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जब शेयर मार्केट गिरता है

जब शेयर मार्केट गिरता है
क्यों गिर रहे हैं शेयर ?

शेयर मार्केट क्या है सीखें और पैसे कमाए – What Is Share Market In Hindi

Share Market In Hindi: बिना निवेश किए पैसे कमाना थोड़ा मुश्किल है पर शेयर बाजार में निवेश कर पैसे कमाना आसान है.

आज हर कोई व्यक्ति एक खुशहाल जीवन जीने के लिए बहुत पैसे कमाना चाहता है जिसके लिए वह नौकरी में कड़ी मेहनत भी करता है, लेकिन नौकरी में कड़ी मेहनत करने के बाद भी वह एक खुशहाल जब शेयर मार्केट गिरता है जब शेयर मार्केट गिरता है जीवन जीने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं कमा पाता है.

लेकिन शेयर बाजार पैसों का एक ऐसा कुआ है जो सारे देश की प्यास बुझा सकता है. जिन लोगों को शेयर बाजार की अच्छी समझ होती है वह शेयर बाजार से करोड़ों रूपये की कमाई करते हैं.

अगर आप भी जानना चाहते हैं कि Share Market क्या है, शेयर मार्केट कैसे सीखें, शेयर मार्केट में पैसा कैसे लगायें और शेयर मार्केट से पैसा कैसे कमाए तो इस लेख को पूरा अंत तक जरुर पढ़ें. इस लेख में हमने आपको इन सब के अतिरिक्त शेयर मार्केट का गणित और शेयर मार्केट से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण शब्दों के बारे में बताया है जिससे कि आपको शेयर बाजार के बारे में अच्छी समझ मिले.

शेयर मार्केट क्या है सीखें और पैसे कमाए – What Is Share Market In Hindi

तो चलिए शुरू करते हैं इस लेख को और जानते हैं शेयर बाजार क्या होता है हिंदी में.

आखिर Paytm के शेयर लगातार क्यों गिर रहे हैं? गिरते प्रदर्शन से निवेशकों में चिंता

पेटीएम का मार्केट प्राइस अब 45 प्रतिशत से भी अधिक गिर गया है। पेटीएम की ऑपरेटर कंपनी One97 Communications 18 नवंबर को लिस्टिंग हुई थी परंतु अब इसका इशू प्राइस 2150 से गिरकर 1130 से भी नीचे आ गया है। पर Paytm को हो रहे घाटे के पीछे के कारण को इस रिपोर्ट में विस्तार से समझिए।

Paytm Stock Fall

पेटीएम के शेयर इस समय लगातार गिर रहे हैं जिससे इसमें निवेश करने वालों की चिंता बढ़ गई है। आज दोपहर तक पेटीएम का स्टॉक लगभग −38.20 (3.41%) की गिरावट के साथ 1,081.45 पर ट्रेड कर रहा है। पेटीएम की ऑपरेटर कंपनी One97 Communications 18 नवंबर को लिस्टिंग हुई थी परंतु अब इसका इशू प्राइस 2150 से गिरकर 1130 से भी नीचे आ गया है। इसका अर्थ है कि IPO निवेशकों को हर लॉट पर 6 हजार रुपये का नुकसान हो रहा है। ब्रोकरेज फर्म Macquarie स्टॉक के लिए अपने टारगेट को 1,200 रुपये से 25% घटाकर 900 रुपये कर दिया है। 7 जनवरी के बाद से अब तक कि ये गिरावट 28 फीसदी है। इसका अर्थ है कि मैक्वेरी ने स्टॉक पर अपनी 'अंडरपरफॉर्म' रेटिंग बरकरार रखी। जिस तरह से Paytm का स्टॉक आए दिन गिर रहा है उससे लोगों के मन में सवाल है कि आखिर Paytm घाटे में क्यों चल रहा है।

क्यों गिर रहे हैं शेयर ?

पेटीएम का मार्केट प्राइस अब 45 प्रतिशत से भी अधिक गिर गया है। Paytm को हो रहे घाटे के पीछे कई कारण हैं और इस रिपोर्ट में हम कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों पर प्रकाश डालेंगे जिस कारण Paytm घाटे में चल रहा है।

1. रेग्युलेटरी चैलेंज ( Regulatory Challenge): पेटीएम एक फिनटेक कंपनी है। ये एक पेमेंट बैंक है परंतु इस कंपनी के लिए पैसों को रेग्युलेट करना और उसे जब शेयर मार्केट गिरता है मैन्टैन करना बड़ी चुनौती बनकर उभरा है।

2. वॉलेट के लिए नियम और विनियम ( Rules and Regulations) : जल्द ही कई नियम वॉलेट के लिए आ सकते हैं और रेगुलेटर से कुछ नियम आ भी चुके हैं। इसके कारण पैसे को बढ़ाना या डिपॉजिट को बढ़ाना Paytm के लिए चुनौती बनकर उभरा है।

3. मर्चेंट फंडिंग में कमी आना: जब किसी कारोबारी को अपना व्यापार चलाने के लिए पैसे कम पड़ते हैं तब उन्हें किसी वित्तीय संस्था द्वारा तत्काल पैसा लोन के रुप में दिया जाता है, इसे ही मर्चेंट फंडिंग कहते हैं। पेटीएम ने मर्चेंट लेंडिंग बिजनेस को मजबूत करने के लिए नीतियां बनाईं और कई योजना भी लेकर आई परंतु इतने प्रयासों के बावजूद अपने लोन बिजनस में कमजोर साबित हुई है। यही कारण है कि पेटीएम ने अपने मर्चेन्ट बिजनस को न बढ़ाने का निर्णय लिया है।
4. रोजगार लागत में बढ़त भी एक बड़ा कारण हो सकता है।

5. प्रॉफ़िट का स्कोप कम: Macquarie का अपने टारगेट को कम करना दिखाता है कि उसे पेटीएम से लाभ की कोई उम्मीद नहीं है।
6. फंड मैनेजर का पेटीएम से दूरी बनाना भी एक बड़ी वजह है। जब फंड मैनेजरों को लगता है कि स्टॉक निकट भविष्य में कम कीमत पर ही ट्रेड कर सकता है तो वे लॉस बुक करके शेयर से बाहर निकल जाते हैं। हाल ही में एचडीएफसी म्यूचुअल फंड (HDFC Mutual fund ) ने भी अपनी हिस्सेदारी पेटीएम से घटा दी है।

कई रिपोर्ट्स में ये दावा किया गया है कि पेटीएम 2025 से पहले लाभ नहीं कमा सकता है। ऐसे में पेटीएम को अब नए फंड मैनेजर की आवश्यकता है जिसका प्रॉफ़िट प्रोफाइल न हो। प्रॉफ़िट प्रोफाइल का अर्थ है कि उसे कंपनी से न शॉर्ट टर्म में और न ही लॉन्ग टर्म में कोई लाभ की उम्मीद है।

जब Share Market गिरता है तो आपके पैसे जाते कहां हैं? आसान भाषा में पूरा खेल जान लीजिये

Share Market Today: क्या आपने कभी सोचा है शेयर मार्केट में आप जो पैसा इन्वेस्ट करते हैं वो आखिर किसके पास जाता है और जब शेयर बढ़ता है तो प्रॉफिट कहां से आता है और जब लॉस होता है तो निवेश किए हुए पैसे कहां चले जाते हैं. आपका पैसा किसके पास चला जाता है?

शेयर मार्केट समझना कोई रॉकेट साइंस नहीं है इसे प्रेम से आसान शब्दों में बड़े आराम से समझा जा सकता है। वैसे आप जिस कंपनी के शेयर खरीदते हैं वो पैसा उस कंपनी के पास चला जाता है, जब शेयर मार्केट गिरता है कंपनी को फायदा होता है तो शेयर होल्डर को भी प्रॉफिट होता है और अगर कंपनी को घाटा होता है तो निवेशक को भी नुकसान झेलना पड़ता है. किसी भी कंपनी का शेयर लेने के बाद आप उसके पर्सेंटेज ऑफ़ प्रॉफिट के मालिक बन जाते हैं. लेकिन इसका मतलब ये नहीं होता कि अगर अपने रिलायंस के शेयर खरीदे हैं तो आप अगले दिन मुकेश अंबानी के बगल में कुर्सी लगा कर बैठ जाएं।

  • Share Market डिमांड और सप्लाई के फार्मूले में काम करता है
  • अगर कंपनी को फायदा होगा तो इन्वेस्टर भी मुनाफा कमाएगा
  • युद्ध, चुनाव, विवाद, दंगा-फसाद, किसी बड़े बिज़नेसमैन की मौत होने से भी शेयर मार्केट में सीधा प्रभाव पड़ता है

