पर्स से पैसे खर्च करते हैं. हालांकि, ये डिजिटल वॉलेट या UPI से भी काफी अलग है. भविष्य में इसका इस्तेमाल सभी प्राइवेट सेक्टर, नॉन- फाइनेंशियल कस्टमर्स और बिजनसेस द्वारा किया जा सकेगा.
इस सीधा कंट्रोल रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पास होगा. आसान भाषा में कहें तो जिस तरह से आप आज के वक्त में कैश इस्तेमाल करते हैं, ये ठीक वैसा ही रहेगा, लेकिन इसका रूप डिजिटल होगा. e₹-R डिजिटल टोकन के रूप में होगा और इनको आप सिक्कों व नोट की तरह ही कर काम में ले सकेंगे.
यूजर्स डिजिटल रुपया का यूज पार्टिसिपेटिंग बैंक के जरिए कर सकेंगे. इन्हें मोबाइल फोन्स और डिवाइसेस में स्टोर भी किया जा सकेगा. इसका इस्तेमाल पर्सन-टू-पर्सन और पर्सन-टू-मर्चेंट दोनों तरह के ट्रांजेक्शन में किया जा सकता है.
आरबीआई ने डिजिटल रुपया को दो कैटेगरी में लॉन्च किया है. बैंक ने इसे जनरल पर्पज (रिटेल) और होलसेल दो रूप में पेश किया है. 1 नवंबर को RBI ने डिजिटल रुपया को होलसेल सेगमेंट में लॉन्च किया था.
क्रिप्टोकरेंसी से कितना अलग है?
एक सवाल ये भी मन में आता है कि क्या डिजिटल रुपया भी क्रिप्टोकरेंसी ही है. वैसे तो ये है भी और नहीं भी. क्रिप्टोकरेंसी मूल रूप से डिसेंट्रलाइज्ड डिजिटल करेंसी होती है. यानी इसका कंट्रोल किसी एक बैंक या ऑर्गेनाइजेशन के पास नहीं होता है और इसे ब्लॉकचेन के जरिए मैनेज किया जाता है.
वहीं डिजिटल रुपया जिसे आरबीआई ने लॉन्च किया है, एक सेंट्रलाइज्ड डिजिटल करेंसी है. इसके सेंट्रल बैंक द्वारा कंट्रोल किया जाएगा. यानी ये मौजूदा करेंसी का डिजिटल रूप है.
क्या हैं इसके फायदे?
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने शुरुआत में कहा था कि डिजिटल करेंसी को एक्सप्लोर करने का मूल मकसद बिटकॉइन के फायदे क्या है? फिजिकल कैश मैनेजमेंट में ऑपरेशनल कॉस्ट को कम करना है. इसके अलावा डिजिटल रुपया का इस्तेमाल ऑनलाइन फ्रॉड्स को कम करने में किया जा सकेगा. साथ ही लोगों को प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी की ओर जाने से रोकने में भी मदद मिलेगी.
जहां प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी अस्थिर हैं, वहीं डिजिटल रुपया के साथ ऐसा नहीं होगा. इसमें बिटकॉइन के फायदे क्या है? आपको रुपये की तरह ही स्थिरता देखने को मिलेगी. इसे उसी वैल्यू पर जारी किया गया है, जो आज हमारे रुपये की है. लोग डिजिटल रुपया को बिटकॉइन के फायदे क्या है? फिजिकल कैश में भी बदल सकेंगे. इसके सर्कुलेशन पर आरबीआई का कंट्रोल होगा.
कौन-कौन से बैंक हैं शामिल?
इस प्रोजेक्ट में 8 बैंक शामिल होंगे. शुरुआत में चार बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, ICICI बैंक, Yes बैंक और IDFC First बैंक इस पायलेट प्रोजेक्ट का हिस्सा हैं. बाद में बैंक ऑफ बड़ोदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, HDFC बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक भी इस प्रोजेक्ट में शामिल होंगे.
बिटकॉइन के फायदे क्या है?
