शेयर मार्केट में कितना Risk है?

शेयर बाजार में खराब हालात के बावजूद बीते एक साल में इन म्यूचुअल फंडों का प्रदर्शन रहा अच्छा
एक साल का मतलब 1 जुलाई, 2021 से 1 जुलाई, 2022 के बीच स्टॉक मार्केट के प्रदर्शन से है। इस दौरान बाजार ने रिटर्न नहीं दिया है। इस साल में बाजार जहां से चला था, फिर शेयर मार्केट में कितना Risk है? वही आकर ठहर गया। इसकी वजह यह है कि अक्टूबर के बाद बाजार में गिरावट आई है
पिछले एक साल में दो-तिहाई लार्जकैप फंडों ने इनवेस्टर्स को निराश किया है। इनका प्रदर्शन निफ्टी 50 इंडेक्स के मुकाबले कमजोर रहा। इसकी एक वजह यह बताई जा रही है कि इन फंडों ने निफ्टी के शेयरों में निवेश नहीं किया। निफ्टी नेक्स्ट 50 इंडेक्स में इस दौरान करीब 5 फीसदी गिरावट आई। बैंक और फार्मा शेयरों में ज्यादा निवेश का असर इन म्यूचुअल फंडों के परफॉर्मेंस पर पड़ा।
एक साल का मतलब 1 जुलाई, 2021 से 1 जुलाई, शेयर मार्केट में कितना Risk है? 2022 के बीच स्टॉक मार्केट के प्रदर्शन से है। इस दौरान बाजार ने रिटर्न नहीं दिया है। इस साल में बाजार जहां से चला था, फिर वही आकर ठहर गया। इसकी वजह यह है कि अक्टूबर के बाद बाजार में गिरावट आई है। इस गिरावट ने पिछले साल जुलाई से अक्टूबर के दौरान बाजार में आई बढ़त खत्म कर दी। पिछले साल 18 अक्टूबर को बाजार ऑल-टाइम हाई पर पहुंच गया था।
आप भी करते हैं 10 रुपये से कम वाले शेयर में निवेश, जानें- पेनी स्टॉक के रिस्क और फायदे?
बाजार में उतार-चढ़ाव के शेयर मार्केट में कितना Risk है? समय में सबसे ज्यादा नुकसान पेनी स्टॉक्स के निवेशकों को उठाना पड़ता है. कई बार ऐसा भी होता है कि एक बार में सारे पैसे डूब जाते हैं. साथ ही कई पेनी स्टॉक्स को ऑपरेट करने वाले भी निवेशकों का ध्यान आकर्षित करने के लिए भी शेयर खरीद कर दाम बढ़ाते हैं.
सरबजीत कौर
- नई दिल्ली,
- 19 अक्टूबर 2021,
- (अपडेटेड 19 अक्टूबर 2021, 9:18 PM IST)
- पेनी स्टॉक्स से निवेशक को दूर रहने की सलाह
- बेस्ट क्वालिटी शेयरों में निवेश करना चाहिए
- बाजार में गिरावट आने से पेनी शेयर मार्केट में कितना Risk है? स्टॉक्स सबसे ज्यादा प्रभावित
पिछले दो साल से शेयर बाजार में आ रही तेजी ने कई नए निवेशकों को निवेश के लिए आकर्षित किया है. ऐसे में सिर्फ लंबी अवधि के निवेशक शेयर मार्केट में कितना Risk है? ही नहीं, बल्कि ट्रेडिंग करने वालों को भी काफी फायदा मिल रहा है. लेकिन कई लोग जो बाजार में नए हैं उनके के पास सेविंग के ज्यादा पैसे नहीं होते हैं. ऐसे में वो लोग कम कीमत वाले शेयरों में पैसा लगाना चाहते हैं. जिनमें निवेश से उन्हें पैसे भी ज्यादा न लगाने पड़े और फायदा भी ज्यादा मिल जाए. लेकिन ऐसे शेयरों में मुनाफे से ज्यादा रिस्क बहुत होता है. इन्ही कम कीमत वाले शेयरों को जिनका मार्केट कैप भी कम होता है, उन्हें हम पेनी स्टॉक या भंगार शेयर कहते हैं. साधारण शेयर मार्केट में कितना Risk है? भाषा में जानें तो ज्यादातर जिन कंपनियों के शेयर 10 रुपये या उससे कम के होते हैं उन्हें पेनी स्टॉक्स कहा जाता है.
कितना रिस्क है:
पेनी स्टॉक्स सस्ते जरूर होते हैं लेकिन इनमें रिस्क बहुत ज्यादा होता है.
एस्कॉर्ट सिक्योरिटी के रिसर्च हेड- आसिफ इकबाल का मानना है कि जैसे कि-बाजार अपने नए स्तर को छू रहा है और अबतक की सबसे ज्यादा तेजी है. ऐसे में निवेशकों को संभलकर रहने की जरूरत और बेस्ट क्वालिटी शेयरों पर निवेश करना चाहिए. अगर बाजार में यहां से गिरावट आई तो पेनी स्टॉक्स में सबसे ज्यादा नुकसान होगा. ये एक तरह से बर्निंग ट्रेन में यात्रा करने के समान है. इसलिए, इससे बेहतर हैं कि आप ट्रेन में बोर्ड करने से पहले ही संभल जाएं. पेनी स्टॉक्स में निवेश से पहले कंपनी के गुड मैनेजमेंट, बिजनेस और आउटलुक को देखना बहुत जरूरी है. साथ ही ये देखना अनिवार्य होता है कि कंपनी के पास जीरो डेट या कर्ज ना के बराबर है.'
बाजार में उतार-चढ़ाव के समय में सबसे ज्यादा नुकसान पेनी स्टॉक्स के निवेशकों को उठाना पड़ता है. कई बार ऐसा भी होता है कि एक बार में सारे पैसे डूब जाते हैं. साथ ही कई पेनी स्टॉक्स को ऑपरेट करने वाले भी निवेशकों का ध्यान आकर्षित करने के लिए भी शेयर खरीद कर दाम बढ़ाते हैं. ऐसे समय में निवेशकों को बड़ी बारीकी से पेनी स्टॉक्स के रिस्क और मुनाफे को समझना होगा. बिना सही जानकारी के निवेश करने से भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है.
आसिफ के मुताबिक-‘पेनी स्टॉक्स में 5 फीसदी से ज्यादा निवेश न करें. हमेशा किसी भी स्टॉक में पोजिशन लेने से पहले अपने स्टॉप लॉस को ध्यान में रखकर ही निवेश करें’.
पेनी स्टॉक की कीमत बहुत कम होती है. जिसकी वजह से पेनी स्टॉक्स को ऑपरेट करने वाले लोग शेयर में खुद ही पैसा लगाकर उसकी कीमत बढ़ा देते हैं. जिसकी वजह से बाजार में निवेश रिटर्न और कीमत देखकर और निवेश करने लगते हैं. जिसका कारण है कि पेनी स्टॉक्स के शेयरों में तेजी आने लगती है. ऐसे समय में पेनी स्टॉक्स को ऑपरेट करने वाले शेयर को बेचकर निकल जाते हैं और मुनाफा कमा लेते हैं. इन सब बातों से कई बार नए निवेशक को भारी नुकसान उठाना पड़ता है.
कितना फायदा:
पेनी स्टॉक्स की कीमत कम होने के कारण उनमें निवेश आसान होता है. कई बार बाजार में तेजी का फायदा ज्यादा होता है.
मान लिजिए उदाहरण के तौर पर X निवेशक ने किसी कंपनी के 5 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से 10000 शेयर लिए. इन्वेस्टर ने कुल 50,000 रुपये का निवेश किया. अब शेयर की कीमत एक दिन में प्रति शेयर 10 रुपये तक गई. निवेशक को 5 रुपये प्रति शेयर का मुनाफा हुआ. कुल निवेश 50,000 रुपये का था जो बाजार में आई तेजी से बढ़कर 1,00,000 रुपये हो गया. यानी की एक दिन में 50,000 रुपये से अधिक का फायदा संभव है. बाजार में तेजी के रूख से सबसे ज्यादा फायदे की संभानवा होती है.
प्रॉफिटमार्ट सिक्योरिटी के डायरेक्टर, अविनाश गोरक्षकर के मुताबिक-‘आमतौर पर बाजार में जब तेजी का रुख आता है तो पेनी स्टॉक्स ही सबसे पहले भागते हैं और बाजार के गिरते ही लोग पेनी स्टॉक्स को भूलना शुरू कर देते हैं. ऐसा शेयर मार्केट में कितना Risk है? नहीं है कि सभी पेनी स्टॉक्स में निवेश करना खराब होता है. बिजनेस मॉडल कैसा है, फ्यूचर कैसा है, कितना कर्ज है ये सब पहले देख लें उसके बाद ही उस पेनी स्टॉक में निवेश करें’.
