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विदेशी मुद्रा व्यापार

विदेशी मुद्रा व्यापार
मुंबई: विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति, स्वर्ण, विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास आरक्षित निधि में जबरदस्त बढ़ोतरी होने से देश का विदेशी मुद्रा भंडार 11 नवंबर को समाप्त सप्ताह में 14.72 अरब डॉलर बढ़कर 544.72 अरब विदेशी मुद्रा व्यापार डॉलर पर पहुंच गया जबकि इसके पिछले सप्ताह 1.09 अरब डॉलर घटकर 529.9 अरब डॉलर पर रहा था।

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भारतीय बाजार में जारी रहेगी तेजी, क्रूड और दूसरी अहम कमोडिटीज की कीमतों में गिरावट से बड़ा सपोर्ट

बाजार जानकारों का अनुमान है कि आरबीआई की तरफ से आगे हमें ब्याज दरों में बढ़ोतरी पर लगाम लगती नजर आ सकती है। अक्टूबर महीने में रिटेल महंगाई में कमी देखने को मिली थी। थोक महंगाई के मोर्चे पर भी राहत मिली है। ऐसे कच्चे तेल और कमोडिटी की कीमतों में गिरावट से महंगाई आगे और घटती नजर आएगी। ऐसे में एनालिस्टों को भारतीय बाजारों की रिकॉर्ड ब्रेकिंग रैली जारी रहने की संभावना दिख रही है। जानकारों का यह भी कहना है कि कच्चे तेल और मेटल की कीमतों में आई भारी गिरावट के साथ ही खरीफ और रवी की फसलों की बंपर बुवाई से इस बात के संकेत हैं कि अगले कुछ महीनों में हमें महंगाई और कम होती दिखेगी।

एफआईआई की खरीदारी से आएगी तेजी

इसके अलावा भारतीय इक्विटी मार्केट में एफआईआई की तरफ से हो रही खरीदारी भी मार्केट विदेशी मुद्रा व्यापार सेंटीमेंट में सुधार करेगी। बतातें चलें कि मध्य अक्टूबर से अब तक एफआईआई ने भारतीय बाजार ने 4.64 अरब डॉलर की खरीदारी की है। जबकि ये इस साल के शुरुआत से मध्य अक्टूबर तक भारतीय बाजार में नेट सेलर रहे थे। साल के शुरुआत से अक्टूबर के मध्य तक एफआईआई ने भारतीय बाजारों में 23 अरब डॉलर की बिकवाली की थी।

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क्रूड और दूसरी अहम कमोडिटीज की कीमतों में गिरावट से राहत

पिछले एक हफ्ते में क्रूड ऑयल की कीमतों में 9.38 फीसदी की गिरावट हुई है। यह एक हफ्ते पहले के 94 डॉलर प्रति बैरल से घटकर 83 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है। ये इसका पिछले 10 महीने का सबसे निचला स्तर है। इसी तरह दूसरी बड़ी कमोडिटीज पर नजर डालें तो लंदन मेटल एक्सचेंज पर पिछले एक हफ्ते में एल्यूमिनियम में 3.7 फीसदी की, कॉपर में 7.8 फीसदी की, जिंक में 8.4 फीसदी की और निकिल में 17.7 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है।

डॉ. जयंतीलाल भंडारी का लेख : निर्यात व व्यापार घाटे की चुनौती

इस समय वैश्विक मंदी के डर से घटी हुई वैश्विक मांग का असर भारतीय निर्यात पर भी दिखने लगा है। जहां यूरेाप और अमेरिका सहित अधिकतर विकसित देशों के केंद्रीय बैंकों द्वारा मौद्रिक नीतियों को सख्त बनाए जाने से लोगों के हाथों में गैर-जरूरी खर्च के लिए कम धनराशि होने से भारतीय निर्यात की मांग कम हुई है, वहीं विकासशील देशों में लोगों की आमदनी में भारी कमी के कारण भी भारत से निर्यात में बड़ी गिरावट आई है और ऐसे में भारत का व्यापार घाटा बढ़ा है ।