बिटकॉइन क्या है बिटकॉइन का इतिहास क्या है बिटकॉइन कैसे काम करता है ?
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बिटकॉइन क्या है बिटकॉइन का इतिहास क्या है बिटकॉइन कैसे काम करता है बिटकॉइन के फायदे और नुकसान क्या है – what is bitcoin what is the history of bitcoin how does bitcoin work what are the advantages and disadvantages of bitcoin
बिटकॉइन क्या है?
बिटकॉइन एक डिजिटल करेंसी है जिसपर ना तो किसी देश की सरकार का नियंत्रण है और ना ही किसी वित्तीय संस्था का नियंत्रण है बिटकॉइन सबसे पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी है यह दुनियां की सबसे पहली क्रिप्टोकरेन्सी है बिटकॉइन को वर्चुअल करेंसी भी कहा जाता है क्योंकि बिटकॉइन करेंसी को हम स्पर्श नहीं कर सकते है केवल किसी भी डिजिटल फॉर्मेट में देख सकते है यह फॉर्मेट लैपटॉप हो सकता है, मोबाइल हो सकता है, कंप्यूटर हो सकता है, टेबलेट हो सकता है.
बिटकॉइन का इतिहास क्या है?
किसी ना किसी चीज को बनाने के पीछे कई कारण होते है जैसे की 2008 में ग्लोबली इकॉनमिक प्रॉब्लम, 8 November 2016 इंडियन में 500 और 1000 के नॉट अचानक से अमान्य, बैंक प्रॉब्लम तो इसी चीज को देखकर बिटकॉइन का निर्माण हुआ बिटकॉइन क्रिप्टोकोर्रेंसी को Satoshi Nakamoto ने बनाया और इसे Jan. 3, 2009 को लॉन्च कर दिया जब बिटकॉइन मार्किट में आया था तो इसका मूल्य काफी कम था इस पर किसी गवर्नमेन्ट अथॉरिटी का हस्क्षेप नहीं था और ना ही कोई कानून था इसलिए इंटरनेट यूजर इस करेंसी पर ज्यादा ट्रस्ट नहीं करते थे जिस तरह रूपये करेंसी को भारत सरकार नियंत्रण करती है , डॉलर करेंसी काअमेरिका सरकार नियंत्रण करती है, रूबल करेंसी को रूस देश नियंत्रण करता है लेकिन बिटकॉइन को दुनियां का कोई भी देश नियंत्रण नहीं करता है.
बिटकॉइन कैसे काम करता है?
बिटकॉइन ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी पर काम करती है ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी में कंप्यूटर एक-दूसरे से जुड़े होते है सभी बिटकॉइन हिस्सेदार का एक पब्लिक अकाउंट होता है जिसे Ledger खाता कहते है इस Ledger खाते की कॉपी हर एक ब्लैकचैन के कंप्यूटर में डिजिटल फॉर्मेट में स्टोर होती है जो लोग ब्लॉकचैन से जुड़े कंप्यूटर को हैंडल करते है उन्हें Miners कहते है Miners का काम होता है बिटकॉइन की हर लेनदेन को वेरीफाई करते रहना
जैसे की अ से ब को 5 बिटकॉइन लेना है तो ब को कैसे पता चलेगा की अ पास 5 बिटकॉइन है तो यह पता लगाने के लिए Miners की हेल्प लेनी होती है Miners आपको बता देगें वास्तव में अ के पास बिटकॉइन उपलब्ध है देने के लिए की नहीं Miners जब यह काम करते है तो उनको कुछ काम के बदले रिवॉर्ड मिलते है जो बिटकॉइन के फॉर्मेट में होते है
बिटकॉइन का इन्वेस्टमेंट को समझे