लेकिन कई बार स्थिति काफी अलग होती है. अविनाश का मानना है कि-‘पेनी स्टॉक्स जिनका बिजनेस मॉडल खराब है, जिस पर कर्ज है वो सबसे ज्यादा क्लासिक केस होते हैं जिनकी अंडरलाइंग वैल्यू बिना किसी कारण या सही तर्क के बढ़ जाती है. सबसे बेहतरीन उदाहरण है दीवान हाउसिंग, सुजलॉन, यस बैंक जैसी कंपनियां का, जहां रिटेल इन्वेस्टर्स ने अपने हिस्से को अचानक से बढ़ा दिया और इन कंपनियों के शेयर में इंस्टीट्यूशनल निवेशक आज बाहर हैं.’
अगर किसी के पास सीमित कैपिटल है और जिनके पास 100 फीसदी कैपिटल नुकसान को झेलने की शक्ति न हो तो ऐसे में उन लोगों को पेनी स्टॉक्स में निवेश नहीं करना चाहिए. इससे साफ है कि मुनाफ या रिवार्ड 5x या 20x संभव है. लेकिन, रिस्क की बात करें तो अगर पेनी स्टॉक्स सही परफॉर्म नहीं करेंगे तो निवेशक को 100 फीसदी कैपिटल नुकसान का सामना करना पड़ सकता है.
आगे अविनाश कहते हैं कि-‘जहां तक पेनी स्टॉक में रिस्क और मुनाफे का सवाल है इसमें कोई मार्जिन की सुरक्षा गारंटी नहीं होती. साथ ही शेयर से जुड़े सभी उतार-चढ़ाव बाजार की खबरों पर निर्भर करता है. बहुत ही कम देखा गया है कि पेनी स्टॉक्स मल्टी बैगर के रूप में सामने आया. सबसे बेहतरीन उदाहरण है Symphony कंपनी का शेयर. कुछ साल पहले Symphony का शेयर 10 रुपये के नीचे था और आज की तारीख में देखें तो कंपनी का शेयर 2000 रुपये का शेयर है. लेकिन, ध्यान रहे कि पेनी स्टॉक्स में सक्कसेस रेट केवल 1 से 2 फीसदी के बीच का ही होता है.’
पेनी स्टॉक्स में निवेश करने से पहले रखें ध्यान:
·पेनी स्टॉक्स में निवेश करना हमेशा जोखिम भरा होता है. इसमें निवेशकों को लाभ से ज्यादा नुकसान का रिस्क होता है.
·लो-लिक्विडिटी की वजह से खरीद-बिक्री में मुश्किल होता है. साथ ही, उतार-चढ़ाव काफी होता है जिसकी वजह से अचानक कीमत के गिरने के निवेशकों को नुकसान सा सामना करना पड़ता है. इसलिए निवेशकों के लिए इन सब बातों का ध्यान देना जरूरी है.
·कई बार निवेशकों कंपनी के बिना किसी भविष्य की योजना को शेयर मार्केट में कितना Risk है? देखे निवेश कर देते हैं. ऐसे में निवेशकों को कंपनी की ग्रोथ का सही अंदाजा नहीं होता है और उन्हें नुकसान झेलना पड़ता है. इसका ध्यान देना बहुत जरूरी है.
·पेनी स्टॉक्स की ऊपर जाने की सीमा नहीं इसलिए गिरावट का भी उतना खतरा रहता है.
·केवल 2-3 शेयरों में निवेश करना बुद्धिमानी, केवल शॉर्ट-टर्म के लिए करें निवेश.
·पेनी स्टॉक से जुड़े अफवाहों पर ना जाएं. साथ ही, जल्दबाजी में निवेश करने के बचें.
·याद रखें, पेनी स्टॉक "उच्च जोखिम वाले" स्टॉक की तरह. खुदरा निवेशकों के लिए,म्यूचुअल फंड्स अधिक सुरक्षित हैं.
·कई बार पेनी स्टॉक ऑपरेट करने वाले शेयर में पैसा लगाकर कीमत बढ़ाते है. जिसके कारण रिटर्न और कीमत से होते हैं निवेशक आकर्षित. इसपर ध्यान दें.
· स्टॉक ऑपरेटर तेजी का फायदा उठाकर बाद में बेच देते हैं शेयर. इसलिए स्टॉक ऑपरेटर की चाल से निवेशक रहें सावधान.
·हमेशा कंपनी की ग्रोथ, योजनाओं को ध्यान में रखकर करें निवेश. साथ ही, बिजनेस मॉडल, फ्यूचर, कर्ज देखकर करें पेनी स्टॉक में निवेश
·पेनी स्टॉक्स में अगर ट्रेडिंग कर रहें हैं तो बच कर रहें. लंबी अवधि के निवेशक हमेशा रहें दूर.
लोगों को यही सलाह है कि वो पेनी स्टॉक्स में अगर ट्रेडिंग कर रहे हैं तो बच कर रहें और कोई लालच ना करें. बिना स्टॉपलॉस के ट्रेड ना करें और अपना सौदा हमेशा टारगेट के पूरा होते ही काट लें वरना भारी नुकसान बाद में झेल सकते हैं. अच्छे निवेशकों को यही सलाह है कि पेनी स्टॉक्स में निवेश से दूर रहें और फंडामेंटल मजबूत कंपनियों में निवेश करें. कंपनी की आर्थिक, बैलेंस शीट जरूर चेक करें. सबसे अहम बात है कि बिना किसी निवेश सलाहकार के कभी निवेश न करें. अगर अधूरे ज्ञान के साथ आप निवेश करेंगे तो आपको भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. इसलिए हमेशा समझदारी से सोच-समझकर निवेश करें.
शेयर मार्केट में कितना Risk है?
Investments in securities are subject to market शेयर मार्केट में कितना Risk है? risks. Read all the documents or product details carefully before investing. WealthDesk Platform facilitates offering of WealthBaskets by SEBI registered entities, termed as "WealthBasket Managers" on this platform. Investments in WealthBaskets are subject to the Terms of Service.
WealthDesk is a platform that lets you invest in systematic, modern investment products called WealthBasket.
WealthDesk Unit No. 001, Ground Floor, Boston House, Suren Road, Off. Andheri-Kurla Road, Andheri (East), Mumbai, Mumbai City, Maharashtra- 400093
© 2022 Wealth Technology & Services Private Limited. CIN: U74999MH2016PTC281896
निवेश के लिए कैसे करें सही शेयर का चुनाव, ताकि कम जोखिम में मिल सके बेहतर रिटर्न
शेयर मार्केट में सही निवेश की पहली सीढ़ी है ऐसे शेयर्स का चुनाव जो लंबे समय के दौरान अच्छा मुनाफा देने की संभावना रखते हों.
शेयर मार्केट में निवेश करते समय कुछ बुनियादी बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है.
How To Invest For Better Returns: शेयर मार्केट में सही निवेश की पहली सीढ़ी है ऐसे शेयर्स का चुनाव जो लंबे समय के दौरान अच्छा मुनाफा देने की संभावना रखते हैं हों. ऐसे शेयरों की पहचान यूं ही सिर्फ सुनी-सुनाई बातों या यहां-वहां से मिलने वाले टिप्स के आधार पर करना ठीक नहीं होता. अगर आप चाहते हैं कि कम से कम जोखिम में आप बाजार से बेहतर रिटर्न हासिल करें, तो आपको कुछ खास फिल्टर्स या कसौटियों पर नजर रखनी होगी. आइए शेयर मार्केट में कितना Risk है? जानते हैं, क्या हैं वो महत्वपूर्ण कसौटियां जिन पर ध्यान देकर आप सही शेयर का चुनाव कर सकते हैं.
बेहतर रिटर्न के लिए शेयर का चुनाव करते समय आपको उन शेयरों पर ध्यान देना चाहिए, जिनमें ये चार खूबियां मौजूद हों.
1. अच्छी क्वॉलिटी के शेयर जिनकी कीमत अभी कम है
अच्छी क्वॉलिटी वाले शेयर की पहली कसौटी है निवेश की सुरक्षा. यानी ऐसी कंपनी जिसकी वित्तीय स्थिति और हाल के वर्षों का परफॉर्मेंस अच्छा हो. निवेश की सुरक्षा के लिहाज से कम से कम 500 करोड़ रुपये के मार्केट कैपिटलाइजेशन वाली कंपनी पर ध्यान देना एक अच्छी रणनीति साबित हो सकती है. इसके अलावा शेयर का PEG यानी Price-earnings to Growth रेशियो एक से कम होना चाहिए. इससे कंपनी के शेयर की सही वैल्यूएशन का पता चलता है.
Golden Years FD Scheme : ICICI बैंक ने एक महीने में दूसरी बार बढ़ाईं ब्याज दरें, सीनियर सिटिजन्स को एफडी पर मिलेगा 6.95% ब्याज
Mutual Funds SIP: एसआईपी में पहली बार करने जा रहे हैं निवेश? बेहतर रिटर्न के लिए इन 5 बातों का जरूर रखें ध्यान
2. अच्छा डिविडेंड देने वाले शेयर
निवेश के लिए बेहतर शेयर के चुनाव की एक और कसौटी अच्छा डिविडेंड भी हो सकता है. डिविडेंड यानी लाभांश का अर्थ है वो मुनाफे का वो हिस्सा जो कंपनी अपने शेयरधारकों में बांटती है. लगातार डिविडेंड से न सिर्फ शेयरधारक को सीधे-सीधे निवेश पर रिटर्न मिलता है, बल्कि इससे कंपनी की अच्छी वित्तीय सेहत का भी पता चलता है. निवेश से पहले कंपनी के पिछले 5 साल का डिविडेंड देने का रिकॉर्ड देखना चाहिए. साथ ही कंपनी का डिविडेंड-पे-आउट रेशियो 40 फीसदी से कम हो तो बेहतर. क्योंकि इससे पता चलता है कि कंपनी अपने लाभ का एक हिस्सा बांटने के बाद बाकी रकम बिजनेस के विस्तार में भी लगाती है.
3. ऐसे शेयर जो बुक वैल्यू के मुकाबले अच्छे डिस्काउंट पर मिल रहे हों
अगर कोई शेयर ऊपर की दोनों कसौटियों पर खरा उतर रहा हो तो तीसरी बात उसके ‘डिस्काउंट-टू-बुक वैल्यू’ पर नजर डालनी चाहिए. अगर कंपनी बाकी हर लिहाज से मजबूत और बेहतर भविष्य वाली नजर आ रही है, फिर भी उसके शेयर अपनी बुक वैल्यू के मुकाबले कम कीमत पर मिल रहे हैं, तो उसमें आगे चलकर अच्छे रिटर्न मिल सकते हैं. ऐसे शेयर में यह भी जरूर देखना चाहिए कि उसका डेट-इक्विटी रेशियो 1.5 से कम हो और हाल के वर्षों में रिटर्न ऑन नेट वर्थ 10 फीसदी से अधिक रहा हो.
4. ग्रोथ की अच्छी संभावना और वाजिब कीमत वाले शेयर
बेहतरीन शेयर मार्केट में कितना Risk है? शेयर के चुनाव के लिए यह भी एक अहम कसौटी हो सकती है. सवाल यह है कि ग्रोथ की अच्छी संभावना और वाजिब कीमत का अंदाजा कैसे लगाएं. फंडामेंटल रूप से मजबूत शेयर का P/E यानी प्राइस-टू-अर्निंग्स रेशियो अगर 15 से कम है, तो आमतौर पर कीमत को वाजिब मान सकते हैं. पिछले 5 साल में कंपनी की अर्निंग्स ग्रोथ कम से कम 20 फीसदी होनी चाहिए. YoY आधार पर पिछली तिमाही की अर्निंग्स ग्रोथ और पिछले 12 महीनों की ट्रेलिंग अर्निंग्स ग्रोथ भी कम से कम इतनी ही यानी 20 फीसदी होनी चाहिए.
इन तमाम कसौटियों पर खरा उतरने वाला शेयर आने वाले दिनों में कम जोखिम में अच्छा रिटर्न देने वाला साबित हो सकता है. हालांकि इस बात का ध्यान रखें कि यहां कही गई बातें इनवेस्टमेंट टिप्स नहीं हैं. ये कसौटियां बेहतर निवेश के लिए अपनाई जाने वाली कुछ बुनियादी बातों में शामिल हैं. इनके अलावा शेयर से जुड़ी खबरों, संबंधित इंडस्ट्री की दशा-दिशा शेयर मार्केट में कितना Risk है? और पूरी इकॉनमी को प्रभावित करने वाले राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय हालात जैसी बातों पर नजर रखना भी जरूरी है.
शेयर मार्केट में Risk Reward Ratio को जाने in Hindi .
शेयर मार्केट में Risk Reward Ratio को जाने in Hindi .
यह रेश्यो technical indicator और chart pattern के लिए बोहोत ही महत्वपूर्ण हैं, इसलिए आप इसे अच्छी तरह से समझ लीजिये।
Table of Contents
Risk Management क्या होता हैं ?
- ज्यादा तर Investors या Traders शेयर मार्किट में जल्दी मुनाफा कमाने की अपेक्षा से ट्रेडिंग करते हैं और इस अपेक्षा में वह loss कर बैठते हैं।
- जरुरत से ज्यादा शेयर में position याने के पैसा निवेश कर देते हैं और अंत में उनके पास पैसे नहीं बचते।
- Trading की शुरवात जब कोई नया trader करता हैं तो उसके पास ट्रेडिंग करने का कोई अनुभव नहीं होता हैं।
- Trading कैसे करनी चाहिए यह trading करके ही सीखा जा सकता हैं।
- यह सीखते समय आप को बोहोत सारा लोस्स हो सकता हैं, इसलिए ट्रेडर को Risk Management क्या होता हैं ? यह सीखना चाहिए,की ट्रेडर इस बाजार में कितना risk ले सकता हैं।
Risk Reward Management कैसे करे ?
शेयर मार्केट में Risk Reward Management कैसे करे ?
Risk Reward Ratio में २ % का नियम बनाया गया हैं, यह नियम दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं।
अगर आप के पास कोई राशि हैं तो आप उस राशि के २ % से ज्यादा का risk नहीं ले सकते हैं।
शेयर बाजार में बोहोत ज्यादा उथल पुथल होती हैं अगर शेयर आप के ट्रेड के दिशा में जाता हैं तो आप अच्छा profit कमा सकते है।
अगर शेयर बाजार आप के दिशा के विपरीत जाये तो आप का पूरा पैसा डूब भी सकता हैं।
इसलिए अगर आप २% के नियम के नुसार रिक्स लेते हो तो आप के capital का सिर्फ २% ही लोस्स होगा।
Risk Reward Ratio क्या होता हैं ?
जब आप Technical Analysis का उपयोग करके trading करते हैं तो आप हमेशा १०० % सही नहीं होते हैं।
टेक्निकल एनालिसिस से आप सिर्फ ७०% सही हो सकते हैं और १० ट्रेड में से ३ ट्रेड में आप को लोस्स होगा।
जब टेक्निकल एनालिसिस गलत हो जाता हैं तब Risk Reward Ratio से हम अपने लोस्स को काम कर सकते हैं।
Risk Reward Ratio Theory
Risk Reward Ratio Theory में १:३ का नियम बोहोत प्रसिद्ध हैं।
अधिकतर Intraday Trader इस नियम का उपयोग करते हैं।
१:३ नियम क्या हैं ?
इसका मतलम यह हैं की अगर आप कोई ट्रेड ले रहे हैं और अगर आप का stop loss १ रूपए का हैं तो आप का टारगेट ३ रूपए का होगा।
Risk Reward Ratio Theory Hindi
इसका सीधा मतलम यह हैं की आप के stop loss के तुलना में आप का target ३ गुना होना चाहिए।
अगर कोई ट्रेड 1:3 के रेश्यो में नहीं आ रहा हैं तो आप को वह ट्रेड नहीं लेना चाहिए।
1:3 की तरह 1:1, 1:2, 1:4 इत्यादि रेश्यो हैं, आप अपने हिसाब और अनुभव से कोई भी रेश्यो चुन सकते हैं।
निष्कर्ष
अगर आप इस बाजार में अच्छा Profit कामना चाहते हैं और Loss से बचना चाहते हैं तो आप को Risk Reward Ratio Theory के नियमों का पालन करनाही पड़ेगा।
तो यह था Risk Reward Ratio के बारेमें जानकारी in Hindi .
अगर आप को यह आर्टिक्ल पसंद आया हो तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ share जरूर कीजिये।
Risk Reward Ratio क्या होता हैं ?
Ans: Risk Reward Ratio मतलम होता हैं की शेयर बाजार में हमें कितना रिस्क लेना चाहिए और उस risk के आधार पर हमें कितना reward मिलना चाहिए या profit मिलना चाहिए।
Q.2.हमें Risk Reward Ratio का उपयोग क्यों करना चाहिए ?
Ans: अगर आप इस बाजार में अच्छा Profit कामना चाहते हैं और Loss से बचना चाहते हैं तो आप को Risk Reward Ratio Theory के नियमों का पालन करनाही पड़ेगा।
Q.3.Risk Reward Ratio में १:३ नियम क्या हैं ? ?
Ans: इसका मतलम यह हैं की अगर आप कोई ट्रेड ले रहे हैं और अगर आप का stop loss १ रूपए का हैं तो आप का टारगेट ३ रूपए का होगा।