अग्रणी सूचक

मांग पूर्वानुमान
डिमांड फोरकास्टिंग प्रेडिक्टिव एनालिटिक्स का एक क्षेत्र है [1] जो कॉर्पोरेट सप्लाई चेन और बिजनेस मैनेजमेंट द्वारा आपूर्ति निर्णयों को अनुकूलित करने के लिए ग्राहक की मांग को समझने और भविष्यवाणी करने की कोशिश करता है। डिमांड फोरकास्टिंग में मात्रात्मक तरीके शामिल हैं जैसे डेटा का उपयोग , और विशेष रूप से ऐतिहासिक बिक्री डेटा, साथ ही परीक्षण बाजारों से सांख्यिकीय तकनीक । मांग पूर्वानुमान का उपयोग उत्पादन योजना, सूची प्रबंधन, और कभी-कभी भविष्य की क्षमता आवश्यकताओं का आकलन करने में, या एक नए बाजार में प्रवेश करने के बारे में निर्णय लेने में किया जा सकता है ।
गुणात्मक मूल्यांकन
विशेषज्ञ की राय के आधार अग्रणी सूचक पर पूर्वानुमान की मांग। इस विधि में कुछ प्रकार हैं,
- बिना सहायता प्राप्त निर्णय
- न्यायिक बूटस्ट्रैपिंग boots
- नकली बातचीत
- इरादे और उम्मीदों का सर्वेक्षण
- कार्यकारी विधि की जूरी
मात्रात्मक मूल्यांकन
अन्य इस प्रकार हैं
-
मेथड विधि
- रुझान प्रक्षेपण के तरीके
- श्रृंखला-अनुपात विधि
- खपत स्तर विधि
- अंतिम उपयोग विधि विधि
मांग पूर्वानुमान सटीकता की गणना उत्पाद के लिए ग्राहक की मांग के संबंध में किए गए पूर्वानुमानों की सटीकता को निर्धारित करने की प्रक्रिया है। [२] [३] ग्राहकों की मांग को समझना और भविष्यवाणी करना निर्माताओं और वितरकों के लिए स्टॉक-आउट से बचने और पर्याप्त इन्वेंट्री स्तर बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। जबकि पूर्वानुमान कभी भी सही नहीं होते, वे वास्तविक मांग के लिए तैयार अग्रणी सूचक होने के लिए आवश्यक होते हैं। एक अनुकूलित सूची और प्रभावी आपूर्ति श्रृंखला बनाए रखने के लिए, सटीक मांग पूर्वानुमान अनिवार्य हैं।
आपूर्ति श्रृंखला पूर्वानुमानों की सटीकता की गणना
आपूर्ति श्रृंखला में पूर्वानुमान सटीकता को आम तौर पर औसत पूर्ण प्रतिशत त्रुटि या एमएपीई का उपयोग करके मापा जाता है । सांख्यिकीय रूप से एमएपीई को प्रतिशत त्रुटियों के औसत के रूप में परिभाषित किया गया है।
अधिकांश चिकित्सक, हालांकि, एमएपीई को औसत बिक्री से विभाजित माध्य निरपेक्ष विचलन के रूप में परिभाषित और उपयोग करते हैं, जो अग्रणी सूचक कि केवल मात्रा भारित एमएपीई है, जिसे एमएडी/मीन अनुपात भी कहा जाता है। यह सभी उत्पादों की कुल बिक्री से पूर्ण विचलन के योग को विभाजित करने के समान है। यह गणना Σ | ए - एफ | Σ ए >>> , जहां A वास्तविक मान है और F पूर्वानुमान है, को WAPE, भारित निरपेक्ष प्रतिशत त्रुटि के रूप में भी जाना जाता है।
अंतिम लेकिन कम से कम, रुक-रुक कर मांग पैटर्न के लिए उपरोक्त में से कोई भी वास्तव में उपयोगी नहीं है। तो आप उन स्थितियों में उपयोग करने के लिए MASE (मीन एब्सोल्यूट स्केल्ड एरर) को एक अच्छा KPI मान सकते हैं, समस्या यह है कि यह उतना सहज नहीं है जितना पहले उल्लेख किया गया था। [४]
पूर्वानुमान त्रुटि की गणना
आधार के रूप में वास्तविक बिक्री का उपयोग करके पूर्वानुमान त्रुटि की गणना करने की आवश्यकता है। पूर्वानुमान त्रुटि गणना विधियों के कई रूप हैं, अर्थात् माध्य प्रतिशत त्रुटि , मूल माध्य चुकता त्रुटि , ट्रैकिंग संकेत और पूर्वानुमान पूर्वाग्रह ।
Amit Shah: 'नॉर्थ ईस्ट में राष्ट्र-विरोधी गतिविधियां हुईं कम, यह ‘सुखी पूर्वोत्तर’ का सूचक'
Amit Shah: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नॉर्थ ईस्ट के उग्रवाद प्रभावित इलाकों में हिंसक घटनाओं में 70 प्रतिशत की गिरावट आई है और यह ‘सुखी पूर्वोत्तर’ का सूचक है। उन्होंने कहा कि जहां सबसे ज्यादा खतरा था वहां सुरक्षा स्थिति में सुधार हुआ है।
Edited By: Akash Mishra @Akash25100607
Published on: October 21, 2022 16:54 IST
Image Source : ANI Union Home Minister Amit Shah
Highlights
- जो पत्थर फेंकते थे, वे अब पंच-सरपंच बन रहे हैं: अमित शाह
- 'नॉर्थ ईस्ट में हिंसक घटनाओं में 70 प्रतिशत की गिरावट आई है'
- 'नॉर्थ ईस्ट में राष्ट्र-विरोधी गतिविधियां कम होना हमारे लिए गर्व की बात'
Amit Shah: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ‘राष्ट्रीय पुलिस स्मृति दिवस’ के मौके पर कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में पिछले आठ वर्षों में देश के ज्यादातर ‘संवेदनशील’ जगहों पर राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों कम हुई हैं। उन्होंने आगे कहा कि जहां सबसे ज्यादा खतरा था वहां सुरक्षा स्थिति में सुधार हुआ है। शाह ने कहा कि इस दौरान पूर्वोत्तर के उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में हिंसक घटनाओं में 70 प्रतिशत की गिरावट आई है और यह ‘सुखी पूर्वोत्तर’ का सूचक है। केंद्रीय मंत्री ने चाणक्यपुरी क्षेत्र में राष्ट्रीय पुलिस स्मारक में शीर्ष पुलिस और अर्धसैनिक बलों के कमांडरों को संबोधित करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी सुरक्षा स्थिति में इसी तरह सुधार हुआ है। उन्होंने कहा, ‘ज्यादातर संवेदनशील’ स्थानों पर अब राष्ट्र-विरोधी गतिविधियां कम हुई हैं और यह हमारे लिए काफी संतोषजनक व गर्व की बात है।’’
'पत्थर फैंकने वाले बन रहे पंच-सरपंच'
शाह ने कहा कि पूर्वात्तर राज्यों में मोदी सरकार ने सशस्त्र बलों (AFSPA के तहत) को दी गई विशेष शक्तियों को वापस ले लिया है और इसके बजाय क्षेत्र के उज्ज्वल भविष्य के लिए वहां के युवाओं को ‘विशेष अधिकार’ दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के हालात ऐसे हैं कि जो लोग पहले सुरक्षाकर्मियों पर पत्थर फेंकते थे, वे अब ‘पंच’ और ‘सरपंच’ बन रहे हैं और लोकतांत्रिक तरीके से क्षेत्र के विकास में योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि वामपंथी उग्रवाद (LWE) से प्रभावित राज्यों में जहां अग्रणी सूचक हिंसा की काफी वारदातें होती थीं, वहां ‘एकलव्य’ स्कूलों में राष्ट्रगान गाया जा रहा है और उन इलाकों में मकानों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है।
'इस वजह से भारत विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा'
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देशभर के 35 हजार से ज्यादा पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवानों के ‘बलिदान’ की वजह से ही भारत विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं आश्वासन देता हूं कि इन कर्मियों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा और मैं यह कहना चाहूंगा कि देश पुलिस की प्रतिबद्धता के कारण ही आगे बढ़ रहा है।’’ इन कर्मियों को श्रद्धांजलि देते हुए शाह ने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान इन्होंने अग्रणी भूमिका निभाई।
