सूचकांक ट्रेड करने के प्रमुख कारण

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Stock Market Analysis: फेडरल रिजर्व के ब्याज दर बढ़ाने के संकेत, Crude की तेजी और FII की बिकवाली बनी घरेलू बाजार में गिरावट की वजह
By: ABP Live | Updated at : 27 Jan 2022 01:50 PM (IST)
Edited By: Meenakshi
शेयर बाजार (फाइल फोटो)
Stock Market Analysis: एशियाई बाजारों (Asian Market) में कमजोरी के रुख के बीच और टाइटन, (Titan) विप्रो (Wipro) और एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) जैसे बड़े शेयरों में गिरावट के चलते प्रमुख शेयर सूचकांक सेंसेक्स (Sensex) आज शुरुआती कारोबार में 1100 अंक से ज्यादा टूटकर दो फीसदी लुढ़क गया. कारोबारियों के मुताबिक विदेशी निवेशकों की बिकवाली और अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दरें जल्द बढ़ाने के संकेत से भी घरेलू शेयर बाजार के सेंटीमेट पर असर देखा गया है.
सुबह साढ़े 11 बजे बाजार का हाल
सुबह 11 बजकर 30 मिनट पर सेंसेक्स की सूचकांक ट्रेड करने के प्रमुख कारण चाल देखें तो ये 1124.74 अंक यानी 1.94 फीसदी की गिरावट के साथ 56,733 पर कारोबार कर रहा है. एनएसई का निफ्टी 329 सूचकांक ट्रेड करने के प्रमुख कारण अंक यानी 1.91 फीसदी की गिरावट के बाद सूचकांक ट्रेड करने के प्रमुख कारण 16948 पर ट्रेड हो रहा है.
होली से पहले बिगड़ा शेयर बाजार का रंग, Sensex 1941 अंक गिरा व Nifty हुआ 10500 से नीचे बंद
Written सूचकांक ट्रेड करने के प्रमुख कारण by: India TV Business Desk
Updated on: March 09, 2020 15:50 IST
Photo:BSE
Sensex companies at 1.16 pm
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों और सूचकांक ट्रेड करने के प्रमुख कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के गिरते दामों को लेकर सोमवार को भारतीय घरेलू शेयर बाजार में रिकॉर्ड गिरावट देखने को मिली। 30 शेयरों वाला बंबई स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक सेंसेक्स 1941.67 अंक या 5.17 प्रतिशत गिरकर 35,634.95 अंक पर बंद हुआ। इसी प्रकार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 538.00 अंक या 4.90 प्रतिशत लुढ़ककर 10,451.45 अंक पर बंद हुआ। भारतीय शेयर सूचकांक ट्रेड करने के प्रमुख कारण बाजार में रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई है। शेयर बाजार में बीएसई सेंसेक्स में सोमवार को एक साल की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई। बाजार में भारी गिरावट से निवेशकों के करीब 8 लाख करोड़ रुपए साफ हो गए हैं। गिरावट का कारण कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते बढ़ती आर्थिक अनिश्चितता बताया जा रहा है। बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में भारी गिरावट दर्ज की गई है।
नीति आयोग के स्वास्थ्य सूचकांक में उत्तर प्रदेश सबसे निचले पायदान पर
नई दिल्ली: नीति आयोग द्वारा शुक्रवार को देश भर के राज्यों का स्वास्थ्य सूचकांक जारी किया गया. इसमें बड़े राज्यों में उत्तर प्रदेश सबसे निचले पायदान पर रहा है जबकि केरल शीर्ष पर रहा.
केरल के बाद पंजाब, तमिलनाडु और गुजरात को रखा गया है. इस सूचकांक में सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को जगह दी गई है.
सूचकांक के लिहाज से खराब प्रदर्शन करने वाले राज्यों में उत्तर प्रदेश के बाद राजस्थान, बिहार व ओडिशा का नंबर आता है.
वहीं, अच्छा प्रदर्शन करने वाले छोटे राज्यों में मिजोरम पहले स्थान पर है. उसके बाद मणिपुर व गोवा हैं. वहीं, केंद्र शासित प्रदेशों में लक्षद्वीप अव्वल रहा.
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आज तक 02-09-2022 https://www.aajtak.in
Stock Market Today: ग्लोबल मार्केट में मिले-जुले रुख के बीच घरेलू बाजार के ऊपर अभी भी प्रेशर बना हुआ है. हालांकि घरेलू बाजार एक दिन पहले आई बड़ी गिरावट के बाद आज शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में थोड़ी रिकवरी करने में सफल रहे. दोनों प्रमुख सूचकांक बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) और एनएसई निफ्टी (NSE Nifty) आज शुरुआती कारोबार में 0.50 फीसदी तक की तेजी में रहे.
प्री-ओपन सेशन में हल्की तेजी
घरेलू बाजार प्री-ओपन सेशन (Pre-Open Session) में थोड़ी रिकवरी करने सूचकांक ट्रेड करने के प्रमुख कारण सूचकांक ट्रेड करने के प्रमुख कारण में सफल रहा था. प्री-ओपन सेशन में सेंसेक्स करीब 200 अंक की बढ़त के साथ 58,970 अंक के पास कारोबार कर रहा था. एनएसई निफ्टी करीब 55 अंक मजबूत होकर 17,600 अंक के सूचकांक ट्रेड करने के प्रमुख कारण पास कारोबार कर रहा था. वहीं, सिंगापुर में एसजीएक्स निफ्टी (SGX Nifty) का फ्यूचर कांट्रैक्ट सुबह के नौ बजे मामूली 4 अंक गिरकर 17,564.5 अंक पर कारोबार कर रहा था. इससे संकेत मिल रहा था कि घरेलू बाजार आज कारोबार की फ्लैट शुरुआत कर सकता है. सुबह के 09:20 बजे सेंसेक्स करीब 170 अंक की बढ़त के साथ 58,936 अंक के पास कारोबार कर रहा था था. वहीं निफ्टी लगभग 45 अंक मजबूत होकर 17,580 अंक के पास कारोबार कर रहा था.
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राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा जारी आंकड़ों से पता चलता है कि उपभोक्ता मूल्य-आधारित मुद्रास्फीति, या खुदरा मुद्रास्फीति, भारतीय रिजर्व बैंक के इस वर्ष प्रत्येक महीने के लिए 2-6 प्रतिशत लक्ष्य के ऊपरी बैंड से ऊपर है.
बता दें, भारत का सूचकांक ट्रेड करने के प्रमुख कारण केंद्रीय बैंक मुख्य रूप से मौद्रिक नीति तैयार करने के लिए खुदरा मुद्रास्फीति को देखता है, और कीमतों के दबाव में कोई भी कमी होना आरबीआई के लिए एक सकारात्मक संकेत है, जो उच्च मुद्रास्फीति से लड़ रहा है और अर्थव्यवस्था को एक साथ प्रोत्साहित करने की कोशिश कर रहा है.
आरबीआई ने इस साल अपनी प्रमुख ब्याज दर को चार बार बढ़ाकर 5.90 प्रतिशत कर दिया है – जो अप्रैल 2019 के बाद सबसे अधिक है.
यह कम कीमत शनिवार को आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास के आकलन के अनुरूप पढ़ने का दबाव है कि खुदरा मुद्रास्फीति अक्टूबर में 7 प्रतिशत से नीचे सितंबर में 7.41 प्रतिशत से नीचे आ सकती है.