सर्वश्रेष्ठ CFD ब्रोकर्स

क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गई

क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गई

क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गई

पूरे दुनिया में आज क्रिप्टोकरेंसी का चलन बहुत तेजी से शुरू हो गया है ठीक उसी तरह आज भारत में भी क्रिप्टोकरेंसी का लोगो में उत्साह है ख़ासतर युवाओं में, आज पूरे भारत में लगभग 10 करोड़ लोग है जो क्रिप्टो में ट्रेडर्स है। और ये संख्या पूरे दुनिया में सबसे ज्यादा है आज पूरे दुनिया में सबसे ज्यादा क्रिप्टो ट्रेडर्स भारत में ही है। क्रिप्टोकरेंसी के अनियमित उतार-चढ़ाव से निवेशकों को बचाने के लिए मोदी सरकार ने सख्त कदम उठाने का फैसला कर लिया है। और इसी को देखते हुए केंद्र सरकार इसपर एक नया कानून ला सकतें है। केंद्र की मोदी सरकार भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने की तैयारी कर रही है। इसको मद्देनजर संसद के शीतकालीन बिल पेश किया जाएगा। शीतकालीन सत्र आज यानी 29 नवंबर से शुरू हो रहा है। जिसके तहत देश में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगा दिया जाएगा। इस खबर के सामने आते ही क्रिप्टो मार्केट बुरी तरह धराशायी हो गया। वहीं, सभी तरह की क्रिप्टोकरेंसी में 25 से 30 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। क्रिप्टो मार्केट में आए इस भूचाल को देखते हुए समझते हैं कि क्या है क्रिप्टोकरेंसी बिल और इसकी मदद से केंद्र सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर कैसे काबू पाएगी?

आइए जानते है क्या है क्रिप्टोकरेंसी?

क्रिप्टोकरेंसी को बताने से पहले हम आपको बताते है करेंसी क्या होती है। अर्थशास्त्र की माने तो “Money is what Money dose” इसे आसान शब्दों में कहें तो अगर आप किसी अनजान इंसान से कोई भी वस्तु या सामान खरीदते है और उसे लेने के लिए जो भी आप देते है उसे करेंसी कहते है। क्रिप्टोकरेंसी वो करेंसी होती है जो ऑनलाइन दुनिया में होती है, जोकि आपके कंप्यूटर और फोन में होती है। आप आमतौर पे जैसे आप नोट और सिक्को को छू सकते है लेकिन इसे आप छू नही सकते।
आप जानते होगे की नोट और सिक्को पर उसके अपने देश का अधिकार होता है। लेकिन क्रिप्टोकरेंसी के साथ ऐसा नहीं है क्रिप्टो पर किसी भी देश की सरकार किसी भी देश के बैंक का अधिकार नहीं होता है। इसको किसी भी देश की सरकार या संस्था कंट्रोल नही कर सकती बल्कि इसपर इसका खुद का अधिकार होता है। जितनी इसकी डिमांड, उतनी ही इसकी वैल्यू होती है।

किसने और क्यों बनाई।

क्रिप्टोकरेंसी 2009 में सतोशी नाकामोतो ने शुरू किया था, लेकिन ऐसा नहीं है। इससे पहले भी कई निवेशकों ने या देशों ने डिजिटल मुद्रा पर काम किया था। यूएस ने 1996 मुख्य इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड बनाया था, ऐसा गोल्ड जिसे रखा नहीं जा सकता था, लेकिन इससे दूसरी चीजें खरीदी जा सकती थी। हालांकि 2008 इसे बैन कर दिया गया। वैसा ही 2000 की साल में नीदरलैंड ने पेट्रोल भरने के लिए कैश को स्मार्ट कार्ड से जोड़ा था।

काम कैसे करती है ये क्रिप्टोकरेंसी?

