बिटकॉइन इंडिया में लीगल है या नहीं?

यह बिटकॉइन जैसी निजी डिजीटल मुद्राओं से कैसे अलग होगा?
एक डिजिटल करेंसी मूल रूप से बिटकॉइन और एथेरियम जैसी निजी क्रिप्टोकरेंसी से अलग होगी क्योंकि यह राज्य द्वारा समर्थित होगी और इसका आंतरिक मूल्य होगा. सरकार ने बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी को वर्चुअल एसेट्स कहा है. यानी वो लीगल टेंडर नहीं होंगे.
Cryptocurrency in hindi 2022| क्रिप्टो करेंसी की जानकारी | CryptoCurrency Kya Hai?
आजकल शेअर मार्केट, मुच्युअल फंड मे इनवेस्टमेंट से जादा चर्चे CryptoCurrency मे Investment के हो रहे हैं, क्योंकि Bitcoin, Ethereum जैसे क्रिप्टोकरेंसी की बात करें तो यह काफी कम समय मे बहुत जादा रिटर्न्स दिये है जो की शेअर मार्केट और म्युचुअल फंड 20-20 सालो मे भी नहीं देते.
आज हम देखेंगे की क्रिप्टोकरेंसी क्या है? और यह कैसे काम करती है. क्रिप्टोकरेंसी की A to Z जानकारी हम आपको यहा देंगे. तो चलिये देखते हैं CryptoCurrency Kya Hai और CryptoCurrancy Kaise kam karti Hai.
क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी है इसे वर्चुअल करेंसी भी कहते है. यह एक आभासी मुद्रा हैं. इसे Decentralized System द्वारा नियंत्रित किया जाता है. भारत मे जैसे रुपया, अमेरिका मे डाॅलर वैसे ही क्रिप्टोकरेंसीया भी एक Currency का काम करती है.
कई देशों मे इसे लिगल टेंडर तक घोषित कर दिया है यानी आप लेन देन मे इसका इस्तमाल कर सकते हो.
क्रिप्टोकरेंसी काम कैसे करता है?
असल मे क्रिप्टोकरेंसी ब्लाॅकचेन पर काम करती है, दरसल जो भी लेन देन या ट्राझेक्शन होता है उसका सारा रेकार्ड रखा जाता है. कुछ एडवांस कंप्यूटर होते है उसके जरिये इसमे निगरानी रखी जाती है इसे CryptoCurrency Mining भी कहा जाता है.
इसका हर एक छोटा बडा Transaction एक ब्लाॅक मे रखा जाता है. ब्लाॅक की सिक्योरिटी मायनर्स के हात मे होती है. इसका बहुत कठिण कैलकुलेशन होता है उसे हल करे उसे सुरक्षित रखने का काम Miners का होता है. Mining करके भी बहुत लोग पैसा कमाते है.
Miners ब्लाॅक को सुरक्षित करते है और उसे एक कोड लगा देते है यह वेरिफाय करने का काम Nodes करते है, इसे Consensus कहा जाता हैं. यह सब प्रोसेस करने के लिये Miners को क्रिप्टोकाईंन्स भी मिलते हैं.
एक ऐसा मार्केट जहा पर आप कोई भी लिस्टेड क्रिप्टोकरेंसी को आप खरिद या बेच सकते या उसमे ट्रेड कर सकते है जैसे Bitcoin, Ethereum, Binance, Litecoin, Dogecoin और भी ऐसे सेकडो करेंसी हैं.
भारत मे अलग अलग Platform है जैसे CoinDCX, CoinSwitch, Wazirx जिसके जरिये आप क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में इनवेस्टमेंट या ट्रेडिंग करते है.
कुछ पाॅपुलर क्रिप्टोकरेंसी-
1. 𝙱𝚒𝚝𝚌𝚘𝚒𝚗
2. 𝙴𝚝𝚑𝚎𝚛𝚎𝚞𝚖
3. 𝚁𝚒𝚙𝚙𝚕𝚎
4.𝙻𝚒𝚝𝚎𝚌𝚘𝚒𝚗
5.𝙳𝚘𝚐𝚎𝚌𝚘𝚒𝚗
6.𝚟𝚘𝚒𝚌𝚎𝚌𝚘𝚒𝚗
7.𝙱𝚒𝚗𝚊𝚗𝚊𝚌𝚎 और भी कई है जिसे आप गुगल पर जाकर जान सकते है.
क्रिप्टो करेंसी इंडिया :
CryptoCurrency का क्रेझ भारत मे भी देखने को मिल रहा है, हजारो करोंड का इनवेस्टमेंट भारत मे है. लोग सोने मे इनवेस्टमेंट की बजह अब क्रिप्टोकरेंसी मे इनवेस्टमेंट करना पसंद कर रहे है क्योंकि इसमे बहुत कम समय मे बहुत जादा रिटर्न्स मिल रहे है.
भारत मे अगर क्रिप्टोकरेंसी मे इनवेस्टमेंट करना है तो आपको बहुत सारे क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज प्लॅटफॉर्म मिल जायेंगे जहा से आप इसमे इनवेस्टमेंट कर सकते हो. जैसे की
1. CoinSwitch बिटकॉइन इंडिया में लीगल है या नहीं? Kuber
2. CoinDCX
3.WazirX
और भी कई है लेकिन फिलाल तो यही जादातर इस्तमाल किये जा रहें हैं.
कुछ दिन पहले बिटकाॅईन बिटकॉइन इंडिया में लीगल है या नहीं? पर भारत मे बैन लगा दिया था लेकिन कोर्ट से इस निर्णय को वापस ले लिया इसलिये फिलाल तो भारत मे क्रिप्टोकरेंसी पर कोई पाबंदी बिटकॉइन इंडिया में लीगल है या नहीं? नहीं है लेकिन इसपर कोई Regulatory भी नहीं है इसलिये अगर आपके साथ CryptoCurrency को लेकर कोई Issue होता है या कोई धोका होता है तो आप कुछ नहीं कर सकते क्योंकि इसपर कोई कानुन नहीं बना गया है इसलिये क्रिप्टोकरेंसी खरिदना है तो अपने रिस्क पे ही खरिदना बिटकॉइन इंडिया में लीगल है या नहीं? पढेगा.
लेकिन जल्द ही भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर जल्द ही कडे नियम लगानेवाली है इसपर कंट्रोल करनेवाले रुल्स लानेवाली है ताकी क्रिप्टोकरेंसी मे होनेवाले पैसो पर नजर रहें क्योंकि भारत क्रिप्टोकरेंसी का बडा मार्केट हैं.
क्रिप्टो करेंसी में निवेश कैसे करें ? ( How to Invest In CryptoCurrancy)
यह उतना ही आसान जितना आप शेअर मार्केट से कोई शेअर खरिदी करना. इसके लिये आपको एक क्रिप्टोकरेंसी वाॅलेट की जरुरत पडेगी जिसकी मदत से आप अपनी मुद्रा के बदले क्रिप्टो मुद्रा को खरिद सकें.
बहुत सारे प्लॅटफॉर्म है जहा पर आप आसानी से कोई भी क्रिप्टोकरेंसी खरिद सकते है WazirX, CoinDCX go, CoinSwitch Kuber, Zebpay, Unicoin जैसे कई प्लॅटफॉर्म है जहा पर आप कोई भी क्रिप्टोकरेंसी खरिद अथवा बेच सकते हैं.
क्रिप्टोकरेंसी को कोई एक कंट्रोल नहीं कर सकता यह एक दिन मे 10 प्रतिशत चढते है और 10 प्रतिशत उतरते है इनका कोई अंदाजा नहीं होता इसलिये क्रिप्टोकरेंसी मे रिटर्न्स तो बहुत मिलते लेकिन यहा रिस्क बहुत होता है. जितनी तेजी से यह ऊपर चढते है उतनी ही तेजी से यह गिरते है. बहुत लोग बोलते है यह इस साल इतने तक जायेगा, उतने तक जायेगा लेकिन यह सब Prediction होते है दरसल किसी एक क्रिप्टो करेंसी न्यूज़ के आते ही इसका प्राईज ऊपर नीचे होने लगता है इसको भाप पाना मुश्किल ही नहीं नामुनकिन हैं. क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना जोखिमों से भरा हैं.
क्या है RBI का ‘डिजिटल रुपया', बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी से कैसे है अलग
देश की डिजिटल मुद्रा- ‘डिजिटल रुपया’ (e₹) का पहला पायलट परीक्षण 1 नवंबर से शुरू हो गया. केंद्रीय बैंक (RBI) ने अभी होलसेल ट्रांजेक्शन के लिए डिजिटल रुपया जारी किया है. इस परीक्षण में बैंक, सरकारी प्रतिभूतियों (Government Securities) में सेकेंडरी मार्केट लेनदेन के लिए इस डिजिटल मुद्रा का इस्तेमाल करेंगे. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा बिटकॉइन इंडिया में लीगल है या नहीं? शुरू ‘डिजिटल रुपये’ के पहले पायलट परीक्षण में ICICI बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा समेत कई बैंकों ने मंगलवार को सरकारी प्रतिभूतियों में लेनदेन के लिए हिस्सा लिया.
न्यूज एजेंसी पीटीआई-भाषा की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि आईसीआईसीआई बैंक ने ‘केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा’ (सीबीडीसी) का इस्तेमाल करते हुए आईडीएफसी फर्स्ट बैंक को जीएस 2027 प्रतिभूतियां बेचीं. डिजिटल रुपये के साथ कुल मिलाकर 275 करोड़ रुपये के 48 सौदे हुए. भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और कोटक महिंद्रा बैंक ने भी डिजिटल रुपये (थोक खंड) (e₹-W) के पहले पायलट परीक्षण में भाग लिया.
आखिर क्या है डिजिटल रुपया उर्फ CBDC
डिजिटल करेंसी का पूरा नाम सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (Central Bank Digital Currency or CBDC) है. सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में डिजिटल रुपया लाने की घोषणा की थी. 30 मार्च 2022 को सीबीडीसी जारी करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 में संशोधनों को सरकार ने राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से अधिसूचित किया था. सीबीडीसी किसी केंद्रीय बैंक की तरफ से बिटकॉइन इंडिया में लीगल है या नहीं? जारी होने वाले मौद्रिक नोटों का डिजिटल स्वरूप है. इससे यूजर्स को मौजूदा भुगतान प्रणालियों के साथ अतिरिक्त भुगतान विकल्प मिल पाएंगे. डिजिटल रुपया, डिजिटल रूप में नकद रुपए-पैसे की ही तरह है. इसका उपयोग संपत्ति जमा करने के साधन के बजाय लेनदेन की मुद्रा के रूप में किया जाएगा. CBDC को फिजिकल तौर पर नष्ट, जलाया या फाड़ा नहीं जा सकता है.
जिस देश का केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी को जारी करता है, उस देश की सरकार की मान्यता इसे हासिल होती है. यह उस देश की केंद्रीय बैंक की बैलेंसशीट में भी शामिल होती है. इसकी खासियत यह है कि इसे देश की सॉवरेन करेंसी में बदला जा सकता है.
लीगल टेंडर है डिजिटल रुपया
भारतीय रिजर्व बैंक का CBDC एक लीगल टेंडर है. CBDC के पीछे भारत के केंद्रीय बैंक RBI का बैकअप रहेगा. यह आम मुद्रा यानी फिएट मुद्रा की तरह ही होगा, लेकिन डिजिटल फॉर्मेट में होगा. फिएट मुद्रा, सरकार द्वारा जारी की जाने वाली करेंसी को कहा जाता है. इसलिए एक प्रकार से कह सकते हैं कि डिजिटल रुपया, सरकारी गारंटी वाला डिजिटल वॉलेट होगा. डिजिटल मुद्रा के रूप में जारी इकाइयों को चलन में मौजूद मुद्रा में शामिल किया जाएगा. जैसे लोग सामान या सेवाओं के बदले करेंसी देते हैं, उसी तरह CBDC से भी आप लेनदेन कर सकेंगे. सरल शब्दों में डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल हम अपने सामान्य रुपये-पैसे के रूप में कर सकेंगे, बस रुपये-पैसे डिजिटल फॉर्म में होंगे.
– रिटेल (CBDC-R): रिटेल CBDC संभवतः सभी को इस्तेमाल के लिए उपलब्ध होगी
– होलसेल (CBDC-W): इसे सिर्फ चुनिंदा फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस के लिए डिजाइन किया गया है.
क्रिप्टोकरेंसी से कैसे अलग
डिजिटल करेंसी (Digital Currency) और क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में काफी अंतर है. इसलिए दोनों में कन्फ्यूज न हों. सबसे बड़ा अंतर यह है कि डिजिटल करेंसी को उस देश की सरकार की मान्यता हासिल होती है, जिस देश का केंद्रीय बैंक इसे जारी करता है. डिजिटल रुपये को केंद्रीय बैंक द्वारा विनियमित किया जाता है. इसलिए इसमें जोखिम नहीं होता है. वहीं क्रिप्टोकरेंसी एक मुक्त डिजिटल एसेट या वर्चुअल एसेट है. यह किसी देश या क्षेत्र की सरकार के अधिकार क्षेत्र या कंट्रोल में नहीं है. बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी डिसेंट्रलाइज्ड है और किसी सरकार या सरकारी संस्था से संबंध नहीं है.
RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि डिजिटल रुपये (खुदरा खंड) (e₹-R) का पहला पायलट परीक्षण नवंबर माह के आखिर में शुरू करने की योजना है. आरबीआई की डिजिटल मुद्रा में सौदों का निपटान करने से निपटान लागत में कमी आने की संभावना है. डिजिटल रुपये (थोक खंड) के पहले पायलट परीक्षण में हिस्सा लेने के लिए SBI, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, HDFC बैंक, ICICI बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, IDFC फर्स्ट बैंक और HSBC को चुना गया है.
what is cryptocurrency in Hindi
आप लोगो को कुछ वर्षो में क्रिप्टोकरंसी का कुछ ज्यादा नाम सुनने को मिल रहा होगा अभी 2021 -22 में तो इसका बहुत प्रचलन हो गया है यह एक तरह का डिजिटल money है लेकिन Cryptocurrency रुपया से पूरी तरह से अलग है Cryptocurrency में एक विशेष तकनिकी का उपयोग किया जाता है जिसका नाम क्रिप्टोग्राफी है क्रिप्टोरन्सी के लेनदेन में ब्लैकचैन तकनिकी उपयोग होता है Cryptocurrency की एक मुख्य विशेषता यह है की इस पर कोई भी राष्ट्रीय- अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दबाव नहीं बनाया जा सकता क्यूंकि इसे कोई भी सरकार नहीं चलाती है क्रिप्टोकरेंसी की अलग-अलग इकाइयों को सिक्के या टोकन के रूप में संदर्भित किया जा सकता है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि उनका उपयोग कैसे किया जाता है। कुछ वस्तुओं और सेवाओं के लिए विनिमय की इकाइयाँ होने का इरादा रखते हैं, अन्य मूल्य के भंडार हैं, और कुछ को ज्यादातर कंप्यूटर नेटवर्क चलाने में मदद करने के लिए डिज़ाइन किया गया है जो अधिक जटिल वित्तीय लेनदेन करते हैं। दोस्तों आप लोगो को यह तो समझ में आ गया होगा की Cryptocurrency क्या होती है ।
cryptocurrency कैसे काम करती है?
यह बात समझने लायक है की Cryptocurrency काम कैसे करती है यह एक “decentralized” नेटवर्क है Cryptocurrency को सरकार या केंद्रीय नियामक प्राधिकरणों द्वारा नियंत्रित नहीं किया जाता है। एक अवधारणा के रूप में, Cryptocurrency बैंकिंग सिस्टम बिटकॉइन इंडिया में लीगल है या नहीं? के बाहर विभिन्न ब्रांडों या सिक्कों के प्रकार का उपयोग करके काम करती है Cryptocurrency के साथ लेनदेन करने के लिए, आपको एक डिजिटल वॉलेट का उपयोग करके एक सहकर्मी के साथ मुद्रा का आदान-प्रदान करना होगा एक Cryptocurrency वॉलेट एक सॉफ्टवेयर है जो आपको एक खाते से दूसरे खाते में धन हस्तांतरित करने की अनुमति देता है। लेन-देन पूरा करने के लिए, आपको एक पासवर्ड तक पहुंच की आवश्यकता होती है, जिसे एक निजी कुंजी के रूप में जाना जाता है। निजी कुंजी बैंक खाते की तरह है। आप कई कुंजियों के स्वामी हो सकते हैं और उन चाबियों को भेजे गए सभी धन के स्वामी हो सकते हैं। लेन-देन एक सार्वजनिक खाता बही पर दर्ज किए जाते हैं, जो शामिल पक्षों की पहचान को प्रकट किए बिना लेनदेन के योग को दर्शाता है।
क्या क्रिप्टो बिटकॉइन से अलग है?
