भारत में कच्चे तेल का वायदा व्यापार कैसे करें

खनन मंत्रालय के कथनानुसार, देश के दक्षिणी भाग में काफी अछूता स्वर्ण भण्डार होने की संभावना है और कोलार खदानों के पुनरुद्धार से सरकार के आयात खर्च में कमी आयेगी.
स्वर्ण उत्खनन का भूत और भविष्य
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) की वेबसाइट के अनुसार सबसे पहले संभवतः रोमवासियों ने भारत में कच्चे तेल का वायदा व्यापार कैसे करें स्वर्ण का व्यवस्थित उत्खनन और ख़ोज आरम्भ की थी, जैसा कि 8वीं शताब्दी ईसा पूर्व में स्वर्ण से गढ़ी गयी वस्तुओं से प्रमाणित होता है.
भारत में ऋग्वेद, पुराणों, महाभारत, रामायण और अन्य धर्मग्रंथों में स्वर्ण का उल्लेख मिलता है. तथापि स्वर्ण उत्खनन का साक्ष्य 200 ईस्वी से मिलता है जिसका स्थान कर्नाटक का हुत्ति स्वर्ण खदान है. जीएसआई के अनुसार आंकड़ों के अभाव के कारण भारत में स्वर्ण उत्खनन गतिविधियों के इतिहास के बारे में निश्चित रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता. इस कारण से पूरे देश में स्वर्ण खदानों की श्रृंखलाबद्ध खोज और पुनर्खोज जारी है.
अनेक शताब्दियों से एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था (भारत) में लाखों लोगों की घरेलू बचत के लिए स्वर्ण प्रमुख साधन रहा है. वैवाहिक मौसम में इसकी मांग इतनी बढ़ जाती है कि इसका वैश्विक मूल्य तक प्रभावित हो जाता है. विश्व का दूसरा सबसे बड़ा स्वर्ण आयातक होने के नाते, वर्ल्ड गोल्ड कौंसिल का अनुमान है कि भारत हर साल विदेशों से 30 बिलियन डॉलर से अधिक मूल्य का स्वर्ण खरीदता है. इस तरह कच्चे तेल के बाद स्वर्ण दूसरी सबसे अधिक आयात होने वाली वस्तु है जिसकी राशि को लेकर अनेक भारतीय नौकरशाहों के माथे पर चिंता की लकीरें खींची रहतीं हैं.
कच्चा तेल बढ़ाएगा संकट
सरोज कुमार
पहले से सुस्त अर्थव्यवस्था भारत में कच्चे तेल का वायदा व्यापार कैसे करें का यह एक नया चरण होगा। ऊंची महंगाई दर और बेरोजगारी के बीच समाज का आचरण भी बदलेगा। ऐसे में यह कह पाना मुश्किल है कि भविष्य की तस्वीर कैसे संकट लिए होगी। महामारी के हालात सुधरने के बाद आर्थिक गतिविधियां शुरू ही हुई थीं कि रूस-यूक्रेन युद्ध छिड़ गया। आपूर्ति शृंखला एक बार फिर बाधित हुई। यूरोप, अमेरिका सहित दुनिया के कई देशों में महंगाई आसमान पर पहुंच गई। इसी बीच पश्चिमी देशों ने रूस पर सख्त आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए।
रूस दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक है। इसलिए कच्चे तेल की कीमतें चढ़ती गईं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय हिस्से की जो कीमत अप्रैल 2022 में 102.97 डालर प्रति बैरल थी, वह जून 2022 आते-आते 116.01 डालर प्रति बैरल पहुंच गई। अमेरिका में महंगाई पर लगाम लगाने फेडरल रिजर्व मैदान में उतरा। उसने ब्याज दर बढ़ानी शुरू की।
लगातार 5वें दिन स्थिर रहे पेट्रोल-डीजल के दाम, कच्चे तेल की कीमतों में मजबूती
नई दिल्ली। पेट्रोल और डीजल के दाम में शनिवार को लगातार पांचवें दिन स्थिरता बनी रही, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इस सप्ताह कच्चे तेल की कीमतों में मजबूती बनी रही। ब्रेंट क्रूड का भाव पिछले सप्ताह के मुकाबले करीब दो फीसदी उछला। हालांकि बाजार के जानकार बताते हैं कि कच्चे तेल का दाम जब तक 45 डॉलर प्रति बैरल से नीचे है तब तक पेट्रोल और डीजल के दाम में वृद्धि की संभावना कम है क्योंकि पेट्रोल और डीजल का भाव पहले ही काफी बढ़ चुका है। बेंचमार्क कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड का भाव इस सप्ताह 43 डॉलर के उपर तक उछला, लेकिन सप्ताह के आखिर में थोड़ा फिसलकर 42.80 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ।
देश की राजधानी दिल्ली में पिछले महीने डीजल के दाम में 11.14 रुपये लीटर इजाफा हुआ है जबकि पेट्रोल की कीमत 9.17 रुपये लीटर बढ़ गई है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पेट्रोल से महंगे भाव पर डीजल बिक रहा है। पेट्रोल और डीजल के दाम में बढ़ोतरी की वजह कच्चे तेल में विगत दिनों आई तेजी के साथ-साथ दोनों ईंधनों पर करों में वृद्धि भी है। दिल्ली में पेट्रोल 80.43 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है जिसमें 51.54 रुपये प्रति लीटर टैक्स है। इसी प्रकार डीजल की कीमत 80.53 रुपये लीटर में 50.66 रुपये प्रति लीटर टैक्स है।
भारत सरकार ने कच्चे पाम तेल पर कृषि उपकर को 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.50 प्रतिशत किया
सूचना : शनिवार को एक कंपनी द्वारा सोशल मिडिया पर सेस बढाये जाने की गलत जानकारी फैलाई गयी । आरबीडी पाम के बेस इम्पोर्ट भारत सरकार बीते सप्ताह सीपीओ और मूल्य में कटौती की और एग्री सेस में कोई बदलाव नहीं किया।
कच्चे पाम तेल पर कृषि उपकर को लेकर जो गलत खबर फैलाई जा रही है वो ये है….
पाम तेल पर सेस में हुई बढ़ोत्तरी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पाम तेल का भाव घटकर काफी नीचे आने से भारत में इसका आयात काफी सस्ता बैठ रहा है। इसे देखते हुए भारत सरकार ने क्रूड एवं रिफाइंड संवर्ग के तेलों पर सेस में इजाफा कर दिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार क्रूड पाम तेल (सीपीओ) पर सेस को 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.50 प्रतिशत तथा आर बीडी पामोलीन पर 12.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 17.5 प्रतिशत नियत किया गया है।
Petrol-Diesel Price Today: कच्चे तेल में भारी गिरावट के बीच पेट्रोल-डीजल की कीमतें हुई जारी
Petrol-Diesel Price, 25th Sept 2022 : भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) ने कच्चे तेल के आयात के लिए ब्राजील की तेल कंपनी पेट्रोब्रास के साथ समझौता हुआ है. बीपीसीएल द्वारा बड़ी मात्रा में कच्चे तेल का आयात किया जाता है. यह कच्चा तेल को महाराष्ट्र के मुंबई, मध्य प्रदेश के बीना और केरल के कोच्चि में स्थित तीन तेल रिफायनरी में शोधित होता है.
नई दिल्ली : दुनियाभर चल रही मंदी के बीच कच्चे तेल की कीमतों (Crude Oil Prices) में काफी गिरावट आई है. यूएस फेड के बाद बैंक ऑफ भारत में कच्चे तेल का वायदा व्यापार कैसे करें इंग्लैंड और स्विस बैंक ने भी प्रमुख ब्याज दर में इजाफा हुआ है. इससे मंदी को लेकर चिंताएं बढ़ती जा रही हैं. सप्ताह के आखिरी कारोबार दिन शुक्रवार को ब्रेंट ऑयल 4.21 फीसदी और 3.81 डॉलर की भारी गिरावट के साथ 86.65 डॉलर प्रति बैरल पर रुका हुआ है. वहीं, क्रूड ऑयल WTI 80 डॉलर के नीचे आ चुका है. इसका वायदा भाव शुक्रवार को 4.86 फीसदी या 4.06 डॉलर की भारी गिरावट के साथ 79.43 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हो चुका था. कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के बावजूद भारत में लंबे समय से पेट्रोल-डीजल के भाव (Petrol-Diesel Price) नहीं बदले हैं.