पिछले कुछ सालों से क्रिप्टोकरेंसी मुद्राओं की लोकप्रियता बढ़ी है। इन्हें ब्लॉकचेन सॉफ़्टवेयर के ज़रिए इस्तेमाल किया जाता है। ये डिजिटल मुद्रा इनक्रिप्टेड यानी कोडेड होती हैं। इसे एक डिसेंट्रेलाइज्ड सिस्टम के जरिए मैनेज किया जाता है। इसमें प्रत्येक लेन-देन का डिजिटल सिग्नेचर द्वारा वेरिफिकेशन होता है। क्रिप्टोग्राफी की मदद से इसका रिकॉर्ड रखा जाता है। खरीदी को क्रिप्टो माइनिंग (Cryptocurrency Mininig) कहा जाता है क्योंकि हर जानकारी का डिजिटल रूप से डेटाबेस तैयार करना पड़ता है। जिनके द्वारा यह माइनिंग की जाती है, उन्हें माइनर्स कहा जाता है। आसान भाषा में और समझें तो क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारिक एक वर्चुअल करेंसी है जो क्रिप्टोग्राफी द्वारा सुरक्षित है। यह सारा काम पावरफुल कंप्यूटर्स के जरिए होता है।

क्या है क्रिप्टोकरेंसी बिल?

जानकारी के मुताबिक, क्रिप्टोकरेंसी के नियमन के लिए केंद्र सरकार की ओर से संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 पेश किया जाएगा। इस बिल के माध्यम से सरकार रिजर्व बैंक इंडिया के तहत एक आधिकारिक क्रिप्टोकरेंसी जारी करने के लिए आसान फ्रेमवर्क तैयार करने की योजना बना रही है। इसकी तकनीक और इस्तेमाल को लेकर भी तैयारी की जा रही है। साथ ही, इस बिल के तहत ऐसा प्रावधान लाया जाएगा, जिससे सारी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लग जाएगा। गौरतलब है कि शीतकालीन सत्र में पेश करने के लिए 26 बिल सूचीबद्ध किए गए हैं। इनमें क्रिप्टोकरेंसी बिल भी शामिल है।

किस विधेयक के प्रस्तावित होने की संभावना है?

संसद की एक वेबसाइट पर पोस्ट किए गए एक संक्षेप में कहा गया है कि, भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने का प्रयास किया जाएगा, हालांकि, यह कुछ अपवादों को क्रिप्टोकरेंसी और इसके उपयोग की अंतर्निहित तकनीक को बढ़ावा देने की अनुमति देता है।
सरकारी प्रस्ताव क्रिप्टोकरेंसी को एक वित्तीय संपत्ति के रूप में मान सकता है और निवेश के लिए न्यूनतम राशि निर्धारित कर सकता है, जबकि आधिकारिक तौर पर कानूनी निविदा के रूप में इसके उपयोग पर प्रतिबंध लगा सकता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, की क्रिप्टो की दुनिया में होने वाले सभी प्रकार के प्रयोगों की पारदर्शिता होनी चाहिए।

आज की बैठक में वित्त मंत्री ने क्या कहा?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार की देश में बिटकॉइन को लीगल टेंडर के रूप में स्वीकार करने की कोई योजना नहीं है। यह जवाब देते हुए कि क्या सरकार को पता है कि हाल के वर्षों में भारत में बिटकॉइन लेनदेन चुपचाप फल-फूल रहा है , सीतारमण ने कहा कि भारत में बिटकॉइन लेनदेन पर कोई डेटा एकत्र नहीं करता है ब्रोकर डिस्कवरी और तुलना प्लेटफॉर्म BrokerChooser के अनुसार, भारत में दुनिया में सबसे अधिक 10.07 करोड़ क्रिप्टोक्यूरेंसी धारक हैं। 2.74 करोड़ क्रिप्टो-मालिकों के साथ अमेरिका दूसरे स्थान पर रहा, उसके बाद रूस (1.74 करोड़) और नाइजीरिया (1.30 करोड़) का स्थान रहा।
केंद्र सरकार संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान ‘क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021’ पेश करने के लिए पूरी तरह तैयार है। बिल में कुछ अपवादों को छोड़कर, देश में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है।