डिमांड एंड सप्लाई में काम करता है मार्केट

अगर आपको थोड़ा सा भी इकोनॉमिक्स का ज्ञान है तो आप इसे आसानी से समझ लेंगे। और इसके बारे में कुछ भी मालूम नहीं है तो शेयर मार्केट क्या है कैसे काम करता है ये जानने के लिए इस ब्लू लिंक में क्लिक कर के हमारा धांसू आर्टिकल पढ़ लीजिये। हां तो शेयरमार्केट डिमांड और सप्लाई के फॉर्मूले में काम करता है। डिमांड और सप्लाई के बढ़ने- घटने पर मार्केट में सीधा असर पड़ता है।

पैसे कहां जाते हैं

जब आप किसी कंपनी का शेयर खरीदते हैं तो अपने निवेश किए हुए पैसे कंपनी के पास चले जाते हैं, कोई भी कंपनी अपना शेयर इसी लिए जारी करती है क्योंकी उसे बिज़नेस करने या बिज़नेस बढ़ाने के लिए बाहरी इन्वेस्टर्स की जरूरत होती। आपके पैसों से कंपनी व्यापर करती है और फायदा होने पर आपको मुनाफा कमा कर देती है, अगर कंपनी की परफॉर्मेंस ख़राब होती है तो उसे नुकसान होता है और आपको भी लॉस होता है. और जिन पैसों को आपने निवेश किया था वो घाटे में चले जाते हैं। लेकिन आपके शेयर की संख्या में कोई बदलाव नहीं होता है जबतक आप उसे बेचें ना.

मान लीजिये आपने आज 50 हज़ार का सोना खरीदा कल इसकी कीमत 40 हज़ार रुपए हो गई तो आपको 10 हज़ार रुपए का लॉस हो गया लेकिन सोने का वजन और क्वालिटी उतनी ही रहेगी। और उसके बाद अगर सोने की कीमत 60 हज़ार हो गई तो आपको 10 हज़ार का प्रॉफिट हो जाएगा।

जानिए जब अर्थव्यवस्था गिर रही है तो शेयर बाजार क्यों चढ़ रहा है?

कोविड -19 महामारी के कारण जहां एक तरफ लोगों को नौकरियों से हाथ धोना पड़ा वहीं दूसरी ओर व्यापारियों को भी प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पड़ा है। लेकिन चौंकाने वाली बात ये है कि इन सब के बीच शेयर बाजार अपनी नई ऊंचाई पर पहुंच रहा है।

Stock Market

कोविड -19 महामारी के कारण जहां एक तरफ लोगों को नौकरियों से हाथ धोना पड़ा वहीं दूसरी ओर व्यापारियों को भी प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पड़ा है। पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को खरबों डॉलर का नुकसान हुआ है। महामारी के कारण नौकरियां तेज़ी से जा रही हैं, दैनिक खर्च बढ़ रहे हैं, बचत कम हो रही है और व्यापार बर्बाद हो रहे हैं। लेकिन चौंकाने वाली बात ये है कि इन सब के बीच शेयर बाजार अपनी नई ऊंचाई पर पहुंच रहा है।

विभिन्न रिपोर्टों के अनुसार, दुनिया पहले ही अवसाद में प्रवेश कर चुकी है और भविष्य में अधिक नौकरियां जाने की संभावनाएं हैं। इन सभी प्रतिकूल बाजार स्थितियों के बावजूद स्टॉक मार्केट में कोई भी गिरावट देखने को नहीं मिल रही है।

इस लेख में हम चर्चा करेंगे कि कम आर्थिक गतिविधियों के बावजूद शेयर बाजार जब शेयर मार्केट गिरता है ऊपर क्यों चढ़ रहा है। लेकिन इससे पहले आपको उन कारकों की मूल अवधारणाओं को समझना होगा जो किसी भी जब शेयर मार्केट गिरता है स्टॉक की कीमत को प्रभावित करते हैं। विभिन्न कारक हैं जो किसी भी शेयर की कीमत के ऊपर या नीचे की गति को तय करते हैं। ये इस प्रकार हैं:

1. आपूर्ति और मांग

अन्य वस्तुओं की तरह एक शेयर की कीमत भी आपूर्ति और मांग से तय होती है। यदि मांग अधिक होती है तो कीमत बढ़ेगी और मांग कम होती है तो स्टॉक मार्केट में भारी गिरावट देखने को मिलेगी।

2. कंपनी से संबंधित समाचार

कोई भी अनुकूल समाचार स्टॉक की कीमत को बढ़ा सकता है और कोई भी नकारात्मक समाचार ऐसे स्टॉक की कीमत के गिरने का कारण बन सकता है।

3. बाजार के भाव

यदि बाजार के अधिकांश व्यापारियों ने किसी कंपनी के संबंध में कोई विशेष धारणा बनाई है तो उसका स्टॉक बाजार की भावनाओं के आधार पर निर्भर करेगा।

4. प्रबंधन प्रोफ़ाइल

किसी भी कॉर्पोरेट की स्थिरता में प्रबंधन प्रोफाइल महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यदि प्रबंधन कुशल नेताओं का बनता है, तो यह उच्च संभावना है कि कंपनी लंबे समय में बेहतर जब शेयर मार्केट गिरता है प्रदर्शन करेगी और यही कारण है कि यह स्टॉक की कीमत को प्रभावित करता है। कल्पना कीजिए कि अगर किसी सूचीबद्ध कंपनी में वॉरेन बफे निदेशक बन जाते हैं, तो उनकी वजह से स्टॉक की कीमत बढ़ जाएगी।

5. वित्तीय प्रदर्शन

किसी भी कॉरपोरेट का वित्तीय प्रदर्शन स्टॉक मूल्य की गति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यदि कोई कंपनी वित्तीय दिखाते हुए मुनाफा प्रकाशित करती है तो इस तरह की कीमत बढ़ेगी और यदि बेहतर प्रदर्शन नहीं हुआ और नुकसान हुआ तो ऐसे शेयर की कीमत गिर जाएगी।

6. आर्थिक कारक

शेयर की कीमत निर्धारित करने में आर्थिक कारक भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आर्थिक जब शेयर मार्केट गिरता है कारकों में ब्याज दर में बदलाव, वित्तीय दृष्टिकोण और मुद्रास्फीति शामिल हैं। यदि ब्याज दर और मुद्रास्फीति की दर बढ़ती है और आर्थिक दृष्टिकोण खराब है, तो शेयर की कीमत में कमी आने की संभावना है।

अन्य कारकों पर भी शेयर की कीमत निर्रभर करती है, जैसे:

1- सरकारी नीतियां
2- बाजार पूंजीकरण
3- प्रबंधन प्रोफ़ाइल
4- राजनीतिक कारक
5- ऋण की उपलब्धता
6- अन्य बाजारों द्वारा रिटर्न
7- विदेशी निवेश का स्तर
8- सरकार की स्थिरता
9- भविष्य की स्थिरता
10- अन्य मार्केट्स द्वारा रिटर्न ऑफर।

अब जब हमने उन कारकों को समझा, जो शेयर की कीमत को प्रभावित करते हैं, तो चर्चा करते हैं कि महामारी के समय शेयर बाजार इतना बेहतर प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं।

आपको बता दें कि स्टॉक मार्केट में निवेश करने वाले लोग भविष्य की जब शेयर मार्केट गिरता है कीमत को देखकर निवेश करते हैं। ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि स्टॉक मार्केट इस वित्तीय वर्ष की कीमत को ना देखकर आने वाले वित्तीय वर्ष की कीमत को दिखा रहा है।

इसके अलावा मजबूत विदेशी प्रवाह, रुपए का बढ़ना, डॉलर सूचकांक कमजोर होना, खुदरा भागीदारी का बढ़ना आदि भी स्टॉक मार्केट के ऊपर चढ़ने के पीछे की एक वजह है।

मार्च के महीने में स्टॉक मार्केट में निवेश करने के लिए सिर्फ 7 लाख डीमेट अकाउंट थे जो अगस्त के महीने में बढ़कर 11 लाख के आसपास हैं। जहां एक ओर खुदरा निवेशकों का आंकड़ा बड़ रहा है वहीं संस्थागत निवेशकों का आंकड़ा नीचे आ गया है। ये भी एक वजह है जिससे स्टॉक मार्केट की कीमत में इज़ाफा हो रहा है।

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