फॉरेक्स ट्रेडिंग टूल्स

पुट विकल्प के प्रकार

पुट विकल्प के प्रकार
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कॉल और पुट क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंकॉल के खरीदार को एक तय तरीख और निश्चित मूल्य पर अंडरलाइंग स्टॉक खरीदने का अधिकार मिलता है. पुट में खरीदार को शेयरों को बेचने का अधिकार मिलता है. कॉल बेचने वाले विक्रेता को खरीदार से प्रीमियम मिलता है. ऑप्शन, कॉल और पुट भी ऐसे शब्दों में शामिल हैं.

इसे सुनेंरोकेंकॉल के खरीदार को एक तय तरीख और निश्चित मूल्य पर अंडरलाइंग स्टॉक खरीदने का अधिकार मिलता है. पुट में खरीदार को शेयरों को बेचने का अधिकार मिलता है. कॉल बेचने वाले विक्रेता को खरीदार से प्रीमियम मिलता है.

Option Chain क्या है?

इसे सुनेंरोकेंA) ऑप्शन चैन क्या होती है? What is Option chain? ऑप्शन चैन चार्ट एक ऐसी लिस्टिंग है जहा पे उपलब्ध कॉल (Call) और पुट (Put) विकल्पों की एक सूची होती है। लिस्टिंग में अलग-अलग स्ट्राइक प्राइस के लिए प्रीमियम, वॉल्यूम, ओपन इंटरेस्ट पुट विकल्प के प्रकार आदि की जानकारी शामिल होती है।

ऑप्शन सेलिंग कैसे करें?

इसे सुनेंरोकेंआप कॉल ऑप्शन तभी बेचते हैं जब आप मंदी में होते हैं यानी आपका नजरिया बेयरिश होता है। कॉल ऑप्शन बेचने वाले और को खरीदने वाले का P&L एक दूसरे के एकदम विपरीत होता है। जब आप कॉल ऑप्शन बेचते हैं तो आपको एक प्रीमियम मिलता है। कॉल ऑप्शन बेचने वाले को एक्सचेंज में एक मार्जिन जमा करना होता है।

शेयर मार्केट में कॉल ऑप्शन क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंएक call options एक ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट होता है जिसमें खरीदार के पास एक मुख्य स्टॉक की एक विशेष मात्रा को बिना किसी बाध्यता के पूर्व निर्धारित मूल्य पर खरीदने का अधिकार है। जब ट्रेडर्स को यह उम्मीद होती है कि प्राइस ऊपर बढ़ सकती है तो वे call option में एक लॉन्ग पोजीशन ले सकते हैं।

ऑप्शन का मतलब क्या है?

इसे सुनेंरोकेंअर्थ और पर्यायवाची विकल्प: विकल्प संस्कृत [विशेषण] 1. वह अवस्था जिसमें कई विषयों या बातों में से कोई एक विषय या बात चुनने का अधिकार हो 2. अनिश्चित विचार ; ‘संकल्प’ का विलोम 3.

F&O ट्रेडिंग क्या है?

इसे सुनेंरोकेंफ्यूचर्स ट्रेडिंग भविष्य में बिक्री या खरीद करने का एक अनुबंध है। एक वायदा अनुबंध में एक खरीदार और एक विक्रेता होता है, जो दोनों सहमत होते हैं कि किसी संपत्ति को एक विशिष्ट दिन पर एक विशिष्ट मूल्य के लिए खरीदा या बेचा जाएगा। संपत्ति डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल इंडेक्स की तरह एक कमोडिटी, एक मुद्रा या एक इंडेक्स भी हो सकती है।

इसे सुनेंरोकेंकॉल के खरीदार को एक तय तरीख और निश्चित मूल्य पर अंडरलाइंग स्टॉक खरीदने का अधिकार मिलता है. पुट में खरीदार को शेयरों को बेचने का अधिकार मिलता है. कॉल बेचने वाले विक्रेता को खरीदार से प्रीमियम मिलता है. इक्‍विटी डेरिवेटिव ट्रेडिंग से जुड़े कई शब्द आसानी से समझ में नहीं आते हैं.

ज़ेरोधा में विकल्प प्रीमियम क्या है?

इसे सुनेंरोकेंआप किसी भी कीमत पर ऑप्शन एग्रीमेंट कर सकते हैं, बस आपको उससे जुड़ा प्रीमियम देना होगा। उदाहरण के तौर पर आप 340 के कॉल ऑप्शन को 4 रूपये 75 पैसे पुट विकल्प के प्रकार का प्रीमियम देकर ले सकते हैं। इसे ऊपर लाल रंग से दिखाया गया है। ये खरीदार को एक्सपायरी के अंत तक ITC का शेयर 340 रूपये पर खरीदने का विकल्प देगा।

ज़ेरोधा में ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे करें?

जेरोधा काइट में ट्रेड कैसे करें?

  1. Zerodha Kite वेबसाइट या मोबाइल ऐप पर लॉग इन करें
  2. अपने Zerodha अकाउंट में फंड जोड़ें
  3. अपनी मार्केट वॉच में अपनी इच्छा के अनुसार ऑप्शन जोड़ें
  4. ऑप्शन के लिए Buy Order दें
  5. ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट को समझें
  6. ऑर्डर पूरा हो जाने के बाद वेरीफाई करें

ऑप्शन चैन क्या है?

शेयर मार्केट में ऑप्शन क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंआपको नाम से ही पता लग गया होगा Option का मतलब विकल्प। उदाहरण के लिए- मान लीजिये आप एक कंपनी का 1000 शेयर 5000 रुपये प्रीमियम देकर 1 महीने बाद का 100 रुपये में खरीदने का Option लेते हो। ऐसे में उस कंपनी का शेयर 1 महीने बाद 70 हो गया तब आपके पास विकल्प (Option) रहेगा उस शेयर को नुकसान में ना खरीदने का।

ऑप्शन ट्रेडिंग में कितना चार्ज लगता है?

इसे सुनेंरोकेंजेरोधा ऑप्शन कमोडिटी के समान ही करेंसी के लिए शुल्क लेता है यानी पुट विकल्प के प्रकार 0.03% या ₹20 / निष्पादित ऑर्डर (जो भी कम हो). उदाहरण के लिए, यदि आपने ₹50,000 में 50 लॉट खरीदा है। तो अगर आप 50 का 0.03 प्रतिशत गणना करते है तो यह 1.5 होता है।

विकल्प प्रीमियम क्या है?

इसे सुनेंरोकेंविकल्प प्रीमियम एक विकल्प के खरीदार के पास अधिकार है लेकिन खरीदने का दायित्व नहीं है (a . के साथ)बुलाना) या किसी निश्चित अवधि के लिए दिए गए स्ट्राइक मूल्य पर अंतर्निहित लिखत को (पुट के साथ) बेचें।

ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते हैं?

इसे सुनेंरोकेंमै आपको बता दू स्टॉक मार्केट में चार प्रकार की ट्रेडिंग होती है intraday trading. Swing trading. Short term trading. Long term trading.

कॉल ऑप्शन और पुट ऑप्शन क्या है?

इसे सुनेंरोकेंकॉल ऑप्शन की खरीद या पुट ऑप्शन की बिक्री तभी करें जब आपको यह उम्मीद हो कि बाजार ऊपर जाएगा। एक पुट ऑप्शन की खरीद या कॉल ऑप्शन की बिक्री तभी करें जब आपको उम्मीद हो कि बाजार नीचे जाएगा। ऑप्शन को खरीदने वाले का मुनाफा असीमित होता है जबकि उसका रिस्क सीमित होता है (उतना ही जितना उसने प्रीमियम दिया है)।

शेयर मार्केट में फ्यूचर एंड ऑप्शन क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंफ्यूचर तथा ऑप्शन (Futures and Options in Hindi) को समझने से पहले जिस बाज़ार में ये उत्पाद खरीदे एवं बेचे जाते हैं उसके बारे में जान लेना आवश्यक है। ये दोनों डेरिवेटिव मार्केट के उत्पाद हैं। डेरिवेटिव उत्पाद ऐसे वित्तीय उपकरण होते हैं, जिनका अपना कोई मूल्य नहीं होता बल्कि उनका मूल्य किसी अन्य वस्तु से निर्धारित होता है।

ऑप्शन में कैसे ट्रेड करें?

इसे सुनेंरोकेंकमोडिटी मार्केट में ऑप्शन ट्रेडिंग शुरू करने के लिए सबसे पहले ट्रेडिंग अकाउंट होना जरूरी है। अगर पहले से ही फ्यूचर बाजार में खाता है तो अपने ब्रोकर को ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए सहमति पत्र देना होगा। इस अकाउंट के जरिए ही निवेशक कमोडिटी एक्सचेंज में फ्यूचर या ऑप्शन में किसी सौदे की खरीद या बिक्री कर सकते हैं।

एक ऑप्शन क्या है इन हिंदी?

इसे सुनेंरोकेंपुट ऑप्शन वह है जिसमें कोई व्यक्ति बाद में होने वाली मूल्य गिरावट के लिए कोई स्टॉक सुनिश्चित कर सकता है. यदि आपके स्टॉक का मूल्य कम होता है, तो आप अपना पुट ऑप्शन लेकर इसे पूर्व में निर्धारित मूल्य स्तर पर बेच सकते हैं. यदि स्टॉक मूल्य ऊपर जाता है, तो आपको बस केवल चुकायी गई प्रीमियम राशि की हानि होती है.

ऑप्शन ट्रेडिंग में हेजिंग क्या है?

इसे सुनेंरोकेंहेजिंग का हिंदी में अर्थ है बचाव। खराब बाजार में अपनी पोजीशन को नुकसान से बचाने के लिए हेजिंग का इस्तेमाल किया जाता है। एक उदाहरण से हेजिंग को समझते हैं, मान लीजिए आप के घर के बाहर एक खाली जमीन है। इस जमीन को खाली रखने के बजाय आप इसमें बगीचा लगाने का फैसला करते हैं।

शेयर कब खरीदना चाहिए?

इसे सुनेंरोकेंशेयर कब खरीदे और बेचे, इसका जवाब सफल निवेशक वारेन बफेट बताते हैं कि आपको उस समय शेयर खरीदना चाहिए जब पूरा स्टॉक मार्केट डरा हुआ हो और उस समय शेयर बेचना चाहिए जब पूरा बाजार लालच से भरा हो। मतलब वो कहते हैं कि जब मार्केट डरा हुआ हो तो आपको लालची बन जाना चाहिए और जब मार्केट लालची हो तब आपको डर जाना चाहिए।

कॉल ऑप्शन- अर्थ, प्रकार और प्राइस इन्फ्लुएंसर्स

Long Call Option Trading

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Call And Put Option क्या होते है ? और इसमे ट्रेडिंग कैसे करे यहाँ जाने पूरी जानकारी

शेयर बाजार मे निवेश करने वाले और रोजाना ट्रेडिंग करने वाले ऐसे 2 प्रकार के लोग होते है। रोजाना ट्रेडिंग करने ले लिए भी काफी सारे विकल्प मौजूद है ऑप्शन ट्रेडिंग ट्रेडिंग भी ऐसा ही एक विकल्प है जिसमे कॉल और पुट ऑप्शन ट्रेडिंग की जा सकती है। ऑप्शन ट्रेडिंग करने के लिए आपके पास शेयर बाजार का काफी सारा ज्ञान अनुभव जरुरी है हलाकि इसी समय अगर आप इस विकल्प को अच्छी तरह से सिख ले तो ट्रेडिंग करना आसान हो जाता है।

शेयर बाजार मे ट्रेडिंग करने के तरीके :(Ways To Invest In Share Market)

1 कॅश : (Cash)

  • शेयर बाजार मे आप सीधे कॅश के जरिये शेयर खरीद सकते है जिसके लिए आपको पूरी शेयर राशि का भुगतान करना पड़ता है। (इसे आप इक्विटी शेयर निवेश ट्रेडिंग कह सकते है)
  • इस विकल्पर के जरिये आप सिर्फ आपके पास मौजूद कॅश के जितने ही शेयर खरीद सकते है निवेश कर सकते है।

2 फीचर :(Feature Trading)

  • फीचर ट्रेडिंग डेरिवेटिव ट्रेडिंग का एक प्रकार है।
  • इस ट्रेडिंग विकल्प मे निवेशक आने वाले तारीख मे निवेश के लिए समझौता करता है।
  • फीचर ट्रेडिंग के लिए निवेश करते समय निवेशक को कुल निवेश से सिर्फ कुछ राशि का ही भुगतान करना होता है।

3 ऑप्शन :(Option Trading)

  • ऑप्शन ट्रेडिंग मे आपको ट्रेड करने के लिए 2 विकल्प मिलते है जिसके जरिये आप ट्रेडिंग कर सकते है।
  • यह विकल्प आम शेयर बाजार से काफी अलग होता है शेयर बाजार मे शेयर की कीमत ऊपर जाने पर आपको मुनाफा होता है।
  • लेकिन ऑप्शन ट्रेडिंग मे आप शेयर की कीमत ऊपर या निचे जाने पर भी पैसे कमा सकते है।
  • अगर किसी शेयर के निचे जाने पर आप पैसे लगते है और शेयर निचे चला जाता है तो आपको मुनाफा होगा।

कॉल और पुट ऑप्शन क्या है ?(What Is Call And Put Option)

कॉल और पुट ऑप्शन ट्रेडिंग पहली बार समझने मे काफी कठिन लगती है लेकिन एक बार इसके बारे मे जानने के बाद यह काफी आसान हो जाता है।

1 कॉल ऑप्शन क्या है ?(What Is Call Option)

  • ऑप्शन ट्रेडिंग मे शेयर बाजार पर रिसर्च करके आपको ऐसा लगता है की एक चुना हुआ शेयर ऊपर जाने वाला है।
  • ऐसे समय आप उसको कॉल ऑप्शन के जरिये खरीद सकते है और इसमे शेयर ऊपर जाने पर सीधा लाभ होता है।
  • उदहारण के तौर पर आपने रिलायंस के शेयर पर रिसर्च करके यह जान लिया है की शेयर की कीमत ऊपर जाने वाली है और आपने कॉल ऑप्शन चुन लिया है तो शेयर ऊपर जाने से मुनाफा होगा।
  • मतलब रिलायंस शेयर की कीमत अभी 100 रुपये है तव कॉल ऑप्शन आप 150 पर खरीद सकते है मतलब आने वाले समय मे शेयर की कीमत 100 से 150 तक जाएगी जिसके आपको मुनाफा होगा।

2 पुट ऑप्शन क्या होता है ?(What Is Put Option)

  • पुट ऑप्शन मार्किट के ख़राब समय मे चुना जाता है जब बाजार और शेयर गिर रहे होते है।
  • अगर किसी एक शेयर की कीमत इस समय 100 रुपये है और आप इसका पुट ऑप्शन 70 रुपये मे खरीदते है
  • ऐसे समय शेयर निचे 70 रुपये पर पहुंचने पर निवेशक को मुनाफा होगा।
  • पुट ऑप्शन निवेशक मंदी या फिर गिरावट के समय एक बिमा जैसे इस्तेमाल कर सकते है।

कैसे करे कॉल और पुट ऑप्शन मे ट्रेडिंग :(How To Trade In Call And Put Option)

  • कॉल और पुट ऑप्शन मे ट्रेडिंग करने के लिए शेयर्स की महीने की सीरीज होती है इस महीने की सीरीज की एक्सपाइरी हर महीने के अंतिम गुरवार को होती है।
  • यह महीने की सीरीज 3 महीने तक की होती है।
  • आप शेयर बाजार मे शेयर के आलावा करेंसी और इंडेक्स मे भी ऑप्शन ट्रेडिंग कर सकते है।
  • कॉल और पुट ऑप्शन ट्रेडिंग करते समय आपको अलग अलग विकल्पों का इस्तेमाल करना होता है इस विकल्पों को जानकारी आप आसानी से इसमे ट्रेडिंग शुरू कर सकते। है।

1 लॉट साइज़ :(Lot Size)

  • जब आप ऑप्शन ट्रेडिंग मे ट्रेडिंग करते है तब आपको शेयर के एक लॉट को खरदीना पड़ता है।
  • शेयर के कीमत के अनुसार उसकी लॉट साइज़ कीमत कम ज्यादा होती है।
  • कॉल और पुट दोनों ऑप्शन मे ट्रेड करते समय आपको लॉट मे शेयर खरीदने होते है।

2 स्ट्राइक कीमत :(Strike Price)

  • ऑप्शन ट्रेडिंग करते समय आप जिस चुने हुए कीमत पर कॉल और पुट ऑप्शन खरीदते है उसे स्ट्राइक प्राइस कहा जाता है।
  • शेयर के अब के कीमत मे और बेचे या फिर ख़रीदे जाने वाले अंतर होता है।

3 प्रीमियम :(Premium)

  • कॉल और पुट ऑप्शन खरीदते समय आपको एक स्ट्राइक कीमत चुननी होती है जिस स्ट्राइक प्राइस पर आपको शेयर लॉट मिलता है उसे प्रीमियम कहा जाता है।
  • ऑप्शन ट्रेडिंग करते समय स्ट्राइक प्राइस शेयर के कीमत के जितनी पास होगी उतना प्रीमियम ज्यादा होता (हलाकि इससे रिस्क भी कम होती है )

4 एक्सपाइरी डेट :(Expiary Date)

  • जब आप कॉल और पुट ऑप्शन खरीदते है तब उनके लिए एक तय तारीख होती है।
  • इसका मतलब इस तय तारीख पर आपको आपके कॉन्ट्रैक्ट को पूरा करना है।
  • अगर आप इस तय तारीख पर कॉन्ट्रैक्ट पूरा नहीं करते है तो ब्रोकर आपके सौदे को काट कर जो प्रॉफिट लॉस होगा आपको सौप देगा।

5 मंथली सीरीज :(Monthly Series)

  • जब आप ऑप्शन ट्रेडिंग करते है तो वो शेयर लॉट पहले से तय समय एक्सपाइरी डेट पर आते है।
  • इस महीने लिए गए शेयर लॉट कॉन्ट्रैक्ट को आपको महीने के आखिरी गुरवार को पूरा करना होता है।
  • मंथली सीरीज महीने के शुरवात से चालू होकर आखिरी गुरवार तक होती है।
  • ऑप्शन ट्रेडिंग मे ट्रेडिंग करने के लिए आप चालू महीने से 3 महीने की सीरीज पर ट्रेड कर सकते है।
  • सीरीज को खरीदते समय उस महीने के साथ आपको शेयर लॉट दिया जाता है।

ऑप्शन ट्रेडिंग के फायदे :(Benifits OF Option Trading)

  • कॉल और पुट ऑप्शन मे आप खरीददार है या बेचने वाले इसके ऊपर फायदे निर्भर करते है।
  • कॉल और पुट ऑप्शन खरीदार को नुकसान के समय सिर्फ प्रीमियम राशि डूबने पर नुकसान होता है।
  • वही शेयर तय कीमत के ऊपर जाने पर ज्यादा लाभ हो सकता है।
  • इसी समय पुट ऑप्शन मे आपको मुनाफा सिमित है लेकिन नुकसान की सम्भावन ज्यादा होती है।
  • ऑप्शन ट्रेडिंग मे आप गिरते शेयर बाजार पर भी अच्छा मुनाफा कमा सकते है।
  • ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए आपको लीवरेज मिलता है जिसमे आपको कम पैसे पर ज्यादा शेयर लेने का विकल्प मिलता है।

क्या करना चाहिए निवेश ?(Should You Invest)

  • कॉल और पुट ऑप्शन ट्रेडिंग आप कम पैसे लगाकर ज्यादा मुनाफा कमा सकते है हलाकि इसी समय काफी ज्यादा नुकसान भी हो सकता है।
  • साधारण निवेशक जो की कम पैसो पर ट्रेडिंग कर रहे है उनके लिए यह विकल्प अच्छा नहीं है क्यों एक ट्रेड से ही इसमे बोहोत ज्यादा नुकसान हो सकता है जिसमे निवेशक अपनी सारी पूंजी गवा सकता है।
  • शेयर बाजार मे काफी हलचल होने के समय इससे लाभ से ज्यादा नुकसान होन की सम्भावन ज्यादा होती है।
  • हलाकि ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए जरुरी ज्ञान और अनुभव के साथ निवेश राशि होने पर निवेश किया जा सकता है।
  • ट्रेडिंग करते समय खुद का अलग रिसर्च होना जरुरी किसी दूसरे के कहने पर निवेश ना करे।

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कॉल और पुट क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंकॉल के खरीदार को एक तय तरीख और निश्चित मूल्य पर अंडरलाइंग पुट विकल्प के प्रकार स्टॉक खरीदने का अधिकार मिलता है. पुट में खरीदार को शेयरों को बेचने का अधिकार मिलता है. कॉल बेचने वाले विक्रेता को खरीदार से प्रीमियम मिलता है. ऑप्शन, कॉल और पुट भी ऐसे शब्दों में शामिल हैं.

इसे सुनेंरोकेंकॉल के खरीदार को एक तय तरीख और निश्चित मूल्य पर अंडरलाइंग स्टॉक खरीदने का अधिकार मिलता है. पुट में खरीदार को शेयरों को बेचने का अधिकार मिलता है. कॉल बेचने वाले विक्रेता को खरीदार से प्रीमियम मिलता है.

Option Chain क्या है?

इसे सुनेंरोकेंA) ऑप्शन चैन क्या होती है? What is Option chain? ऑप्शन चैन चार्ट एक ऐसी लिस्टिंग है जहा पे उपलब्ध कॉल (Call) और पुट (Put) विकल्पों की एक सूची होती है। लिस्टिंग में अलग-अलग स्ट्राइक प्राइस के लिए प्रीमियम, वॉल्यूम, ओपन इंटरेस्ट आदि की जानकारी शामिल होती है।

ऑप्शन सेलिंग कैसे करें?

इसे सुनेंरोकेंआप कॉल ऑप्शन तभी बेचते हैं जब आप मंदी में होते हैं यानी आपका नजरिया बेयरिश होता है। कॉल ऑप्शन बेचने वाले और को खरीदने वाले का P&L एक दूसरे के एकदम विपरीत होता है। जब आप कॉल ऑप्शन बेचते हैं तो आपको एक प्रीमियम मिलता है। कॉल ऑप्शन बेचने वाले को एक्सचेंज में एक मार्जिन जमा करना होता है।

शेयर मार्केट में कॉल ऑप्शन क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंएक call options एक ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट होता है जिसमें खरीदार के पास एक मुख्य स्टॉक की एक विशेष मात्रा को बिना किसी बाध्यता के पूर्व निर्धारित मूल्य पर खरीदने का अधिकार है। जब ट्रेडर्स को यह उम्मीद होती है कि प्राइस ऊपर बढ़ सकती है तो वे call option में एक लॉन्ग पोजीशन ले सकते हैं।

ऑप्शन का मतलब क्या है?

इसे सुनेंरोकेंअर्थ और पर्यायवाची विकल्प: विकल्प संस्कृत [विशेषण] 1. वह अवस्था जिसमें कई विषयों या बातों में से कोई एक विषय या बात चुनने का अधिकार हो 2. अनिश्चित विचार ; ‘संकल्प’ का विलोम 3.

F&O ट्रेडिंग क्या है?