Tata Cryptocurrency in hindi 2022

Tata coin: बाइनेंस स्मार्ट चैन पर आधारित एक डिसेंट्रलाइज्ड क्रिप्टोकरेंसी है। टाटा कॉइन का उद्देश्य है डिसेंट्रलाइज फाइनेंस को पूरी तरह से सुरक्षित और दुनियाभर में इन्वेस्टर, कंपनियों और संगठनों को सबसे सुरक्षित लेनदेन प्रणाली प्रदान करना। जिससे वह ब्लॉकचेन आधारित लेन देन आसानी से कर सके तथा सुरक्षित डिजिटल लेनदेन को प्रधानता मिल सके, जिससे निवेशक अपनी संपत्ति के स्वयं मालिक बन पाए।टाटा क्रिप्टो कॉइन जो किसी व्यक्ति संगठन संस्था या समूह के नियंत्रण में नहीं होती है और यह 100% विकेंद्रीकृत आधार पर बनाई जाती है।

Table of Contents

Tata cryptocurrency name

टाटा क्रिप्टोकरेंसी को कई लोग टाटा ग्रुप से जोड़ कर देखते हैं पर ऐसा नहीं है इस कॉइन के निर्माता टाटा ग्रुप के मालिक रतन टाटा जी नहीं है, इसके वाइट पेपर में किसी भी मालिक या उसके टीम का नाम नहीं बताया गया है, साथ ही यह किस देश में बनाई गई यह भी अभी तक निर्धारित नहीं हुआ है। tata cryptocurrency full name टाटा कॉइन ही है, सभी क्रिप्टो एक्सचेंजों और इसके व्हाइट पेपर के अनुसार इसका tata coin के नाम से ही दर्ज है इस का शॉर्ट नेम भी टाटा क्वाइन ही है।
Tata coin crypto पहली डिजिटल करेंसी है जिसको यूकॉइन (You Coin) के नाम से जाना जाता है।

Tata Cryptocurrency in hindi

Tata Coin Crypto का किसके लिए उपयोग किया जाता है?

अगर टाटा कॉइन के उपयोग की बात की जाए तो इसका उपयोग डिजिटली शुल्क के लेन देन और कई गेम वेबसाइट में रिवॉर्ड के रूप में भी किया जाता है।
Tata Coin का उद्देश है डिसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस को सुरक्षित बनाना तथा दुनिया भर के ब्लॉकचेन आधारित टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए लोगों को लोन लेने और देने की सुविधा प्रदान करना एवं बिना किसी बिचौलिए के, जैसे- बैंक, ब्रोकर इन सब से बचाते हुए, शर्तों के पूरा होते ही यह स्वचालित रन कर जाता है साथ ही इसमें ट्रांजैक्शन शुल्क बहुत कम लगती है जो इस कॉइन का मुख्य उद्देश है।

Tata coin owner name

टाटा कॉइन के वाइट पेपर के अनुसार उसने बताया गया कि ना ही इसे कोई व्यक्ति या संगठन अथवा संस्था या अन्य कोई समूह द्वारा नियंत्रित नहीं किया जाता है लेकिन Tata Coins समुदाय के मालिक टाटा क्रिप्टो कॉइन को खरीदने वाले धारक होंगे जिन लोगों ने टाटा कॉइन खरीद रखे हैं अर्थात वह सभी जिन्होंने टाटा कॉइन में निवेश कर रखा है, सभी लोग मिलकर टाटा कॉइन की टीम कहलाएंगे यह हर निवेशक के लिए होगा यानी जिसने भी टाटा कोइन्स खरीद रखा है वह खुद को उसके मालिक के रूप में गिन सकता है, इन सब बातों को जानने के बाद आप यह कह सकते हैं कि Tata Cryptocurrency को बनाने वाले टीम और उसके सीईओ ने अपना नाम गुप्त रखा है।

Tata crypto coin price india | Tata Cryptocurrency

Tata Cryptocurrency के प्राइस की अगर बात की जाए तो हमने नीचे दिए गए चार्ट में लाइव Indian Currencies में प्राइस(प्राइस) दिखाया है, Inr.
जिसमें आप मार्केट कैप के साथ प्राइस को लाइव देख सकते हैं।
जिन को नहीं पता है उनको थोड़ा बताते चलें मार्केट कैप का मतलब होता है कि उस क्रिप्टो के कुल कितने दामों के सिक्के Market में खरीदे जा चुके हैं, क्रिप्टो कॉइन का मार्केट कैप बढ़ने से उस Crypto currency के लेन-देन में सहजता एवं सुविधा और विश्वसनीयता को दर्शाता है तथा अन्य Currencies में लेनदेन को भी बढ़ाता है।

Tata crypto coin price india

टाटा क्रिप्टो करेंसी की क्या विशेषताएं हैं?

