सर्वोत्तम उदाहरण और सुझाव

मुद्रा और साख

मुद्रा और साख

मुद्रा और साख

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मुद्रा का वर्गीकरण कैसे किया ज .

Solution : मुद्रा का वर्गीकरण-मुद्रा मुद्रा और साख का वर्गीकरण सामान्य: पाँच भागों में किया गया है।
(i) पूर्ण कार्य मुद्रा-इसका सम्बन्ध उस मुद्रा से है जो सिक्कों के रूप में होती है। यदि सिक्के पर अंकित मूल्य और उसमें लगी धातु का मूल्य बराबर है तो ऐसे सिक्के को पूर्ण कार्य मुद्रा कहा जाएगा।
(ii) प्रतिनिधि पूर्ण कार्य मुद्रा-इसका संबंध कागजी नोटों से है। ये नोट पूर्ण कार्य मुद्रा का प्रतिनिधित्व करते हैं। वास्तव में यह नोट पूर्ण कार्य सिक्कों का प्रतिनिधित्व करने वाली चिट है जिसे सरकार जारी करती है। उस कागज जिस पर नोट छपे होते हैं का अपना कोई बाजार मूल्य नहीं होता।
(iii)साख मुद्रा-उस मुद्रा को साख मुद्रा कहते हैं। जिसका मौद्रिक मूल्य उसके वस्तु मूल्य से अधिक होता है। इसका कारण यह है कि जिस वस्तु का मुद्रा के लिए प्रयोग किया जाता है वह वस्तु बाजार में कुल मुद्रा और साख पूर्ति का एक छोटा अंश होती है।
(iv)करेंसी मुद्रा-यह वह मुद्रा है जो नोटों और सिक्कों के रूप में बाजार में प्रचलन में है। करेंसी मुद्रा कुल मुद्रा पूर्ति का एक महत्त्वपूर्ण अंश है।
(v)बैंक मुद्रा-बैंक मुद्रा से अभिप्राय बैंकों द्वारा किए गए साख निर्माण से है। बैक इस साख का निर्माण लोगों को रुपया उधार देकर करते हैं। वे इस साख को ऋणियों के खातों में जमा कर देते हैं जिसे वे चैक द्वारा निकलवा लेते हैं।

अध्याय 3 : मुद्रा और साख | Currency मुद्रा और साख and Credit

मुद्रा का इस्तेमाल हमारे रोजाना के जीवन का एक बहुत बड़ा हिस्सा है। मुद्रा का इतिहास और विभिन्न समयों में मुद्रा के अलग-अलग रूप अपने अपने आप में एक रोचक कहानी पेश करते हैं। भारत की मौजूदा स्थिति में बैंकिग प्रणाली के कम्युटरीकरण से मुद्रा के नये रूपों का धीरे-धीरे विस्तार हो रहा है

☆ मुद्रा :- मुद्रा एक माध्यम है जिसके जरिये हम किसी भी चीज को विनिमय द्वारा प्राप्त कर सकते हैं। दूसरे शब्दों में मुद्रा के बदले में हम जो चाहें खरीद सकते हैं। मुद्रा के तौर पर सबसे पहले सिक्कों का प्रचलन शुरु हुआ। शुरु में सिक्के सोने-चांदी जैसी महँगी धातु से बनाये जाते थे। जब महंगी धातु की कमी होने लगी तो साधारण धातुओं से सिक्के बनाये जाने लगे। बाद में सिक्कों के स्थान पर कागज के नोटों का इस्तेमाल होने लगा। आज भी कम मूल्य वाले सिक्के इस्तेमाल किये जाते हैं।

☆ भारत में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा इन नोटों को जारी किया जाता है।

○ रिर्जव बैंक के कार्य :-

•मुद्रा जारी करना ।
•बैंक व स्वयं सहायता सूमहों की

•कार्यप्रणाली पर नजर रखना ।
•ब्याज की दरों को निर्धारित करना ।
•मौद्रिक नीति की समीक्षा करना ।
•बैंको की कुछ राशि का नकद संचयन करना ।

○मुद्रा के आधुनिक रूप :-

•कागज के नोट
•सिक्के
•चेक
•यू.पी. आई
•क्रेडिट कार्ड
•डेबिट कार्ड
• डिजिटल
•मोबाईल एवं नेट बैंकिग

☆ मुद्रा का प्रयोग :
मुद्रा का प्रयोग एक प्रकार की चीजें खरीदने और बेचने में किया जाता है ।
मुद्रा का प्रयोग विभिन्न प्रकार की सेवाएं प्राप्त करने में भी किया जा सकता है जैसे वकील से परामर्श लेने में या डॉक्टर की सलाह लेने में अदि ।

मुद्रा की सहायता से कोई भी अपनी चीजें बेच भी सकता है और हमसे एक दूसरी चीजें खरीद भी सकता है ।
इसी प्रकार में मुद्रा से सेवाओं का मुद्रा और साख भी लेनदेन कर सकता है मुद्रा में भुगतान करने में बड़ी आसानी रहती है ।
लोग बैंकों में अतिरिक्त नकद अपने नाम से खाता खोलकर जमा कर देते है । खातों में जमा धन की मांग जरिए निकाला जा सकता है जिसे मांग जमा कहाँ जाता है ।

चेक एक ऐसा कागज है जो बैंक को किसी के खाते से चेक पर लिखे नाम के किसी दूसरे व्यक्ति को एक खास रकम का भुगतान करने का आदेश देता है ।

☆साख :- साख एक ऐसा समझौता है जिसके तहत ऋणदाता उधारकर्ता को धनराशि , वस्तु एवं सेवाएँ इस आश्वासन पर उधार देता है कि वह भविष्य में उसका भुगतान कर देगा ।

○साख संपत्ति के रूप में :-

• त्यौहारों के दौरान जूता निर्माता सलीम , को एक महीने के अंदर भारी मात्रा में जूता बनाने का आदेश मिलता है ।

• इस उत्पादन को पूरा करने के लिए वह अतिरिक्त मजदूरों को काम पर ले आता है और उसे कच्चा माल खरीदना पड़ता है ।

• वह आपूर्तिकता को तत्काल चमड़ा उपलब्ध कराने के लिए कहता है और उसके बाद में भुगतान करने का आश्वासन देता है ।

• उसके बाद वह व्यापारी से कुछ उधार लेता है । महीने के अंत तक वह ओदश पूरा कर पाता है , अच्छा लाभ कमाता है और उसने जो भी उधार लिया होता है , उसका भुगतान कर देता है ।

○ बैंकों की ऋण संबंधी गतिविधियाँ :-

•भारत में बैंक जमा का केवल 15 प्रतिशत हिस्सा अपने पास रखते है ।
•इसे किसी एक दिन में जमाकर्ताओं द्वारा मुद्रा और साख धन निकालने की संभावना को देखते हुए यह प्रावधान किया जाता है ।
•बैंक जमा राशि के एक बड़े भाग को ऋण देने के लिए इस्तेमाल करते है ।
•ब्याज के बीच का अंतर बैंकों की आय का प्रमुख स्रोत है ।

○ ऋण की शर्ते :-
ब्याज की दर
समर्थक ऋणाधार
आवश्यक कागजात
भुगतान के तरीके
विभिन्न ऋण व्यवस्थाओं में ऋण की शर्ते अलग – अलग है ।

○ भारत में मुद्रा और साख औपचारिक क्षेत्रक में साख :- बैंक और सहकारी समितियों से लिए कर्ज औपचारिक क्षेत्रक ऋण कहलाते है ।

○अनौपचारिक क्षेत्रक में साख :-

• साहूकार , व्यापारी , मालिक , रिश्तेदार , दोस्त इत्यादि ऋण उपलब्ध कराते है ।

•ऋणदाताओं की गतिविधियों की देखरेख करने वाली कोई संस्था नहीं है ।

• ऋणदाता ऐच्छिक दरों पर ऋण देते है ।

• नाजायज तरीकों से अपना ऋण वापिस लेते है ।

○ मुद्रा और साख में अंतर

मुद्रा जिसका उपयोग साख मुद्रा और साख पत्रों के आधार पर वे वस्तुएं एवं सेवाओं के विक्रय-क्रय में विनिमय के माध्यम का कार्य करते है अतः साख पात्र ठीक मुद्रा की तरह कार्य करते है किन्तु इसका प्रमुख अंतर् यह है की मुद्रा क़ानूनी ग्राह्र होते है जबकि साख पत्रों को क़ानूनी मान्यता प्राप्त नहीं होती है अतः साख पत्रों को लेन-देन के कार्य

1. मुद्रा साख का आधार है क्योंकि इसी को आधार बनाकर साख-पत्र जारी होता है।

2.यह सामाजिक आय के वितरण का भी आधार है।

3. मुद्रा द्वारा शोधन क्षमता की गारंटी प्रदान की जाती है।

4.मुद्रा निर्णय का वाहक है क्योंकि इसके द्वारा किसी भी सेवा या वस्तु का क्रय किया जा सकता है।

अध्याय – 3: मुद्रा व साख

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UP Board Class 10 Economics | मुद्रा और साख

UP Board Solutions for Class 10 sst Economics Chapter 3 मुद्रा और साख

हैं। बैंक ये निक्षेप स्वीकार करते हैं और इस पर सूद भी देते हैं। इस तरह मुद्रा और साख लोगों की मुद्रा बैंकों के पास सुरक्षित

रहती है। बैंक लोगों को कर्ज देता है और उन पर ब्याज लगाता है। इस प्रकार बैंक दो गुटों के बीच मध्यस्थता

उत्तर―भारत के सभी ग्रामीण क्षेत्रों में बैंक नहीं है। जहाँ है, वहां भी बैंक से कर्ज लेना साहूकार से कर्ज

नीचे दी गई सारणी शहरी क्षेत्रों के विभिन्न लोगों के व्यवसाय दिखाती है। इन लोगों को किन उद्देश्यों के लिए

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मुद्रा और साख
अध्याय:समीक्षा

प्रश्न 1:‘आवश्यकताओं के दोहरे संयोग’ से आप क्या समझते हैं?
उत्तर : जब दोनों पक्ष एक दूसरे से चीजें खरीदने और बेचने पर सहमति रखते हैं।

प्रश्न 2 : वस्तु विनिमय प्रणाली की अनिवार्य शर्त क्या है?
उत्तर : आवश्यकताओं का दोहरा संयोग होना।

प्रश्न 3 : मुद्रा विनिमय का माघ्यम क्यों हैं?
उत्तर : मध्यवर्ती भूमिका प्रदान करने के कारण।

प्रश्न 4 : प्रारम्भिक काल में मुद्रा के रूप में प्रयोग की जाने वाली दो वस्तुओं के नाम लिखिए।
उत्तर : भारतीय अनाज, पशु, सोना, चांदी, तांबा। कोई दो।

प्रश्न 5 : मुद्रा का आधुनिक रूप क्या है?
उत्तर : करेंसी कागज के नोट व सिक्के

प्रश्न 6 : आधुनिक मुद्रा बहुमूल्य धातु से नहीं बनी फिर भी इसे विनिमय का माध्यम क्यों स्वीकार किया गया है?
उत्तर : क्योंकि किसी देश की सरकार इसे प्राधिकृत करती हैं।

प्रश्न 7 : भारत में नोट कौन जारी करता है?
उत्तर : रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया।

प्रश्न 8 : माँग जमा किसे कहते हैं?
उत्तर : बैंक खातों में जमा ध्न को।

प्रश्न 9 : बैंकों की आय का प्रमुख स्त्रोत क्या है?
उत्तर :मुद्रा और साख कर्जदारों से लिए गए ब्याज और जमाकर्ताओं को दिये गये ब्याज के बीच का अंतर।

प्रश्न 10 : ट्टण से क्या तात्पर्य है?
उत्तर : एक सहमति जहाँ साहूकार कर्जदार को ध्न, वस्तुएं या सेवाएं उपलब्ध् कराता है और बदले में भविष्य में कर्जदार से भुगतान करने का वादा लेता हैं।

प्रश्न 11 : समर्थक ट्टणाधर से क्या अभिप्राय है?
उत्तर : ऐसी संपति जिसका मालिक कर्जदार है और इसका इस्तेमाल वह उधारदाता को गारंटी देने के रूप में करता हैं।

प्रश्न 12 : बैंक अतिरिक्त मुद्रा वाले लागों व जरूरतमंद लागों के मुद्रा और साख बीच मध्यस्थता का काम किस प्रकार करते हैं?
उत्तर : अतिरिक्त मुद्रा को ट्टण के रूप में प्रदान करके।

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