इसे सुनेंरोकेंफ्यूचर्स ट्रेडिंग भविष्य में बिक्री या खरीद करने का एक अनुबंध है। एक वायदा अनुबंध में एक खरीदार और एक विक्रेता होता है, जो दोनों सहमत होते हैं कि किसी संपत्ति को एक विशिष्ट दिन पर एक विशिष्ट मूल्य के लिए खरीदा या बेचा जाएगा। संपत्ति डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल इंडेक्स की तरह एक कमोडिटी, एक मुद्रा या एक इंडेक्स भी हो सकती है।

इसे सुनेंरोकेंकॉल के खरीदार को एक तय तरीख और निश्चित मूल्य पर अंडरलाइंग स्टॉक खरीदने का अधिकार मिलता है. पुट में खरीदार को शेयरों को बेचने का अधिकार मिलता है. कॉल बेचने वाले विक्रेता को खरीदार से प्रीमियम मिलता है. इक्‍विटी डेरिवेटिव ट्रेडिंग से जुड़े कई शब्द आसानी से समझ में नहीं आते हैं.

ज़ेरोधा में विकल्प प्रीमियम क्या है?

इसे सुनेंरोकेंआप किसी भी कीमत पर ऑप्शन एग्रीमेंट कर सकते हैं, बस आपको उससे जुड़ा प्रीमियम देना होगा। उदाहरण के तौर पर आप 340 के कॉल ऑप्शन को 4 रूपये 75 पैसे का प्रीमियम देकर ले सकते हैं। इसे ऊपर लाल रंग से दिखाया गया है। ये खरीदार को एक्सपायरी के अंत तक ITC का शेयर 340 रूपये पर खरीदने का विकल्प देगा।

ज़ेरोधा में ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे करें?

जेरोधा काइट में ट्रेड कैसे करें?

  1. Zerodha Kite वेबसाइट या मोबाइल ऐप पर लॉग इन करें
  2. अपने Zerodha अकाउंट में फंड जोड़ें
  3. अपनी मार्केट वॉच में अपनी इच्छा के अनुसार ऑप्शन जोड़ें
  4. ऑप्शन के लिए Buy Order दें
  5. ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट को समझें
  6. ऑर्डर पूरा हो जाने के बाद वेरीफाई करें

ऑप्शन चैन क्या है?

शेयर मार्केट में ऑप्शन क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंआपको नाम से ही पता लग गया होगा Option का मतलब विकल्प। उदाहरण के लिए- मान लीजिये आप एक कंपनी का 1000 शेयर 5000 रुपये प्रीमियम देकर 1 महीने बाद का 100 रुपये में खरीदने का Option लेते हो। ऐसे में उस कंपनी का शेयर 1 महीने बाद 70 हो गया तब आपके पास विकल्प (Option) रहेगा उस शेयर को नुकसान में ना खरीदने का।

ऑप्शन ट्रेडिंग में कितना चार्ज लगता है?

इसे सुनेंरोकेंजेरोधा ऑप्शन कमोडिटी के समान ही करेंसी के लिए शुल्क लेता है यानी 0.03% या ₹20 / निष्पादित ऑर्डर (जो भी कम हो). उदाहरण के लिए, यदि आपने ₹50,000 में 50 लॉट खरीदा है। तो अगर आप 50 का 0.03 प्रतिशत गणना करते है तो यह 1.5 होता है।

विकल्प प्रीमियम क्या है?

इसे सुनेंरोकेंविकल्प प्रीमियम एक विकल्प के खरीदार के पास अधिकार है लेकिन खरीदने का दायित्व नहीं है (a . के साथ)बुलाना) या किसी निश्चित अवधि के लिए दिए गए स्ट्राइक मूल्य पर अंतर्निहित लिखत को (पुट के साथ) बेचें।

ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते हैं?

इसे सुनेंरोकेंमै आपको बता दू स्टॉक मार्केट में चार प्रकार की ट्रेडिंग होती है intraday trading. Swing trading. Short term trading. Long term trading.

कॉल ऑप्शन और पुट ऑप्शन क्या है?

इसे सुनेंरोकेंकॉल ऑप्शन की खरीद या पुट ऑप्शन की बिक्री तभी करें जब आपको यह उम्मीद हो कि बाजार ऊपर जाएगा। एक पुट ऑप्शन की खरीद या कॉल ऑप्शन की बिक्री तभी करें जब आपको उम्मीद हो कि बाजार नीचे जाएगा। ऑप्शन को खरीदने वाले का मुनाफा असीमित होता है जबकि उसका रिस्क सीमित होता है (उतना ही जितना उसने प्रीमियम दिया है)।

शेयर मार्केट में फ्यूचर एंड ऑप्शन क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंफ्यूचर तथा ऑप्शन (Futures and Options in Hindi) को समझने से पहले जिस बाज़ार में ये उत्पाद खरीदे एवं बेचे जाते हैं उसके बारे में जान लेना आवश्यक है। ये दोनों डेरिवेटिव मार्केट के उत्पाद हैं। डेरिवेटिव उत्पाद ऐसे वित्तीय उपकरण होते हैं, जिनका अपना कोई मूल्य नहीं होता बल्कि उनका मूल्य किसी अन्य वस्तु से निर्धारित होता है।

ऑप्शन में कैसे ट्रेड करें?

इसे सुनेंरोकेंकमोडिटी मार्केट में ऑप्शन ट्रेडिंग शुरू करने के लिए सबसे पहले ट्रेडिंग अकाउंट होना जरूरी है। अगर पहले से ही फ्यूचर बाजार में खाता है तो अपने ब्रोकर को ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए सहमति पत्र देना होगा। इस अकाउंट के जरिए ही निवेशक कमोडिटी एक्सचेंज में फ्यूचर या ऑप्शन में किसी सौदे की खरीद या बिक्री कर सकते हैं।

एक ऑप्शन क्या है इन हिंदी?

इसे सुनेंरोकेंपुट ऑप्शन वह है जिसमें कोई व्यक्ति बाद में होने वाली मूल्य गिरावट के लिए कोई स्टॉक सुनिश्चित कर सकता है. यदि आपके स्टॉक का मूल्य कम होता है, तो आप अपना पुट ऑप्शन लेकर इसे पूर्व में निर्धारित मूल्य स्तर पर बेच सकते हैं. यदि स्टॉक मूल्य ऊपर जाता है, तो आपको बस केवल चुकायी गई प्रीमियम राशि की हानि होती है.

ऑप्शन ट्रेडिंग में हेजिंग क्या है?

इसे सुनेंरोकेंहेजिंग का हिंदी में अर्थ है बचाव। खराब बाजार में अपनी पोजीशन को नुकसान से बचाने के लिए हेजिंग का इस्तेमाल किया जाता है। एक उदाहरण से हेजिंग को समझते हैं, मान लीजिए आप के घर के बाहर एक खाली जमीन है। इस जमीन को खाली रखने के बजाय आप इसमें बगीचा लगाने का फैसला करते हैं।

शेयर कब खरीदना चाहिए?

इसे सुनेंरोकेंशेयर कब खरीदे और बेचे, इसका जवाब सफल निवेशक वारेन बफेट बताते हैं पुट विकल्प के प्रकार कि आपको उस समय शेयर खरीदना चाहिए जब पूरा स्टॉक मार्केट डरा हुआ हो और उस समय शेयर बेचना चाहिए जब पूरा बाजार लालच से भरा हो। मतलब वो कहते हैं कि जब मार्केट डरा हुआ हो तो आपको लालची बन जाना चाहिए और जब मार्केट लालची हो तब आपको डर जाना चाहिए।

कम जोखिम में ज्यादा फायदा पाने का आसान तरीका है ऑप्शन ट्रेडिंग से निवेश, ले सकते हैं बीमा

यूटिलिटी डेस्क. हेजिंग की सुविधा पाते हुए अगर आप मार्केट में इनवेस्टमेंट करना चाहते हैं तो फ्यूचर ट्रेडिंग के मुकाबले ऑप्शन ट्रेडिंग सही चुनाव होगा। ऑप्शन में ट्रेड करने पर आपको शेयर का पूरा मूल्य दिए बिना शेयर के मूल्य से लाभ उठाने का मौका मिलता है। ऑप्शन में ट्रेड करने पर आप पूर्ण रूप से शेयर खरीदने के लिए आवश्यक पैसों की तुलना में बेहद कम पैसों से स्टॉक के शेयर पर सीमित नियंत्रण पा सकते हैं।

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