फॉरेक्स मार्केट क्या है

सात फीसदी की तेजी के साथ सर्वाधिक लाभ में मारुति
स्क्रैच से फॉरेक्स ब्रोकर कैसे बनाएं?
फ़ोरेक्ष और क्रिप्टोकरेंसी बाजार लाभ कमाने के कई अवसर पेश करते हैं। कई उद्यमी और स्टार्ट-अप तेजी से तरीकों की तलाश में हैं कि बिटकॉइन ब्रोकरेज कैसे शुरू करें या फ़ोरेक्ष ब्रोकर कैसे बनाएं। जबकि कोई भी फ़ोरेक्ष ब्रोकर व्यवसाय बना सकता है, इसके लिए धन, समय और प्रयास की आवश्यकता होती है। अपने व्यवसाय को शामिल करने के अलावा, आपको उस देश की कानूनी आवश्यकताओं से परिचित होना चाहिए जहां आप काम करेंगे।
ब्रोकरेज फर्म शुरू करने की प्रक्रिया को नेविगेट करने में आपकी मदद करने के लिए, हमने नीचे दिए गए चरणों की रूपरेखा तैयार की है।
फ़ोरेक्ष ब्रोकर कैसे बनें?
पर्याप्त स्टार्ट अप पूंजी होने के अलावा, फ़ोरेक्ष ब्रोकर बनाने के लिए आपको कई अन्य घटकों की आवश्यकता होती है। पहला है बाजार पर शोध करना और आपके द्वारा दी जाने वाली सेवाओं के दायरे का निर्धारण करना। क्या आपका प्लेटफॉर्म केवल फिएट ट्रेडिंग का समर्थन करने वाला है या क्या आप क्रिप्टोकरेंसी को भी शामिल करने की योजना बना रहे हैं? यह एक नया और गतिशील बाजार है जो कई व्यापारियों को अपनी अस्थिरता के कारण आकर्षित करता है। मार्जिन ट्रेडिंग के बारे में क्या?
आपके द्वारा चुने गए उत्पादों का दायरा आपकी ब्रोकरेज फर्म के पंजीकरण के स्थान के लिए एक निर्णायक कारक होगा। कुछ क्षेत्राधिकार ब्रोकरेज के प्रति अधिक उदार हैं। चूंकि अलग-अलग देशों में लाइसेंसिंग आवश्यकताएं अलग-अलग हैं, इसलिए आमतौर पर अपतटीय क्षेत्रों और क्रिप्टो-फॉरवर्ड देशों जैसे एस्टोनिया, साइप्रस और ब्रिटिश वर्जिन द्वीप समूह की ओर देखने की सिफारिश की जाती है।
फ़ोरेक्ष ब्रोकर क्यों बनें?
फ़ोरेक्ष ब्रोकरेज शुरू करने से निष्क्रिय आय अर्जित करने के लिए एक नया स्थान खुल सकता है। फ़ोरेक्ष और क्रिप्टो फॉरेक्स मार्केट क्या है बाजार लाभ के लिए बड़ी संभावनाओं के साथ बहुत प्रतिस्पर्धी और गतिशील हैं।
यदि आप ब्रोकरेज फर्म शुरू करने का कोई तरीका ढूंढ रहे हैं, तो एक व्हाइट लेबल पार्टनर एक बेहतर विकल्प हो सकता है जब आप अभी शुरुआत कर रहे हों। एक नई ब्रोकरेज के लिए, इसका मतलब है कम परिचालन खर्च, कानूनी आवश्यकताओं में ढील और एक तेज सेट अप प्रक्रिया। पहले महीनों में, जब आप अभी भी एक ग्राहक आधार बनाने की कोशिश कर रहे हैं, तो व्हाइट लेबल पार्टनर सभी व्यापारिक कार्यों को संभालेगा। एक बार जब आप अपना ब्रांड और ग्राहक आधार स्थापित कर लेते हैं, तो आप संचालन और लाभ पर पूर्ण नियंत्रण लेने के बारे में सोचना शुरू कर सकते हैं। एक ब्रांड और ग्राहक आधार स्थापित करने के बाद, आपके ब्रोकरेज के लिए अतिरिक्त वित्तपोषण प्राप्त करना बहुत आसान है।
फॉरेक्स मार्केट क्या है
एथेरियम मर्ज (Ethereum Merge) क्या है? क्रिप्टो व्यापारियों को एथेरियम मर्ज (Ethereum Merge) के बारे में क्यों पता होना चाहिए?
जिस ट्रेडिंग कंपनी के जरिए शेयर बाजार में पैसा लगा रहे, वही बंद हो गई तो क्या होगा? जानिए आपका पैसा डूबेगा या बचा रहेगा
TV9 Bharatvarsh | Edited By: आशुतोष वर्मा
Updated on: Jul 22, 2021 | 10:32 AM
अब आम आदमी भी शेयर फॉरेक्स मार्केट क्या है बाजार में निवेश कर ज्यादा रिटर्न पाने में रुचि दिखा रहा है. यही कारण है कि बीते एक साल में रिकॉर्ड संख्या में डीमैट अकाउंट खोले गए हैं. पिछले महीने तक के आंकड़ों के अनुसार देशभर में करीब 6.9 करोड़ डीमैट अकांउट्स हैं. हालांकि, दूसरे देशों के मुकाबले आबादी के लिहाज से यह अनुपात अभी भी बहुत कम है. भारतीय शेयर बाजार में सबसे ज्यादा पैसा महाराष्ट्र, गुजरात और उत्तर प्रदेश के लोग लगाते हैं. लक्षद्वीप, अंडमान एवं निकोबार से लेकर मिज़ोरम तक के लोग शेयर बाजार से अच्छी कमाई कर रहे हैं.
ब्रोकरेज कंपनी बंद होने पर आपके निवेश का क्या होगा?
आप यह जानकार राहत की सांस ले सकते हैं कि स्टॉक ब्रोकिंग कंपनी के डिफॉल्ट करने या बंद होने के बाद भी आपकी पूंजी या फंड पूरी तरह से सुरक्षित रहेगा. ऐसा नहीं होगा कि स्टॉक ब्रोकर आपकी पूंजी लेकर भाग जाए. उदाहरण के तौर पर देखें तो जब हर्षद मेहता स्कैम सामने आया था, तब उनकी ब्रोकिंग कंपनी ग्रो मोर रिसर्च एंड एसेट मैनेजमेंट को सेबी ने बैन कर दिया था. लेकिन इस कंपनी के जरिए शेयर बाजार में पैसा लगाने वाले लोगों को कोई नुकसान नहीं हुआ.
आपको सबसे पहले यह समझने की जरूरत कि ये स्टॉक ब्रोकिंग कंपनियां महज एक बिचौलिए के तौर पर काम करती हैं. आपके फंड पर इनकी पहुंच सीधे तौर पर नहीं होती है ताकि वे आपकी पूंजी पर अपना हम जमा सकें. लेकिन इनके पास पड़ी अपनी फंड या पूंजी को इस्तेमाल करने के लिए आप इन्हें निर्देश दे सकते हैं.
स्टॉक्स और शेयरों का क्या होगा?
आपका फंड डीमैट अकाउंट में जमा होता है. ये डीमैट अकाउंट डिपॉजिटरीज के पास खुलात है. सेबी ने दो डिपॉजिटरीज – नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरीज लिमिटेड (NSDL) और सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (इंडिया) लिमिटेड (CDSL) को मंजूरी दी है. भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के प्रति सेबी की जवाबदेही होती है.
किसी भी समय पर एक निवेशक का स्टॉक या शेयर ब्रोकरेज फर्म्स के पास नहीं होता है. वे बस एक प्लेटफॉर्म के तौर पर काम करते हैं. इनका काम बस आपके निर्देश के हिसाब से आपकी जगह ट्रेड करना है. बदले में ये आपसे फीस वसूलते हैं.
इसी प्रकार आपका म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) के पास होता है. ऐसे में अगर ब्रोकरेज फॉरेक्स मार्केट क्या है फर्म बंद भी हो जाता है तो आपका म्यूचुअल फंड सुरक्षित रहेगा.
गणतंत्र दिवस के मौके पर शेयर बाजार बंद, लगातार 5 दिन गिरावट के बाद लगा था ब्रेक
सप्ताह के तीसरे दिन यानी बुधवार को गणतंत्र दिवस की वजह से भारतीय शेयर बाजार बंद हैं। इसके अलावा दिन के दौरान कमोडिटी, फॉरेक्स मार्केट में भी कारोबार नहीं होगा। अब गुरुवार को यानी वीकली एक्सपायरी पर शेयर बाजार खुलेंगे। बता दें शेयर बाजारों में पिछले पांच कारोबारी सत्रों से जारी गिरावट पर मंगलवार को विराम लगा और बीएसई सेंसेक्स 367 अंक उछलकर बंद हुआ। यूरोपीय शेयर बाजारों में मजबूत रुख के बीच मारुति, एक्सिस बैंक और भारतीय स्टेट बैंक में तेजी के साथ बाजार लाभ में रहा।
डॉलर के मुकाबले रुपया एक माह के निचले स्तर पर
What is Forex Trading -
फॉरेक्स ट्रेडिंग में forex का मतलब फॉरेन और ट्रेडिंग का मतलब व्यापार होता है.
यदि हम सरल भाषा में बात करें तो फॉरेक्स ट्रेडिंग का मतलब है एक दूसरी देश की मुद्राओं में व्यापार करना होता है
अर्थात एक दूसरे या विभिन्न देश की मुद्राओं पर बढ़ने या घटने पर व्यापार होता है यदि कोई व्यक्ति किसी दूसरे देश की मुद्राओं में व्यापार करना चाहता है तो उसे सबसे पहले वहां की मुद्रा का Knowledge होना जरूरी है जैसे कि यदि हम घूमने या व्यापार करने के लिए अमेरिका जाते हैं तो वहां का डॉलर हमारे पास होना बहुत ही जरूरी होता है वैसे ही फॉरेक्स मार्केट में होता है
Example
यदि हम यूएसए अमेरिका में पढ़ना चाहते हैं तो यदि वहां हम जाते हैं सबसे पहले मुझे यह पता होना चाहिए कि वहां कौन सी करेंसी चलती है जैसे कि आपको पता होना चाहिए अमेरिका में डॉलर चलता है तो इंडिया से हम अमेरिका जाते हैं तो हमारे पास रुपया होता है न कि डॉलर तो उसे सबसे पहले एक्सचेंज कराना जरूरी होता है क्योंकि इंडियन करेंसी वहां किसी जगह Accept नहीं जाति तो जैसे यदि हम बात करें इंडिया की तो इंडिया का ₹75 के बराबर अमेरिका का 200 होता है जो किया अगस्त 2020 का है
फॉरेक्स ट्रेडिंग में कैसे काम होता है?( How works forex trading )
फॉरेक्स ट्रेडिंग इंडियन इक्विटी मार्केट की तरह काम करता है फर्क बस इतना है कि यदि हम शेयर बाजार में ट्रेड करते हैं तो वहां स्टॉक के शेयर प्राइस पर निर्भर करता है लेकिन यदि हम फॉरेक्स ट्रेड करते हैं तो यहां पर उस देश की करेंसी पर निर्भर करता है
उदाहरण
उदाहरण के तौर पर मान लीजिए कि अभिषेक फॉरेक्स ट्रेडिंग करता है और उसके जानकारी के मुताबिक उसे पता चलता है कि आज डॉलर की compare में ₹75 चल रहा है और यह 4 महीने बाद ₹80 तक जा सकता है तो अभिषेक ने तुरंत $1000 से Trade लगा लेता है और जैसे ही ट्रेड 80 आ जाता है तो वह अपनी पोजीशन मार्केट से निकाल लेता है यहां पर उसे ₹5000 का प्रॉफिट मिलता है
यदि हम बात करें भारत में फॉरेक्स ट्रेडिंग के बारे में तो यहां के लोग फॉरेक्स मार्केट क्या है बहुत ही कम इन्वेस्टमेंट करते हैं क्योंकि उनको इस विषय में पूरी तरह जानकारी नहीं होती है कुछ लोगों को यह भी लगता है कि यहां इंडिया में फॉरेक्स ट्रेडिंग करना अवैध गैर-कानूनी है लेकिन जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि यदि आप ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको SEBI REGISTER BROKING कंपनी से अपना खाता खुलवाना होगा तो उसके बाद आप आसानी से ट्रेड कर सकते हैं भारत में बहुत सी सेबी रजिस्टर्ड बुकिंग कंपनियां है जहां आप अपना खाता ओपन करवाकर ट्रेडिंग कर सकते हैं
फॉरेक्स ट्रेडिंग के कुछ टिप्स -
जैसे कि हमने ऊपर पढ़ा है कि फॉरेक्स ट्रेडिंग बिल्कुल स्टॉक ट्रेडिंग की तरह ही होती है फर्क बस इतना होता है कि शेयर बाजार में प्रॉफिट या लॉस shares के प्राइस पर निर्भर करता है वहीं पर फॉरेक्स ट्रेडिंग में उस करंसी के एक्सचेंज पर निर्भर करता है जैसे कि आपको पता होगा कि शेयर बाजार में कभी आपको प्रॉफिट होता है तो कभी नुकसान भी होता है ठीक उसी प्रकार यहां भी होता है कभी आपको प्रॉफिट तो कभी लोग भी हो सकता है। यहां हम आपको कुछ सफल फॉरेक्स ट्रेडिंग के बारे में बताने जा रहे हैं जिससे आप फॉलो करके कुछ अच्छा रिटर्न कमा सकते हैं
- Forex trading करने से पहले आपको इसके विषय में जानकारी होना बहुत ही जरूरी होता है
- फॉरेक्स मार्केट सप्ताह में 5 दिन 24 घंटे तक खुला रहता है भारत में यहां 5:00 बजे तक बंद हो जाता है इसलिए यहां आपको इंटरडे ग्रेड से थोड़ा बचना चाहिए
- किसी भी प्रकार की स्कीम से बचना चाहिए और अपना अकाउंट सेबी रजिस्टर्ड बुकिंग कंपनी से ही ओपन कर आना चाहिए
- प्रतीक ट्रेडिंग में आपको स्टॉपलॉस लगाना बहुत ही जरूरी होता है क्योंकि यहां आपको बड़े लॉस से बचाता है
- और जिस दिन आप ट्रेड लगाते हैं उस समय से उस मार्केट का फॉलो करना चाहिए
- अपनी आवश्यकता अनुसार ट्रेडिंग कभी भी नहीं करनी चाहिए क्योंकि इसमें लॉस होने का chance भी अधिक होता है जब भी मार्केट अच्छा movementom होता है उस समय आपको ट्रेड करना चाहिए