किसी एक शेयर या किसी एक सेक्टर पर निवेश करना

भारत में म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करें?
म्यूचुअल फंड उद्योग एक प्रकार का निवेश वाहन है जो कई निवेशकों से स्टॉक, बॉन्ड, मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट आदि जैसी प्रतिभूतियों में निवेश करने के लिए धन एकत्र करता है। पेशेवर मनी मैनेजर म्यूचुअल फंड का प्रबंधन करते हैं, संपत्ति आवंटित करते हैं और निवेशकों के लिए पूंजीगत लाभ का उत्पादन करने का प्रयास करते हैं। म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो संरचित और उनके प्रॉस्पेक्टस में उल्लिखित निवेश उद्देश्यों से मेल खाने के लिए प्रबंधित होते हैं। व्यक्ति और छोटे व्यवसाय म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं, जो उन्हें स्टॉक, बॉन्ड आदि के पेशेवर रूप से प्रबंधित पोर्टफोलियो तक पहुंच प्रदान करते हैं। शेयरधारक फंड के लाभ या हानि को आनुपातिक रूप से साझा करते हैं। आम तौर पर, म्यूचुअल फंड का प्रदर्शन फंड के कुल मार्केट कैप में बदलाव पर आधारित होता है, जो फंड के अंतर्निहित निवेश के प्रदर्शन को जोड़कर प्राप्त किया जाता है।
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म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट कैसे करे – आसान हिन्दी में बेहतरीन आर्टिकल्स की एक शुरुआती गाइड
म्युचुअल फंड इन्वेस्टमेंट हर एक इन्वेस्टर के बीच काफ़ी लोकप्रिय हैं । जिसका कारण है इससे मिलने वाले फायदे। इसके कईं फायदों में से कुछ सबसे महत्वपूर्ण फ़ायदे नीचे दिए हैं, जो इन्वेस्टर्स को अपनी ओर खींचते है और जिसकी वजह से –
- इन्वेस्टर्स कितनी भी राशि के साथ शुरुआत कर सकते हैं ( 500 जितना कम भी )
- इन्वेस्टर्स, अलग-अलग स्टॉक्स और डेट,गोल्ड जैसे इंस्ट्रूमेंट्स में इन्वेस्ट कर सकते हैं
- हर महीने ऑटोमेटेड इन्वेस्मेंट्स शुरू कर सकते हैं (SIP)
- डीमैट अकाउंट खोले बिना भी इन्वेस्ट कर सकते किसी एक शेयर या किसी एक सेक्टर पर निवेश करना हैं
शुरुआती इन्वेस्टर्स के लिए इस म्युचुअल फंड इन्वेस्टमेंट गाइड में हमने कुछ आर्टिकल्स को आपके लिए चुना है। जो म्युचुअल फंड को समझने में और कैसे इन्वेस्ट करना शुरू करें, इसमें आपकी मदद करेंगे। हम सुझाव देंगे कि आप इस पेज को बुकमार्क कर लें ताकि आप इन आर्टिकल्स को अपनी सुविधा के अनुसार कभी भी पढ़ सकें।
1.म्युचुअल फंड्स की जानकारी
अगर आप म्युचुअल फंड्स और उसके प्रकारों के बारे में पहले से जानते हैं, तो आप सीधे अगले सेक्शन पर जा सकते है । ये 5 आर्टिकल्स, म्युचुअल फंड्स और उसके प्रकारों के बारे में सारी ज़रूरी जानकारी देंगे । हम टैक्स सेविंग फंड्स पर भी एक किसी एक शेयर या किसी एक सेक्टर पर निवेश करना विशेष आर्टिकल दे रहे हैं।
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और ये कैसे काम करते हैं?
