क्रिप्टोक्यूरेंसी ट्रेडिंग

सामूहिक निवेश क्या है?

सामूहिक निवेश क्या है?
यह फंड आमतौर पर एक फंड मैनेजर द्वारा मैनेज किया जाता है, जो फंड के निवेश को निर्धारित करता है और लाभ और हानि खाते को मैनेज करता है. यह मैनेजर, निवेशकों से उनके निवेश का ध्यान रखने के लिए फीस वसूलता है. आप किसी भी दिन कितने भी म्यूचुअल फंड खरीद और बेच सकते हैं.

how-mutual-fund-works

Mutual Fund: मीनिंग, प्रकार और अर्थव्यवस्था के विकास में भूमिका

Mutual Fund; स्टॉक, बॉन्ड और अन्य अल्पकालिक निवेश साधनों में निवेश किया गया कई लोगों का सामूहिक निवेश पूल होता है. यह फंड आमतौर पर एक फंड मैनेजर द्वारा मैनेज किया जाता है, जो निवेशकों से उनके निवेश का ध्यान रखने के लिए फीस वसूलता है. आप किसी भी दिन कितने भी म्यूचुअल फंड खरीद और बेच सकते हैं.

Meaning of Mutual Fund

विकासशील देशों में पूँजी का सृजन एक बड़ी समस्या रहती है.अगर कोई निवेशक कोई बड़ा निवेश करना या उद्योग लगाना चाहता है तो पूँजी की कमी एक प्रमुख समस्या होती है. इस समस्या को चिट फण्ड, म्यूच्यूअल फण्ड, फिक्स्ड डिपॉजिट्स और बैंक जमा के माध्यम से पूरा किया जाता है.

म्युचुअल फंड का मतलब (Meaning of Mutual Fund)?
एक म्यूचुअल, फंड एक प्रकार का समूह निवेश होता है जिसमें कई लोगों (व्यक्ति,संस्था) द्वारा संयुक्त रूप से स्टॉक, बॉन्ड, अल्पकालिक निवेश या अन्य प्रतिभूतियों में निवेश किया जाता है.

सेबी ने कहा कंपनियों पर 67,228 करोड़ रुपये की बकाया रकम की वसूली मुश्किल है

Sebi ने स्पष्ट किया कि इस तरह के डीटीआर बकाया को अलग करना एक प्रशासनिक अधिनियम है। यह अधिनियम वसूली अधिकारियों को डीटीआर के रूप में अलग की गई रकम को वसूल करने से नहीं रोकेगा

कैपिटल मार्केट रेग्युलेट सेबी (Sebi) ने मार्च 2022 के अंत में 67,228 करोड़ रुपये के बकाया राशि को "difficult to recover (वसूली मुश्किल है ) " कैटेगरी के तहत अलग कर दिया है। कुल मिलाकर रेग्युलेटर के पास 96,609 करोड़ रुपये का बकाया है। इस राशि को संस्थाओं से वसूल करने की आवश्यकता है। इसमें वे कंपनियां भी शामिल हैं जो उन पर लगाए गए जुर्माने का भुगतान करने में असफल रही हैं। मार्केट वॉचडॉग के बकाया शुल्क का भुगतान करने में विफल रही हैं। इसमें वे कंपनियां या संस्थाएं भी शामिल हैं जिन्होंने निवेशकों के पैसे वापस करने के रेग्युलेटर के निर्देश का पालन नहीं किया है। रेग्युलेटर ने कहा कि 96,609 करोड़ रुपये में से 65 प्रतिशत रकम यानी कि 63,206 करोड़ रुपये सामूहिक निवेश योजना (Collective Investment Scheme (CIS) सामूहिक निवेश क्या है? से संबंधित है। इसमें पीएसीएल लिमिटेड (PACL Ltd) और सहारा समूह की कंपनी सहारा इंडिया कमर्शियल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (Sahara India Commercial Corporation Ltd) के पब्लिक इश्यू से संबंधित राशि भी शामिल है।

Mutual Funds में कितने प्रकार निवेश करें?

Mutual Funds में दो प्रकार से निवेश किया जाता है

1. एकमुुश्त (लम्पसम)

जब आप किसी Mutual Funds में कुछ पैसे एक बार में ही निवेश करते हैं तो उन्हें एकमुश्त निवेश कहते हैं। यानी आप अपना पैसा जब मर्जी हो तब इसमें निवेश कर सकते हैं कोई पाबंदी नहीं और कोई समय का भी पाबंदी नहीं। यदि मार्केट हमेशा बढ़ता रहता है तो यह निवेश में ज्यादा मुनाफा होता है।

इसमें आप न्यूनतम ₹5000 से अपना निवेश शुरू कर सकते हैं। अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं है।

एसआईपी (SIP) क्या है?

आज के समय में सबसे लोकप्रिय निवेश माना गया है। एसआईपी (SIP) का पूरा नाम सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान है। शेयर मार्केट चाहे ऊपर जाए या फिर नीचे आए दोनों स्थिति में एसआईपी करने वाले निवेशक को लाभ मिलता है।

एसआईपी (SIP) द्वारा निवेश करने पर प्रत्येक महीना हमारे बैंक खाता से निश्चित रुपया जो हम चाहते हैं वह अपने आप मुचल फंड में निवेश हो जाता है। शेयर बाजार के उतार चढ़ाव पर नजर ना रखने वालों के लिए यह सबसे अच्छा निवेश माना गया है।

यदि शेयर मार्केट नीचे चला जाता है तो उस समय हम को ज्यादा यूनिट प्राप्त हो जाता है क्योंकि NAV कम रहता है और जब शेयर मार्केट ऊपर उठता है उस समय हमारे पैसे की value पहले ज्यादा हो जाती है क्योंकि NAV ज्यादा होता है। इस प्रकार शेयर मार्केट की गिरने या बढ़ने दोोनों स्थिति में एसआईपी निवेशक लाभ कमाता है।

कौन सा Mutual Funds फंड में निवेश करें?

Mutual Funds में निवेश करनेे वाल निवेशकों के पास सबसे सामूहिक निवेश क्या है? बड़ी समस्या यह है कि किस Mutual Funds में निवेश करें। आज के समय में 44 Mutual Funds कंपनी कंपनी हैै जिसके पास 2500 से ज्यादा स्कीम है।

आम निवेशक यह निर्णय नहीं ले पाता है कि हमें किस फंड में निवेश करना चाहिए और किस में नही।

मैं आपको टॉप 10 Mutual Funds स्कीम बता रहा हूं आपको जो अच्छा लगे उसमें आप निवेश कर सकते हैं। निवेश करने से पहले थोड़ा सा टाइम निकाल कर जिस Mutual Funds में निवेश कर रहे हैं उसके बारे में पूरी जानकारी जरूर हासिल कर लें।

कलेक्टिव इन्वेस्टमेंट स्कीम पर लगेगी मनमानी, सेबी करेगी समीक्षा

मुंबई- मार्केट रेगुलेटर सेबी कलेक्टिव इन्वेस्टमेंट स्कीम (CIS) चलाने वाली कंपनियों पर अब लगाम की तैयारी कर रही है। यह पहली बार होगा, जब इस सेक्टर पर नियम लागू किए जाएंगे। सेबी ने पहली बार सामूहिक निवेश योजनाओं यानी CIS के नियमों में बदलाव करने का प्रस्ताव रखा है। CIS क्लोज्ड एंडेड निवेश सेक्टर में एक पूल्ड इन्वेस्टमेंट साधन माना जाता है। इस स्कीम्स की यूनिट्स को एक्सचेंज पर लिस्ट किया जाता है। इसमें एक निवेशक द्वारा कोई न्यूनतम निवेश सीमा नहीं होती है। रिटेल इन्वेस्टर CIS के लिए प्राइमरी टारगेट इन्वेस्टर होते हैं।

सेबी ने प्रस्तावित किया है कि कलेक्टिव इनवेस्टमेंट मैनेजमेंट कंपनी (CIMC) या उसके प्रमोटर्स के पास फायदा का ट्रैक रिकॉर्ड होना चाहिए। साथ ही नेटवर्थ भी होना चाहिए। इसने सामूहिक निवेश क्या है? सुझाव दिया है कि CIMC की न्यूनतम नेटवर्थ 50 करोड़ रुपए होनी चाहिए। उनकी कुल संपत्ति पिछले पांच वर्षों में पॉज़िटिव होनी चाहिए। पहले के 5 वर्षों में से तीन में डिप्रीशिएशन, इंटरेस्ट और टैक्स अदा करने के बाद भी फायदा में होना चाहिए। दरअसल देश में ढेर सारी कंपनियां CIS चलाकर निवेशकों से फंड लेती हैं। बाद में यह फरार हो जाती हैं। कुछ मामलों में यह CIS के तहत आती भी नहीं हैं। इसलिए सेबी ने अब इनको दायरे में लाने और उन्हें रेगुलेट करने के लिए योजना बनाई है।

रेटिंग: 4.60
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 86
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *