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बिटकॉइन की कीमत की गणना कैसे की जाती है

बिटकॉइन की कीमत की गणना कैसे की जाती है
बिटकॉइन वॉलेट 1 सीक्रेट key रखता है जिसे Private Key या seed कहते हैं जो लेन-देन पर हस्ताक्षर करने के लिए इस्तेमाल में लाए जाते हैं। हर लेनदेन बिटकॉइन वॉलेट्स के बीच मूल्यों का हस्तांतरण है जो ब्लॉक चैन में शामिल हो जाता है।

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फ्यूचर्स अनुबंध के लिए लाभ और हानि की गणना कैसे करें

लाभ और हानि की गणना अनुबंध के संपार्श्‍विक (कोलैटरल) पर आधारित होती है। उदाहरण के लिए, USDT-मार्जिन्ड अनुबंध को USDT में डिनोमिनेट किया जाएगा। जबकि, BTC कॉइन-मार्जिन अनुबंधों को BTC में डिनोमिनेट किया जाएगा।

ध्यान दें कि अप्राप्त लाभ और हानि की गणना अंकित मूल्य के आधार पर की जाती है, जबकि वास्तविक लाभ और हानि की गणना अंतिम मूल्य के आधार पर की जाती है।

कॉइन-मार्जिन अनुबंध (BTCUSD) के लिए लाभ और हानि की गणना

एक BTC कॉइन-मार्जिन अनुबंध बिटकॉइन में डिनोमिनेट किया हुआ, संपार्श्विक किया हुआ और बसा हुआ है, जिसका अर्थ है कि बिटकॉइन को आधार मुद्रा के रूप में उपयोग किया जाता है। प्रत्येक BTC कॉइन-मार्जिन अनुबंध 100 USD का प्रतिनिधित्व करता है और जैसे, USD काउंटर मुद्रा है। चूंकि प्रत्येक अनुबंध USD की एक निश्चित मात्रा का प्रतिनिधित्व करता है, इसका मतलब है कि बिटकॉइन का उपयोग प्रारंभिक मार्जिन को निधि देने या लाभ और हानि की गणना करने के लिए किया जाता है।

मान लें कि आपने 100 बिटकॉइन-मार्जिन सतत अनुबंध(100 x 100 USD = $10,000) $50,000 प्रत्येक पर खरीदे हैं। ऐसा कर आप अनिवार्य रूप से 10,000 USD बेच रहे/रही हैं और बिटकॉइन के बराबर मूल्य (10,000/50,000 = 0.2 BTC) खरीद रहे/रही हैं।

मान लीजिए कि बिटकॉइन की कीमत बढ़कर $ 55,000 हो गई, और आप व्यापार से लाभ सुरक्षित करना चाहते/चाहती हैं। पोजीशन को बंद करने के लिए, आप 10,000 USD मूल्य के अनुबंध वापस खरीदते/खरीदती हैं और साथ ही साथ बिटकॉइन (10,000/55,000 = 0.1818 BTC) के बराबर बेचते/बेचती हैं।

Bitcoin विभाजन क्या है?

Bitcoin नेटवर्क हर दस मिनट में नए बिटकॉइन बनाता है। अस्तित्व में आने के पहले चार वर्षों तक हर 10 मिनट में जारी किए गए नए बिटकॉइन की संख्या 50 थी। यह संख्या हर चार साल में आधी हो जाती है। जब धन को आधा कर दिया जाता है, तो इसे “हाल्विंग” या “हल्वेनिंग” के तौर पर जाना जाता है।

2012 में हर 10 मिनट में जारी किए गए नए बिटकॉइन की संख्या 50 से गिरकर 2013 में 25 हो गई। यह 2016 में 25 से गिरकर 12.5 हो गई। इसके सबसे हाल में 11 मई 2020 को हुई हाल्विंग में रिवॉर्ड को 2016 में 12.5 से घटाकर 6.25 प्रति ब्लॉक कर दिया गया था।

2024 की हाल्विंग के बाद रिवॉर्ड को 6.25 BTC से घटाकर 3.125 BTC कर दिया जाएगा।

अगले BTC विभाजन में क्या हो सकता है?

अधिकांश निवेशकों का मानना है कि Bitcoin का मूल्य अभी और 2024 में इसके चौथे विभाजन के बीच तेजी बिटकॉइन की कीमत की गणना कैसे की जाती है से बढ़ेगा। यह इसके ऐतिहासिक प्रदर्शन और पहले 3 विभाजन के परिणामों पर आधारित है। इन दोनों ही मौकों पर Bitcoin की कीमत ने आसमान छूआ है।

2012 में शुरुआती विभाजन के एक साल के भीतर, बिटकॉइन की कीमत $12 से बढ़कर 200,150 से अधिक हो गई थी। 2016 में, दूसरे विभाजन में बिटकॉइन की कीमत $20,000 से अधिक हो गई और फिर गिरकर $3,200 हो गई। और 2020 में, बिटकॉइन की कीमत $8,787 से बढ़कर $54,276 हो गई, जो लगभग 517% की वृद्धि दर्शाती है।

यह ध्यान में रखते हुए कि हर 10 मिनट में नए Bitcoin की माइनिंग होती है, अगले विभाजन की संभावना 2024 बिटकॉइन की कीमत की गणना कैसे की जाती है की शुरुआत में होने की है, एक माइनर का भुगतान 3.125 BTC तक कम हो जाएगा। बिटकॉइन के निवेशकों और व्यापारियों को इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि हाल्विंग-अक्सर कॉइन/टोकन के लिए महत्वपूर्ण अस्थिरता और अशांति का परिणाम होता है।

Bitcoin की कीमतों पर विभाजन का प्रभाव

Bitcoin की कीमत 2009 में अपनी शुरुआत से अप्रैल 2021 तक धीरे-धीरे काफी बढ़ गई, जब इसका ट्रेड सेंट या डॉलर में होता था, जब एक बिटकॉइन की कीमत $ 63,000 से अधिक थी। इसमें जबरदस्त वृद्धि हुई है।
क्योंकि ब्लॉक रिवॉर्ड को आधा करने से माइनर (या बिटकॉइन उत्पादकों) की लागत प्रभावी रूप से दोगुनी हो जाती है, इसलिए मूल्य निर्धारण पर भी इसका लाभकारी प्रभाव होना आवश्यक है, क्योंकि माइनरों को व्यय होता है, और इसे कवर करने के लिए; वे अपने विक्रय मूल्य में वृद्धि करते हैं।
एम्पिरिकल रिसर्च के अनुसार, वास्तविक तौर पर होने से कई महीने पहले, बिटकॉइन की कीमतें विभाजन की संभावना में ऊपर चढ़ जाती हैं।

बिटकॉइन विभाजन आमतौर पर क्रिप्टोकरेंसी के नेटवर्क में मूल्य मुद्रास्फीति का कारण बनता है और उस गति को कम कर देता है जिस पर नए बिटकॉइन प्रसार में आधे से जारी होते हैं। रिवॉर्ड स्कीम 2140 तक चलने का इरादा है, जब बिटकॉइन को 21 मिलियन की निर्दिष्ट सीमा हासिल हो जाती है। उसके बाद, माइनरों को शुल्क के साथ ट्रांजैक्शन को संसाधित करने के लिए मुआवजा दिया जाएगा। जबकि कीमत में उतार-चढ़ाव की उम्मीद है, कुछ व्यक्तिगत माइनर और छोटी कंपनियां भी माइनिंग परिवेश से बाहर हो सकती हैं या बड़ी संस्थाओं द्वारा कब्जा किया जा सकता है, जिसके परिणामस्वरूप माइनरों के लिए रैंकिंग की एकाग्रता होती है। तो चलिए इंतजार करते हैं और देखते हैं कि आगे क्या होता है।

क्रिप्टोकरेंसी पब्लिक लेजर या सार्वजनिक बहीखाता (Cryptocurrency Public Ledger)

क्रिप्टोकरेंसी में हर ट्रेडिंग अपने आप एक डिसेंट्रलाइज्ड लेजर में दर्ज हो जाती है. इस लेजर पर किसी का अधिकार नहीं होता है, यानी इसका मेंटेनेंस या एक्सेस किसी एक व्यक्ति या संस्था के पास नहीं होता है. इसे कोई भी, कभी भी, कहीं से भी एक्सेस कर सकता है. सभी ट्रांजैक्शन क्रिप्टोग्राफी की मदद से सुरक्षित रहते हैं.

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क्रिप्टोकरेंसी नोड काउंट (Cryptocurrency node count)

नोड काउंट यह बताता है कि किसी नेटवर्क पर कितने एक्टिव वॉलेट्स हैं. इससे समझ आता है कि किस क्रिप्टोकरेंसी की वैल्यू कम है, किसकी ज्यादा. अगर किसी निवेशक को यह पता लगाना है कि किसी क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें सही हैं या नहीं या फिर ओवरबॉट के चलते बढ़ गई हैं (ओवरबॉट मतलब किसी करेंसी को ज्यादा खरीदे जाने के चलते इसकी कीमतें बहुत बढ़ जाना) तो निवेशक को उसका नोड काउंट और कुल मार्केट कैप देखना होगा. इसके बाद इन दोनों की दूसरे क्रिप्टोकरेंसी से तुलना करनी होगी, इससे आपको उस क्रिप्टोकरेंसी की सही कीमत पता चल जाएगी. नोड काउंट से यह भी पता चलता है कि कोई क्रिप्टो कम्युनिटी कितनी मजबूत है. जिस कम्युनिटी के जितने ज्यादा नोड काउंट होंगे वो उतनी ज्यादा मजबूत होगी.

किसी क्रिप्टोकरेंसी की जानकारी लेने के लिए आप ऑनलाइन क्रिप्टो एक्सचेंज चेक कर सकते हैं. इसपर आपको किसी भी क्रिप्टो का मार्केट कैप, पिछले हफ्तों और महीनों में उसकी परफॉर्मेंस, सर्कुलेशन में उसकी कितनी करेंसी है, उसकी मौजूदा रेट क्या है और पहले रेट क्या था, वगैरह जैसी जानकारी एक्सचेंज पर मिलती है. इन एक्सचेंज पर बिटकॉइन, इथीरियम, टेदर और डॉजकॉइन जैसी कई दूसरी कॉइन्स को कुछ फीस चुकाकर ट्रेडिंग भी की जाती है.

किसी क्रिप्टोकरेंसी की कीमत तय करना

किसी भी क्रिप्टोकरेंसी की कीमत तय करने का सबसे प्रभावी तरीका उसकी मांग को देखकर कीमत तय करना है. किसी क्रिप्टो में निवेशकों की बिटकॉइन की कीमत की गणना कैसे की जाती है ओर से बढ़ रही मांग के चलते उस कॉइन की कीमतें बढ़ जाती हैं. इसके उलट, अगर किसी कॉइन टोकन सप्लाई ज्यादा है, लेकिन उसकी डिमांड कम है, तो इसकी कीमतें गिर जाएंगी. इसके अलावा एक और चीज है, जिससे क्रिप्टोकरेंसी की कीमत तय होती है- वो है इसकी उपयोगिता. यानी कि वो करेंसी कितनी यूज़फुल यानी उपयोगी है. अगर किसी क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग प्रक्रिया ज्यादा कठिन है, तो इसका मतलब है कि उसकी सप्लाई बढ़ाना भी मुश्किल होगा, ऐसे में अगर डिमांड सप्लाई से ज्यादा हो गई तो उसकी कीमतें बिटकॉइन की कीमत की गणना कैसे की जाती है ज्यादा हो जाएंगी.

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Bitcoin: आने वाले दिनों में करोड़पति बना सकता है सिर्फ 1 'सिक्का', जानें इसे खरीदने बिटकॉइन की कीमत की गणना कैसे की जाती है और बेचने का तरीका

Bitcoin: आने वाले दिनों में करोड़पति बना सकता है सिर्फ 1 'सिक्का', जानें इसे खरीदने और बेचने का तरीका

दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन ने तीन साल में पहली बार शनिवार को 31000 डॉलर का आंकड़ा पार कर लिया। अनुमान है कि यह आभासी मुद्रा की कीमत साल 2030 तक एक करोड़ तक पहुंच सकती है। गौरतलब है कि अकेले दिसंबर में इसने 50 फीसद की वृद्धि दर्ज की थी। क्रिप्टोकरेंसी भुगतान पर पूर्ण प्रतिबंध हटाने के आरबीआई के आदेश के बाद बड़ी संख्या में भारतीय निवेशकों ने क्रिप्टोकरेंसी की तरफ रुख किया है। जैसे-जैसे इस दिशा में लोग बढ़ रहे हैं उतना ही जरूरी हो चला है कि बिटक्वाइन में निवेश से जुड़ी बातों से लोगों को अवगत कराया जाए।

1 बिटकॉइन की कीमत कितनी है?

बिटकॉइन की कीमत लाखों में है और यह निरंतर बढ़ती घटती रहती है, फरवरी 2021 की शुरूआत में दुनिया के सबसे अमीर लोगों में से एक Elon Musk ने बिटकॉइन में 1.5 अरब डॉलर का निवेश करने की घोषणा की जिसके बाद यह अपने ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया। मंगलवार को बिटकॉइन ने $50000 यानी ≈ 3600000 रुपए का आंकड़ा छू लिया।

सोमवार को एलोन मस्क के निवेश के बाद एक बिटकॉइन (₿) की कीमत ≈ $48215 के उच्च स्तर पर थी।

बिटकॉइन की कीमत बढ़ती या घटती क्यों है?

बिटकॉइन प्रोटोकॉल के मुताबिक बिटकॉइन की माइनिंग फिक्स है और यह डिमांड और सप्लाई पर काम करती है एक रिपोर्ट के मुताबिक कुल 21 मिलियन बिटकॉइन ही माइन किए जा सकते हैं। ऐसे में जब माइनर्स की संख्या में बढ़ोतरी होती है तो इससे मुनाफा कमा पाना मुश्किल हो जाता है।

तथा यह एक डिसेंट्रलाइज्ड सिस्टम है इसीलिए किसी भी संस्थान या किसी व्यक्ति के पास इसे कंट्रोल करने की ताकत नहीं है।

क्या भारत में Bitcoin वैध (Legal) है? (इसका भविष्य क्या है?)

सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी होने के कारण बिटकॉइन का इस्तेमाल दुनिया के लगभग अधिकतर देश करते हैं कुछ देशों में यह लीगल है तो कुछ देशों में इसे बैन किया जा चुका है।

भारत में भी वर्ष 2018 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने Bitcoin की कुछ कमियों को उजागर करते हुए इस पर बैन लगा दिया। परंतु मार्च 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने इसे वैध बताते हुए भारतीय रिजर्व बैंक के बैन को हटा दिया और अब यह भारत में पूरी तरह से Legal (मान्य) है। आप चाहे तो बिटकॉइन को खरीद, इसमें इन्वेस्ट या इसकी ट्रेडिंग आदि कर सकते है।

फिलहाल खबरें यह भी आ रही है कि भारत Bitcoin जैसी एक सरकारी डिजिटल करेंसी पर काम कर रहा है।

बिटकॉइन कैसे खरीदें? (Buy Bitcoins)

बिटकॉइन खरीदने के लिए इंटरनेट पर अलग-अलग तरीके के ऐप्स और वेबसाइट उपलब्ध है जिनमें से CoinSwitch Kuber, Zebpay और Unocoin, WazirX (Crypto Trading Exchange India) जैसे एप्स काफी पॉपुलर है। आप इन्हें अपने स्मार्टफोन में डाउनलोड करके अपना अकाउंट बनाकर आसानी से बिटकॉइन खरीद और एक्सचेंज व ट्रेडिंग कर सकते हैं।

इसके साथ ही आप इन एप्स के जरिए पेमेंट रिसीव या सेंड कर सकते हैं यहां आपको एक वॉलेट भी मिल जाता है तथा इन पर आप भारतीय रुपए में लेन देन कर सकते हैं और कुछ ऐप यूपीआई के जरिए भी बिटकॉइन खरीदने व एक्सचेंज करने की सुविधा देते बिटकॉइन की कीमत की गणना कैसे की जाती है हैं।

आप चाहे तो इन Website/Apps की मदद से बिटकॉइन के अलावा किसी अन्य क्रिप्टोकरेंसी में भी निवेश कर सकते हैं।

Zebpay (Crypto Trading Exchange), CoinSwitch Kuber जैसे ऐप्स केवल ₹100 से बिटकॉइन में निवेश करने की सुविधा देते हैं।

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