Tata Cryptocurrency की विशेषता की बात की जाए तो कुछ इस प्रकार है
● यह पूरी तरह से डिसेंट्रलाइज्ड है अर्थात इस पर किसी संस्था सरकार समुदाय अथवा समूह का कोई नियंत्रण नहीं है।

● इसकी ट्रांजैक्शन फीस बहुत कम होती है अर्थात बैंकों के मुकाबले आपको बहुत ही कम फीस अंतर्राष्ट्रीय भुगतान में देना पड़ेगा।
● यह अंतर्राष्ट्रीय लेनदेन तेजी से करता है। पहले लोगों को अंतर्राष्ट्रीय लेनदेन में 2 से 3 दिन लगते थे, वही आज टाटा कॉइन से लेन-देन की बात की जाए तो 2 से 3 मिनट के अंदर हो जाता है।

● डिसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस के जरिए लोगों को एक दूसरे में लोन देना एवं लोन लेना सुरक्षित तथा सीधा एक दूसरे से ब्याज प्रदान करने में आसानी और पारदर्शिता प्राप्त हुई है।

टाटा क्रिप्टो करेंसी के कितने सिक्के हैं? एवं Tata coins Price की भविष्य में संभावनाएं

टाटा कॉइन को कुल 9 मिलियन बनाया जा सकता है अर्थात 90 लाख कॉइन टोकन ही बनाए जाएंगे। किसी करेंसी की स्टोर ऑफ वैल्यू अर्थात उसके सिक्कों का सीमित होना यह दर्शाता है कि आने वाले भविष्य में उसके प्राइस बहुत तेजी से बढ़ेंगे क्योंकि डिमांड अधिक होगी और क्वाइन सीमित होंगे तो स्वभाविक है की प्राइस तो बढ़ना ही है।
अगर आपको किसी भी जगह समझने में परेशानी हुई हो तो आप हमें कमेंट करके अवश्य बताएं, हमें आपकी सहायता करने में खुशी होगी साथ ही अगर आप भी क्रिप्टोकरंसी में दिलचस्पी रखते हैं तो आप हमारे साथ जुड़ सकते हैं। जाते-जाते इतना ही कहेंगे कि स्वस्थ रहें मस्त रहें खुशियां बांटते रहें और किसी लालच में आकर क्रिप्टो करेंसी में जोखिम ना उठाएं, धन्यवाद।

Cryptocurrency Bill: इस दिन कैबिनेट में पेश हो सकता है क्रिप्टोकरेंसी बिल, जानें क्या है क्रिप्टोकरेंसी बिल

Cryptocurrency Bill: इस दिन कैबिनेट में पेश हो सकता है क्रिप्टोकरेंसी बिल, जानें क्या है क्रिप्टोकरेंसी बिल

Bitcoin Prices Today: भले ही क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को विनियमित करने को लेकर कई सवाल अनसुलझे हैं, नरेंद्र मोदी सरकार (Modi Sarkar) लोगों को क्रिप्टोकरेंसी को सम्पति (cryptocurrencies as asset not currency) के रूप में रखने की अनुमति देने पर विचार कर रही है, न कि मुद्रा के रूप में.

Bitcoin Prices Today: भले ही क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को विनियमित करने को लेकर कई सवाल अनसुलझे हैं, नरेंद्र मोदी सरकार (Modi Sarkar) लोगों को क्रिप्टोकरेंसी को सम्पति (cryptocurrencies as asset not currency) के रूप में रखने की अनुमति देने पर विचार कर रही है, न कि मुद्रा के रूप में. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक क्रिप्टोकरेंसी के अनियंत्रित विकास से निपटने के लिए एक नियामक तंत्र स्थापित करने के उद्देश्य से प्रस्तावित कानून में अंतिम समय में बदलाव की प्रक्रिया चल रही है. वही सरकार पर शीतकालीन सत्र में विधेयक पेश करने का दबाव है.

सूत्रों ने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक की राय के मद्देनजर इस बात पर आम सहमति है कि देश में मुद्रा के मौजूदा रूपों के विकल्प के रूप में क्रिप्टोकरेंसी की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. वही इसे 'एसेट क्लास' के रूप में रखने की अनुमति दी जा सकती है, जिसका अर्थ है कि क्रिप्टोकरेंसी आपके पास शेयरों की तरह ही हो सकता है. यदि आप लाभ कमाते हैं, तो आप करों का भुगतान करते हैं जैसे आप शेयरों की बिक्री पर भुगतान करते हैं.

बताया जा रहा है कि वित्त मंत्रालय द्वारा तैयार किए गए विधेयक में कई संशोधन किये गए हैं और बुधवार को होने वाली केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इसे पेश किया जा सकता है. कैबिनेट की मंजूरी के बाद इसे चालू सत्र में पेश किया जा सकता है.

सूत्रों के अनुसार, क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गई सरकार की योजना भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) को विभिन्न क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के कामकाज की निगरानी करने की शक्ति प्रदान करने की है, ताकि एक पारदर्शिता सुनिश्चित किया जा सके और भोले-भाले लोगों को किसी ट्रैप में फंसने से रोका जा सके. वही निवेशक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने में सक्षम होंगे. उन पर खुद से ऐसी मुद्राओं के प्रोडक्शन और बिक्री पर रोक होगी.

क्या होती है क्रिप्टोकरेंसी?

Cryptocurrency दो शब्दों से मिलकर बना शब्द है. Crypto जोकि लैटिन भाषा का शब्द है जो cryptography से बना है और जिसका मतलब होता है, छुपा हुआ/हुई. जबकि Currency भी लैटिन के currentia से आया है, जो कि रुपये-पैसे के लिए इस्तेमाल होता है. तो क्रिप्टोकरेंसी का मतलब हुआ छुपा हुआ पैसा. या गुप्त पैसा. या डिजिटल रुपया. कैपिटल वाया ग्लोबल रिसर्च लिमिटेड के इंटरनेशनल एंड कमोडिटीज रिसर्च के लीड और क्रिप्टोकरेंसी पर गहरी पकड़ रखने वाले क्षितिज पुरोहित (Kshitij Purohit) बताते हैं कि आमतौर पर क्रिप्टोकरेंसी एक तरह का डिजिटल पैसा है, जिसे आप छू तो नहीं सकते, लेकिन रख सकते हैं. यानी यह मुद्रा का एक डिजिटल रूप है. यह किसी सिक्के या नोट की तरह क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गई ठोस रूप में आपकी जेब में नहीं होता है. यह पूरी तरह से ऑनलाइन होता है.

इसे आसान भाषा में ऐसे समझिए कि हर देश की अपनी मुद्रा (Currency) है. जैसे कि भारत के पास रुपया, अमेरिका के पास डॉलर, सउदी अरब के पास रियाल, इंग्लैंड के पास यूरो है. हर देश की अपनी-अपनी करेंसी हैं. यानी एक ऐसी धन-प्रणाली जो किसी देश द्वारा मान्य हो और वहां के लोग इसके इस्तेमाल से जरूरी चीजें खरीद सकते हों. यानी जिसकी कोई वैल्यू हो, करेंसी (Currency) कहलाती है.

किसने बनाई और क्यों बनाई?

इस बारे में क्षितिज बताते हैं कि बहुत सारे लोग मानते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी 2009 में सतोशी नाकामोतो ने शुरू किया था, लेकिन ऐसा नहीं है. इससे पहले भी कई निवेशकों ने या देशों ने डिजिटल मुद्रा पर काम किया था. यूएस ने 1996 मुख्य इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड बनाया था, ऐसा गोल्ड जिसे रखा नहीं जा सकता था, लेकिन इससे दूसरी चीजें खरीदी जा सकती थीं. हालांकि 2008 इसे बैन कर दिया गया. वैसा ही 2000 की साल में नीदरलैंड ने पेट्रोल भरने के लिए कैश को स्मार्ट कार्ड से जोड़ा था.

Bitcoin सबसे महंगी Virtual Currency

आसान भाषा में कहें तो क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल कैश प्रणाली है, जो कम्प्यूटर एल्गोरिदम पर बनी है. यह सिर्फ डिजिट के रूप में ऑनलाइन रहती है. इस पर किसी भी देश या सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है. शुरुआत में इसे अवैध करार दिया गया था. लेकिन बाद में Bitcoin की बढ़ती लोकप्रियता के चलते इसे कई देशों में लीगल कर दिया गया है. कुछ देश तो अपनी खुद की क्रिप्टोकरेंसी ला रहे हैं. Bitcoin दुनिया की सबसे महंगी वर्चुअल करेंसी है.