जब हमें किसी चीज में इन्वेस्ट करना होता है तो हमारा केवल एक ही उद्देश्य होता है की कैसे भी करके अपने इन्वेस्ट से ज्यादा से ज्यादा प्रॉफिट कामना वैसा ही इन्वेस्ट बिटकॉइन में किया जाता है जब आप बिटकॉइन में इन्वेस्ट करेगें तो आपको बिटकॉइन के फायदे क्या है? बिटकॉइन खरीदने के लिए काफी रकम देनी पड़ेगी क्योंकि अभी 1 बिटकॉइन की कीमत 43191.20 डॉलर है यानी 3296253.04 इंडिया रूपये और इसका अमाउंट समय-समय पर कम-ज्यादा होता रहता है जब आप बिटकॉइन में इन्वेस्ट करेगें तो आपको इसमें फायदा भी हो सकता है और नुकसान भी हो सकता है बिटकॉइन का प्रॉफिट बड़ी-बड़ी कंपनी पर निर्भर भी करता है अगर बड़ी-बड़ी कंपनी बिटकॉइन को अपने प्रोडक्ट या सर्विस में मान्य कर देती है तो एक दम से बिटकॉइन का मूल्य बढ़ जायेगा और वहीं किसी बड़ी कंपनी ने बिटकॉइन को लेने से मना कर दिया तो एक दम से बिटकॉइन का मूल्य गिर जायेगा।
बिटकॉइन माइनिंग का क्या मतलब है
बिटकॉइन के बारे में आपको थोड़ा बहुत तो आइडिया होगा ही। ऐसे में आप यह भी जानते होंगे कि किस प्रकार से दिनों दिन Bitcoin का रेट बढ़ता ही जा रहा है, जिसके पास बिटकॉइन है वह बहुत ही जल्द अमीर होता जा रहा है। क्या आपने कभी इस बात पर विचार किया है, कि आखिर यह बिटकॉइन कहां से आता है और इसका Circulation अर्थात बिटकॉइन की माइनिंग किस प्रकार से होती है, इससे जुड़ी सभी जानकारी आपको आज हमारी इस ब्लॉग पोस्ट में मिल जाएगी।
बिटकॉइन क्या है ?
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बिटकॉइन एक प्रकार से वर्चुअल करेंसी/ crypto currency है। इस मुद्रा का उपयोग इंटरनेट के माध्यम से लेन देन के लिए किया जाता है। इसकी सबसे पहले शुरुआत 2009 में हुई थी, चूंकि वर्तमान के समय में धीरे-धीरे यह बहुत अधिक लोकप्रिय होती जा रही है। अतः आज एक बिटकॉइन की कीमत लाखों रुपए के रूप मे आंकी जाने लगी है। दूसरे शब्दों में कहें तो अब इस करेंसी को भविष्य की करेंसी के रूप में देखा जा रहा है।
आप सभी को पता होगा की Crypto currency एक Decentralized currency होती है।इसका मतलब है कि किसी भी कंट्री/सरकार का इसपर कोई विशेषाधिकार नहीं होता है। अतः अब सवाल आता है इस करेंसी को कौन उत्पन्न करता है? बता दें बिटकॉइन के संचालन हेतु इसके डाटा को दुनिया के विभिन्न देशों में बैठे हजारों की संख्या में Miners कंट्रोल करने में जुटे होते हैं। यही वजह कि इसे Decentralized सिस्टम नाम से पुकारा जाता है।
बिटकॉइन माइनिंग क्या है ?
बिटकॉइन माइनिंग का नाम सुनते ही आप सोच में पड़ गए होगे कि क्या बिटकॉइन कोयले या हीरे की खानों से संबंध रखता है, अगर आप ऐसा सोचते हैं तो बता दें कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। बिटकॉइन माइनिंग का अर्थ सोने और हीरे की माइनिंग से कतई नहीं है। हालांकि दोनों की माइनिंग की प्रक्रिया एक दूसरे से काफी अलग है, जिस प्रकार से गोल्ड और डायमंड माइनिंग करने के लिए खुदाई की जाती है वैसे ही बड़े बड़े कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के जरिए बिटकॉइन को जेनरेट करने का कार्य करते है।
बिटकॉइन माइनिंग की प्रोसेस क्या है ?
