लोकप्रिय स्टॉक ट्रेडिंग कोर्सेज

इक्विटी फंड्स क्या हैं

इक्विटी फंड्स क्या हैं
भारतीय कंपनियों ने वर्ष 2021 में इक्विटी और कर्ज के जरिये 9 लाख करोड़ रुपये जुटाए हैं. अगर ओमिक्रॉन के चलते हालात खराब नहीं हुए तो इसमें 2022 के दौरान और अधिक मजबूती आने की उम्मीद है

Investment for Education-istock

टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड क्या होता है? | ELSS Details in Hindi

भारत में इनकम टैक्स बचाने के कई तरीके हैं, जिनमें एक तरीका ELSS या टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड में निवेश करने का भी है। लेकिन, ELSS को और उस पर टैक्स बचत को समझना थोड़ा मुश्किल काम है। इस लेख में हमने सरल भाषा में इन बातों को समझाने की कोशिश की है। इस लेख में हम जानेंगे कि टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड क्या होते हैं? इनकी मदद से टैक्स बचत कैसे होती है? What is Tax Saving Mutual Funds? How to save tax with the help of it?

सबसे पहले तो हम स्पष्ट कर दें कि, ELSS यानी कि Equity Linked Saving Scheme को ही टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड कहते हैं। ये इक्विटी फंड्स क्या हैं ऐसे म्यूचुअल फंड होते हैं, जिनका अधिकांश हिस्सा (65% से अधिक), शेयरों (equity) में और इक्विटी लिंक्ड सिक्योरिटीज मेें निवेश किया गया होता है। इनका कुछ हिस्सा ही fixed-income securities वगैरह में लगा होता है। इनका लॉक इन पीरियड 3 साल का होता है और इनमें निवेश किए गए पैसों पर सरकार Section 80 C के तहत टैक्स छूट देती है। इसलिए ELSS Mutual Funds को ही टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड कहते हैं।

ये इक्विटी म्युचुअल फंड होते हैं

म्यूचुअल फंड एक ऐसी स्कीम होती है जिसमें ढेर सारे लोगों से पैसा collect करके invest किया जाता है। ये निवेश government bond, कंपनियों के fixed deposit, शेयर या फिर gold में हो सकता है। हर म्यूचुअल फंड स्कीम का एक fund manager होता है। यही शख्स तय करता है कि फंड का पैसा कहां लगाना है और कब निकाल लेना है।

जब किसी म्यूचुअल फंड स्कीम का पैसा ज्यादातर शेयरों में लगाया जाता है तो उसे Equity Mutual Fund माना जाता है। दरअसल इक्विटी का मतलब शेयर ही होता है। तो ऐसी ही सैकड़ों इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीमें काम कर रही हैं और लोग उनमें अपना-अपना पैसा डालते हैं।

Tax Saving Mutual Fund भी ऐसी ही इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीम होती हैं। यानी ये स्कीम भी शेयरों में ही निवेश करती हैं। जी हां, शेयरों में निवेश के चलते ही आपको tax deduction का फायदा मिलता है।

बेहतर कमाई की संभावना होती है

अब आप इस बात को तो समझते ही होंगे कि देश सभी अमीर लोगों ने उद्योग लगाकर ही पैसा बनाया है। दरअसल industry इक्विटी फंड्स क्या हैं ही आज के जमाने में सबसे तेजी से grow करने का तरीका है। और ये शेयर बाजार आपको भी ऐसी ही इंडस्ट्री में पैसा लगाने का मौका देता है। शायद आप नहीं जानते हों कि 1980 से लेकर आज तक शेयर बाजार ने औसतन 15% सालाना का return दिया है।

चूंकि आपका टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड भी शेयरों में ही निवेश करता है इसलिए इसमें से भी सबसे ज्यादा पैसा बनने की संभावना है। पिछले 15 साल में इन funds ने average 21% सालाना का return दिया है। अब इतनी कमाई कहीं और तो होती नहीं है। Gold हो या Property लंबे वक्त में ये सभी शेयरों को रिटर्न के सामने हार गए हैं।

