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बिटकॉइन में इन्वेस्ट करने के फायदे

बिटकॉइन में इन्वेस्ट करने के फायदे
यहाँ एक बात रोचक है कि Bitcoin (बड़े अक्षरों में लिखा B) विश्व बाज़ार को दर्शाता है वहीँ bitcoin (छोटे अक्षरों में लिखा B) असल या वास्तविक मुद्रा को प्रदर्शित करता है.

Explainer: क्रिप्टोकरेंसी में निवेश क्या घाटे का सौदा है, जानें एक्सपर्ट की राय?

क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency in India) में ज्यादा रिस्क के बावजूद तेजी से मुनाफा और रिटर्न का मिलता है. इसकी वजह भारत में लोग ऐसी करेंसी में अपना पैसा लगा रहे हैं.

क्रिप्टोकरेंसी में होता है खूब उतार-चढ़ाव (फाइल फोटो: Getty Images)

सरबजीत कौर

  • नई दिल्ली ,
  • 07 अक्टूबर 2021,
  • (अपडेटेड 07 अक्टूबर 2021, 4:54 PM IST)
  • क्रिप्टोकरेंसी भारत में भी लोकप्रिय
  • निवेश के लिए कई प्लेटफॉर्म मौजूद

भारत में पिछले कुछ साल में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर निवेशकों में काफी ज्यादा उत्साह देखने को मिल रहा है. इसका मुख्य कारण यह है कि अन्य करेंसी के मुकाबले क्रिप्टोकरेंसी में रिस्क के बावजूद निवेश से तेजी से मुनाफा और रिटर्न मिलता है. Bitcoin, Ethereum, Tether, Cardano, Ripple, Polka Dot जैसी कई करेंसी हैं, जहां भारत के लोग अपना पैसा लगा रहे हैं.

आइए जानते हैं कि क्या है क्रिप्टो करेंसी और इसमें निवेश से पहले किन बातों का ध्यान देना जरूरी है? साथ ही यह भी कि एक निवेशक को कितना रिस्क और रिटर्न क्रिप्टों में निवेश से मिल सकता है?

क्या है क्रिप्टोकरेंसी?

पूरे दुनिया के लोगों या फिर यूं कहें की किसी संस्था को असल में अपनी बेसिक जरूरतों को सही तरीके से पूरा करने के लिए और किसी से भी आपसी लेनदेन करने के लिए करेंसी की जरूरत होती है, जिसे हम मुद्रा भी कहते हैं. हर देश की मुद्रा को हम अलग-अलग नाम से जानते हैं. जैसे कि भारत में रुपया, अमेरिका में डॉलर, सऊदी अरब में रियाल, यूरोपीय देशों में यूरो आदि.

लेकिन क्रिप्टोकरेंसी इन मुद्राओं से अलग होती है. क्रिप्टो वो मुद्रा है जिसे आप देख या छू नहीं सकते जो छुपा हुआ होता है. ये एक प्रकार का डिजिटल रुपया है जिसे आप छू नहीं सकते लेकिन रख सकते हैं, वो भी ऑनलाइन. भौतिक रूप से क्रिप्टोकरेंसी का मुद्रण नहीं किया जाता है. पिछले कुछ सालों में क्रिप्टोकरेंसी लोगों के बीच काफी चर्चा में है. क्रिप्टोकरेंसी कंप्यूटर एल्गोरिद्म पर बनी हुई है. इसका कोई रेगुलेटर नहीं और कोई क्रिप्टोकरेंसी को कंट्रोल नहीं करता.

यानी बाकी किसी मुद्रा की तरह कोई सरकार इसे संचालित नहीं करती. इसके प्रयोग के लिए क्रिप्टोग्राफी का इस्तेमाल किया जाता है. साल 2009 में शुरू होने के बाद क्रिप्टो की कीमत अब आसमान को पार कर रही है. यही कारण है कि निवेशकों को क्रिप्टो में काफी रुचि होने लगी है. अब 1000 से ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी में कारोबार हो रहा है.

क्रिप्टोकरेंसी को आप कैसे खरीद या बेच सकते हैं?

आज की तारीख में क्रिप्टोकरेंसी की लोकप्रियता को देखते हुए पूरी दुनिया में बहुत सारे क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज प्लेटफॉर्म हैं. क्रिप्टोकरेंसी की खास बात यह है कि इसमें चौबीसोंं घंटे कारोबार होता है. शेयर बाजार की तरह यह हर दिन एक तय समय पर बंद नहीं होता. इसमें निवेश से आप हफ्ते में या दिन में किसी भी समय रकम निकाल, डाल सकते हैं और खरीद-बिक्री कर सकते हैं. भारत में कॉइनस्विच कुबेर, कॉइन्डिसिएक्स, वज़ीरएक्स, ज़ेबपे जैसे प्लैटफॉर्म के नाम से शामिल है जिनके जरिए आप क्रिप्टो में खरीद-बिक्री कर सकते हैं.

इसकी खरीद-बिक्री के लिए प्रक्रिया काफी आसान है. आपको किसी भी ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की तरह साइन-अप करना होगा. उसके बाद केवाईसी अपडेट कर आपको अपने वॉलेट से उसमें मनी ट्रांसफर करना होगा. साथ ही, क्रिप्टो खरीदारी करने से पहले आप जैसे शेयर्स में स्टॉपलॉस या टार्गेट तय करते हैं उसी प्रकार क्रिप्टो में प्रि-डिसाइड लिमिट तय कर सकते हैं.

आप किसी भी छोटे अमाउंट से खरीद-बिक्री शुरू कर सकते हैं. लेकिन, दिक्कत यह है कि कई बैंक ऐसे एक्सचेंज के साथ काम करने के लिए तैयार नहींं हैं, यही कारण है कि, खरीद-बिक्री में दिक्कत होती है. क्रिप्टो में बैंकों द्वारा पी2पी यानी पर्सन टू पर्सन ट्रांजेक्शन और लेनदेन की प्रक्रिया होती है. क्रिप्टो ट्रांजेक्शन के लिए अभी यूपीआई सपोर्ट नहीं करता, इसलिए पी2पी के जरिए ही लेन-देन किया जा सकता है. क्रिप्टोकरेंसी में निवेश से आप कुछ खरीद नहीं सकते है. ये सोने और चांदी की तरह आपको वैल्यू क्रिएट और बढ़ाने का एक माध्यम है.

क्रिप्टो में निवेश से पहले किन बातों का रखें ध्यान

क्रिप्टो में निवेश से पहले हमेशा यह ध्यान रहे कि किसी तरह के लालच में आकर ज्यादा पैसे एक साथ न लगाएं. क्रिप्टो एक वोलाटाइल यानी उतार-चढ़ाव वाला एसेट क्लास है. ऐसे में क्रिप्टो में कभी भी बिना किसी चेतावनी के गिरावट देखने को मिल सकती है और भारी नुकसान हो सकता है, क्योंकि, अभी तक क्रिप्टो को लेकर कोई रेगुलेटर नहीं बना, ऐसे में पैसा डूबने का खतरा हो सकता है.

हमेशा किसी ऑथेन्टिक या किसी नामी प्लेटफॉर्म के जरिए ही क्रिप्टो में पैसा लगाएं. सही चुनाव करना बहुत जरूरी है. साथ ही, किसी अच्छे जानकार की मदद लें ताकि आपको ये पता रहे कि आप किस क्रिप्टो में पैसा लगा रहे हैं. फिलहाल सबसे ज्यादा लोग बिटकॉइन खरीद रहे है. लेकिन इसके अलावा बाजार में Ethereum, Cardano, Dogecoin, Ripple और Litecoin जैसे क्रिप्टोकरेंसी में भी आप पैसा लगा सकते हैं.

सबसे अहम बात है कि, बिना सोचे-समझे कभी भी निवेश न करें. आज की तारीख में हर कोई कम समय में ज्यादा कमाने के लिए क्रिप्टो में पैसा लगा रहा है. लेकिन जब तक आपको क्रिप्टो की पूरी जानकारी न हो आप इसमें पैसा न लगाएं. अपनी प्लानिंग हमेशा फैक्ट्स से जोड़ें और तभी निवेश करें.

कॉइनडीसीएक्स (CoinDCX) के एक्जीक्यूटिव वीपी (ग्रोथ एंड स्ट्रैटेजी) मृणाल ठकराल का मानना है कि-‘क्रिप्टो प्रारंभिक अवस्था में है लेकिन एक उभरता हुआ संपत्ति वर्ग बन गया है. यह देखते हुए कि इस क्षेत्र में कीमतों में उतार-चढ़ाव है, पहली बार निवेश करने वाले निवेशकों को किसी परियोजना में निवेश करने से पहले सावधान रहने की जरूरत है. एक निवेशक को अपना उचित शोध करना चाहिए और परियोजना के विभिन्न पहलुओं को समझना चाहिए. किसी परियोजना के टोकन, टोकनोमिक्स की उपयोगिता जैसे कारकों को समझना और यह समझना कि परियोजना का उद्देश्य किसी विशेष समस्या को कैसे हल करना है, महत्वपूर्ण है. एक निवेशक अपने धन के एक छोटे से हिस्से से शुरुआत कर सकता है और लंबी अवधि की मानसिकता के साथ निवेश कर सकता है.

मुद्रेक्स (Mudrex) के सीईओ एवं को-फाउंडर एडुल पटेल का कहना है कि- ‘किसी भी तरह के एसेट क्लास में निवेश से पहले डाइवर्सिफिकेशन का ध्यान देना जरूरी होता है. हर व्यक्ति के लिए ये जरूरी है कि एक साथ पूरा पैसा कभी भी क्रिप्टो में न लगाएं. कई रिटेल निवेशक आज की तारीख में ये सोचते हैं कि वो क्रिप्टो में पैसा लगाकर बहुत जल्द अमीर बन जाएंगे, तो ऐसा नहीं है. ऐसे निवेशकों को अक्सर भारी नुकसान उठाना पड़ता है. साथ ही, 4-7 फीसदी ही पैसा क्रिप्टो में लगाएं उससे ज्यादा नहीं. अगर किसी व्यक्ति के पास 1000 रुपये हैं तो वो सिर्फ 40 से 70 रुपये ही क्रिप्टो में निवेश करें. रिटर्न की बात करें तो क्रिप्टो में अगर समझदारी से निवेश किया जाए तो एक व्यक्ति हर महीने 4-5 फीसदी तक का रिटर्न प्राप्त कर सकता है. साथ ही, सालाना 60 फीसदी तक का भी रिटर्न मिलने की संभावना होती है.’

बैंक बाजार (bankbazaar) के सीईओ आदिल शेट्टी के मुताबिक- ‘किसी भी प्रकार के निवेश से पहले अच्छी तरह से रिसर्च जरूर करें. अगर आप डिजिटल करेंसी में नए हैं तो सबसे पहले ये जानें कि क्रिप्टो करेंसी में डिजिटल की दुनिया में काम कैसे होता है. साथ ही जो ज्यादा नामचीन, अच्छीी करेंसी हैं उसके बारे जानने की कोशिश करें. ऑनलाइन क्रिप्टो कम्युनिटी के लोगों से जुड़ें ताकि आपको सभी क्रिप्टो से जुड़ी खबरों के बारे पता लगता रहे. हमेशा ध्यान दें कि क्रिप्टो करेंसी बहुत वोलाटाइल होता है इसलिए कई बार आपका पैसा एक साथ डूब भी सकता है. कई दिग्गज लोग हैं जिन्होंने एक साथ अपना पैसा बनाया है. ऐसे में हमेशा ध्यान से और सोच समझकर पैसा लगाएं.’

रहना होगा सचेत

हालांकि, यह ध्यान रखने की बात है कि बहुत से लोग इस कारोबार के जरिए अपने काले धन को व्हाइट मनी के रूप में बदलते हैं. क्योंकि क्रिप्टो को कोई रेगुलेटर नहीं कंट्रोल करता, इसलिए लोगों के लिए खरीद-बिक्री में बड़ी आसानी होती है.

क्रिप्टो में निवेश घाटे का सौदा नहीं है लेकिन, बिना रिसर्च और जानकारी के करने पर भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. इन सबसे हट के देखा जाए तो हमेशा ट्रांजैक्शन करने के लिए क्रिप्टो के पूरे ब्लॉकचेन को समझना पड़ता है. पैसा कमाना कोई बुरी बात नहीं, लेकिन बिना सही जांच, रिसर्च और सलाह से कभी भी किसी भी एसेट क्लास में निवेश नहीं करना चाहिए, चाहे क्रिप्टो करेंसी ही क्यो न हो.

Cryptocurrency में निवेश से पहले न करें जल्दबाजी, जरूर याद रखें ये 10 बातें

Cryptocurrency Investment : क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों के बीच निवेश का एक पॉपुलर टूल बन गई हैं, लेकिन यह अब भी जबरदस्त उतार-चढ़ाव का शिकार होने वाला डिजिटल असेट है. ऐसे में इस बाजार में निवेश करने से पहले कुछ चीजें हैं जो जानना जरूरी है.

Cryptocurrency में निवेश से पहले न करें जल्दबाजी, जरूर याद रखें ये 10 बातें

Cryptocurrency निवेश का पॉपुलर माध्यम बन चुकी हैं.

Cryptocurrency की दुनिया आज पिछले कुछ सालों के मुकाबले कहीं ज्यादा आम हो गई है. शंका, डर और अनिश्चितता के फेज़ से गुजरकर आज के वक्त में क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों के बीच निवेश का एक पॉपुलर टूल बन गई हैं. यहां तक कि इन्हें लेकर बड़ी कंपनियों में स्वीकार्यता भी बढ़ी है और पेमेंट के अल्टरनेट मोड में क्रिप्टोकरेंसी (payment in cryptocurrency) को स्वीकारा जाने लगा है. हालांकि, इस सबके बावजूद क्रिप्टोकरेंसी अब भी जबरदस्त उतार-चढ़ाव (highly volatile) का शिकार होने वाला डिजिटल असेट है. ऐसे में इस बाजार में निवेश करने से पहले कुछ चीजें हैं जो जान लीजिए और जिनके लिए खुद को तैयार कर लेना चाहिए.

1. गहरी रिसर्च जरूरी

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सबसे पहली बात है कि निवेश से पहले अपनी रिसर्च पक्की रखिए. पैसे-रुपयों के मामले में यह सबसे कॉमन बात है. कहीं भी पैसा लगाने से पहले आपको उस माध्यम की पूरी जानकारी होनी ही चाहिए. लेकिन क्रिप्टोकरेंसी के लिए यह और भी जरूरी है क्योंकि यह मार्केट अभी नया है और ट्रेडिशनल निवेश के माध्यमों या तरीकों से काफी अलग है. इसलिए अलग-अलग क्रिप्टोकरेंसी के बारे में जान लीजिए. ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को समझ लीजिए, जान लीजिए कि क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में कैसे काम होता है.

2. हर इन्फॉर्मेशन को वेरिफाई करें

क्रिप्टोकरेंसी का मार्केट डिसेंट्रलाइज्ड मार्केट है और इसको कोई रेगुलेट भी नहीं करता. यानी कि इसको कोई एक संस्था या व्यक्ति कंट्रोल नहीं करता है, वहीं ट्रेडिशनल करेंसी की तरह कोई सरकार या सरकारी संस्था इसका नियमन भी नहीं देखती. यह पूरी तरह स्वतंत्र है. ऐसे में जवाबदेही आप पर ही आकर रुकती है. इसमें धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े का डर होता है. ऐसे में किसी की बात में न आएं, किसी स्कीम के चक्कर में तो बिल्कुल न पड़े. हर जानकारी किसी विश्वसनीय स्रोत से ही लें और वेरिफाई करें.

3. अपनी रिसर्च पर भरोसा करें

क्रिप्टोकरेंसी मार्केट को लेकर अकसर कहते हैं कि 'इस बारे में कोई कुछ नहीं जानता है.' हालांकि, फिर भी मार्केट में ढेरों मार्केट एनालिटिक्स, ट्रेंड एक्सपर्ट्स और सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर हैं, जो आपको क्रिप्टो मार्केट पर स्ट्रेटजी और टिप्स देते हुए मिलेंगे. लेकिन आपके लिए जरूरी है कि आप हर किसी की बात पर भरोसा न करें, अपनी रिसर्च को देखें और अपने पर्सनल फाइनेंस को देखते हुए स्ट्रेटजी बनाएं.

4. छोटे निवेश से शुरू करें

क्रिप्टो निवेश में शुरुआत करते वक्त ध्यान रखें कि शुरुआती चरण में एक ही क्रिप्टो के साथ स्टिक करें. इधर-उधर पैर फैलाने की कोशिश न करें. क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखा जाता है, ऐसे में यही स्मार्ट होगा कि आप छोटे निवेश से शुरू करें. एक ही क्रिप्टो में निवेश करें और मार्केट की चाल को सीखें. जब थोड़ा कॉन्फिडेंट हो जाएं तब अपना निवेश बढ़ाएं.

5. थोड़ा धैर्य रखें

क्रिप्टोकरेंसी मार्केट की वॉलेटिलिटी यानी अस्थिरता के बारे में जितना चेताया जाए, उतना कम है. ऐसे में यह बिटकॉइन में इन्वेस्ट करने के फायदे जरूरी है कि आप थोड़ा धैर्य रखें. मार्केट की चाल अच्छी है या बुरी, बदल जाएगी. हमेशा ठंडे दिमाग से रणनीति के तहत फैसले लें.

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6. एक नई ईमेल ID रखना बेहतर

क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग, क्रिप्टो एक्सचेंज पर या peer-to-peer नेटवर्क पर होती है. प्लेटफॉर्म्स पर ट्रेडिंग के लिए आपको ईमेल आईडी के जरिए अकाउंट खोलना पड़ता है. डेटा सुरक्षित रखने के लिए जरूरी है कि आप क्रिप्टो का अपना पूरा निवेश और ट्रेडिंग वगैरह एक दूसरे आईडी पर रखें. इसके लिए एक अलग ईमेल आईडी बना लें.

7. क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट्स के बारे में पता होना चाहिए

क्रिप्टोकरेंसी को ऑनलाइन और ऑफलाइन वॉलेट में स्टोर किया जा सकता है. नए निवेशकों के लिए ऑनलाइन वॉलेट बेस्ट होता है, हालांकि, इसमें हैकिंग का डर ज्यादा होता है. ऐसे में दोनों वॉलेट को अच्छी तरह समझ लें और जो फिट लगे, वो चूज़ करें.

8. मोबाइल वॉलेट में अपनी पूरी करेंसी स्टोर न करें

इसमें कोई दोराय नहीं है कि मोबाइल वॉलेट्स बहुत ही सुविधाजनक होते हैं, लेकिन इनका हैक होना भी बहुत आसान होता है. ऐसे में कभी भी अपनी पूरी क्रिप्टोकरेंसी मोबाइल वॉलेट में स्टोर न करें.

9. क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स को मत भूलें

चूंकि क्रिप्टोकरेंसी पर किसी संस्था का नियमन नहीं होता है, ऐसे में इससे होने वाले प्रॉफिट पर आपको भारी टैक्स देना पड़ सकता है. ऐसे में क्रिप्टोकरेंसी निवेश और टैक्स को लेकर देश में क्या नियम हैं, वो सब जानने के बाद ही निवेश शुरू करें.

10. जल्दबाजी न करें

क्रिप्टोकरेंसी मार्केट लुभावना माध्यम है और बहुत से लोग हर दिन इसमें निवेश और ट्रेडिंग के लिए जुड़ रहे हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि आप भी इसमें कूद जाएं. अपने फाइनेंस का आकलन कर लें, नियमों को अच्छे से जान लें. इसके बाद निवेश शुरू करें. और क्रिप्टो को लेकर खबरों पर भी नजर रखें कि कहीं कुछ बदलाव तो नहीं हो रहे.

क्रिप्टो करेंसी को लेकर भारत में क्या योजना बन रही है?

क्रिप्टो करेंसी

भारत सरकार ने संसद में क्रिप्टो करेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ़ ऑफ़िशियल डिजिटल करेंसी बिल पेश करने का फ़ैसला लिया है. इस विधेयक के बारे में जानकारी अब तक सार्वजनिक नहीं है.

यह विधेयक भारत में क्रिप्टो करेंसी के इस्तेमाल को क़ानूनी रूप से नियंत्रित करेगा.

क्रिप्टो करेंसी पर भारत के हर क़दम पर दुनिया की नज़र है. संसद के अगले सत्र में अगर इस विधेयक को पेश किया जाता है तो इस पर निवेशकों की क़रीबी नज़र होगी.

इमेज स्रोत, BEATA ZAWRZEL/NURPHOTO VIA GETTY IMAGES

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण साफ़ कर चुकी हैं कि सरकार की योजना क्रिप्टो करेंसी पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की नहीं है. असल में सरकार क्रिप्टो करेंसी के आधार वाली तकनीक ब्लॉकचेन को रक्षा कवच देना चाहती है.

हालांकि, 25 साल की रुचि पाल की उम्मीदें अभी भी बहुत ऊंची हैं और उन्होंने क्रिप्टो करेंसी में ही व्यापार करने का फ़ैसला किया है.

वो कहती हैं, "मुझे नहीं लगता है कि सरकार इस पर प्रतिबंध लगाएगी. हां वे इसे विनियमित ज़रूर करेगी लेकिन प्रतिबंध नहीं लगाएगी. मैं सोचती हूं कि 2017 में भी ऐसा ही हुआ था जब हर कोई क्रिप्टो करेंसी पर बात कर रहा था और कुछ कार्रवाई हुई थी और फिर सबकुछ समाप्त हो गया था."

भारत सरकार जिस डिजिटल करेंसी पर विचार कर रही है उस पर वो क्या सोचती हैं? इस सवाल पर रुचि कहती हैं, "यह बहुत मुश्किल चीज़ है. इसको शुरुआत में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार नहीं किया जाएगा. हम इसे अंतरराष्ट्रीय लेन-देने के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं. यह अच्छा विचार है लेकिन हमें बिटकॉइन की तरह इसको स्वीकार करने में वक़्त लगेगा. यह हमारी ज़िंदगियों पर ख़ास असर नहीं डालेगा."

भारतीय बड़ी संख्या में क्रिप्टो करेंसी ख़रीद रहे हैं लेकिन इसको लेकर कोई आधिकारिक डाटा नहीं है. वे पर्याप्त लाभ कमाने के मौक़े को छोड़ना नहीं चाहते हैं.

क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने वाले एक व्यक्ति बिना नाम सार्वजनिक किए हुए कहते हैं, "मैं चाहता हूं कि अगर कोई प्रतिबंध लगने वाला है तो मैं उसके होने से पहले अच्छा लाभ कमाऊं. मैं पैसा बनाने का मौक़ा छोड़ना नहीं चाहता हूं."

हिन्दी वार्ता

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Bitcoin क्या है, कैसे काम करता है और कैसे आप इसमें इन्वेस्ट कर सकते हैं. जानिए सबकुछ

महज 52 पैसे से शुरू हुई बिटकॉइन में इन्वेस्ट करने के फायदे एक मुद्रा जिसकी कीमत आज सोने से भी ज्यादा महँगी है, के बारे में आपको जरूर जानना चाहिए. पिछले 3 महीने में इसकी कीमत में ढाई गुने से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है परन्तु आज भी अधिकांश लोग बिटकॉइन से अनजान हैं.
आइये आसान शब्दों में जानते हैं कि आखिर ये है क्या, काम कैसे करती है और कैसे आप इसमें अपना फायदा निकाल सकते हैं.

रोचक तथ्य- साल 2010 में आपने बिटकॉइन में 5000 रूपए लगाये होते तो आज उस पैसे की कीमत 33 करोड़ रूपए से भी अधिक होती.

bitcoin currency

बिटकॉइन एक आभासी मुद्रा है जो आम मुद्रा की तरह नोट या सिक्के के रूप में नहीं मिलती. यह एक डिजिटल करेंसी है जिसको आप इलेक्ट्रॉनिक रूप से रख सकते हैं.

आखिर क्या होता है बिटकॉइन-What is Bitcoin

आपने पेटीएम् (PAYTM) का प्रयोग किया है? बिटकॉइन कमोबेश इसी तरह काम करता है. एक इलेक्ट्रॉनिक अकाउंट में आपका पैसा बिटकॉइन के रूप में रहता है जिससे आप जो चाहे खरीद सकते हैं. बस फर्क ये है कि बिटकॉइन एक मुद्रा है जिसका नियंत्रण कोई एक कंपनी या कोई सरकार नहीं करती. दुनिया के हर शख्स के पास इसका नियंत्रण है.

इसका उपयोग करने के आपको इंटरनेट पर एक डिजिटल वॉलेट बनाना होता है, ये वॉलेट आप अपने मोबाइल या कंप्यूटर से बना सकते हैं. वॉलेट बनने के बाद आपको एक अनूठा क्रिप्टोग्राफ़िक कोड मिलता है जो आपके अकाउंट नंबर की बिटकॉइन में इन्वेस्ट करने के फायदे तरह काम करता है. इस वॉलेट के माध्यम से आप लेनदेन कर सकते हैं.

बिटकॉइन से सम्बंधित हर लेनदेन का हिसाब एक पब्लिक लेजर पर होता है जिसे हर कोई देख सकता है.

इंटरनेट पर कई कंपनियां है जो बिटकॉइन वॉलेट की सुविधा प्रदान करती हैं. इनका प्रयोग कर आप चाहें तो नए बिटकॉइन खरीद भी सकते हैं या किसी वस्तु के बदले में अपने बिटकॉइन वॉलेट से बिटकॉइन में पेमेंट भी कर सकते हैं.

कैसे बनते हैं नए Bitcoins- Mining & Miners

Bitcoin का उत्पादन माइनिंग के द्वारा किया जाता है और इसका उत्पादन करने वालों को माइनर्स कहते हैं. माइनर्स का काम बिटकॉइन के हर एक लेनदेन की पुष्टि करना है.

ये माइनर्स अपने विशेष प्रकार के हार्डवेयर का प्रयोग कर कंप्यूटर प्रोसेसिंग प्रणाली द्वारा विभिन्न प्रकार के लेनदेन को प्रोसेस करते हैं जिसके फलस्वरूप नए बिटकॉइन बनते हैं और इन माइनर्स को मिलते हैं.

माइनिंग एक स्वतंत्र प्रक्रिया है, कोई भी व्यक्ति माइनिंग कर के बिटकॉइन प्राप्त कर सकता है. हालाँकि इसके लिए अत्याधुनिक तथा शक्तिशाली प्रोसेसिंग वाले मशीनों की आवशयकता होती है.

bitcoin mining

कुछ ऐसे होती है बिटकॉइन की माइनिंग

रुपया या डॉलर की तरह बिटकॉइन की छपाई या निर्माण हमेशा नहीं होगा. बिटकॉइन पालिसी के अनुसार पूरी दुनिया में कुल मिलाकर 2 करोड़ 10 लाख (21 million ) बिटकॉइन से ज्यादा बिटकॉइन नहीं निकाले जाएंगे. इसके बाद इसका उत्पादन बंद हो जाएगा.

1 BTC = कितने रूपए, Exchange Rate of Bitcoin

अपने निर्माण के बाद से बिटकॉइन का मूल्य लगातार बढ़ता जा रहा है. आइये देखते हैं कि एक बिटकॉइन की कीमत किस तरह से बदली.

  • मार्च 2010 में एक यूजर Smoketoomuch ने Bitcoins की नीलामी करने की सोची और और 10000 BitCoins के बदले $50(INR 3000) की मांग की. उसे एक भी खरीददार नहीं मिला. आज उतने Bitcoins की कीमत 145 करोड़ है.
  • मई 2010 में Laszlo Hanekz नाम के इस शख्स ने BitCoin से पहला सौदा किया जिसमें उन्होंने 10,000 Bitcoins के बदले एक बिटकॉइन में इन्वेस्ट करने के फायदे पिज़्ज़ा खरीदा.
  • तब 1 बिटकॉइन की कीमत सिर्फ 52 पैसे थी और उसके 4 दिन बाद ही इसकी कीमत में 10 गुना उछाल आया और अब एक बिटकॉइन की कीमत हो गयी 5 रूपए

उसके बाद बिटकॉइन ने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा और देखते ही देखते इस क्रिप्टो करेंसी की कीमत आसमान छूने लगी. जनवरी 2017 में बिटकॉइन ने 1000 डॉलर का आंकड़ा छुआ पर उसके बाद जबरदस्त उछाल देखने को मिला और मई 2017 तक बिटकॉइन की वैल्यू 2700 डॉलर पार कर गयी.

कभी 52 पैसे की कीमत वाले बिटकॉइन की कीमत आज 1,45,000 रूपए है और ये लगातार बढ़ रही है

यहाँ एक बात रोचक है कि Bitcoin (बड़े अक्षरों में लिखा B) विश्व बाज़ार को दर्शाता है वहीँ bitcoin (छोटे अक्षरों में लिखा B) असल या वास्तविक मुद्रा को प्रदर्शित करता है.

बिटकॉइन में निवेश-How to invest in Bitcoin

bitcoin investment

जितनी तेज़ी से बिटकॉइन की वैल्यू बढ़ी है उससे निवेशकों का काफी ध्यान आकर्षित हुआ है. सिर्फ 7 सालों ने इस मुद्रा की कीमत में जबरदस्त उछाल आया है जिसकी वजह से लोग बिटकॉइन में जम कर पैसा लगा रहे हैं. कम दाम पर बिटकॉइन खरीदना और बाद में जब इसका मूल्य बढ़ जाए तब इसे बेच कर लोग मुनाफा कमा रहे हैं.

भारत में भी कई बिटकॉइन इन्वेस्टमेंट कम्पनीज के माध्यम से आप बिटकॉइन खरीद कर इसमें इन्वेस्ट कर सकते हैं. कुछ प्रमुख कंपनियों के नाम हैं – ZebPay या Unicoin

बिटकॉइन पर इन्वेस्टमेंट के बारे में और अधिक जाने के लिए हमारी अगली पोस्ट का इंतज़ार करें

क्या हैं बिटकॉइन प्रयोग करने के फायदे

आखिर क्यों पूरी दुनिया बिटकॉइन के पीछे दीवानी हो रही है. ऐसा क्या है बिटकॉइन में जिससे इसके प्रयोगकर्ताओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.
दरअसल बिटकॉइन ने मुद्रा या लेन देन के सिस्टम को पूरी तरह बदल कर रख दिया है. इसके अनेकों कारण है पर कुछ प्रमुख कारण हम यहां आपको बताने की कोशिश करेंगे.

रघुराम राजन का बिटकॉइन पर ध्रुवीकरण वाला रुख

बिटकॉइन पर रघुराम राजन - स्मार्ट मनी

यह बढ़ रहा है और लोग इस बेशुमार बढ़त के दौर में कुछ फायदा उठाने के लिए क्रिप्टोकरेंसी की ओर भाग रहे हैं और इस बढ़त का इस बार कोई अंत नजर नहीं आ रहा है। पिछले साल बिटकॉइन गिरकर 10,000 डॉलर पर आ गया और दिसम्बर 2020 में यह 40,000 डॉलर पर पहुँच गया। इस प्रक्रिया में कई खुदरा निवेशक भी इस ब्लॉकचेन दुनिया में अन्य ऑल्टकॉइन के साथ पैसे बनाने आ गये। हालांकि भारत के मशहूर अर्थशास्त्री रघुराम राजन जिन्होंने 2008 के वित्तीय संकट की ठीक-ठीक भविष्यवाणी की थी, वह न बिटकॉइन से प्रभावित हैं और न ही बिटकॉइन में इस बढ़त को वृद्धि की रूपरेखा मानते हैं। सो इस शीर्ष अर्थशास्त्री की बिटकॉइन पर क्या राय है?

इससे पहले बिटकॉइन अर्थव्यवस्था और क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में इसकी भूमिका पर एक निगाह डालते हैं। बिटकॉइन या अन्य कोई भी अन्य क्रिप्टोकरेंसी मुख्य रूप से मूल्य के लेन-देन का डिजिटल माध्यम है। दरअसल यदि आपके पास एक बिटकॉइन है तो आपके पास कोई वस्तु नहीं है, या ऐसी चीज़ नहीं है जो वास्तविक दुनिया की किसी चीज़ का प्रतिनिधित्व करती हो। हालांकि, आप अपने बिटकॉइन को किसी और को बेच सकते हैं और इसके बदले में डॉलर या रुपये वसूल सकते हैं। यहीं पर बिटकॉइन के साथ परेशानी खड़ी होती है।

बिटकॉइन अभी आपको कितने डॉलर देगा, और साल भर बाद कितना इसमें काफी फर्क हो सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि अपेक्षाकृत स्थिर वास्तविक दुनिया की मुद्राओं के मुकाबले बिटकॉइन की कीमत बहुत उतार-चढ़ाव होता है। और इससे हमारा मतलब है, बेहद उतार-चढ़ाव। इतना अधिक कि कुछ लोग जिन्होंने 2009 में पांच सौ रुपये में दस बिटकॉइन खरीदे थे और 2017 तक या पिछले साल तक रखा हुआ था, वे अब तक करोड़पति हो गए होंगे। और ऐसे लोग हैं - सबसे उल्लेखनीय है विंकलवॉस ट्विन्स, जिन्हें इंटरनेट पर बिटकॉइन अरबपतियों के रूप में जाना जाता है। तो बिटकॉइन इतना महंगा क्यों हो गया, और रघुराम राजन इससे नाखुश क्यों हैं?

जब बिटकॉइन चलन में आये थे तो वे निश्चित संख्या में ही बनाए गए थे। हमेशा केवल कुछ मिलियन बिटकॉइन ही होंगे, और आखिरी बिटकॉइन 2140 के आसपास बनेगा। हाँ, बिटकॉइन का खनन होता है - सोने की तरह, और यही वजह है कि कुछ अर्थशास्त्रियों ने बिटकॉइन को सोने के बराबर रखा है। दरअसल, कुछ का मानना है कि बिटकॉइन 21 वीं सदी में सोने के बराबर है - फर्क सिर्फ इतना है कि आप इससे कहीं से भी जुड़ सकते हैं और जब चाहे इसकी कीमत भुना सकते हैं। बिटकॉइन खनन समय के साथ और अधिक महंगा होता जा रहा है - क्योंकि कुछ बिटकॉइन के खनन के लिए, आपको बेहद मुश्किल गणितीय समस्याओं को हल करना होगा, जिसमें भारी मात्रा में कंप्यूटिंग शक्ति की ज़रुरत होती है। बिटकॉइन खनन कम्प्यूटेशन और बिजली के लिहाज़ से इतना महंगा होता है, कि बिटकॉइन खनन से दुनिया भर में कार्बन फुटप्रिंट में काफी बढ़ोतरी होती है।

पिछले साल, सिटीबैंक के एक विश्लेषक ने भविष्यवाणी की थी कि 2021 में बिटकॉइन एक लाख डॉलर के स्तर को पार कर जाएगा, और क्रिप्टोकरेंसी में रूचि रखने वाले कई अन्य लोगों ने बहुत बड़ी संख्या का पूर्वानुमान लगाया है। लेकिन रघुराम राजन का मानना है कि बिटकॉइन में मौजूदा उछाल बुलबुले का सटीक उदाहरण है। उनके अनुसार, टेस्ला इंक, जो एस एंड पी 500 पर कारोबार करती है, की कीमत भी उसके वास्तविक मूल्य बिटकॉइन में इन्वेस्ट करने के फायदे से बहुत अधिक है, जबकि टोयोटा और फोर्ड जैसी प्रतिद्वंद्वी कंपनियाँ टेस्ला के मुकाबले अपने वास्तविक आर्थिक उत्पादन से बहुत नीचे कारोबार कर रही हैं। इसलिए यदि बिटकॉइन में तेज़ी बुलबुला है, तो इसका मूल्य कहां से आता है?

इस साल की शुरुआत में, ईलॉन मस्क की वाहन कंपनी टेस्ला ने घोषणा की कि उसके पास 1.5 बिलियन डॉलर मूल्य के बिटकॉइन हैं - जिसके बाद, बिटकॉइन ने अपना रिकॉर्ड तोड़ दिया और 47,000 डॉलर पर कारोबार करने लगा। टेस्ला ने अपनी कारों के बदले में क्रिप्टोक्यूरेंसी भुगतान स्वीकार करने के इरादे से बिटकॉइन खरीदे - इसलिए यदि आपके पास बिटकॉइन हों आप आराम से उनसे टेस्ला कार खरीद सकते हैं। यहीं से चीजें दिलचस्प होने लगती हैं। रघुराम राजन के अनुसार, बिटकॉइन तकलीफदेह है क्योंकि इसके ज़रिये भुगतान स्वीकार करना किसी और के द्वारा अदा की जाने वाली वास्तविक धन राशि और दूसरी पार्टी द्वारा प्राप्त की गई राशि के बीच काफी असमानता पैदा कर सकता है। कल्पना कीजिये, अगर आप भारतीय रुपए में मोटरसाइकिल खरीद रहे हैं, और अचानक डीलरशिप ने आपको बताता है कि अब आपके वाहन की कीमत कल बताई गई कीमत से दोगुनी होगी क्योंकि अब, रुपए की खरीद शक्ति कल के मुकाबले आधी रह गई है। अच्छा नहीं लगता।

तो बिटकॉइन की कीमत में बेतहाशा उतार-चढ़ाव होता रहता है - अब क्या? और क्यों कुछ लोग अब भी इसके पीछे पागल हो रहे हैं? मूल रूप से, किसी को ऐसी मुद्रा में भुगतान करना जिसका वह उपयोग नहीं करता है, यह महंगा सौदा हो सकता है। आप इसे पेपाल के ज़रिये आसानी से कर सकते हैं, कंपनियां और देश हर साल सीमा पार भुगतान के लिए लेनदेन शुल्क के तौर पर अरबों डॉलर खर्च करते हैं। बिटकॉइन इन भुगतानों को सरल बनाने का पहला तरीका था। इतना आसान कि जैसे यूपीआई के ज़रिये 10 रुपये की चाय का भुगतान करना। यही कारण है कि कुछ विश्लेषकों को बिटकॉइन में मूल्य दीखता है।

वहीं अन्य विश्लेषक आम तौर पर ब्लॉकचैन के आइडिया पर दांव लगा रहे हैं। मूल रूप से, भुगतान मूल्य विनिमय का जरिया है, और इस मूल्य के विनिमय में स्थिरता बनाए रखने के लिए विश्वास की ज़रुरत होती है। कैसे? इसलिए जब आप अपने चायवाले को दस रुपये का भुगतान करते हैं, तो भारत सरकार यह सुनिश्चित करती है कि उन दस रुपये का मूल्य कुछ होगा - दूसरे शब्दों में, यह दोनों पक्षों के बीच विश्वास के माध्यम का काम करता है। बिटकॉइन में, और ब्लॉकचैन में, विशवास की यह अवधारणा एक खुले बहीखाता से तैयार की जाती है - जहां लेनदेन उन हजारों लोगों द्वारा सत्यापित किए जाते हैं जो बिटकॉइन का उपयोग कर रहे हैं। नतीजतन, यह खुला स्रोत है, और ब्लॉकचेन के साथ विश्वास कायम करना आसान है।

कोई फर्क नहीं पड़ता कि बिटकॉइन का वास्तविक मूल्य कहाँ स्थित है, मांग और आपूर्ति का अर्थशास्त्र लगातार इसके मूल्य को दहाई प्रतिशत में ऊपर और नीचे ले जाता है। रघुराम राजन को लगता है कि यह बिटकॉइन के लिए एक और बुलबुला है, और इसलिए इलॉन मस्क जैसे बिटकॉइन, ब्लॉकचेन और प्रोद्योगिकी के दीवानों के बारे में उनकी राय बिल्कुल उलट है। यह लेख जब लिखा जा रहा था तब बिटकॉइन में एक दिन में 57,000 डॉलर के उच्चतम स्तर छूने के बाद 14 प्रतिशत की गिरावट दर्ज़ हुई। क्या आपको लगता है कि यह एक और बुलबुला जो फूटने की प्रतीक्षा में है?

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