'आयुष्मान भारत के तहत 35 लाख कार्ड बांटे'
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी की सरकार कर्मियों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और गृह मंत्रालय ने बेहतर स्वास्थ्य देखभाल सेवा सुनिश्चित करने, उनकी बेहतर आवासीय व्यवस्था तथा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) के जवानों के ‘ड्यूटी रोस्टर’ (कामकाजी घंटों) को मानवीय बनाने के लिए ‘प्रभावी कदम’ उठाए हैं और उसके ‘निश्चित परिणाम’ भी मिल रहे हैं। उन्होंने बताया कि 2014 में CAPF के 37 प्रतिशत जवान ही आवासीय सुविधाओं से संतुष्ट थे और अब 48 प्रतिशत जवान इससे संतुष्ट हैं। सरकार का लक्ष्य इसे अगले कुछ वर्षों में 60 प्रतिशत करने का है। शाह ने कहा कि गृह मंत्रालय ने केंद्र की स्वास्थ्य देखभाल योजना ‘आयुष्मान भारत’ के तहत CAPF के सैनिकों व उनके परिवारों को 35 लाख कार्ड बांटे हैं और उनकी सेवाओं पर अभी तक 20 करोड़ रुपये (रिइंबर्स) खर्च किए हैं।
इसलिए मनाया जाता है ‘पुलिस स्मृति दिवस’
‘पुलिस स्मृति दिवस’, लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स इलाके में 1959 में चीन के आक्रमण की जवाबी कार्रवाई के दौरान जान गंवाने वाले केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के 10 जवानों की याद में मनाया जाता है। शाह ने विभिन्न केंद्रीय पुलिस और खुफिया संगठनों के प्रमुखों के नेतृत्व में पुलिस स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की।
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इंजीनियरिंग के क्षेत्र में गुणवत्तायुक्त शिक्षा के लिए प्रतिबद्ध: यूजीआई
यूनाइटेड ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूशन (यूजीआई) उत्तर भारत में अग्रणी शैक्षिक समूह में से एक है।पिछले तीन दशकों से यह समूह इंजीनियरिंग के क्षेत्र में गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
यूनाइटेड ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूशन (यूजीआई) उत्तर भारत में अग्रणी शैक्षिक समूह में से एक है।पिछले तीन दशकों अग्रणी सूचक से यह समूह इंजीनियरिंग के क्षेत्र में गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम विश्वविद्यालय से संबंध यूजीआई ने, अपने स्थापना वर्ष के उपरांत, सैकड़ों इंजीनियरों को प्रदान किया है, जिन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी भविष्योन्मुखी तकनीकी क्षमता के द्वारा पहचान प्राप्त किया है। यह यूजीआई के सुसज्जित इन्नोवेशन केंद्र के कारण ही संभव हो पाया है, जो यूआईटी, यूनाइटेड कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड रिसर्च नैनी प्रयागराज तथा ग्रेटर नोएडा कैम्पस उत्तर प्रदेश में स्थापित है।
आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित इन्नोवेशन केंद्र इंजीनियरों को महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट निर्माण करने में सहायता प्रदान करता है जिसके लिए कालेज द्वारा आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी जाती है। यूजीआई के छात्रों द्वारा तैयार किए गए कुछ महत्वपूर्ण इन्नोवेशन में शामिल हैं- गैस रिसाव सूचक, बारूदी सुरंग सूचक, टैंक निगरानी प्रणाली, 3D प्रिंटर, डॉबसनियन माउंट रिफ्लेक्टर टेलिस्कोप, तार निलंबन और जीवन सहायता मंगल मिशन।