क्रिप्टोक्यूरेंसी ट्रेडिंग

लिक्विडिटी

लिक्विडिटी
विभिन्न प्रकार की एनबीएफसी की मदद के लिए किए गए उपाय स्वागत योग्य हैं। बैंकों की तरह एनबीएफसी हमारी अर्थव्यवस्था के एक उल्लेखनीय हिस्से की मदद करती हैं और इसलिए उन्हें लिक्विडिटी अपना काम ठीक से करने में समर्थ होना चाहिए। मैं चाहूंगा कि बड़ी एनबीएफसी जैसे 10,000 करोड़ रुपये से अधिक की परिसंपत्ति वाली एनबीएफसी के लिए सीधे आरबीआई से लिक्विलिटी लाइन मिले। इसके अलावा, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने अभी तक उन छोटी एनबीएफसी को बैक-टु-बैक मोहलत नहीं दी है जो अपने ग्राहकों को मोहलत दे रही हैं और ऋण के लिए इन बैंकों पर निर्भर हैं। इस चुनौतीपूर्ण समय में अर्थव्यवस्था में सुधार की रफ्तार को बाधित करने वाली इस प्रकार की विसंगतियों को तत्काल दूर करने की आवश्यकता है।

'सीधे आरबीआई से मिले लिक्विडिटी लाइन'

बजाज फिनसर्व की उधारी एवं निवेश इकाई बजाज फाइनैंस ने हाल में घोषणा की है कि कोरोनावायरस वैश्विक महामारी के प्रसार को रोकने के लिए किए गए देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान महज 10 दिनों में उसे करीब 3,50,000 ग्राहकों का नुकसान हुआ। बजाज फिनसर्व के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक संजीव बजाज ने सुरजीत दास गुप्ता से बातचीत के दौरान विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। पेश हैं मुख्य अंश:

अर्थव्यवस्था के खुलने के बारे में आप क्या कहेंगे? निवेश को सुचारु करने के लिए और क्या करने की जरूरत है? लिक्विडिटी

कोविड-19 वैश्विक महामारी अचानक पैदा हुई है और इसके बारे में अधिक जानकारी नहीं है। सरकार ने इसके प्रसार को नियंत्रित करने के लिए समय पर लॉकडाउन करने और चिकित्सकीय क्षमता बेहतर करने की पहल की है लेकिन अब उन क्षेत्रों में धीरे-धीरे आर्थिक गतिविधियां शुरू करने की जरूरत है जो हॉटस्पॉट नहीं हैं। हमारी अर्थव्यवस्था ने पहले कभी इस तरह के लॉकडाउन का सामना नहीं था जहां मांग और आपूर्ति दोनों बंद हो गई हैं। जितनी जल्द हम अर्थव्यवस्था को नए सिरे से खोलेंगे, हमें स्थिति को सामान्य करने में उतनी ही आसानी होगी। सरकार और लिक्विडिटी भारतीय रिजर्व बैंक के लिए यह भी महत्त्वपूर्ण है कि लोगों में भरोसा पैदा किया जाए, विशेष रूप से छोटे कारोबारियों, प्रवासी श्रमिकों और व्यक्तिगत ग्राहकों में। पिछले कुछ सप्ताहों के दौरान समाज के गरीब तबकों को भोजन और कुछ रकम प्रदान करने के लिए सराहनीय उपायों की घोषणा की गई है। अब उद्यम को दोबारा शुरू करने के लिए कार्यशील पूंजी एवं सावधि लिक्विडिटी ऋण देने की आवश्यकता है। अर्थव्यवस्था को मौजूदा रुकावट से आगे बढ़ाने के लिए यह जरूरी है।

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं के लिए लिक्विडिटी विंडो को _________ तक बढ़ा दिया है।

Key Points

  • भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 10 फरवरी, 2022 को आपातकालीन लिक्विडिटी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 50,000 करोड़ रुपये की ऑन-टैप लिक्विडिटी विंडो को 30 जून तक लिक्विडिटी बढ़ाने का प्रस्ताव रखा।
  • RBI ने 5 मई'21 को तीन साल तक की अवधि के साथ रेपो दर पर लिक्विडिटी विंडो की शुरुआत की थी।
  • इसने कोविड-19 से संबंधित स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे और सेवाओं को बढ़ाने के लिए तत्काल पूंजी प्रदान करने की शुरुआत की लिक्विडिटी है।

NBFCs और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों को RBI का तोहफा, Special Liquidity scheme का ऐलान

NBFCs

नई दिल्ली: गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां यानी NBFCs को काफी लंबे समय से लिक्विडिटी की समस्या ( Liquidity crunch ) से जूझ रहे हैं अब फाइनली Reserve Bank of India ने nbfcs or housing finance companyको बड़ी राहत देते हुए स्पेशल परपज व्हीकल एसपीवी के जरिए स्पेशल लिक्विडिटी स्कीम ( SPL Liquidity scheme ) देने का ऐलान किया है आपको बता दें कि मई के महीने में भी सरकार की तरफ से एनबीएफसी के लिए 30000 करोड रुपए की स्पेशल लिक्विडिटी स्कीम का ऐलान किया गया था

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की सब्सिडियरी एसबीआई कैप ( SBI CAP ) ने एसएलएस ट्रस्ट ( SLS TRUST ) नाम से एसपीवी बनाया है। इसी ट्रस्ट के जरिए एनबीएफसी ( NBFCs ) और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों ( HFCs ) को लिक्विडिटी स्कीम ( Liquidity Scheme ) से जुड़ा जाने का प्लान है। हालांकि स्कीम से जोड़ने के लिए कुछ शर्तें रखी गई है और इसका फायदा उन शर्तों को पूरा करने वाली कंपनियों को ही दिया जाएगा।

कर्ज में डूबा यह देश हर दिन खरीदेगा एक बिटकॉइन, राष्ट्रपति ने ट्वीट कर दी जानकारी

नई दिल्ली। एल सेल्वाडॉर के राष्ट्रपति नईब बुकेले ने गुरुवार को कहा है कि शुक्रवार (18 नवंबर) से हर दिन एक क्रिप्टोकरेंसी खरीदेगी। राष्ट्रपति बुकेले ने यह घोषणा ऐसे समय पर की है जब एफटीएक्स क्रिप्टो एक्सचेंज के डूबने के बाद दुनिया भर के क्रिप्टोकरेंसी गिरावट की दौर से गुजर रहे हैं। दुनिया के ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी इन दिनों मूल्य दबाव और लिक्विडिटी क्राइसिस से गुजर रहे हैं।

एल सेल्वाडोर के राष्ट्रपति नईब बुकेले ने गुरुवार को एक ट्वीट करते हुए जानकारी दी है कि हम कल से हर दिन एक बिटकॉइन खरीदेंगे। बिटकॉइन की कीमतों में पिछले वर्ष की 60,300 डॉलर प्रति कॉइन की तुलना में अब तक 73 प्रतिशत की गिरावट आ चुकी है।

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रिपोर्ट्स के अनुसार कर्ज से जूझ रहे देश ने अब तक 43,000 डॉलर के औसत मूल्य पर अब तक 2,381 बिटकॉइन की खरीदारी की है। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के बोर्ड ने देश में ई-वॉलेट के सख्त नियमन की मांग करते हुए एल सेल्वाडोर को बिटकॉइन को कानूनी निविदा बनाने लिक्विडिटी के अपने फैसले को वापस लेने को कहा है।

पिछले हफ्ते, बिटकॉइन, एथेरियम, पॉलीगॉन सहित क्रिप्टोकरेंसी में 24 घंटे के भीतर 16 प्रतिशत तक की गिरावट के साथ बड़े पैमाने पर बिकवाली देखी गई। एक प्रमुख क्रिप्टो एक्सचेंज एफटीएक्स में वित्तीय संकट के कारण क्रिप्टो की कीमतों पर यह दबाब दिख रहा है। बिनेंस-एफटीएक्स के बीच बचाव सौदे के रद्द होने के बाद स्थिति और खराब हो गई।

इस ताजा घटनाक्रम के बीच 10 नवंबर बिटकॉइन लगभग 16 प्रतिशत तक टूट गया। जबकि एथेरियम और एक्सआरपी में भी 12 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। पॉलिगॉन लगभग 7 प्रतिशत टूटकर कारोबार करता दिखा। वहीं, ईथर में भी करीब 13 फीसदी की गिरावट आई है।

Investment Tips: गोल्ड ईटीएफ क्या है? इसमें निवेश करने की जानिए 5 वजहें

Updated Nov 19, 2022 | 09:05 AM IST

Gold etf

गोल्ड ईटीएफ में निवेश के टिप्स जानिए

यह सभी जानते हैं कि भारतीय लोग गोल्ड को पसंद करते हैं। इसके परम्परागत महत्व को देखते हुए, सदियों से विशेष रूप से विशेष अवसरों पर जैसे विवाह या त्योहारों पर गोल्ड एक पसंदीदा उपहार और निवेश रहा है। निवेश के तौर पर, यह मेटल पसंदीदा विकल्पों में आता है क्योंकि इसके साथ लिक्विडिटी की सुविधा के साथ-साथ जब मार्केट में उतार-चढ़ाव होता है, तो आपके पोर्टफोलियों को स्थिरता भी मिलती है। गोल्ड में निवेश करना अब वास्तविक रूप से गोल्ड खरीदने तक सीमित नहीं रहा है। अन्य विकल्प जो अब उपलब्ध हैं, उनसे शुद्धता के साथ समझौता किए बिना सुविधा भी प्राप्त होती है। एक प्रकार का विकल्प गोल्ड ईटीएफ है। ये क्या हैं और क्या ये आपके लिए सही विकल्प है, जानने के लिए पढ़िए।

गोल्ड ईटीएफ क्या है?

गोल्ड ईटीएफ एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) है जो वास्तविक गोल्ड की घरेलू कीमत से जुड़ा है। गोल्ड ईटीएफ के एक यूनिट की वैल्यू लिक्विडिटी 1 ग्राम वास्तविक गोल्ड से जुड़ी है। स्टॉक की तरह, गोल्ड ईटीएफ को स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध किया गया है, जहां पर उन्हें डीमैट अकाउंट का इस्तेमाल करके खरीदा और बेचा जा सकता है। होल्डिंग और शुद्धता के आश्वासन के संबंध में पूर्ण पारदर्शिता के साथ, इलेक्ट्रॉनिक तरीके से गोल्ड में निवेश करने का यह एक आदर्श विकल्प है। अगर आप गोल्ड में निवेश करना चाहते हैं, तो गोल्ड ईटीएफ के जरिए ऐसा करने के पांच कारणों पर आपको विचार करना चाहिए।

गोल्ड ईटीएफ 99.5% शुद्धता से समर्थित होते हैं। गोल्ड ईटीएफ की एक यूनिट एक ग्राम वास्तविक गोल्ड की जारी कीमत के बराबर होती है। जब आप गोल्ड ईटीएफ की एक यूनिट को खरीदते हैं, तो कस्टोडियन द्वारा एक ग्राम वास्तविक गोल्ड खरीदा जाता है। भारत में गोल्ड लिक्विडिटी ईटीएफ में कुल निवेश 20,000 करोड़ रूपये का है। जो कि पांच वर्ष पहले की तुलना में यह चार गुणा हो चुका है। यह अपवर्ड ट्रेंड इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड निवेश के तौर पर गोल्ड ईटीएफ के बढ़ते प्रचार-प्रसार को दिखाता है।

निम्न लागत- निम्न जोखिम निवेश

जोखिम और लागत के संदर्भ में, गोल्ड ईटीएफ वास्तविक गोल्ड से बढ़कर है। गोल्ड ईटीएफ डीमैट अकाउंट के माध्यम से बेचे और खरीदे जाने वाला डिजिटल निवेश है। क्योंकि इन्हें इलेक्ट्रॉनिकली स्टोर किया जाता है, वास्तविक गोल्ड की तुलना में चोरी का जोखिम बहुत कम है। इसके अलावा, वास्तविक गोल्ड में निवेश करने की लागत उच्च है क्योंकि आभूषणों पर मेकिंग चार्ज लगाए जाते हैं। गोल्ड ईटीएफ के साथ इस प्रकार का कोई चार्ज नहीं जुड़ा है, इसलिए ये कम लागत पर निवेश का साधन हैं।

क्योंकि गोल्ड ईटीएफ को ऑनलाइन खरीदा जाता है और उन्हें डीमैट अकाउंट में धारित किया जाता है, किसी भी निवेशक द्वारा कभी भी इसे खरीदा और बेचा जा सकता है। इनसे उच्च लिक्विडिटी भी मिलती है क्योंकि स्टॉक एक्सचेंज में शेयरों की तरह इनकी भी वर्तमान गोल्ड कीमत पर ट्रेडिंग की जा सकती है।

टैक्स-अनुकूल

ईटीएफ के ज़रिए गोल्ड में निवेश पर वास्तविक गोल्ड निवेश की तरह सम्पदा कर नहीं लगाया जाता है। लेकिन, गोल्ड ईटीएफ से मिलने वाले रिटर्न, इंडेक्सेशन लाभ के साथ दीर्घकालिक पूंजी लाभ के अंतर्गत आते हैं। गोल्ड ईटीएफ के लिए दीर्घकालिक पूंजी कर होल्डिंग के 36 महीनों के बाद बेचे गए यूनिट्स पर मिलने वाले लाभ पर लगाया जाता है, और इस प्रकार ये टैक्स-अनुकूल निवेश (साधन) बन जाते हैं। अल्पकालिक पूंजी लाभ- तीन वर्ष की धारिता अवधि से पहले अर्जित लाभ पर, आपकी आय में इस लाभ को जमा करने के बाद, लागू स्लैब दर के अनुसार कर लगाया जाएगा।

गोल्ड ईटीएफ के कारण गोल्ड में निवेश करना अधिक आसान और अधिक अफॉर्डेबल बन गया है। निवेशक 1000 रूपये की निम्न राशि से एसआईपी के आधार पर गोल्ड ईटीएफ खरीद सकते हैं और समय के साथ एक बड़ा निवेश संचित कर सकते हैं। दूसरी तरफ, वास्तविक गोल्ड को केवल बड़े मौद्रिक निवेश के बाद ही खरीदा जा सकता है।

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