क्या विदेशी मुद्रा है और कैसे यह कारोबार कर रहा है

China's daily Covid cases hit a record high since beginning of the pandemic, National Health Bureau data shows,as the country works to curb the spread with lockdowns, mass testing & travel restrictions. China recorded a total of 31,454 domestic cases on Wednesday: AFP News Agency— ANI (@ANI) November 24, 2022
क्या विदेशी मुद्रा है और कैसे यह कारोबार कर रहा है
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Edible Oil Price Update: ग्लोबल मार्केट में तेजी के बीच में आज घरेलू बाजार में तेल-तिलहन की कीमतों में गिरावट देखने को मिल रही है. आज सोयाबीन समेत कई तेल की कीमतों में गिरावट आई है. खाने वाले तेल की कीमतों में गिरावट की वजह से आम जनता को काफी राहत मिल सकती है. वहीं, सरसों के तेल, मूंगफली की कीमतों में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है.
किसानों को मिल रहा फायदा
बाजार सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सूरजमुखी और सोयाबीन डीगम तेल की आपूर्ति कम होने की वजह से यह लगभग 10 फीसदी ऊपर के लेवल पर बिक रहा है. इससे किसानों को फायदा होगा क्योंकि उनके तिलहन के अच्छे दाम मिलेंगे, आपूर्ति बढ़ने से उपभोक्ताओं को फायदा होगा और तेल मिलों को सस्ते आयातित तेलों की वजह से जो बाजार टूटा है उससे राहत मिलेगी और सरकार को भी राजस्व की प्राप्ति होगी.
आयात पर बढ़ रही है निर्भरता
कारोबारी सूत्रों ने कहा कि खाद्य तेलों के लिए आयात पर बढ़ती निर्भरता और इसके लिए भारी मात्रा में विदेशी मुद्रा के खर्च के जाल से निकलने की जरूरत है. इसके लिए एकमात्र रास्ता किसानों को लाभकारी कीमत देकर देश में तिलहन उत्पादन बढ़ाना ही है.
आइए चेक करें आज क्या रहा तेल का भाव-
>> सरसों तिलहन - 7,300-7,350 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल
>> मूंगफली - 6,585-6,645 रुपये प्रति क्विंटल
>> मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 15,100 रुपये प्रति क्विंटल
>> मूंगफली रिफाइंड तेल 2,445-2,705 रुपये प्रति टिन
>> सरसों तेल दादरी- 14,850 रुपये प्रति क्विंटल
>> सरसों पक्की घानी- 2,250-2,380 रुपये प्रति टिन
>> सरसों कच्ची घानी- 2,310-2,435 रुपये प्रति टिन
>> तिल तेल मिल डिलिवरी - 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल
>> सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 14,200 रुपये प्रति क्विंटल
>> सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,800 रुपये प्रति क्विंटल
>> सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 12,750 रुपये प्रति क्विंटल
>> सीपीओ एक्स-कांडला- 8,550 रुपये प्रति क्विंटल
>> बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 12,500 रुपये प्रति क्विंटल
>> पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 10,300 रुपये प्रति क्विंटल
>> पामोलिन एक्स- कांडला- 9,400 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल
>> सोयाबीन दाना - 5,650-5,750 रुपये प्रति क्विंटल
>> सोयाबीन लूज 5,460-5,510 रुपये प्रति क्विंटल
>> मक्का खल (सरिस्का) 4,010 रुपये प्रति क्विंटल
Sensex Today: वैश्विक बाजारों में मजबूती के बीच सेंसेक्स 61,600 अंक के पार पहुंचा
वैश्विक बाजारों में मजबूती के बीच बृहस्पतिवार को शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 124 अंक से अधिक चढ़कर 61,600 अंक के पार पहुंच गया. निफ्टी ने भी बढ़त दर्ज की.
मुंबई, 24 नवंबर : वैश्विक बाजारों में मजबूती के बीच बृहस्पतिवार को शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 124 अंक से अधिक चढ़कर 61,600 अंक के पार पहुंच गया. निफ्टी ने भी बढ़त दर्ज की. इस दौरान बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 124.35 अंक चढ़कर 61,634.93 अंक पर पहुंच गया. इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी शुरुआती कारोबार में 38 अंक के लाभ के साथ 18,305.25 अंक पर कारोबार कर रहा था.
बीएसई सेंसेक्स कुछ देर के बाद 248.22 अंक के लाभ के साथ 61,760.67 अंक पर और निफ्टी 75 अंक चढ़कर 18,342.25 अंक पर कारोबार कर रहा था. सेंसेक्स में एचडीएफसी, एचडीएफसी बैंक, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, पॉवर ग्रिड, महिंद्रा एंड महिंद्रा, इंडसइंड बैंक और बजाज फाइनेंस के शेयर लाभ में थे. दूसरी ओर, कोटक महिंद्रा बैंक, टाटा स्टील और भारती एयरटेल के शेयर नुकसान में कारोबार कर रहे थे. पिछले कारोबारी सत्र में, बुधवार को तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 91.62 अंक यानी 0.15 प्रतिशत की बढ़त के साथ 61,510.58 अंक पर बंद हुआ था. यह भी पढ़ें: Sensex Update: कमजोर एशियाई बाजारों के बीच शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स, निफ्टी टूटे
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 23.05 अंक यानी 0.13 प्रतिशत की बढ़त के साथ 18,267.25 अंक पर बंद हुआ था. अन्य एशियाई बाजारों में सियोल, तोक्यो और हांगकांग के बाजारों में तेजी थी लेकिन शंघाई के बाजार नुकसान में कारोबार कर रहे थे. अमेरिकी बाजार भी बुधवार को तेजी के साथ बंद हुए. अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.23 फीसदी की गिरावट के साथ 85.24 प्रति बैरल पर था. शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बुधवार को 789.86 करोड़ रुपये के शेयर बेचे.
चीन में एक दिन में दर्ज किए गए 31 हजार से ज्यादा कोविड के मामले, हो रही लॉकडाउन लगाने की तैयारी
चीन में एक दिन में दर्ज किए गए 31 हजार से ज्यादा कोविड के मामले, हो रही लॉकडाउन लगाने की तैयारी
Highlights अगर चीन की 1.4 बिलियन की आबादी को देखा जाए तो यह आंकड़ा बेहद कम है लेकिन चीन में इससे खलबली मच गई है राष्ट्रीय स्वास्थ्य ब्यूरो ने कहा कि बुधवार को चीन में बिना किसी लक्षण के 31,454 घरेलू मामले 27,517 दर्ज किए गए चीन में इसी साल अप्रैल में 29,390 नए मामले सामने आए थे
बीजिंग: राष्ट्रीय स्वास्थ्य ब्यूरो के आंकड़ों से पता चलता है कि महामारी की शुरुआत के बाद से चीन के दैनिक कोविड मामले रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गए हैं। चीन लॉकडाउन, सामूहिक परीक्षण और यात्रा प्रतिबंधों के साथ प्रसार को रोकने के लिए काम कर रहा है। चीन ने बुधवार को कुल 31,454 घरेलू मामले दर्ज किए।
चीन की 1.4 बिलियन की विशाल आबादी और महामारी की ऊंचाई पर पश्चिमी देशों में देखे गए मामलों की तुलना में यह संख्या अपेक्षाकृत कम है। लेकिन बीजिंग की सख्त शून्य-कोविड नीति के तहत छोटे प्रकोप भी पूरे शहरों को बंद कर सकते हैं और संक्रमित रोगियों के संपर्कों को सख्त संगरोध में रख सकते हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य ब्यूरो ने कहा कि बुधवार को देश में बिना किसी लक्षण के 31,454 घरेलू मामले 27,517 दर्ज किए गए।
China's daily Covid cases hit a record high since beginning of the pandemic, National Health Bureau data shows,as the country works to curb the spread with lockdowns, mass testing & travel restrictions. China recorded a total of 31,454 domestic cases on Wednesday: AFP News Agency
— ANI (@ANI) November 24, 2022
जैसे-जैसे महामारी की तीसरी वर्षगांठ आ रही है, दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में छिटपुट विरोध और उत्पादकता पर असर पड़ रहा है, जीरो-कोविड के अथक दबाव ने आबादी के झुंडों में थकान और आक्रोश पैदा कर दिया है। बुधवार को मध्य चीन में फॉक्सकॉन की विशाल आईफोन फैक्ट्री में हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया, जिसमें दर्जनों हजमत-पहने कर्मियों को डंडों से पीटते और कर्मचारियों का पीछा करते हुए दिखाया गया।
नए आंकड़े अप्रैल के मध्य में दर्ज किए गए 29,390 संक्रमणों से अधिक हैं, जब मेगासिटी शंघाई लॉकडाउन के तहत था, निवासियों को भोजन खरीदने और चिकित्सा देखभाल तक पहुंचने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा था। बीजिंग, शंघाई, ग्वांगझू और चोंगकिंग सहित कई शहरों ने मामले बढ़ने के साथ ही कोविड प्रतिबंधों को कड़ा कर दिया है।
बीजिंग के अधिकारियों ने कहा कि राजधानी में अब शॉपिंग मॉल, होटल और सरकारी भवनों जैसे सार्वजनिक स्थानों में प्रवेश करने वालों के लिए 48 घंटों के भीतर एक नकारात्मक पीसीआर परीक्षा परिणाम की आवश्यकता है। शहर भर के स्कूल ऑनलाइन कक्षाओं में चले गए हैं। ग्वांगझू के दक्षिणी विनिर्माण केंद्र ने रोगियों को समायोजित करने के लिए हजारों अस्थायी अस्पताल के कमरे बनाए हैं।
‘जी-20’ पर नरेंद्र भाई की फ़तह के क़सीदे
इंडोनेशिया के भारतवंशियों के सामने, नरेंद्र मोदी ने 2014 के पहले के भारत और 2014 के बाद के भारत में ‘बहुत बड़े फ़र्क़’ के बारे में भी ज्ञान-दान किया। कहा कि अब भारत छोटा सोचता ही नहीं है। स्टैच्यू बनाएगा तो दुनिया में सब से बड़ा। स्टेडियम बनाएगा तो दुनिया में सब से बड़ा। मीनमेखी कह सकते हैं कि नरेंद्र भाई को बताना चाहिए था कि दुनिया का कौन-सा सब से बड़ा कारखाना आठ साल में भारत में लगा, दुनिया का कौन-सा सब से बड़ा विश्वविद्यालय भारत में बना, दुनिया के कौन-से सब से बड़े रोज़गार-अवसर भारत में सृजित हुए? वग़ैरह-वग़ैरह। मगर ऐसी नकारात्मक सोच वालों के लिए किसे फ़ुरसत है?
इस एक दिसंबर से अगले तीस नवंबर तक के लिए हमारे नरेंद्र भाई मोदी ‘जी-20’ के अध्यक्ष बन गए तो आराधक इतने कुप्पा-कुप्पा हैं, गोया यह उनकी निजी उपलब्धि हो। उछल-उछल कर यह बताया जा रहा है कि अब दुनिया भर के उत्पाद के 80 प्रतिशत, विश्व व्यापार के 70 प्रतिशत, पुथ्वी के सकल भूभाग के 60 प्रतिशत और संसार की आबादी के दो तिहाई हिस्से के प्रमुख शिल्पी क्या विदेशी मुद्रा है और कैसे यह कारोबार कर रहा है नरेंद्र भाई हो गए हैं। अगर ऐसा है तो बहुत अच्छा है। इस परिलब्धि पर रीझने का हक़ उपासकों को क्यों नहीं होना चाहिए?
मैं भी इस पर रीझा हुआ हूं कि जी-20 शिखर सम्मेलन के समापन सत्र में अपने बहुत ही संक्षिप्त उद्बोधन में नरेंद्र भाई ने सर्व-स्पर्शी, सर्व-समावेशी, मम-भाव, सम-भाव, शांति और सौहार्द जैसे पावन शब्दों की सरिता बहाई; ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ का मंत्रोच्चार किया; भारत की अद्भुत विविधता, समावेशी परंपराओं और सांस्कृतिक समृद्धि का गुणगान किया; और, ‘लोकतंत्र की मातृश्री’ -भारत- के विभिन्न शहरों और राज्यों में होने वाली जी-20 की बैठकों में सब से सहभागी बनने का अनुरोध किया।
मौका मिलते ही फौरन ‘मत चूके चौहान’ मुद्रा अपना लेने की नरेंद्र भाई की अदा भी मुझे रिझाती है। इंडोनेशिया की राजधानी बाली में भारतीय समुदाय के सामने जब वे बोले तो क्या विदेशी मुद्रा है और कैसे यह कारोबार कर रहा है बताने लगे कि अभी जिस समय मैं यहां आप से बात कर रहा हूं, डेढ़ हज़ार किलोमीटर दूर उड़ीसा में बाली जात्रा का महोत्सव चल रहा है। उन्होंने इंडोनेशिया में हीरे-जवाहरात का कारोबार करने वाले गुजरातियों का गर्वीला ज़िक्र किया और मूर्तिकार बप्पा न्यूमन नुआर्ता को 2018 में पद्मश्री से सम्मानित करने का ज़ोरदार उल्लेख किया। इंडोनेशिया में लगी भगवान विष्णु की विश्व की सब से ऊंची प्रतिमा नुआर्ता ने बनाई है। नरेंद्र भाई ने इंडोनेशिया के मशहूर नर्तक वायन डिबिया और समाजसेवी अगुस इंद्र उदयन को पद्मश्री से नवाज़ने को भी रेखांकित किया। डिबिया ने रामायण के अलग-अलग कांडों को लोकनृत्य में संजोया है और उदयन इंडोनेशिया में गांधी के विचारों को प्रचारित करने के लिए भारत की सांस्कृतिक संबंध परिषद के सहयोग से चार आश्रम संचालित करते हैं।
नरेंद्र भाई ने गुजरात और इंडोनेशिया के ख़ास सांस्कृतिक संबंधों का बखान करने में भी कोई कसर नहीं रखी। उन्होंने याद किया कि कैसे जब वे पिछली बार जकार्ता आए थे तो राष्ट्रपति जोको विडोडो के साथ उन्होंने खूब पतंग उड़ाई थी। बोले कि मुझे तो गुजरात में संक्रांति पर पतंग उड़ाने का बहुत अभ्यास रहा है और यहां इंडोनेशिया में भी संक्रांति पर खूब पतंग उड़ाई जाती है। फिर बोले कि मैं तो द्वारकाधीश भगवान कृष्ण की धरती गुजरात में पला-बढ़ा हूं। मेरा तो जीवन वहीं बीता है। कहा कि बाली में ऐसा शायद ही कोई व्यक्ति होगा, जिसकी अभिलाषा नहीं होगी कि अपने जीवन में एक बार अयोध्या और द्वारका क्या विदेशी मुद्रा है और कैसे यह कारोबार कर रहा है के दर्शन करे। लोग भले कहें, लेकिन मैं नहीं मानता कि यह सब उन्होंने गुजरात में हो रहे विधानसभा चुनाव की वजह से कहा होगा। बाली की भूमि को नरेंद्र भाई ने महर्षि मार्कंडेय और महर्षि अगस्त्य के तप से पवित्र हुआ बताया। कहा कि भारत में गंगा है तो इंडोनेशिया में तीर्थगंगा है; भारत में हम हर कार्य गणेश जी को स्मरण कर के आरंभ करते हैं और इंडोनेशिया के घर-घर में भी गणेश जी विराजे हुए हैं; बाली का जन-जन महाभारत की गाथाओं के साथ बड़ा होता है।
अब बताइए, नरेंद्र भाई की इतनी अच्छी-अच्छी बातों की बलैयां लेने का मन किसे नहीं होगा? नरेंद्र भाई के साथ इस फुलवारी में टहलते हुए आप को अपने देश की भीतरी चिंताओं से मुक्ति का गुलाबी अहसास ख़ुद के भीतर नहीं भरना तो मत भरिए। उन्होंने तो इंडोनेशिया के भारतवंशियों के सामने, 47 बरस पहले आई फ़िल्म ‘ज़ख़्मी’ का गाना ‘आओ तुम्हें चांद पे ले जाएं, प्यार भरे सपने सजाएं‘ गाने में कोई कसर बाकी रखी नहीं। ऐसा करते हुए उन्होंने 2014 के पहले के भारत और 2014 के बाद के भारत में ‘बहुत बड़े फ़र्क़’ के बारे में भी ज्ञान-दान किया। कहा कि अब भारत छोटा सोचता ही नहीं है। स्टैच्यू बनाएगा तो दुनिया में सब से बड़ा। स्टेडियम बनाएगा तो दुनिया में सब से बड़ा। मीनमेखी कह सकते हैं कि नरेंद्र भाई को बताना चाहिए था कि दुनिया का कौन-सा सब से बड़ा कारखाना आठ साल में भारत में लगा, दुनिया का कौन-सा सब से बड़ा विश्वविद्यालय भारत में बना, दुनिया के कौन-से सब से बड़े रोज़गार-अवसर भारत में सृजित हुए? वग़ैरह-वग़ैरह। मगर ऐसी नकारात्मक सोच वालों के लिए किसे फ़ुरसत है?
जिसे नहीं मानना, न माने, मगर जी-20 का अध्यक्ष बनने के बाद नरेंद्र भाई की कलगी में सुर्ख़ाब का एक पंख और लग गया है। आप कहते रहिए कि उस में उन का क्या है? जी-20 के अध्यक्ष तो क्रमवार बनते हैं, इस बार भारत की बारी थी तो भारत बना और नरेंद्र भाई प्रधानमंत्री हैं तो वे बने। कोई और होता तो वह बनता। यह सही है कि इस बार चार देशों के जिस समूह की अध्यक्षता की बारी आई थी, उस में भारत भी था। इस समूह के चार में से दो देश – रूस और टर्की – पहले अध्यक्ष बन चुके हैं। दक्षिण अफ्रीका और भारत बचे थे। इस बार भारत पर बाकी तीन की सहमति हुई। इस समूह की बारी जब कभी फिर आएगी तो ज़ाहिर है कि दक्षिण अफ्रीका को यह मौक़ा मिलेगा। सो, तब सिरिल रामफोसा वहां के राष्ट्रपति होंगे तो वे बन जाएंगे। नहीं तो जो होगा, वह बनेगा। अब इसी (कु)तर्क पर जिन्हें टिके रहना है, टिके रहें। नरेंद्र भाई तो अपने ऐरावत पर सवार क्या विदेशी मुद्रा है और कैसे यह कारोबार कर रहा है हो गए हैं।
अपने जिन उत्पादों को आप अच्छा समझते हैं, अगर उनकी रंग-बिरंगी आकर्षक पैकेजिंग और धुआंधार मार्केटिंग आपको नहीं आती है और दूसरा कोई अपने गए-गुज़रे उत्पादों को भी देश-दुनिया के बाज़ार में ज़ोर-शोर से बेच आता है तो इस में किस का दोष है? अगर नरेंद्र भाई को हर बात के लिए नेहरू जी को कु़सूरवार ठहराने की लत पड़ी हुई है तो क्या यह ज़रूरी है क्या विदेशी मुद्रा है और कैसे यह कारोबार कर रहा है कि आप भी अपनी हर नाकामी के लिए नरेंद्र भाई पर तोहमत लगाने की आदत डाल लें? अगर आप झक्कू देने के कदाचार में अपने को नहीं सानना चाहते हैं तो यह तो आप की समस्या है न? इस में नरेंद्र भाई क्या करें? क्या आप के चक्कर में वे अपना कर्म-सुख त्याग दें? क्या आप को नहीं मालूम कि जो पुनर्जन्म के पुजारी होते हैं, वे मोक्ष-प्राप्ति के साधन नहीं खोजा करते!
बात-बेबात चिल्ल-पों मचाना बंद कीजिए। सप्रयास आए या अप्रयास, छीना-झपटी से आए या पुण्य-फल से, बैठे-ठाले आए या हाथ-पैर मार कर, आयोजित तरीकों से आए या प्रायोजित तरीकों से, निरर्थक हो या सार्थक – अपनी झोली में आई हर चीज़ को उत्सव नहीं, महोत्सव बनाना सीखिए। इस कला की साधना के लिए नरेंद्र भाई लिखित सियासी संहिताओं का सहारा लीजिए। कलियुग में सतयुग की शास्त्रोक्त राह पर चलने से कुछ हासिल नहीं होने वाला। इसलिए हर रोज़ बुक्का फाड़ कर रोने में क्या रखा है? इतने मासूम मत बने रहिए कि ‘एक आंसू भी हुकूमत के लिए खतरा है’ क्या विदेशी मुद्रा है और कैसे यह कारोबार कर रहा है गुनगुनाते-गुनगुनाते ही ज़िंदगी बीत जाए। वरना एक वक़्त आएगा कि सदियों से जगी आप की थकी आंखों से बहते आंसू पोंछने कोई और तो आएगा नहीं और आप की हथेलियां भी ख़ुद निढाल पड़ी होंगी। तो आइए, भारत के नहीं, नरेंद्र भाई के, माथे पर बंधी ताजा पगड़ी का ज़श्न धूमधाम से मनाइए और उस की तरंग में सब-कुछ भूल जाइए। (लेखक न्यूज़-व्यूज़ इंडिया और ग्लोबल इंडिया इनवेस्टिगेटर के संपादक हैं।)
Petrol Diesel Price, 21 November 2022: पेट्रोल-डीजल के नए रेट जारी, फटाफट जानें दाम घटे या बढ़े ?
Petrol Diesel Price, 21 November 2022: महंगाई के मोर्चे पर आज भी आम लोगों के लिए राहत भरी की खबर है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में जारी उतार-चढ़ाव के बीच भारतीय ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने हर रोज की तरह आज भी पेट्रोल और डीजल के ताजा भाव जारी कर दिए हैं।
हालांकि तेल कंपनियों ने सोमवार (21 November 2022) को भी पेट्रोल-डीजल की कीमतें स्थिर रखी हैं। इस तरह आज लगातार 182वां दिन है जब देश में पेट्रोल और डीजल के क्या विदेशी मुद्रा है और कैसे यह कारोबार कर रहा है दाम में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
सरकारी तेल कंपनियों ने आज सोमवार 21 नवंबर के लिए पेट्रोल और डीजल के दाम जारी कर दिए हैं। तेल कंपनियों ने लगातार 184वें दिन आम लोगों को राहत देते हुए पेट्रोल और डीजल के दाम में कोई बदलाव नहीं किया है। यानी आज भी तेज की कीमतें स्थिर है।
आपको बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में दिनों से क्रूड ऑयल के की कीमत में कमी आई है। फिलहाल डब्ल्यूटीआई क्रूड की कीमत कम होकर 90 डॉलर प्रति बैरल और ब्रेंट क्रूड 95 डॉलर प्रति बैरल के करीब है।
इससे पहले 21 मई को सरकार ने एक्साइज ड्यूटी में कटौती की थी। पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी में 8 रुपये प्रति लीटर और डीजल में 6 रुपये प्रति लीटर की कटौती कई गई थी। उसके बाद से पेट्रोल और डीजल की कीमत में कमी आई थी। इसके बाद देश में 9.50 रुपये और डीजल 7 रुपये प्रति लीटर सस्ता हो गया। केंद्र की घोषणा के बाद राजस्थान, महाराष्ट्र, ओडिशा और केरल सरकार ने भी वैट में कटौती की थी।
देश के महानगरों में ये है भाव
फिलहाल दिल्ली में पेट्रोल 96.72 रुपये लीटर है तो डीजल 89.62 रुपये लीटर के हिसाब से बिक रहा है। वहीं मुंबई में पेट्रोल 106.31 रुपये क्या विदेशी मुद्रा है और कैसे यह कारोबार कर रहा है और डीजल 94.27 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है। जबकि कोलकाता में पेट्रोल 106.03 रुपये और डीजल 92.76 रुपये प्रति लीटर है। उधर चेन्नई में पेट्रोल 102.63 रुपये और डीजल 94.24 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है।
यहां मिल रहा सबसे महंगा पेट्रोल-डीजल
राजस्थान के गंगानगर और हनुमानगढ़ जिले में सबसे महंगा पेट्रोल और डीजल बिक रहा है। गंगानगर में पेट्रोल 113.48 रुपये प्रति लीटर तो डीजल 98.24 रुपये प्रति लीटर है। वहीं हनुमानगढ़ जिले में पेट्रोल 112.54 रुपये प्रति लीटर पहुंच और डीजल 97.39 रुपये लीटर के भाव बिक रहा है।
यहां मिल रहा सबसे सस्ता पेट्रोल-डीजल
पोर्ट ब्लेयर में सबसे सस्ता पेट्रोल-डीजल बिक रहा है। जहां पेट्रोल की कीमत 84.10 रुपये प्रति लीटर और डीजल का भाव 79.74 रुपये प्रति लीटर है।
क्या है आज का भाव (Petrol Diesel Price on 21 November 2022)
दिल्ली (Delhi): पेट्रोल 96.72 रुपये और डीजल 89.62 रुपये प्रति लीटर।
मुंबई (Mumbai): पेट्रोल 106.31 रुपये और डीजल 94.27 रुपये प्रति लीटर।
कोलकाता (Kolkata): पेट्रोल 106.03 रुपये और डीजल 92.76 रुपये प्रति लीटर।
चेन्नई (Chennai): पेट्रोल 102.63 रुपये और डीजल 94.24 रुपये प्रति लीटर।
हैदराबाद (Hyderabad): पेट्रोल 109.66 रुपये और डीजल 97.82 रुपये प्रति लीटर।
बंगलुरु (Bangalore): पेट्रोल 101.94 रुपये और डीजल 87.89 रुपये प्रति लीटर।
तिरुवनंतपुरम (Thiruvananthapuram): पेट्रोल 107.71 रुपये और डीजल 96.52 रुपये प्रति लीटर।
पोर्टब्लेयर (Port Blair): पेट्रोल 84.10 रुपये और डीजल 79.74 रुपये प्रति लीटर।
भुवनेश्वर (Bhubaneswar): पेट्रोल 103.19 रुपये और डीजल 94.76 रुपये प्रति लीटर।
चंडीगढ़ (Chandigarh): पेट्रोल 96.20 रुपये और डीजल 84.26 रुपये प्रति लीटर।
लखनऊ (Lucknow): पेट्रोल 96.57 रुपये और डीजल 89.76 रुपये प्रति लीटर।
नोएडा (Noida): पेट्रोल 96.57 रुपये और डीजल 89.96 रुपये प्रति लीटर।
जयपुर (Jaipur): पेट्रोल 108.48 रुपये और डीजल 93.72 रुपये प्रति लीटर।
पटना (Patna): पेट्रोल 107.24 रुपये और डीजल 94.04 रुपये प्रति लीटर
गुरुग्राम (Gurugram): 97.18 रुपये और डीजल 90.05 रुपये प्रति लीटर।
इस वजह से देश में महंगा है पेट्रोल और डीजल
आपको बता दें कि पेट्रोल और डीजल के दाम में एक्साइज ड्यूटी, डीलर कमीशन और अन्य चीजें जोड़ने के बाद इसका दाम लगभग दोगुना हो जाता है। विदेशी मुद्रा दरों के साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड की कीमतें क्या हैं, इस आधार पर रोज पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव होता है।
ऐसे जानें अपने शहर में पेट्रोल और डीजल का आज का भाव
आपको बता दें कि पेट्रोल-डीजल के भाव रोजाना बदलते हैं और सुबह 6 बजे अपडेट हो जाते हैं। पेट्रोल-डीजल का रोज का रेट आप SMS के जरिए भी जान सकते हैं। इंडियन ऑयल के कस्टमर RSP के साथ शहर का कोड लिखकर 9224992249 नंबर पर और BPCL उपभोक्ता RSP लिखकर 9223112222 नंबर पर भेज जानकारी हासिल कर सकते हैं। वहीं, HPCL उपभोक्ता HP Price लिखकर 9222201122 नंबर पर भेजकर भाव पता कर सकते हैं।
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