ब्रोकर क्या है

गुजरात ATS की बड़ी कार्रवाई, 13 जिलों में 150 से भी ज्यादा ठिकानों पर रेड, GST विभाग भी रहा साथ
गुजरात चुनाव की तैयारियां के बीच आतंकवाद निरोध दस्ते ATS ने बड़ी कार्रवाई की है। राज्य के 13 जिलों में 150 से भी ज्यादा ठिकानों पर एटीएस की छापेमारी चल रही है। गुजरात एटीएस ने जीएसटी विभाग के साथ इस ऑपरेशन को अंजाम दिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक विदेशों से पैसा भारत लाने पर कर चोरी और फर्जी बिलों के नाम पर धन के लेन-देन को लेकर यह जांच की जा रही ब्रोकर क्या है थी।
गुजरात में जीएसटी चोरी के बड़े रैकेट का भंडाफोड़ करने की कोशिशों के चलते एटीएस और जीएसटी विभाग ने अब तक 65 लोगों को गिरफ्तार किया है। आशंका है कि गिरफ्तार किए गए लोगों के तार पीएफआई और हवाला रैकेट से जुड़े हुए हैं।
रीयल स्टेट और फाइनेंस ब्रोकर के बिजनेस में हड़कंप
एटीएस और जीएसटी विभाग की यह कार्रवाई 11-12 नवंबर की रात को हुई है। इनकम टैक्स विभाग ने भी गुजरात के कई जिलों में ताबड़तोड़ छापेमारी की थी। आईटी डिपार्टमेंट के राजकोट, भुज और गांधीधाम में कई बड़े बिजनेस हाउसों से जुड़े लोगों के यहां छापेमारी से हड़कंप मच गया था। ये छापेमारी रीयल स्टेट और फाइनेंस ब्रोकर के बिजनेस से जुड़े लोगों के यहां हुई थी।
13 जिलों के 150 ठिकानों पर छापेमारी
देश विरोधी गतिविधि को रोकने के लिए गुजरात एटीएस ने बड़ी कार्रवाई की है। बीते रात से 13 जिलों के 150 ठिकानों पर गुजरात एटीएस की रेड चल रही है। इस कार्रवाई में 65 लोगों को गुजरात एटीएस की तरफ से गिरफ्तार किया जा चुका है। बताया गया है कि अहमदाबाद, भरूच, सूरत, भावनगर और जामनगर में छापेमारी जारी है।
विधानसभा चुनाव से पहले बड़ी कार्रवाई
गुजरात में विधानसभा चुनाव का ऐलान भी हो चुका है। रज्य में एक और पांच दिसंबर को दो चरणों में चुनाव होना है। ऐसे समय में एटीएस, जीएसटी विभाग और इनकम टैक्स की छापेमारी से राज्य में हलचल मची हुई है। इस तरह की छापेमारी अवैध धन के उपयोग की आशंका को रोकने के लिए की जा रही है।
कनेक्शन ब्रोकर क्या है? - टेक्नोपेडिया से परिभाषा
एक कनेक्शन ब्रोकर सॉफ्टवेयर का एक टुकड़ा है जो किसी डेस्कटॉप या वर्चुअलाइजेशन मशीन में उपयोगकर्ता की पहुंच को डेस्कटॉप वर्चुअलाइजेशन में समायोजित करता है। वर्चुअलाइजेशन, या इन्फ्रास्ट्रक्चर-ए-इन-सर्विस, एक विक्रेता के क्लाइंट को ऑन-साइट हार्डवेयर और सॉफ़्टवेयर संसाधनों का उपयोग करने के बजाय वेब या इसी तरह के प्रोटोकॉल के माध्यम से डेस्कटॉप वातावरण या अन्य संसाधनों तक पहुंचने की अनुमति देता है। कनेक्शन ब्रोकर इन उपयोगकर्ताओं को वर्चुअल डेस्कटॉप या प्लेटफ़ॉर्म से जोड़ने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो दूरस्थ बुनियादी ढांचे द्वारा बनाए रखा जाता है।
टेक्नोपेडिया कनेक्शन ब्रोकर बताता है
एक कनेक्शन ब्रोकर को एक सुरक्षा वास्तुकला का हिस्सा माना जा सकता है जिसमें वह एंड-यूज़र कनेक्शन की अनुमति देता है। कनेक्शन ब्रोकर उपयोगकर्ता को वर्चुअल मशीन या अन्य सर्वर से कनेक्ट करने की अनुमति दे सकता है। यह उपयोगकर्ताओं को वर्चुअल मशीन पूल से जुड़ने में मदद कर सकता है या वर्चुअल मशीन घटकों के विभिन्न प्रकार के विश्लेषण के लिए प्रदान कर सकता है। एक कनेक्शन ब्रोकर एक अंतिम उपयोगकर्ता को कई वातावरण या प्लेटफार्मों पर वितरित कर सकता है। यह कभी-कभी आईटी संसाधनों का एक सेट बनाए रखने की लागत के साथ ग्राहकों की मदद कर सकता है, या आपदाओं या अन्य आपात स्थितियों से कम देनदारियों की मदद करने के लिए आईटी आर्किटेक्चर के लिए अधिक वितरित मॉडल में योगदान कर सकता है।
आपके जोखिम यह छिपा रहे हैं - क्या आप उन्हें स्पॉट कर सकते हैं?
आईटी हमारे जीवन में सबसे आगे है और हम व्यापार कैसे करते हैं इसमें एक प्रमुख भूमिका निभाता है। लेकिन इसके साथ जोखिम वाले जोखिम और जोखिमों का खुलासा होता है। एक आईटी विफलता अक्सर चेतावनी के बिना आती है और आपके लिए बड़ी समस्याओं के बराबर हो सकती है .
ब्रोकर क्या है
14 नवंबर (भाषा) बाजार नियामक सेबी ने ऑनलाइन बॉन्ड मंच प्रदाताओं (ओबीपीपी) के परिचालन को सुगम बनाने के लिए सोमवार को विस्तृत नियामकीय प्रारूप पेश किया।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के इस प्रारूप में कहा गया है कि ओबीपीपी के तौर पर भारत में गठित कंपनियां ही सेवाएं दे सकती हैं और उन्हें शेयर बाजार के ऋण खंड में शेयर ब्रोकर के तौर पर अपना पंजीकरण कराना चाहिए। इस प्रारूप को तत्काल प्रभाव से लागू किया जा रहा है।
सेबी ने कहा कि नए नियम लागू होने के पहले से ओबीपीपी के तौर पर काम कर रही फर्म अपने मंच पर सूचीबद्ध ऋण प्रतिभूतियों एवं सार्वजनिक निर्गम के जरिये सूचीबद्ध होने के लिए प्रस्तावित ऋण प्रतिभूतियों को छोड़कर अन्य सेवाओं एवं उत्पादों की पेशकश नहीं कर सकती है।
सेबी ने कहा, "बॉन्ड बाजार, खासकर गैर-संस्थागत क्षेत्र में विकास की व्यापक संभावनाओं को देखते हुए ऑनलाइन बॉन्ड मंचों से जुड़े निवेशकों के लिए नियंत्रण एवं संतुलन स्थापित करने की जरूरत है।"
पिछले कुछ वर्षों में गैर-संस्थागत निवेशकों को ऋण प्रतिभूतियों की पेशकश करने वाले ओबीपीपी की संख्या तेजी से बढ़ी है। इनमें से अधिकांश वित्त-प्रौद्योगिकी कंपनियां हैं जिन्हें शेयर ब्रोकरों का समर्थन हासिल है।
ऐसी ओबीपी के जरिये लेनदेन करने वाले पंजीकृत उपयोगकर्ताओं की संख्या तेजी से बढ़ी है। उनके हितों को सुरक्षित करने के मकसद से सेबी ने यह विस्तृत प्रारूप जारी किया है।
एक रात में कंगाल हो गया ये अमेरिकी अरबपति! 24 घंटे में गंवाए 14.6 अरब डॉलर, जानें क्या रही वजह
नई दिल्ली। FTX के सीईओ सैम बैंकमैन-फ्रायड (Sam Bankman-Fried) रातोंरात कंगाल हो गए। एक दिन में उनके नेटवर्थ में लगभग 94 प्रतिशत की बड़ी गिरावट आई। उनकी संपत्ति घट कर 991.5 मिलियन डॉलर रह गई, जबकि वह 15.2 अरब डॉलर के मालिक थे। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, किसी भी अरबपति (Billionaire) की संपत्ति में एक दिन में आने वाली यह सबसे बड़ी गिरावट है।
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30 साल के सैम बैंकमैन-फ्रायड की किस्मत में यह भूचाल तब आया जब उन्होंने घोषणा की कि उनके क्रिप्टो एक्सचेंज एफटीएक्स को प्रतिद्वंद्वी बिनांस (Binance) खरीदने जा रहा है। मंगलवार को किए एक ट्वीट में विश्व के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफॉर्म बिनांस के हेड चैंगपेंग झाओ (Changpeng Zhao) न कहा कि उन्होंने एफटीएक्स को खरीदने के लिए एक समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किया है। उन्होंने कहा कि यह छोटा क्रिप्टो एक्सचेंज नकदी के संकट से गुजर रहा है। इस सौदे की घोषणा के तुरंत बाद झाओ ने निवेश के दो मंत्र भी साझा किए।
कॉइनडेस्क (Coindesk) के अनुसार, एफटीएक्स बिकने की खबर आने से पहले सैम बैंकमैन-फ्रायड की कुल संपत्ति 15.2 अरब डॉलर थी। रातोंरात उनकी संपत्ति 14.6 अरब डॉलर घट गई। 30 वर्षीय अरबपति फ्रायड के लिए यह किसी झटके सम कम नहीं था। सोशल मीडिया पर ये एसबीएफ (SBF) के नाम से जाने जाते हैं। अगस्त में तो फॉर्च्यून मैगजीन ने यहां तक कहा था कि सैम बैंकमैन-फ्रायड कहीं अगले वॉरेन बफेट तो नहीं।
कौन हैं सैम बैंकमैन-फ्रायड (Sam Bankman-Fried)?
सैम बैंकमैन-फ्रायड के माता-पिता स्टैनफोर्ड लॉ स्कूल में प्रोफेसर हैं। फ्रायड ने अपनी पढ़ाई प्रसिद्ध Massachusetts Institute of Technology (MIT) से की है। 2017 में क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में कदम रखने से पहले उन्होंने वॉल स्ट्रीट में ब्रोकर का काम भी किया था।
सिर्फ 4 घंटे सोते हैं फ्रायड
शुद्ध शाकाहारी खाना खाने वाले फ्रायड 24 घंटे में सिर्फ 4 घंटे सोते हैं। कुछ ही समय में ये क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया की मशहूर शख्सियत बन गए। उन्होंने शपथ ली थी कि वह लगभग अपनी पूरी संपत्ति पशुओं के कल्याण और ग्लोबल वार्मिंग से लड़ने के लिए दान कर देंगे।
तुरंत बदला जाए विधानसभा में लगे मदेरणा के स्टैच्यू को- दिव्या ने की सीपी से मांग, जानें क्या है मामला
राजस्थान विधानसभा में बने नवनिर्मित राजनैतिक आख्यान डिजिटल संग्रहालय के लोकार्पण के बाद 14 नवंबर को स्कूली बच्चों के लिए खुल जाएगा म्यूजियम, लेकिन म्यूजियम में लगे स्टैच्यू पर उठने लगे सवाल, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा अपने स्टैच्यू पर सवाल उठाने के बाद अब दिव्या मदेरणा ने अपने दादा परसराम मदेरणा के स्टैच्यू पर उठाए सवाल
दिव्या ने लिखा सीपी जोशी को पत्र!
Political Narratives Digital Museum/Divya Maderna. 16 जुलाई को राजस्थान विधानसभा में बने नवनिर्मित राजनैतिक आख्यान डिजिटल संग्रहालय के लोकार्पण के बाद अब ये संग्रहालय 14 नवंबर को स्कूली बच्चों के लिए खुल जाएगा. बाद में इसे आम जनता के लिए भी खोलने की योजना बनाई गई है. लेकिन इससे पहले ही इस संग्राहलय में लगाई गई राजस्थान के दिग्गज नेताओं के लगाए गए सिलिकॉन स्टैच्यू पर सियासत गरमा गई है. सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा विधासनभा में लगाए गए अपने स्टैच्यू की बनावट पर सवाल उठाने के बाद अब ओसियां विधायक दिव्या मदेरणा ने अपने दादा एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष परसराम मदेरणा के स्टैच्यू को लेकर सवाल खड़े किए हैं. दिव्या मदेरणा ने कहा कि, ‘यह मूर्ति सूक्ष्म रूप से भी स्वर्गीय परसराम मदेरणा से मिलती जुलती नहीं है. इसे तुरंत बदला जाए.’
राजस्थान विधानसभा में प्रदेश के 70 साल की ऐतिहासिक राजनीतिक यात्रा और संस्कृति से रूबरू कराने वाले डिजिटल म्यूजियम को 14 नवंबर बाल दिवस से बच्चों के लिए खोल दिया जाएगा. जुलाई में लोकार्पण के बाद शुरू होने वाले इस संग्रहालय में प्रदेश के सभी मुख्यमंत्रियों और विधानसभा अध्यक्षों के सिलिकॉन से बने स्टैच्यू लगाए गए हैं. एक माह तक स्कूली और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए नि: शुल्क प्रवेश रहेगा. डिजिटल म्यूजियम सप्ताह में एक दिन बंद रहेगा. लेकिन म्यूजियम के खुलने के साथ ही म्यूजियम में लगे राजनेताओं के सिलिकॉन के के स्टैच्यू पर सियासत गर्म हो गई है. सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पहले ही अपने स्टैच्यू को लेकर सवाल खड़े कर चुकी है तो अब पूर्व विधानसभा अध्यक्ष परसराम मदेरणा की पौत्री और ओसियां से विधायक दिव्या मदेरणा ने भी इस सिलसिले में सवाल खड़े किए हैं.
शुक्रवार देर रात दिव्या मदेरणा ने विधानसभा के डिजिटल म्यूजियम में लगी अपने दादा ब्रोकर क्या है परसराम मदेरणा की मूर्ति की तस्वीर को साझा करते हुए ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘स्वर्गीय परसराम मदेरणा जी से प्रतिमा सूक्ष्म रूप से भी मिलती-जुलती नहीं है. मैं इस बारे में सीपी जोशी जी को लिखूंगी और उन से अनुरोध करूंगी की प्रतिमा को तुरंत बदल दिया जाए. मुझे इस बात का ध्यान है कि मूर्तिकला में हम किसी तस्वीर के प्रारूप तक पूर्ण रूप से नहीं पहुंच सकते हैं, परंतु परसराम जी की इस मूर्ति में बिल्कुल भी समानता नहीं है.’ अपने इस ट्वीट में दिव्या ने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को भी टैग किया है.
इससे पहले ब्रोकर क्या है प्रदेश की दिग्गज भाजपा नेता एवं सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी मूर्तियों के स्वरूप पर सवाल खड़े ब्रोकर क्या है किए थे. राष्ट्रपति चुनाव के समय जब म्यूजियम का काम चल रहा था तब मैडम राजे ने विधानसभा के अधिकारियों के साथ इस संग्रहालय का दौरा किया था. सिलिकॉन से बने स्टेचू को लेकर वसुंधरा राजे ने तब वहां मौजूदा अधिकारियों से पूछा था कि यह मेरी प्रतिमा है क्या?, तो अधिकारियों ने हां… में जवाब दिया. लेकिन जब पूर्व मुख्यमंत्री ने पूछा क्या यह प्रतिमा मेरी जैसी दिखाई दे रही है, तो अधिकारी भी लाजवाब हो गए.’ वसुंधरा राजे की आपत्ति के बाद विधानसभा में उनकी मूर्ति को बदलने का फैसला लिया गया था, जिसे कुछ ही दिनों में बदल दिया जाएगा. लेकिन सवाल ये है कि क्या दिव्या मदेरणा की मांग के बाद उनके दादा परसराम मदेरणा का स्टैच्यू भी बदला जाएगा. क्योंकि पिछले कुछ दिनों की बात की जाए तो दिव्या मदेरणा कुछ मुद्दों को लेकर अपनी ही सरकार के खिलाफ हमलावर है.
राजस्थान विधानसभा परिसर में बने राजनैतिक आख्यान संग्रहालय में 14 नवंबर से 1 महीने ब्रोकर क्या है के लिए बच्चों को निशुल्क प्रवेश दिया जाएगा. स्मार्ट सिटी लिमिटेड (जेएससीएल) के बनाए इस संग्रहालय का 16 जुलाई 2022 को भारत के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एन. वी. रमणा ने उद्घाटन किया था. 26 हजार स्क्वॉयर फीट में बने ब्रोकर क्या है इस विशाल संग्रहालय में अत्याधुनिक तकनीकी से राजस्थान की गौरवमयी गाथा और राजनैतिक आख्यानों को प्रस्तुत किया गया है. संग्रहालय में मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष, निर्वाचन क्षेत्र और विधायक गणों के बारे में जानकारी भी प्रदर्शित की गई हैं. मंत्रिमंडल, विपक्ष के नेता और अन्य जनप्रतिनिधियों की भूमिका को प्रदर्शित करता यह संग्रहालय पूरे देश में अनूठा उदाहरण है. म्यूजियम की विषय वस्तु हिन्दी और अंग्रेजी भाषाओं में है. टच स्क्रीन के माध्यम से भाषा का चयन किया जा सकता है.