आज के समय में बिटकॉइन को सब लोग जानते है जिसके लिए ब्लॉकचेन तकनीक का आविष्कार किया गया था। क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज का एक माध्यम है, हम आपको बता दे की बिटकॉइन क्रिप्टोकरंसी से अलग नहीं है ये क्रिप्टो का एक महत्वपूर्ण भाग है ।
भारत में क्रिप्टोकरंसी को लेकर सभी को कन्फ्यूजन है की इंडिया में क्रिप्टो वैध है या नहीं तो इसका सीधा जवाब है कि नहीं ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार ने इस साल की शुरुआत में एक बिल प्रस्तावित बिटकॉइन इंडिया में लीगल है या नहीं? किया था, जिसमें Bitcoin और Dogecoin सहित सभी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने का प्रावधान था कई देशों ने Cryptocurrency को लीगल कर दिया है, वहीं भारत में सरकार का रुख स्पष्ट नहीं है।
Q 1. क्रिप्टोकरंसी कैसे बनाई जाती है ?
उत्तर -: क्रिप्टोग्राफिक एल्गोरिदम के माध्यम से क्रिप्टोकरेंसी बनाई (और सुरक्षित) की जाती है, जिसे खनन नामक प्रक्रिया में बनाए रखा जाता है और पुष्टि की जाती है।
क्या है डिजिटल करेंसी, जो बन सकती है भारत की अधिकारिक मुद्रा
डिजिटल करेंसी
gnttv.com
- नई दिल्ली,
- 07 फरवरी 2022,
- (Updated 07 फरवरी 2022, 7:29 PM IST)
भारतीय मुद्रा का डिजिटल रूप होगी ये करेंसी
2022-23 का केंद्रीय बजट पेश करते वक्त वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डिजीटल करेंसी (Digital Currency) के बारे बिटकॉइन इंडिया में लीगल है या नहीं? में बात की. उन्होंने कहा था कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया वित्त वर्ष 2022-23 में डिजीटल करेंसी को लॉन्च करेगा, और ये भारत सरकार की आधिकारिक डिजिटल करेंसी होगी. इसके अलावा उन्होंने बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी से होने वाले मुनाफे पर फ्लैट 30% टैक्स की भी घोषणा की थी. तब बिटकॉइन इंडिया में लीगल है या नहीं? से ये दोनों चीजें चर्चा का विषय बनी हुई हैं. हालांकि इस बारे में ज्यादा सूचना या विवरण सरकार ने नहीं दिया है. तो चलिए आज आपको डिजीटल करेंसी के बारे में बताते हैं.
क्या है डिजिटल करेंसी?
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) वो करेंसी होगी जो केंद्रीय बैंक, यानी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी एक डिजिटल मुद्रा होगी. यह "ब्लॉकचैन और अन्य तकनीकों" पर आधारित होगा. सरल शब्दों में कहें तो CBDC भारतीय रुपये का एक डिजिटल रूप होगा. एक बार जब आरबीआई डिजिटल करेंसी को जारी करना शुरू कर देगा तो हम और आप जैसे आम लोग नियमित रुपये की तरह ही इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. डिजिटल रुपया आपके एनईएफटी, आईएमपीएस या डिजिटल वॉलेट की तरह होगा. आप इसका उपयोग थोक लेनदेन या खुदरा भुगतान करने के लिए कर सकते हैं. आप इसे विदेश भेज सकते हैं. आप इसके साथ बहुत कुछ कर सकते हैं.
लेन-देन पर रहेगी आरबीआई की नजर
ट्रांजेक्शन कॉस्ट घटने के अलावा, इस डिजिटल करेंसी से सरकार की सभी अधिकृत नेटवर्क के भीतर होने वाले लेनदेन तक पहुंच हो जाएगी। इस प्रकार देश में आने और देश से बाहर जाने वाले पैसों पर ज्यादा कंट्रोल होगा।
डिजिटल रुपी मौजूदा करेंसी नोट की व्यवस्था को खत्म करने के लिए नहीं आ रही है बल्कि यह लोगों को लेनदेन में एक और ऑप्शन देगा। करेंसी नोट वाली व्यवस्था और डिजिटल रुपी वाली व्यवस्था दोनों चलेंगी। इससे कैशलेस इकोनॉमी को बढ़ावा मिलेगा। डिजिटल रुपया कुछ इस तरह से लाया जाएगा कि बिना इंटरनेट के भी इसका पेमेंट किया जा सकेगा। यानी जब कभी ये आम लोगों के उपयोग में आए तो वह इसका उपयोग ऑफलाइन भी कर पाएंगे। इसका मकसद ये भी होगा कि ऐसे लोग जिनके पास बैंक खाता नहीं है वो भी इसका इस्तेमाल कर सकें।