- म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करना बनाम डायरेक्ट इक्विटी
- . म्युचुअल फंड्स के फायदे और नुकसान
- टैक्स सेविंग(ईएलएसएस) फंड्स
2.म्युचुअल फंड्स का एक पोर्टफ़ोलियो बनाना
म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करने का सही तरीका है – सबसे पहले इसका पोर्टफोलियो बनाना । एक पोर्टफोलियो, म्युचुअल फंड का एक समूह होता है। यह आपको अपने इन्वेस्टमेंट के लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करेगा। आपका सारा रिटर्न् आपके पूरे पोर्टफोलियो पर टिका होता है, ना कि किसी एक विशेष फंड पर। इस सेक्शन में, हम यह सीखेंगे कि म्युचुअल फंड पोर्टफोलियो कैसे तैयार किया जाता है।
- पोर्टफोलियो इन्वेस्टिंग क्या है कैसे तैयार किया जाए
- अपने पोर्टफोलियो के लिए सही म्युचुअल फंड चुनना
- म्युचुअल फंड को कब बेचें
3.म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करना
कईं शुरुआती इन्वेस्टर्स म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करने की प्रक्रिया को मुश्किल मानकर उसमें इन्वेस्ट करने से कतराते हैं। ये आर्टिकल्स ऐसे ही शुरुआती इन्वेस्टर्स को म्युचुअल फंड को समझने में और इन्वेस्टमेंट शुरू करने में मदद करेंगे।
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और ये म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करने के लिए ज़रूरी क्यों है (SIP) के द्वारा इन्वेस्ट करना
4.कुछ और महत्वपूर्ण जानकारियाँ
म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करते समय कुछ ज़रूरी बातें है, जिनकी जानकारी हर शुरुआती इन्वेस्टर को होनी चाहिए । इन बातों को समझे बिना इन्वेस्ट करने से, रिटर्न्स पर काफ़ी बुरा असर पड़ सकता है।
- म्युचुअल फंड्स पर टैक्स
- म्युचुअल फंड्स से पैसे निकालने पर एग्ज़िट लोड
- म्युचुअल फंड्स का एक्सपेंस रेशो
- इन्वेस्टमेंट से जुड़ी भाषा की जानकारी
जहाँ म्युचुअल फंड्स की बात आती है वहाँ आमतौर पर लिस्ट में दिए गए इन शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है । हालाँकि शुरुआती इन्वेस्टर्स को इन सभी शब्दों को याद रखने की ज़रूरत नहीं है, आप किसी भी शब्द को सीखने के लिए, ग्लोसरी (डिक्शनरी) के तौर पर इसका इस्तेमाल किसी एक शेयर या किसी एक सेक्टर पर निवेश करना कर सकते हैं।
Investments in Index Fund: यदि कम लागत में ज्यादा फायदा लेना हो तो इंडेक्स फंड चुनें
Index Funds: भारतीय परिवेश में म्यूचुअल फंड में निवेश करने के कई विकल्प उभर कर आ रहे हैं। निवेशक इन विभिन्न विकल्पों में अब अधिक रुचि लेने लगे हैं। म्यूचुअल फंड के दो प्रकारों, एक्टिव फंड (Active Fund) और पैसिव स्कीम फंड में मिलनेवाले रिटर्न में अब ज्यादा अंतर नहीं रह गया है। साथ ही एक्टिव फंड में बाहरी मैनेजर के जरूरत पड़ने के कारण लागत भी बढ़ती है। पैसिव स्कीम्स में मैनेजर कोई सक्रिय भूमिका नहीं निभाता जिसके कारण लागत भी कम ही आती है। इसके चलते लोगों का रुझान पैसिव स्कीम्स की ओर बढ़ रहा है। इसके परिणामस्वरूप 2020 की तुलना में 2021 में पैसिव फंड का एएमयू 57% से बढ़ गया। इंडेक्स फंड में निवेश की कम लागत के कारण वह निवेशकों और म्यूचुअल फंड हाउस दोनों की ही पसंद बनता जा रहा है।
इंडेक्स फंड के लोकप्रिय होने का सबसे बड़ा कारण है उसके पोर्टफोलियो की सरलता। पोर्टफोलियो में सिर्फ़ वे शेयर शामिल होते हैं जो सेंसेक्स या निफ्टी जैसे इंडेक्स में दर्ज होते हैं। इसका मतलब यदि किसी म्यूचुअल फंड हाउस द्वारा निफ्टी50 इंडेक्स फंड जारी किया गया है तो उसमें निफ्टी50 के ही शेयर होते हैं। इंडेक्स फंड के बारे में और अधिक जानकारी और निवेश के फायदों के बारे में अश्विन पाटनी ने विस्तार से बताया है। वे ऐक्सिस एएमसी के प्रोडक्ट्स एंड ऑल्टरनेटिव हेड हैं।
कई शेयरों में एक साथ निवेश का अवसर
इंडेक्स फंड में निवेश करने से कई सारे निवेश शेयरों में एक साथ निवेश करने का अवसर मिलता है। जैसे ही यदि किसी निवेशक ने बीएससी500 इंडेक्स से संबंधित इंडेक्स फंड में निवेश किया तो पूरे बीएसई के टॉप-500 कंपनियों में उसका निवेश फैल जाएगा। उसी तरह यदि निफ्टी100 इंडेक्स किसी एक शेयर या किसी एक सेक्टर पर निवेश करना को ट्रैक करनेवाले फंड में निवेश किया जाए तो एनएसीई के टॉप-100 शेयरों में आपका निवेश हो जाता है।
निवेश की कम लागत से फ़ायदा
इंडेक्स फंड में निवेश करने पर लागत ऐक्टिव फंड से काफी कम आती है। जहाँ एक ओर इंडेक्स फंड में लागत का अनुपात 0.02-0.2% है, वहीं एक्टिव फंड में यही रेश्यो 0.5-1.0% तक होता है। इसका मतलब यह हुआ कि यदि 1,00,000 का निवेश करना है तो इंडेक्स फंड में उसके लिए लागत केवल ₹20-₹200 तक आती है जो ऐक्टिव फंड की लागत ₹500-₹1000 से कहीं कम है।
निवेश की रणनीति में पारदर्शिता
शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव भरे माहौल को देखते हुए हर निवेशक यह चाहता है कि पोर्टफोलियो की पारदर्शिता बनी रहे, जिससे उसे निवेश की जानकारी मिलती रहे। इंडेक्स फंड में उन्हीं कंपनियों के शेयर को शामिल किया जाता है जो अपने संबंधित इंडेक्स में सूचीबद्ध किए गए हों। इस वजह से निवेशक अपने निवेश के बारे में पूरी खबर रख पाता है।
निवेश के लिए थीम की सुविधा भी
हाल-फ़िलहाल यह देखा गया है कि निवेशक किसी एक सेक्टर या थीम पर आधारित निवेश में दिलचस्पी ले रहे हैं; जैसे कि क्लाउड कंप्यूटिंग, इलेक्ट्रिक व्हीकल और न्यू इकॉनमीज़ आदि। कुल मिलाकर फंड मैनेजर के साथ निवेशक भी आनेवाले दिनों में तेजी से बढ़नेवाले और मजबूती से प्रदर्शन करनेवाले थिमैटिक इन्वेस्टमेंट पर नजर बनाए रखते हैं। इंडेक्स फंड अपने निवेशकों को इस प्रकार की थीम पर आधारित निवेश करने का अवसर देता है।
एक्टिव फंड में टॉप-100 शेयर से कम रिटर्न
पिछले कई सालों में देखा जा रहा है कि म्यूचुअल फंड अब बेंचमार्क से ऊपर रिटर्न कम दे रहे हैं। दो तिहाई से ज्यादा एक्टिव फंड टॉप-100 शेयर के बेंचमार्क से कम रिटर्न दे रहे हैं। उनकी लागत भी ज्यादा होती है। ऐसी स्थिति में कम लागत के कारण इंडेक्स फंड एक फायदे का विकल्प हो सकता है।
What is Mutual Fund?