चूंकि आने वाले महीनों में वैश्विक आर्थिक मंदी और भू-राजनीतिक तनाव में सुधार की तत्काल संभावनाएं कम हैं, अतएव भारत के लिए निर्यात के लिहाज से हालात अत्यधिक चुनौती भरे हो सकते हैं। वाणिज्य मंत्रालय की ओर से 15 नवंबर को जारी आंकड़ों के अनुसार विदेशी मुद्रा व्यापार देश से वस्तुओं और सेवाओं का निर्यात अक्टूबर 2022 में 16.65 फीसदी घटकर 29.78 अरब डॉलर रहा, जो 20 माह में सबसे कम है। भारत से जिन 10 देशों को सबसे अधिक निर्यात किए जाते हैं, उनमें से 7 देशों अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, चीन, बांग्लादेश, ब्रिटेन, सऊदी अरब और हांगकांग में भारत से निर्यात में भारी कमी आई है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि अप्रैल-अक्टूबर 2022 की अवधि में भारत का व्यापार घाटा बढ़कर 173.46 अरब डॉलर हो गया, जो कि 2022 की इस अवधि में 94.16 अरब डॉलर था। गौरतलब है कि चीन में शून्य कोविड विदेशी मुद्रा व्यापार नीति और रियल एस्टेट संकट के कारण भारत से निर्यात में चिंताजनक कमी आई है और चीन से भारत का व्यापार घाटा तेजी से बढ़ा है। हाल ही में चीन के कस्टम विभाग की ओर से प्रकाशित भारत-चीन के द्विपक्षीय व्यापार के आंकड़ों के मुताबिक दोनों देशों के बीच जनवरी 2022 से सितंबर 2022 के बीच नौ महीनों के दौरान द्विपक्षीय कारोबार 103.63 अरब डॉलर का हुआ है। इस अवधि में चीन से भारत के लिए निर्यात 89.66 अरब डॉलर रहा है। इसमें 31 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। वहीं, इस अवधि में भारत से चीन के लिए केवल 13.97 अरब डॉलर का निर्यात हुआ है और इसमें 36.4 प्रतिशत की गिरावट रही है। ऐसे में भारत का व्यापार घाटा बढ़कर 75.69 अरब डालर रहा है। पिछले वर्ष दोनों देशों के बीच पूरे वर्ष में 125 अरब डॉलर का द्विपक्षीय कारोबार हुआ था। बीते वर्ष चीन का भारत के लिए निर्यात 46.2 प्रतिशत बढ़कर 97.52 अरब डॉलर रहा था, जबकि भारत से चीन के लिए निर्यात 34.2 प्रतिशत बढ़कर 28.14 अरब डॉलर रहा था। इस अवधि में भारत का व्यापार घाटा 69.38 अरब डॉलर रहा था। ऐसे में स्पष्ट है कि इस वर्ष 2022 में चीन से व्यापार घाटा और बढ़ेगा। जहां चीन को भारत से निर्यात घटा है, वहीं चीन से भारत आने वाले कई उत्पादों का आयात बढ़ा है। चीन से भारत के द्वारा किए कुल आयात का एक बड़ा हिस्सा पशु या वनस्पति वसा, अयस्क, लावा और राख, खनिज ईंधन, अकार्बनिक रसायनयांत्रिक उपकरण और फर्नीचर से संबंधित है। खासतौर से एक ऐसे समय में जब डॉलर की तुलना में रुपया निचले स्तर पर दिखाई दे रहा है और देश के विदेशी मुद्रा भंडार में भी बड़ी कमी आ रही है। ऐसे में विदेशी मुद्रा व्यापार चीन को भारत से निर्यात घटना और बढ़ता व्यापार घाटा बढ़ना देश की बड़ी आर्थिक चुनौती है। अब एक ओर चीन से आयात घटाने के लिए, तो दूसरी ओर भारत के द्वारा जी-20 की कमान संभालने के बाद मेक इन इंडिया और अब मेक फॉर ग्लोबल की डगर तेजी से आगे बढ़ाकर चीन सहित दुनिया के विभिन्न देशों को विदेशी मुद्रा व्यापार निर्यात बढ़ाने के लिए नए रणनीतिक कदम जरूरी हैं।

Mumbai: शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 16 पैसे बढ़कर 81.54 पर आया

Mumbai

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार (interbank forex market) में रुपया डॉलर के मुकाबले 81.69 पर खुला, और फिर मजबूती के साथ 81.54 के स्तर पर पहुंच गया। इस तरह स्थानीय मुद्रा ने पिछले बंद भाव के मुकाबले 16 पैसे की बढ़त दर्ज की।

बृहस्पतिवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 23 पैसे की तेजी के साथ 81.70 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।

विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि फेडरल ओपन मार्केट समिति के ब्योरे के बाद अमेरिकी डॉलर अपने ऊंचे स्तर से नीचे आ गया है।

इस बीच छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.23 प्रतिशत गिरकर 105.82 पर आ गया।

Sensex Today : शुरुआती कारोबार में गिरावट के बाद शेयर बाजारों में उछाल, डॉलर के मुकाबले रुपया 14 पैसे मजबूत

Published: November 22, 2022 11:39 AM IST

Bombay Stock Exchange (BSE)

Sensex Today : मिलेजुले वैश्विक रुझानों के बीच मंगलवार को शुरुआती कारोबार में प्रमुख शेयर सूचकांकों में पहले गिरावट हुई, लेकिन बाद में निचले स्तरों से उछाल आया.

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इस दौरान 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 61.98 अंक गिरकर 61,082.86 पर आ गया. व्यापक एनएसई निफ्टी भी 21.2 अंक गिरकर 18,138.75 पर था.

हालांकि, बाद में विदेशी मुद्रा व्यापार दोनों सूचकांकों ने वापसी की और खबर लिखे जाने तक सेंसेक्स 65.49 अंक बढ़कर 61,210.33 पर था. निफ्टी भी 21.55 अंक बढ़कर 18,181.50 पर पहुंच गया.

डॉलर के मुकाबले रुपया 14 पैसे बढ़कर 81.65 पर

अमेरिकी मुद्रा में ऊपरी स्तर से गिरावट के चलते रुपया मंगलवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 14 पैसे बढ़कर 81.65 पर पहुंच गया.

विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि विदेशी कोषों की बिकवाली और घरेलू शेयर बाजारों में सुस्ती के चलते रुपये की बढ़त विदेशी मुद्रा व्यापार सीमित हुई.

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया डॉलर के मुकाबले 81.72 पर खुला, और फिर मजबूती के साथ 81.65 के स्तर पर पहुंच गया. इस तरह स्थानीय मुद्रा ने पिछले बंद भाव के मुकाबले 14 पैसे की बढ़त दर्ज की.

रुपया सोमवार को पांच पैसे की गिरावट के साथ अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 81.79 पर बंद हुआ था.

इस बीच छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.24 प्रतिशत गिरकर 107.57 पर आ गया.

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