समर्थन क्या है?

माहेश्वरी ने राज्य में भाजपा के सत्ता में आने से पहले लोग ‘‘गुंडों, भूमाफियाओं के आतंक’’ में जी रहे थे और महिलाओं को घर से बाहर निकलने में डर लगता था। उन्होंने कहा कि राज्य में भाजपा सरकार के शासन में, महिलाओं और छात्राओं सहित समाज का हर वर्ग सुरक्षित महसूस करता है।
मैनपुरी उपचुनाव: सपा और भाजपा दोनों कर रही हैं दलितों के समर्थन का दावा
मैनपुरी (उप्र), समर्थन क्या है? तीन दिसंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश में मैनपुरी संसदीय सीट के लिए उपचुनाव में मतदान से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्षी समाजवादी पार्टी (सपा) दोनों दलित मतदाताओं के समर्थन का दावा कर रही हैं। मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने इस उपचुनाव में अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है।
राजनीतिक दलों के सूत्रों के अनुसार, इस लोकसभा क्षेत्र में कुल 17 लाख से अधिक मतदाता हैं जिनमें से 3.40 लाख से अधिक दलित मतदाता हैं। यह उपचुनाव पांच दिसंबर को होगा। यह उपचुनाव सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के चलते कराया जा रहा है जो मैनपुरी से सांसद थे।
इस उपचुनाव में सपा ने डिंपल यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है, जबकि भाजपा ने रघुराज सिंह शाक्य को मैदान में उतारा है।
राजनीतिक दलों का दावा है कि मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र में कुल दलितों में 1.20 लाख जाटव, कठेरिया (70,000), दिवाकर (80,000) और बघेल (80,000) मतदाता शामिल हैं।
मैनपुरी उपचुनाव: सपा और भाजपा दोनों कर रही हैं दलितों के समर्थन का दावा
मैनपुरी (उप्र), तीन दिसंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश में मैनपुरी संसदीय सीट के लिए उपचुनाव में मतदान से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्षी समाजवादी पार्टी (सपा) दोनों दलित मतदाताओं के समर्थन का दावा कर रही हैं। मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने इस उपचुनाव में अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है।
राजनीतिक दलों के सूत्रों के अनुसार, इस लोकसभा क्षेत्र में कुल 17 लाख से अधिक मतदाता हैं जिनमें से 3.40 लाख से अधिक दलित मतदाता हैं। यह उपचुनाव पांच दिसंबर को होगा। यह उपचुनाव सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के चलते कराया जा रहा है जो मैनपुरी से सांसद थे।
इस उपचुनाव में सपा ने डिंपल यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है, समर्थन क्या है? समर्थन क्या है? जबकि भाजपा ने रघुराज सिंह शाक्य को मैदान में उतारा है।
राजनीतिक दलों का दावा है कि मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र में कुल दलितों में 1.20 लाख जाटव, कठेरिया (70,000), दिवाकर (80,000) और बघेल (80,000) मतदाता शामिल हैं।
अमृतपाल सिंह के 'खालसा मार्च' का समर्थन कर फंसे पंजाब कांग्रेस के नेता, पार्टी से हुई 'छुट्टी'
पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) ने सोमवार को अपने बड़े नेता और डीसीसी (DCC) के पूर्व अध्यक्ष कमलजीत सिंह बराड़ (Kamaljit Singh Brar) पर बड़ी कार्रवाई की है। पार्टी ने बराड़ को पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता के लिए तत्काल प्रभाव से निष्कासित कर दिया। बराड़ पर यह कार्रवाई सिख उपदेशक अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) के 'खालसा वहीर' अभियान का समर्थन करने और इसमें शामिल होने के बाद की गई है।
आपको बता दें कि खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह ने इस सप्ताह की शुरुआत में एक नए विवाद को जन्म दिया, जब उसने महीने भर चलने वाले 'खालसा वहीर', (जिसे पंजाब में 'खालसा मार्च' के रूप में भी जाना जाता है) की शुरुआत के दौरान अलगाववाद का खुला आह्वान किया था।
अमृतपाल सिंह का समर्थन करने पर कांग्रेस ने पार्टी नेता को निकाला
कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश चौधरी ने 27 नवंबर, 2022 को एक पत्र जारी किया, जिसमें कहा गया, "कमलजीत सिंह बराड़ पूर्व डीसीसी अध्यक्ष मोगा को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए तत्काल प्रभाव में पार्टी से समर्थन क्या है? निष्कासित किया जाता है।" सूत्रों के अनुसार, बराड़ को पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग और अन्य नेताओं ने अलगाववादी नेता का समर्थन करने के लिए बार-बार चेतावनी दी थी।
अमृतपाल सिंह समर्थन क्या है? ने खुले अलगाववाद के आह्वान के साथ मार्च की शुरुआत की
अमृतपाल सिंह एक खालिस्तान समर्थक है, जिन्होंने हाल ही में दिवंगत अभिनेता दीप सिद्धू के संगठन वारिस पंजाब डे (WPD) की कमान संभाली थी। उसका मकसद क्या है, इस बारे में अमृतपाल ने हाल ही में रिपब्लिक से बात की।
रिपब्लिक भारत से एक्सक्लूसिव बात करते हुए अमृतपाल ने कहा, "आप जानते हैं कि एक नरसंहार चल रहा है। भारत सिखों के खिलाफ नरसंहार कर रहा है। एक ड्रग नरसंहार और सांस्कृतिक नरसंहार है। इससे दूसरे देशों में बड़े पैमाने पर पलायन हो रहा समर्थन क्या है? है।"
"हम जो कर रहे हैं, उसका उद्देश्य हमारी संस्कृति को फिर से जिंदा करना है। इस दौरान हम उपदेश देने के समर्थन क्या है? पुराने तरीकों को फिर से जिंदा करेंगे। हम इसलिए यह काम कर रहे हैं। हमने इस मार्च की शुरुआत दरबार साहिब से की और एक महीने के अंदर हम अनंतपुर साहिब तक पहुंचेंगे। इस बीच हम कई जगहों पर रात्रि विश्राम करेंगे और प्रचार करेंगे।"
China Vs US: चीन में जारी प्रदर्शनों को अमेरिका ने दिया समर्थन, दोनों देशों के बीच रिश्ते और खराब होने के आसार
ताइवान के मसले पर चीन और अमेरिका में जबरदस्त टकराव है। इस टकराव के बीच जी-20 समर्थन क्या है? देशों की बैठक के दौरान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच मुलाकात और अलग से बैठक भी हुई थी। जिसमें चीन और अमेरिका के दोनों नेता अपने-अपने रुख पर अड़े हुए थे। अब चीन में हो रहे प्रदर्शनों को समर्थन देकर अमेरिका ने नया मोर्चा खोला है। इससे हालात गंभीर हो सकते हैं।
November 29, 2022
वॉशिंगटन। चीन में कड़े कोविड नियमों के खिलाफ जनता सड़कों पर उतरी है। जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं। इन प्रदर्शनों को अमेरिका ने समर्थन दिया है। इससे चीन के साथ उसके पहले से खराब रिश्ते और खटास भरे होने के आसार हैं। अमेरिका समर्थन क्या है? ने चीन में जारी विरोध प्रदर्शनों का समर्थन करते हुए कहा कि चीन की शून्य कोविड नीति कारगर नहीं रहेगी। चीन के लिए इस वायरस को नियंत्रित करना काफी मुश्किल होगा। अमेरिकी राष्ट्रपति के आवास व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने कहा कि हम दुनिया के किसी भी देश में शांतिपूर्ण प्रदर्शन का समर्थन करते हैं। बता दें कि चीन में किसी इमारत या इलाके में कोविड वायरस मिलने पर उसे पूरी तरह सील किया जाता है। इससे लोग परेशान हैं और इसी नीति के खिलाफ सड़कों पर जमकर प्रदर्शन हो रहे हैं।
पीएम मोदी ने कही थी ये बात
इससे पहले पीएम मोदी ने कहा था कि भारत ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’के विषय से प्रेरित होकर एकता को बढ़ावा देने के लिए काम करेगा और आतंक, जलवायु परिवर्तन, महामारी को सबसे बड़ी चुनौतियों के तौर पर सूचीबद्ध करेगा जिनका एक साथ मिलकर बेहतर तरीके से मुकाबला किया जा सकता है। पीएम मोदी ने कहा, 'भारत की जी-20 प्राथमिकताओं को न केवल हमारे जी-20 भागीदारों, बल्कि दुनिया के दक्षिणी हिस्से के हमारे साथी देशों के परामर्श से आकार दिया जाएगा, जिनकी आवाज अक्सर अनसुनी कर दी जाती है।'
आज से भारत ने संभाली G-20 की अध्यक्षता, PM बोले-'एक पृथ्वी, एक परिवार और एक भविष्य' पर रहेगा जोर
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का जी-20 एजेंडा समावेशी, महत्वाकांक्षी, कार्रवाई उन्मुख और निर्णायक होगा। उन्होंने कहा, ‘आइए हम भारत की जी20 अध्यक्षता को संरक्षण, सद्भाव और उम्मीद की अध्यक्षता बनाने के लिए एकजुट हों। आइए हम मानव-केंद्रित वैश्वीकरण के एक नए प्रतिमान को स्वरुप देने के लिए साथ मिलकर काम करें।’