Index Funds: भारतीय परिवेश में म्यूचुअल फंड में निवेश करने के कई विकल्प उभर कर आ रहे हैं। निवेशक इन विभिन्न विकल्पों में अब अधिक रुचि लेने लगे हैं। म्यूचुअल फंड के दो प्रकारों, एक्टिव फंड (Active Fund) और पैसिव स्कीम फंड में मिलनेवाले रिटर्न में अब ज्यादा अंतर नहीं रह गया है। साथ ही एक्टिव फंड में बाहरी मैनेजर के जरूरत पड़ने के कारण लागत भी बढ़ती है। पैसिव स्कीम्स में मैनेजर कोई सक्रिय भूमिका नहीं निभाता जिसके कारण लागत भी कम ही आती है। इसके चलते लोगों का रुझान पैसिव स्कीम्स की ओर बढ़ रहा है। इसके परिणामस्वरूप 2020 की तुलना में 2021 में पैसिव फंड का एएमयू 57% से बढ़ गया। इंडेक्स फंड में निवेश की कम लागत के कारण वह निवेशकों और म्यूचुअल फंड हाउस दोनों की ही पसंद बनता जा रहा है।
इंडेक्स फंड के लोकप्रिय होने का सबसे बड़ा कारण है उसके पोर्टफोलियो की सरलता। पोर्टफोलियो में सिर्फ़ वे शेयर शामिल होते हैं जो सेंसेक्स या निफ्टी जैसे इंडेक्स में दर्ज होते हैं। इसका मतलब यदि किसी म्यूचुअल फंड हाउस द्वारा निफ्टी50 इंडेक्स फंड जारी किया गया है तो उसमें निफ्टी50 के ही शेयर होते हैं। इंडेक्स फंड के बारे में और अधिक जानकारी और निवेश के फायदों के बारे में अश्विन पाटनी ने विस्तार से बताया है। वे ऐक्सिस एएमसी के प्रोडक्ट्स एंड ऑल्टरनेटिव हेड हैं।
कई शेयरों में एक साथ निवेश का अवसर
इंडेक्स फंड में निवेश करने से कई सारे निवेश शेयरों में एक साथ निवेश करने का अवसर मिलता है। जैसे ही यदि किसी निवेशक ने बीएससी500 इंडेक्स से संबंधित इंडेक्स फंड में निवेश किया तो पूरे बीएसई के टॉप-500 कंपनियों में उसका निवेश फैल जाएगा। उसी तरह यदि निफ्टी100 इंडेक्स को ट्रैक करनेवाले फंड में निवेश किया जाए तो एनएसीई के टॉप-100 शेयरों में आपका निवेश हो जाता है।
निवेश की कम लागत से फ़ायदा
इंडेक्स फंड में निवेश करने पर लागत ऐक्टिव फंड से काफी किसी एक शेयर या किसी एक सेक्टर पर निवेश करना किसी एक शेयर या किसी एक सेक्टर पर निवेश करना कम आती है। जहाँ एक ओर इंडेक्स फंड में लागत का अनुपात 0.02-0.2% है, वहीं एक्टिव फंड में यही रेश्यो 0.5-1.0% तक होता है। इसका मतलब यह हुआ कि यदि 1,00,000 का निवेश करना है तो इंडेक्स फंड में उसके लिए लागत केवल ₹20-₹200 तक आती है जो किसी एक शेयर या किसी एक सेक्टर पर निवेश करना ऐक्टिव फंड की लागत ₹500-₹1000 से कहीं कम है।
निवेश की रणनीति में पारदर्शिता
शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव भरे माहौल को देखते हुए हर निवेशक यह चाहता है कि पोर्टफोलियो की पारदर्शिता बनी रहे, जिससे उसे निवेश की जानकारी मिलती रहे। इंडेक्स फंड में उन्हीं कंपनियों के शेयर को शामिल किया जाता है जो अपने संबंधित इंडेक्स में सूचीबद्ध किए गए हों। इस वजह से निवेशक अपने निवेश के बारे में पूरी खबर रख पाता है।
निवेश के लिए थीम की सुविधा भी
हाल-फ़िलहाल यह देखा गया है कि निवेशक किसी एक सेक्टर या थीम पर आधारित निवेश में दिलचस्पी ले रहे हैं; जैसे कि क्लाउड कंप्यूटिंग, इलेक्ट्रिक व्हीकल और न्यू इकॉनमीज़ आदि। कुल मिलाकर फंड मैनेजर के साथ निवेशक भी आनेवाले दिनों में तेजी से बढ़नेवाले और मजबूती से प्रदर्शन करनेवाले थिमैटिक इन्वेस्टमेंट पर नजर बनाए रखते हैं। इंडेक्स फंड अपने निवेशकों को इस प्रकार की थीम पर आधारित निवेश करने का अवसर देता है।
एक्टिव फंड में टॉप-100 शेयर से कम रिटर्न
पिछले कई सालों में देखा जा रहा है कि म्यूचुअल फंड अब बेंचमार्क से ऊपर रिटर्न कम दे रहे हैं। दो तिहाई से ज्यादा एक्टिव फंड टॉप-100 शेयर के बेंचमार्क से कम रिटर्न दे रहे हैं। उनकी लागत भी ज्यादा होती है। ऐसी स्थिति में कम लागत के कारण इंडेक्स फंड एक फायदे का विकल्प हो सकता किसी एक शेयर या किसी एक सेक्टर पर निवेश करना है।
₹2.81 से बढ़कर ₹524.60 का हो गया यह शेयर, निवेशकों के 1 लाख बन गए 1.86 करोड़ रुपये
आज हम आपको एक ऐसे शेयर के बारे में बता रहे हैं जिसने लंबी अवधि में अपने निवेशकों को करोड़पति बनाने का काम किया है। इस शेयर ने अपने निवेशकों को लंबी अवधि में 18,569% का छप्परफाड़ रिटर्न दिया है।
Multibagger Stock Return: शेयर बाजार (Stock market) में पैसे लगाकर आप भी करोड़पति बन सकते हैं, बशर्ते आपमें धैर्य का गुण होना चाहिए। दुनिया के सबसे बड़े निवेशकों में शामिल वॉरेन बफेट मानते हैं कि निवेशकों को निवेश के बेसिक्स यानी ‘शेयर खरीदो और लंबे वक्त तक रखो’ को फॉलो करना चाहिए। आज हम आपको एक ऐसे शेयर के बारे में बता रहे हैं जिसने लंबी अवधि में अपने निवेशकों को करोड़पति बनाने का काम किया है। इस शेयर का नाम है- मैरिको लिमिटेड (Marico Limited)। यह एफएमसीजी सेक्टर (FMCG sector) की कंपनी है।
मैरिको शेयर प्राइस हिस्ट्री
मैरिको लिमिटेड के शेयरों का शुक्रवार का बंद भाव ₹524.60 प्रति शेयर था। 6 जुलाई, 2001 को स्टॉक की कीमत ₹2.81 थी। यानी इस दौरान करीबन 21 साल में इस शेयर ने अपने निवेशकों को 18,569.04 प्रतिशत का मल्टीबैगर रिटर्न (Stock return) दिया है। रकम से हिसाब से समझें तो अगर किसी निवेशक ने 21 साल पहले इस शेयर में ₹1 लाख का निवेश किया होता तो आज की तारीख में यह बढ़कर ₹1.86 करोड़ हो गया होता।
पिछले पांच सालों में स्टॉक में 63.96 प्रतिशत की तेजी आई है, लेकिन पिछले एक साल के दौरान केवल 0.77 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। YTD आधार पर, 2022 में अब तक स्टॉक में 2.04% की तेजी आई है, और पिछले छह महीनों में इसमें 3.36 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। पिछले 1 महीने में स्टॉक में 3.34% और पिछले 5 दिनों में स्टॉक में 0.18% की तेजी आई है।
52-सप्ताह के निचले स्तर से 15.13% ऊपर
NSE पर स्टॉक ने 18-अक्टूबर-2021 को ₹607.70 के 52-वीक हाई और 27-जनवरी-2022 को 52-वीक के निचले स्तर ₹455.65 को छुआ था। यानी मौजूदा बाजार प्राइस पर स्टॉक 52-सप्ताह के हाई से 13.67% नीचे कारोबार कर रहा है। वहीं, यह शेयर अभी 52-सप्ताह के निचले स्तर से 15.13% ऊपर है।
जानिए कंपनी के बारे में
मैरिको लिमिटेड एक एफएमसीजी फर्म है। इसका मार्केट कैप 67,645.93 करोड़ रुपये है। यह एक लार्ज कैप कंपनी है। मैरिको भारत में कंज्यूमर वस्तुओं के टाॅप निर्माताओं में से एक है। इसके पोर्टफोलियो में विभिन्न प्रकार के फेमस ब्रांड हैं। इनमें पैराशूट, सफोला, सफोला फिटिफाई गॉरमेट, सफोला इम्मुनिवेदा, सफोला मीलमेकर, हेयर एंड केयर, पैराशूट एडवांस्ड, निहार नेचुरल्स, मेडिकर, कोको सोल, रिवाइव, सेट वेट, लिवोन एंड बियर्डो, और जस्ट हर्ब्सशामिल हैं। मैरिको को BusinessWorld और SUSTAIN LABS PARIS से A+ ग्रेड मिला है, जो भारत की सबसे टिकाऊ कंपनियों में छठे स्थान पर आती है।
(डिस्क्लेमर: यहां सिर्फ शेयर के परफॉर्मेंस की जानकारी दी गई है, यह निवेश की सलाह नहीं है। शेयर बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है और निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)