- बिटकॉइन माइनिंग एक बहुत ही बड़ा प्रोसेस है,जिसकी वजह से यह एक व्यक्ति के द्वारा कंट्रोल नहीं किया जा सकता है। इसलिए इस काम को करने के लिए बहुत सारे लोगों की जरूरत पड़ती है। बहुत सारे लोगों द्वारा किए जाने के कारण इसे Decentralized system भी कहते हैं।
- अगर आपने बिटकॉइन के माध्यम से कभी किसी भी प्रकार का पेमेंट किया है। अर्थात अपने bitcoin वॉलेट के माध्यम से अपने किसी अन्य व्यक्ति के वॉलेट में बैलेंस को ट्रांसफर किया है तो बता दें इस कार्य में बिटकॉइन Miners अहम भूमिका निभाते है।
- उन्हीं के कारण आप सफलतापूर्वक ट्रांसफर कंप्लीट कर पाते हैं,यही नहीं Miners सारी डिटेल Block chain में सेव करने का जिम्मा भी उठाते हैं।
- बता दें लेनदेन के अलावा Bitcoin Miners बिटकॉइन जेनरेट करने का भी कार्य करते है।
बिटकॉइन माइनिंग कैसे करें?
- पुराने समय में बिटकॉइन माइनिंग एक अच्छी रफ़्तार वाले कंप्यूटर के सी.पी.यु और वीडियो ग्राफ़िक्स कार्ड पर हो सकती थी कयोंकि उस समय बिटकॉइन माइनर्स बहुत कम थे। लेकिन आज बिटकॉइन माइनर्स की संख्या बढ़ने के साथ साथ इसकी माइनिंग करना थोड़ा कठिन हो चुका है।
- आजकल इसकी माइनिंग कस्टम बिटकॉइन ASIC चिप की मदद से की जा रही हैं क्योंकि इससे काफी लाभ प्राप्त कर सकते हैं। अगर हम ASIC चिप से कम रफ्तार वाले किसी हार्डवेयर का इस्तेमाल करते हैं तो उससे अधिक बिजली खर्च होती है जिसकी वजह से हमारा लाभ कम और नुकसान ज़्यादा होता है।
- बिटकॉइन की माइनिंग करने के लिए यह अधिक ज़रूरी है कि आप बिटकॉइन माइनिंग के लिए बने हार्डवेयर का ही इस्तेमाल करें। मार्किट में ऐसी कई कंपनियां है जो कि बिटकॉइन माइनिंग के लिए तैयार श्रेष्ठ हार्डवेयर की पेशकश करती हैं। Avalon इन में से एक कंपनी है।
- इसके अलावा आप बिटकॉइन की क्लाउड माइनिंग भी कर सकते हैं जिसमें आपको अपने कंप्यूटर को क्लाउड मायननर से कनेक्ट करना होता है। क्लाउड माइनिंग करने के लिए कई तरह के प्रोग्राम उपलब्ध है लेकिन CGminer और BFGminer इनमें से अधिक प्रसिद्ध प्रोग्राम हैं। ऐसे कई सॉफ्टवेयर भी हैं जिनसे आप बिटकॉइन माइनिंग कर सकते हैं।
बिटकॉइन के फायदे क्या है?
बिटकॉइन के फायदे निम्नलिखित हैं –
- बिटकॉइन में निवेश करके अच्छा रिटर्न पाने की संभावनाएं बिटकॉइन के फायदे क्या है? अपार होती है।
- क्रिप्टोकरेंसी का बाजार 24/7 खुला रहता है।
- बिटकॉइन में निवेश करने के लिए किसी भी तरह का पेपर वर्क नहीं करना पड़ता है।
- बिटकॉइन में निवेश करने पर पूरा कंट्रोल व्यक्ति के हाथ में होता है।
- बिटकॉइन में निवेश करके आप ग्रो कर रही कम्युनिटी का हिस्सा बन सकते हैं।
बिटकॉइन के नुकसान क्या है?
जहां बिटकॉइन के बहुत से फायदे हैं तो वहीं इसके कुछ नुकसान भी हैं, तो चलिए एक नजर इसके नुकसान पर डाल लेते हैं।