कैसे काम करती है Cryptocurrency?

पिछले कुछ सालों से क्रिप्टोकरेंसी मुद्राओं की लोकप्रियता बढ़ी है. इन्हें ब्लॉकचेन सॉफ़्टवेयर के ज़रिए इस्तेमाल किया जाता है. ये डिजिटल मुद्रा इनक्रिप्टेड यानी कोडेड होती हैं. इसे एक डिसेंट्रेलाइज्ड सिस्टम के जरिए मैनेज किया जाता है. इसमें प्रत्येक लेन-देन का डिजिटल सिग्नेचर द्वारा वेरिफिकेशन होता है. क्रिप्टोग्राफी की मदद से इसका रिकॉर्ड रखा जाता है. क्षितिज बताते हैं कि इसके जरिए खरीदी को क्रिप्टो माइनिंग (Cryptocurrency Mininig) कहा जाता है क्योंकि हर जानकारी का डिजिटल रूप से डेटाबेस तैयार करना पड़ता है. जिनके द्वारा यह माइनिंग की जाती है, उन्हें माइनर्स कहा जाता है.

आसान भाषा में और समझें तो क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारिक एक वर्चुअल करेंसी है जो क्रिप्टोग्राफी द्वारा सुरक्षित है. यह सारा काम पावरफुल कंप्यूटर्स के जरिए होता है. क्षितिज तो यहां तक कहते हैं कि इसके कोड को कॉपी करना लगभग नामुमकिन है.

क्या क्रिप्टोकरेंसी खरीदनी चाहिए

एक समय में जब लेन-देन करने के लिए मुद्रा की जगह चीजों का आपसी लेनदेन से किया जाता था। फिर समय के साथ लेन-देन करने के लिए सिक्के और नोट बनाए गए। लेकिन अब नोट और डिजिटल मुद्रा का ज्यादा प्रचलन है। इसके साथ ही ही एक दूसरी डिजिटल मुद्रा CryptoCurrency का भी पूरे विश्व भर में इस्तेमाल हो रहा है। क्रिप्टो करेंसी केवल इंटरनेट पर इस्तेमाल की जा सकती है। आज हम Crypto Currency पर ही चर्चा करेंगे कि क्रिप्टो करेंसी क्या है और भारत में इसका उपयोग कर सकते हैं या नहीं।

क्रिप्टो करेंसी क्या है

क्रिप्टो करेंसी एक कंप्यूटर गणक पर बनी करेंसी है, जो पूरी तरह से डिजिटल करेंसी है। इसका लेनदेन केवल इंटरनेट के जरिए ही किया जा सकता है। Crypto Currency के नोट या सिक्के नहीं बनाए जा सकते क्योंकि CryptoCurrency किसी संस्था द्वारा जारी नहीं होती और ना ही इसका कोई मालिक है। इस तरह से क्रिप्टो करेंसी स्वतंत्र करेंसी है, जिसका उपयोग लेनदेन सहित खरीदारी के लिए भी किया जा सकता है।

जैसे : बीटकाॅइन, एथेरियम, बिट टॉरेंट , लाइट कॉइन आदि ऐसी सेंकड़ों क्रिप्टो करेंसियां हैं।

सबसे पहली और लोकप्रिय Crypto Currency बिटकॉइन थी, जो 2009 में बनाई गई थी। इसे जापान के एक इंजीनियर ने बनाया था। शुरुआत इसकी कीमत बहुत ही कम थी और यह ज्यादा प्रचलित नहीं था। लेकिन धीरे-धीरे उपयोग इसका मूल्य बढ़ने लगा और आज यह लाखों डॉलर पर पहुंच गया है।

बिटकॉइन के अलावा बहुत सारे करेंसी है। बिटकॉइन बाद से ही अन्य लोगों ने भी Crypto Currency बनाई जिनमें कई करेंसी फेल हो गई लेकिन कहीं करेंसी सफल हो गई आज उनके मूल्य में भी वृद्धि हुई है।

Crypto Currency के फायदे

  1. Crypto Currency में निवेश करना बहुत ही आसान होता है। जब भी इसकी कीमत गिरती है तो इसे खरीद लेना चाहिए। फिर मूल्य बढ़ने पर इसे बेचकर काफी मुनाफा होता है। आजकल ज्यादातर लोग क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर मुनाफा कमाते हैं।
  1. क्रिप्टो करेंसी पर किसी संस्था या किसी व्यक्ति का नियंत्रण नहीं है। इसलिए जो लोग अपना धन छुपा कर रखना चाहते हैं, वे लोग इसका ज्यादा प्रयोग करते हैं।
  1. इस करेंसी से जितना चाहे उतना लेनदेन किया जा सकता है। अथवा एक व्यक्ति के द्वारा एक दूसरे व्यक्ति को जो देश के बाहर है उसे भी भारी मात्रा में धन भेजा या उससे प्राप्त किया जा सकता है। यह सारा लेन-देन गुप्त रहता है।
  1. क्रिप्टो करेंसी के बहुत सारे ऑनलाइन वॉलेट बन गए हैं। जिसके जरिए लेन-देन बहुत ही आसान हो गया है और इसके जरिए खरीदारी भी की जा सकती है।

क्रिप्टो करेंसी से नुकसान

  1. क्रिप्टो करेंसी पर किया गया लेनदेन गुप्त होता है। इसलिए यहां इसका ज्यादातर प्रयोग गलत कामों में होता क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गई है। जैसे हथियार और drugs सप्लाई के लिए कर सकते हैं, जो कि काफी खतरनाक साबित हो सकता है ।
  1. क्रिप्टो करेंसी एक डिजिटल करेंसी है। इसका मुद्रण नहीं किया जा सकता अथवा क्रिप्टो करेंसी के नोट जारी नहीं किया जा सकते।
  1. क्रिप्टो करेंसी पूरी तरह से इंटरनेट पर आधारित है। अथवा इसे हैक करना भी उतना ही आसान है, इसलिए यह खतरे से खाली नहीं है।
  1. क्रिप्टो करेंसी को कंट्रोल करने के लिए कोई देश या संस्था नहीं है। जिसके कारण कि इसमें में बहुत तेजी से उछाल और गिरावट देखी जा सकती है। इसलिए इसमें निवेश करना जोखिम भरा होता है।
  1. यदि इसमें ट्रांजैक्शन गलती से किसी अन्य व्यक्ति को हो जाता है। तो इसमें पैसा वापस नहीं मंगवाया जा सकता क्योंकि यह किसी संस्था के कंट्रोल में नहीं है यह स्वतंत्र करेंसी है।

क्या क्रिप्टोकरेंसी खरीदनी चाहिए

क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग लोग ज्यादातर दो चीजों के लिए ही करते हैं। ब्लैकमनी छिपाने के लिए या इंवेस्ट करने के लिए। यदि आप सोचते हैं कि मै इसमें इंवेस्ट करके पैसा कमाऊंगा तो आप गलत सोच रहे हैं । इसमें जीतना फायदा है उतना नुकसान होने की संभावना भी है । इसलिए इसमें अगर आप पैसा लगाना ही चाहते हैं तो उतना ही लगाए जितना पैसा डूब जाने पर आपको दुख न हो। क्योंकि इसकी कीमत तेजी से घटती बढ़ती है। इंवेस्ट करने के लिए आप और भी रास्ते चुन सकते हैं। जिनमें आपको कम खतरा रहता है।

आज के इस आर्टिकल में हमने आपको Crypto Currency के बारे में बताया, हमें उम्मीद है कि आपको क्रिप्टो करेंसी के बारे में पूरी जानकारी मिली होगी। अगर आर्टिकल अच्छा लगा हो तो आर्टिकल अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और हमारे ब्लॉग को फॉलो करते रहें। धन्यवाद

कैसे और कहां करें NFT का इस्तेमाल?

कैसे और कहां करें NFT का इस्तेमाल?

NFT (non-fungible token) ऐसे क्रिप्टोग्राफिक टोकन/डिजिटल एसेट हैं, जिनका लेन-देन तो ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी (Blockchain Technology) के जरिए बनाई गई बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी से किया जा सकता है, लेकिन इनका फिजिकल लेनदेन नहीं हो सकता है. NFT में डिजिटल आर्ट, म्यूजिक, फिल्म, गेम्स या किसी का कलेक्शन मिल सकता है. NFT ने पेंटिंग की दुनिया के कलाकारों के लिए नए अवसर खोले हैं.

चलिए आपके ज्ञानचक्षु खोलते हैं और इसे आसान भाषा में समझाते हैं. NFT किसी भी आर्टिस्ट और कंटेंट क्रिएटर्स को अपनी कीमती चीजों को मॉनेटाइज करने यानी बेचने के लिए बड़ा प्लेटफॉर्म मुहैया कराता है. मतलब अब यूनीक और कीमती चीजों की नीलामी के लिए किसी ऑक्शन हाउस की जरूरत नहीं, आप उसे एनएफटी के तौर पर नीलाम कर सकते हैं. इसका एक बड़ा फायदा ये भी है कि अगर इस एनएफटी कहीं और बेचा जाता है तो उस पर आर्टिस्ट को रॉयल्टी भी मिलती है. ठीक उसी तरह जैसे कॉपीराइट वाले किसी गाने, म्यूजिक, किताब आदि की बिक्री से किताब के लेखक को रॉयल्टी मिलती है.

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी और NFT आर्टिस्ट और कंटेंट क्रिएटर्स को अपनी कीमती चीजों को मॉनेटाइज करने, यानी बेचने के लिए बड़ा प्लेटफॉर्म देता है. आर्टिस्ट इसे सीधे कंज्यूमर को NFT के रूप में बेच सकता है. इससे उन्हें ज्यादा फायदा भी मिलता है. NFT से किसी आर्टिस्ट को अब अपनी आर्ट बेचने के लिए गैलरी या नीलामी घरों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. वो खुद नीलामी कर सकते हैं. यही नहीं अगर किसी आर्टिस्ट का क्रिएशन कहीं और बिकता है तो उन्हें उस पर रॉयल्टी भी मिलेगी. यह विशेषता सिर्फ NFT में ही है. आमतौर पर किसी आर्टिस्ट को उसकी आर्ट पहली बार बिकने पर ही पैसा मिलता है.

अब अगर आपको अपना खुद का NFT कलेक्शन बनाना है तो आपके पास सबसे पहले एक डिजिटल वॉलेट होना चाहिए. इसी वॉलेट के जरिए आपको NFT और क्रिप्टोकरेंसी को स्टोर करने की अनुमति मिलेगी. वॉलेट में एथेरियम जैसी कोई क्रिप्टोकरेंसी होनी चाहिए, जिनके जरिए NFT को खरीदा जा सकता है. आप अब  Coinbase  ,  Kraken  ,  eToro  ,  PayPal  और  Robinhood  जैसे प्लेटफॉर्म पर क्रेडिट कार्ड का उपयोग करके एथेरियम जैसी क्रिप्टो करेंसी खरीद सकते हैं. ये प्लेटफॉर्म हर लेन-देन पर कुछ परसेंट चार्ज लेते हैं. लेन-देन करते हुए इसका ध्यान जरूर रखें.

इसके बाद आपको जो चीज बेचनी है, उसे एनएफटी मार्केटप्लेट पर डालना होगा, जिसका अधिकतम साइज 100 एमबी तक हो सकता है. अपनी एनएफटी के लिए अधिक से अधिक कीमत पानी है तो उसे तमाम जगहों पर प्रमोट जरूर करें, ताकि नीलामी अधिक से अधिक कीमत में हो सके.

NFT भी बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी की तरह ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित होती है. NFTs यूनीक एसेट क्लास हैं, जिन्हें थर्ड पार्टी की मदद के बिना ऑनलाइन क्रिएट किया जा सकता है, रखा जा सकता है और ट्रेड किया जा सकता है. ब्लॉकचेन एक ऐसा डेटाबेस है, जहां जानकारी/सूचना ब्लॉक्स में स्टोर रहती है. ये ब्लॉक्स एक चेन के जरिए आपस में जुड़े रहते हैं.

रेटिंग: 4.26
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 728
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *