DSO क्या है

Ujjwala Scheme में लापरवाही करने वाले DSO को शिवराज सिंह DSO क्या है चौहान ने मंच पर ही किया सस्पेंड, CM के तेवर देख अधिकारियों के छुटे पसीने
कार्यक्रम के दौरान उज्ज्वला योजना की स्थिति से अवगत कराते हुए सीएम चौहान को बताया गया कि जिला अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पाया है
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) इन दिनों एक वीडियो को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चा में बने हुए हैं। हाल ही में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान डिंडौरी में जन सेवा अभियान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उज्ज्वला योजना के तहत कार्ड बनाने में लापरवाही करने के मामले में एक सरकारी अधिकारी को सार्वजनिक रूप से लताड़ लगा दी।
इतना ही नहीं सीएम ने अधिकारी को मंच पर बुलाया और कहा कि उन्हें उनके पद से निलंबित कर दिया गया है। इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से शेयर किया जा रहा है। वायरल वीडियो में चौहान को सार्वजनिक रूप से डीएसओ को डांटते हुए दिखाया गया है। डीएसओ की पहचान टीकाराम अहिरवार (SDO Tikaram Ahirwar) के रूप में हुई है।
डीएसओ कार्यालय का निरीक्षण
जिलाधिकारी राजेश कुमार सिंह ने मंगलवार को जिला पूर्ति अधिकारी कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान डीएसओ कार्यालय में पत्रावलियों का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि एनएफएसए योजना के तहत कोई पात्र व्यक्ति नहीं छूटने पाए। साथ ही अपात्रों का चयन होने पर संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
डीएम ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत चयनित पात्रों की फीडिंग का निरीक्षण किया। इसके बाद अधिष्ठान रजिस्टर देख। साथ ही शासन द्वारा जारी शासनादेशा को विधिवत देखा। डीएम ने डीएसओ अंजनी कुमार सिंह को निर्देश दिया कि एनएफएसए के पात्रों के सत्यापन में तेजी लाएं। आपूर्ति विभाग में कर्मचारियों को पूरा करने के लिए शासन से कर्मचारी की मांग करें। कहा कि कार्डों की फीडिंग और राशन कार्डों की जांच कराने का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा कि एनएफएसए कार्य मेें जो भी बीडीओ और अधिकारी सहयोग नहीं कर रहे हैं, उनकी DSO क्या है जानकारी दिया जाए। ऐसे कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई जाएगी। पूर्ति निरीक्षण मुख्यायल अरूण कुमार वर्मा से एनएफएसए के तहत हो रहे सत्यापन कार्यो की जांच लिया। उन्होंने कहा कि पांच स्थानों पर कैंप लगाकर सत्यापन कराया गया है।
जिलाधिकारी राजेश कुमार सिंह ने मंगलवार को जिला पूर्ति अधिकारी कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान डीएसओ कार्यालय में पत्रावलियों का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि एनएफएसए योजना के तहत कोई पात्र व्यक्ति नहीं छूटने पाए। साथ ही अपात्रों का चयन होने पर संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
डीएम ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत चयनित पात्रों की फीडिंग का निरीक्षण किया। इसके बाद अधिष्ठान रजिस्टर देख। साथ ही शासन द्वारा जारी शासनादेशा को विधिवत देखा। डीएम ने डीएसओ अंजनी कुमार सिंह को निर्देश दिया कि एनएफएसए के पात्रों के सत्यापन में तेजी लाएं। आपूर्ति विभाग में कर्मचारियों को पूरा करने के लिए शासन से कर्मचारी की मांग करें। कहा कि कार्डों की फीडिंग और राशन कार्डों की जांच कराने का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा कि एनएफएसए कार्य मेें जो भी बीडीओ और अधिकारी सहयोग नहीं कर रहे हैं, उनकी जानकारी दिया जाए। ऐसे कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई जाएगी। पूर्ति निरीक्षण मुख्यायल अरूण कुमार वर्मा से एनएफएसए के तहत हो रहे सत्यापन कार्यो की जांच लिया। उन्होंने कहा कि पांच स्थानों पर कैंप लगाकर सत्यापन कराया गया है।
मुजफ्फरनगर के डीएसओ को न्यायिक हिरासत में भेजा जेल, जानें क्या है मामला
एसएसपी सहारनपुर ने बताया कि शुक्रवार रात गिरफ्तार किए गए डीएसओ को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। इस मामले में उत्तराखंड निवासी प्रीतम भी जेल भेजा गया है।
सहारनपुर, जागरण संवाददाता। इंडियन आयल कारपोरेशन लिमिटेड (आइओसी) की पाइप लाइन काटकर तेल चोरी करने वाले गिरोह का साथ देने के आरोप में गिरफ्तार मुजफ्फरनगर जिले के डीएसओ को शनिवार को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। एसएसपी का कहना है कि डीएसओ कार्यालय मुजफ्फरनगर में तैनात कई कर्मचारियों की अभी गोपनीय जांच चल रही है।
12 आरोपित जा चुके हैं जेल
एसएसपी आकाश तोमर ने बताया कि सरसावा और एसओजी टीम आइओसी की पाइन लाइन काटकर पेट्रोल-डीजल चोरी करने वाले गिरोह के सदस्य शुभम, संदीप, गुरमीत, अजय, भूपेंद्र, शुभम, अजीत, उदित कुमार, श्रीराम कन्नौजिया, कुशलवीर, इकराम, शाहनवाज उर्फ शहजाद समेत 12 लोगों को जेल भेज चुकी है। उदित कुमार भोपा में बायो-डीजल पंप चलाता था और डीएसओ मुजफ्फरनगर का चपरासी श्रीराम कन्नौजिया उदित से हर माह 30 हजार की रिश्वत लेता था।
जांच में सामने आया था डीएसओ का नाम
एसएसपी ने बताया कि जांच में डीएसओ मुजफ्फरनगर बृजेश कुमार शुक्ला भी कई बायो-डीजल पंपों से श्रीराम कन्नौजिया के जरिए हर माह रिश्वत वसूलते थे। डीएसओ को पता था कि इन पंपों पर चोरी का तेल बेचा जा रहा था। उन्हें तेल चोरी करने वाले गिरोह का भी पता था। एसएसपी ने बताया कि शुक्रवार रात गिरफ्तार किए गए डीएसओ को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम कोर्ट में पेश किया गया। जहां DSO क्या है से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। इस मामले में प्रीतम उर्फ कल्लू निवासी कुआखेड़ा गांव थाना लक्सर जिला हरिद्वार (उत्तराखंड) को भी जेल भेजा गया है।
50 हजार की रिश्वत के आरोप में शाहजहांपुर से गए थे जेल
एसएसपी आकाश तोमर ने DSO क्या है बताया कि वर्ष 2015 में डीएसओ बृजेश कुमार शुक्ला शाहजहांपुर जिले के डीएसओ थे। उस समय उन्होंने वंडा थानाक्षेत्र के अगरोली गांव में स्थित मैसर्स प्रकाश फ्यूल सेंटर नामक पेट्रोल पंप का लाइसेंस निरस्त कर दिया था। लाइसेंस बहाल करने के नाम पर पांच लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी, जबकि कागजों में कोई कमी नहीं थी। पंप मालिक ने एंटी करप्शन को सूचना देकर डीएसओ को 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़वा दिया था। इसका मुकदमा शाहजहांपुर के सदर बाजार थाने में दर्ज हुआ था। डीएसओ वर्तमान में मुजफ्फरनगर जिले की योगेंद्रपुरी कालोनी में रहते हैं।
क्या CRO और DSO जैसे वास्तविक समय के उपकरण समय अपरिवर्तनीय होने चाहिए?
CRO (कैथोड-रे दोलनदर्शी के लिए), या DSO (डिजिटल भंडारण दोलनदर्शी), एक प्रकार DSO क्या है का इलेक्ट्रॉनिक परीक्षण उपकरण है जो ग्राफिक रूप से अलग-अलग सिग्नल वोल्टेज प्रदर्शित करता है, आमतौर पर समय के एक फलन के रूप में एक या अधिक संकेतों के कैलिब्रेटेड द्वि-आयामी प्लॉट के रूप में होता है।
CRO और DSO विलंबित इनपुट के लिए समान आउटपुट का उत्पादन करते हैं, इसलिए उन्हें समय-अपरिवर्तनीय होना चाहिए।
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Last updated on Oct 25, 2022
The Dedicated Freight Corridor Corporation of India Limited (DFCCIL) has rescheduled the dates of Document Verification for the Advt. No. 04/2021. The candidates whose names were on the waiting list will have their DV on the 7th of November 2022. Candidates who will get a successful selection under the DFCCIL Executive Recruitment process will get a salary range between Rs. 30,000 to Rs. 120000. With Diploma or BE/B.Tech as a basic DFCCIL Executive Eligibility Criteria, this is a golden opportunity for job seekers.