इसीलिए अगर आप चाहते हैं कि आपके tax saving investment से सबसे ज्यादा कमाई हो तो टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड यानी ELSS में पैसे लगाएं।

SIP के जरिए किस्तों में भी निवेश कर सकते हैं

Tax Saving Fund हो या फिर कोई दूसरा म्यूचुअल फंड, ये सभी SIP की सुविधा देते हैं। SIP म्यूचुअल फंड में निवेश करने का एक तरीका है। इस तरीके में आप एक ‘निश्चित रकम’ (Fixed Amount) एक ‘निश्चित अंतराल’ (Fixed Interval) पर म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं। आम तौर पर ये निश्चित अंतराल एक महीना का होता है।

जब आप एक तय रकम किसी एक म्यूचुअल फंड स्कीम में हर महीने की किसी एक तारीख को लगाएंगे तो ये SIP माना जाएगा। SIP का फुल फॉर्म है Systematic Investment Plan। इसके फुल फॉर्म को जानने से कुछ चीजें और साफ हो गईं होंगी। आजकल तो SIP का तरीका चुनने पर पैसा आपके खाते से हर महीने अपने आप कट जाता है। इससे आपको और म्यूचुअल फंड कंपनी दोनों को सुविधा हो जाती है।

SIP के तरीके से निवेश करने पर एक फायदा और होता है। हर महीने आपको म्यूचुअल फंड की यूनिट अलग-अलग भावों पर मिलती है। कभी भाव ऊंचा होता है तो कभी नीचा। ऐसे में कुल मिलाकर आप एक औसत भाव में म्यूचुअल फंड की यूनिट्स पाने में कामयाब रहते हैं। यानी आपको बाजार के उतार-चढ़ाव की फिक्र नहीं करनी होती है। दरअसल एसआईपी बैंक के recurring deposit की तरह होती है बस इसमें खरीदी जाने वाली यनिट्स की संख्या कम ज्यादा होती रहती है।

'Mutual fund'

बीएल आहूजा ने पुलिस को बताया कि वह बैंक कर्मचारी माहेश्वरी को 2013 से जानते थे, जब वह ICICI बैंक में काम करता था. आहूजा ने कहा कि माहेश्वरी ने उन्हें सलाह दी कि वह पैसे बैंक में रखने के बजाय म्यूचुअल फंड में लगाएं. आहूजा ने 2018 में उन्हें 1 करोड़ रुपये के दो चेक दिए.

निवेशक दीर्घकाल में निवेश में वृद्धि को लेकर म्यूचुअल फंड में नियमित तौर पर राशि जमा करने की योजना (Systematic Investment Plan) पर भरोसा कर रहे हैं

Pan Aadhaar Link.सीबीडीटी ने एक अधिसूचना में कहा कि आधार की देरी से सूचना देने पर 500 रुपये का विलंब शुल्क लगेगा. यह जुर्माना शुल्क अगले तीन माह यानी 30 जून, 2022 तक के लिए होगा. उसके बाद करदाताओं इक्विटी फंड्स क्या हैं को 1,000 रुपये का जुर्माना चुकाना होगा.

सेबी ने म्यूचुअल फंड निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए यह निर्णय़ किया.इसके तहत जब भी म्यूचुअल फंड के ज्यादातर ट्रस्टी किसी स्कीम को बंद करने का फैसला करते हैं, उनके लिए यूनिटधारकों की सहमति लेने को अनिवार्य करने का निर्णय किया गया है.

Investment Trends: बैलेंस्ड एडवांटेज फंड्स में पैसा लगा रहे हैं निवेशक, इक्विटी म्यूचुअल फंड्स से निवेशक हो रहे हैं दूर

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Mutual Funds: इक्विटी म्यूचुअल फंड्स (Equity Mutual Funds) में निवेशकों की दिलचस्पी कम हो रही है. जुलाई 2021 की तुलना में अगस्त 2021 में इक्विटी इक्विटी फंड्स क्या हैं म्यूचुअल फंड्स में निवेश घटा है. इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में निवेशकों का रुझान ऐसे समय में कम हो रहा है जब शेयर बाजार नई ऊंचाइयां छू रहा है.

एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स ऑफ इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के अनुसार अगस्त में इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में 8,056.80 करोड़ रुपये का नेट इनफ्लो था. यह जुलाई के मुकाबले 61.15% कम है. जुलाई में इक्विटी फंड्स में 20,742.77 करोड़ रुपये का नेट इनफ्लो था. हालांकि निवेश की भारी गिरावट के बावजूद निवेश फ्लो पॉजिटिव बना हुआ है. निवेशकों के रिडेम्पशन की रफ्तार भी अगस्त में ज्यादा दिखी. जुलाई में निवेशकों ने 17,831.65 करोड़ रुपये निकाले थे. जबकि अगस्त में 23,144.89 करोड़ रुपये निकाले.

व्यय अनुपात

यह प्रशासनिक तथा प्रचालन लागतों को कवर करने के लिए फंड द्वारा निवेशकों से वसूली जाने वाली प्रतिशत-आधारित फीस है। किसी फंड का व्यय अनुपात इसके नेट रिटर्न्स को प्रभावित करता है। निम्न व्यय अनुपात से आपके पोर्टफोलियो में अधिक यूनिट्स आ सकेंगे जिससे आपके रिटर्न्स में बढ़ोतरी होगी। दीर्घकाल में, इन अतिरिक्त यूनिट्स से संबंधित कम्पाउंडिंग लाभ से आपके रिटर्न्स में महत्वपूर्ण रूप से बढ़ोतरी हो सकती है।

फंड के मैनेजमेंट के लिए फंड मैनेजर्स उत्तरदायी होते हैं तथा इसकी परफॉर्मेंस में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। स्कीम को चुनने से पहले, अपने फंड मैनेजर और उसकी निवेश विचार प्रक्रिया की जानकारी इक्विटी फंड्स क्या हैं प्राप्त कर लें। आप मार्केट तथा उम्मीदों के संबंध में उनकी सामान्य कमेंट्री को जानने के लिए फंड हाउस की फैक्टशीट्स को भी देख सकते हैं। इंटरव्यूज़ तथा न्यूज पोर्टल्स अन्य साधन हैं जिनसे आप फंड मैनेजर के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

Debt Mutual Fund क्या है और इसमें निवेश करने पर क्या होते हैं फायदे, जानिए यहां

Mutual Fund Update

Mutual Fund Update: बाजार में मौजूद निवेश के विकल्पों में से एक म्यूचुअल फंड (MF) में निवेश करके पैसे को कई गुना बढ़ाया जा सकता है. बता दें कि मौजूदा समय में निवेशकों के लिए मार्केट में कई तरह के म्यूचुअल फंड (MF) मौजूद हैं. उन्हीं में से एक हैं डेट फंड (Debt Mutual Fund). डेट फंड में निवेश करके आपका पैसा सुरक्षित तो रहता ही है साथ ही रिटर्न भी अच्छा खासा मिलता है. डेट फंड की क्या खासियत है और इसमें निवेश करके निवेशकों को क्या फायदा मिलता है. इन सभी बातों पर आज हम इस रिपोर्ट में जानने की कोशिश करते हैं.

डेट फंड- Debt Fund
Debt Fund की रकम को मुख्य रूप से बॉन्ड्स (Bonds) और कॉर्पोरेट फिक्स्ड डिपॉजिट (Corporate Fixed Deposit) में निवेश किया जाता है. किसी Debt Mutual Fund के साथ यह अनिवार्य शर्त है कि उसका कम से कम 65 फीसदी रकम बॉन्ड या बैंक डिपॉजिट में निवेश किया जाए. डेट म्यूचुअल फंड के तहत Government Bonds, Company Bonds, Corporate Fixed Deposits और Bank Deposits में निवेश किया जाता है. इसके अलावा बचे हुए पैसे को Equity यानि शेयर्स में निवेश किया जाता है.

रेटिंग: 4.82
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 636
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *