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शेयर बाजार निष्कर्ष

शेयर बाजार निष्कर्ष
( फायदे ) वैसे तो शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग मे अगर आप पुरी जानकारी के साथ शेयर में निवेश करेंगे और सही कंपनी स्सिलेक्ट करोगे तो आप अपने लॉस ओर प्रॉफिट को अच्छी तरह से देख पाएंगे।

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Sheyar bazar me paisa kaise kamae?

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इस लिए ज़्यादातर लोग जो शेयर बाजार में से कमाते है वो लम्बे समय के निवेशक ही होते है।

यह लम्बे समय के निवेशक भी दो तरह के होते है :

i) खुद जाँच कर ने के बाद निवेश करने वाले :


लम्बे समय के निवेशकों में से एक तरह का निवेशक है, जो खुद Research कर के अच्छी कंपनियां खोजता है। फिर उनके शेयर का दाम सस्ता होने का इंतज़ार करता है। और फिर जब बाज़ार में मंदी होती है, तब वह उन्ही शेयर को बहुत सस्ते दाम पर खरीदता है।

क्युकी अक्सर ऐसा ही होता है, की ज्यादातर लोग बाज़ार में मंदी के वक्त डरे शेयर बाजार निष्कर्ष हुए होते है। जिस से वह नए शेयर खरीदते नहीं है और कुछ तो सिर्फ डर की वजह से शेयर बाजार निष्कर्ष भी अपने शेयर बेचने लगते है। इस वजह से बाज़ार में मंदी के वक्त अच्छी अच्छी कंपनीओ के शेयर भी बहुत Discount पर मिल रहे होते है।

इस तरीके से निवेश कर के यह निवेशक अपने निवेश पर बहुत ही बढ़िया रिटर्न कमाता है। खुद जाँच कर के निवेश करने वाले लोगो में Warren Buffett और Rakesh JhunJhunwala जैसे लोग सामिल है।

ii) म्यूच्यूअल फंड्स में निवेश करने वाले :

लम्बे समय के लिए निवेश करने वाले निवेशकों में दूसरा है, म्यूच्यूअल फंड्स के द्वारा शेयर बाज़ार में निवेश करने वाला निवेशक

इस तरह के निवेशक ज्यादातर सामान्य लोग जो की कही पर नौकरी करते है वह सामिल है।

इनके पास समय या फिर कंपनीओ के विश्लेषण का ज्ञान शेयर बाजार निष्कर्ष नहीं होता जिससे की वह खुद जाँच कर के अच्छे शेयर चुन सके।

जिसकी वजह से वह Mutual Funds के द्वारा शेयर बाज़ार में निवेश करते है।

इसके लिए वह अपनी स्थिति के अनुसार कोई अच्छा सा Equity Mutual Fund खोज कर उसमे SIP या Lump Sum के द्वारा निवेश करते है।

इस तरीके में उन्हें खुद बहुत ज्यादा समय देने शेयर बाजार निष्कर्ष की और खुद अच्छी कंपनियां खोजने की जरुरत नहीं होती।

क्युकी सभी Mutual Funds में Fund Managers होते है।

जो की बहुत से पैसो को निवेश करने के अनुभवी और निवेश के बारे में बहुत जानकर होते है।

शेयर बाजार के फायदे

1. कम समय में ज्यादा रिटर्न :- बांड्स और फिक्स्ड डिपॉजिट्स जैसे अन्य इन्वेस्टमेंट से तुलना की जाये तो शेयर बाजार निवेशकों को सही रूप से कम समय में अधिक रिटर्नदेता है। लेकिन आपको शेयर बाजार के नियमो को फॉलो करना पड़ेगा। और धैर्यवान होने से रिटर्न अच्छा मिलेगा।

2. कोई समय सीमा नहीं :- शेयर मार्किट एक सप्ताह के अन्दर 5 दिन और हर दिन 6 घंटे चलता है। और आप अपनी मर्जी के हिसाब से निवेश कर सकते है। बस आपके पास अच्छा इन्टरनेट होना चाहिए।

3. लाभ में हिस्सा :- कंपनी जितना ज्यादा लाभ कमाती है। उसके शेयर धारक को उसी हिसाब में रिटर्न के रूप में लाभांश देती है। इस तरीके से एक निवेशक को शेयर से मिलने वाला सबसे बड़ा लाभ कंपनी के द्वारा लाभ में दिया जाने वाला हिस्सा है।

शेयर बाजार के नुकसान

1. शेयर बाजार ऊपर नीचे होना :- कभी शेयर बाजार ऊपर बढ़ता है, तो कभी अचानक नीचे गिरने लगता है। ऐसे में कितने दफा तो गिरावट की वजह से निवेशकों को काफी नुकसान भी उठाना पड़ जाता है।

2. बिना सीखे निवेश करना :- शेयर बाजार में लोगो को नुकसान होने का पहला और सबसे बड़ा कारण है। जानकारी का अभाव कई बार लोग शेयर बाजार में निवेश से पहले शेयर बाजार के बारे में कुछ भी नहीं जानते, बिना ठीक से कुछ जाने निवेश कर देते है। और फिर उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है।

3. निवेश का समय :- शेयर बाजार अच्छा रिटर्न पाने के लिए निवेश के बारे में शेयर बाजार निष्कर्ष जानना तो जरूरी है ही साथ ही किस समय पर निवेश करना है उसकी जानकारी भी होनी चाहिए। नही तो नुकसान का खतरा बना रहता है।

इंट्राडे ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान

( फायदे ) इंटरनेट के साथ साथ आनलाइन ट्रेडिंग की पहुंच बढ़ने से अब शेयर बाजार में घर बैठे पैसे लगाना और लाभ कमाना बहुत आसान हो गया है। आपको स्टॉक की भविष्यवाणी एक दिन के लिए करनी होती है जो आपको बेहतर गुणवत्ता प्रदान करती है।

( नुकसान ) लोग ऐसा मानते है कि इंट्राडे ट्रेड में खतरा अधिक होती है। जबकि खतरा सभी मे समन होती है। इंट्राडे ट्रेडिंग में समय न दे पाना इसे ज्यादे रिस्की बनाती है। यदि आप अपने शेयर के साथ समय बिताते हैं तो खतरा कम रहता है।

स्विंग ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान

( फायदे ) स्विंग ट्रेडर्स बहुत कम समय में मूल्य परिवर्तन से लाभ कमाने की कोशिश करते हैं। स्विंग ट्रेडिंग के इस रूप में लगभग 5% से 10% तक का अच्छा रिटर्न मिलता है। दूसरी बात इसमें आपको पूरा दिन या लगातार अपने कंप्यूटर पर बैठने की आवश्यकता नहीं होती है।

( नुकसान ) स्विंग ट्रेडिंग मे यदि आप लोग अच्छे स्टॉक को नही चुन पाएंगे तो आपको लोस ही होगा क्यूकी इस ट्रेडिंग मे अच्छे स्टॉक को चूनना बहुत जरूरी होता है। ताकी आप लोग ज्यादा दिन तक अच्छी तरह से शेयर मे निवेश कर सके।

सेबी का कार्य

सेबी (SEBI) वैधानिक संस्था होने के शेयर बाजार निष्कर्ष बाद इसके पास कई महत्वपूर्ण कार्य करने की शक्तियां प्राप्त हो गयी। सेबी 1992 अधिनियम में नियामक निकाय में निहित ऐसी शक्तियों की एक सूची दी गई है। सेबी के कार्य इसे प्रतिभूतियों का जारीकर्ता, निवेशकों और व्यापारियों का रक्षक और एक वित्तीय मध्यस्थ बनाते हैं। सेबी एक्ट के अनुच्छेद 11 में सेबी के कार्य को मुख्य रूप से तीन प्रकार में विभाजित किया गया है।

  1. सुरक्षात्मक कार्य (Protective Function)
  2. विनियामक कार्य (Regulatory Functions)
  3. विकासात्मक कार्य( Development Functions)

1. सुरक्षात्मक कार्य (Protective Function)

इस कार्य का उद्देश्य मुख्य रूप से वित्तीय बाजारों में व्यवसाय के कामकाज पर नज़र रखना है। इसको कुछ महत्वपूर्ण अंश इस प्रकार है -

  • शेयर मूल्यों के हेराफरी की जाँच करता है।
  • इनसाइडर ट्रेडिंग को रोकता है।
  • निष्पक्ष शेयर के लेनदेन को बढ़ावा देता है।
  • निवेशकों को जागरूक करता है।
  • धोखाधड़ी और अनुचित तरीके से प्रतिभूति के लेनदेन को रोकता है।

सेबी की संरचना

सेबी एक ऐसी संस्था है जिसका प्रबंधन उसके सदस्यों द्वारा किया जाता है। सेबी में एक कॉर्पोरेट ढांचे के तहत विभिन्न विभाग शामिल हैं जिनका प्रबंधन विभाग प्रमुखों द्वारा किया जाता है। SEBI में कुल लगभग 20 विभाग हैं। इन विभागों में कानूनी मामले, निगम वित्त, ऋण और संकर प्रतिभूतियां, प्रवर्तन, आर्थिक और नीति विश्लेषण, कमोडिटी डेरिवेटिव बाजार विनियमन और कई अन्य शामिल हैं। सेबी की एक पदानुक्रमित संरचना है जिसमें ये सदस्य शामिल हैं:

  • सेबी का प्रमुख अध्यक्ष होता शेयर बाजार निष्कर्ष है जिसे भारत की केंद्र सरकार द्वारा नामित किया जाता है।
  • केंद्रीय वित्त मंत्रालय संरचना के एक भाग के रूप में अपने दो अधिकारियों की नियुक्ति करता है।
  • भारतीय रिजर्व बैंक एक सदस्य की नियुक्ति करता है।
  • भारत की केंद्र सरकार पांच सदस्यों को मनोनीत करती है।

सेबी की शक्ति

सेबी को अधिनियम 1992 के तहत बहुत से शक्तियां प्राप्त है जिससे सेबी भारतीय वित्तीय बाजार को सुचारु और सशक्त रूप से संचालित कर सके। सेबी को मुख्यतः तीन शक्तियां इस प्रकार है -

सेबी को अधिनियम 1992 के तहत बहुत से शक्तियां प्राप्त है जिससे सेबी भारतीय वित्तीय बाजार को सुचारु और सशक्त रूप से संचालित कर सके। सेबी को मुख्यतः तीन शक्तियां इस प्रकार है।

  • अर्ध न्यायिक (Quasi-Judicial) – इन शक्तियों के अंतर्गत प्रतिभूति बाजार में कोई धोखाधड़ी और अनैतिक व्यवहार करता है तो सेबी के पास निर्णय लेने की शक्ति है। यह शक्तियां प्रतिभूति बाजार में पारदर्शिता, जवाबदेही और निष्पक्षता बनाए रखने की सुविधा देती है।
  • अर्ध कार्यकारी ( Quasi-Executive)- अगर कोई व्यक्ति, कॉर्पोरेट या संस्था सेबी को नियमों, दिशा निर्देश और निर्णयों को उल्लंघन करता है तो सेबी उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का अधिकार रखता है। यदि यह नियमों के किसी भी उल्लंघन के लिए आता है, तो यह पुस्तकों के खातों और अन्य दस्तावेज़ों का निरीक्षण करने के लिए अधिकृत है।
  • सेबी के अध्यक्ष के पास “खोज और जब्ती संचालन” (search and seizure operations) का आदेश देने का अधिकार है। सेबी बोर्ड किसी भी प्रतिभूति लेन देन के संबंध में किसी भी व्यक्ति, कॉर्पोरेट, संस्थाओं से टेलीफ़ोन कॉल डेटा रिकॉर्ड या अनुबंध दस्तावेज जैसी जानकारी भी मांग सकता है।
  • अर्ध विधान (Quasi-Legislative)- सेबी निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए नियमों और विनियमों को लागू करने का अधिकार रखता है। इसके कुछ नियमों में इनसाइडर ट्रेडिंग विनियम, लिस्टिंग दायित्व और प्रकटीकरण आवश्यकताएं शामिल हैं।

शेयर बाज़ार की जानकारी दिखाओ

Share Market या स्टॉक मार्केट – शेयर बाजार की जानकारी दिखाओ में इन्वेस्ट करने के लिए आपको शेयर बाजार की जानकारी होनी चाहिए। शेयर बाजार की लाइव अपडेट आपके पास होने चाहिए जिससे कि आप सही कंपनी के शेयर खरीद सकें। रोज शेयर बाजार की जानकारी प्राप्त करने के लिए आप गूगल के मदद ले सकते हैं। गूगल सर्च इंजन की मदद से आप सभी कंपनियों के शेयर के बारे में जानकारी प्राप्त कर पाएंगे। दी गई लिंक पर क्लिक करके आप आज के शेयर बाजार की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। शेयर बाजार की जानकारी दिखाओ के लिए आप Google Finance वेबसाइट का इस्तेमाल करें। यह वेबसाइट शेयर मार्किट की जानकारी प्राप्त करने के लिए बहुत अच्छी है।

शेयर मार्केट कैसे सीखे

Share Market कैसे काम करते हैं?

स्टॉक एक्सचेंज प्लेटफॉर्म को समझना

स्टॉक एक्सचेंज वास्तव में एक ऐसा मंच है जो स्टॉक और डेरिवेटिव जैसे वित्तीय साधनों का व्यापार करता है। इस प्लेटफॉर्म पर गतिविधियों को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड द्वारा नियंत्रित किया जाता है। ट्रेड करने के लिए प्रतिभागियों को सेबी और स्टॉक एक्सचेंज में पंजीकरण कराना होता है। व्यापारिक गतिविधियों में दलाली, कंपनियों द्वारा शेयर जारी करना आदि शामिल हैं।

सेकेंडरी मार्केट में कंपनी की लिस्टिंग

किसी कंपनी के शेयर पहली बार प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश या आईपीओ के माध्यम से द्वितीयक बाजार में सूचीबद्ध होते हैं। शेयरों का आवंटन लिस्टिंग से पहले होता है और शेयरों के लिए बोली लगाने वाले निवेशकों को निवेशकों की संख्या के आधार पर अपना हिस्सा मिलता है।

Secondary Market में trading

एक बार कंपनी सूचीबद्ध हो जाने के बाद, निवेशकों द्वारा द्वितीयक बाजार में शेयरों का कारोबार किया जा सकता है। यह खरीदारों और विक्रेताओं के लिए लेन-देन करने और मुनाफा कमाने या कुछ मामलों में नुकसान का बाजार है।

शेयर बाजार में निवेश कैसे करें?

सबसे पहले, आपको शेयर बाजार में निवेश करने के लिए एक ट्रेडिंग खाता और एक डीमैट खाता खोलना होगा। पैसे और शेयरों के सुचारू हस्तांतरण की सुविधा के लिए यह ट्रेडिंग और डीमैट खाता आपके बचत खाते से जोड़ा जाएगा। ध्यान दें कि डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट अलग-अलग हैं, डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच अंतर के बारे में और पढ़ें।

ऑनलाइन ट्रेडिंग: हमारी मजबूत ऑनलाइन ट्रेडिंग प्रणाली बेहद आसानी और सुविधा के साथ ऑनलाइन शेयर बाजार में निवेश करने में मदद करेगी। ऑनलाइन शेयर खरीदने के लिए, अपने यूजर आईडी, पासवर्ड और सुरक्षा कुंजी/एक्सेस कोड का उपयोग करके अपने ट्रेडिंग खाते में लॉग इन करें।

शेयर से मुनाफे पर कर वसूलने की कोई योजना नहीं : जेटली

No plans to charge a tax on profits from stock

बाजार की बेचैनी को दूर करते हुए वित्तमंत्री अरुण जेटली ने रविवार को स्पष्ट किया कि शेयरों के कारोबार से शेयर बाजार निष्कर्ष होने वाले दीर्घकालीन पूंजी लाभ पर कर लगाने की सरकार की कोई योजना नहीं है। इस मसले पर निवेशक काफी संवेदनशील होते हैं। जेटली का ये बयान प्रधानमंत्री मोदी के उस कथित बयान के बाद आया है जिसमें दीर्घकालीन पूंजी लाभ पर कर लगाने के संकेत देने की बात कही गई थी।

डिजी धन मेला के इतर रविवार को जेटली ने कहा कि प्रधानमंत्री के भाषण को मीडिया के एक वर्ग ने गलत तरीके से पेश किया। इसमें बताया गया कि पीएम ने परोक्ष रूप से शेयर बाजार से हुई कमाई पर कर लगाने के संकेत दिए हैं।

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