एक विदेशी मुद्रा विशेषज्ञ बनें

पेट्रोलियम उत्पाद देश की सबसे बड़ी आयात वस्तुएं हैं जो एक विदेशी मुद्रा विशेषज्ञ बनें नेपाल के संपूर्ण आयात का 14 प्रतिशत हिस्सा हैं। रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के कारण पेट्रोलियम उत्पादों की बढ़ती कीमतों का असर दिखने लगा है।
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स्नातक छात्रों के लिए अंग्रेजी कौशल
Georgetown University School of Continuing Studies
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अमेरिकी संवादी अंग्रेजी
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वाशिंगटन, डीसी के दिल में रहने वाले और सीखने में एक विदेशी मुद्रा विशेषज्ञ बनें 3 सप्ताह गर्मियों में या 30 से अधिक देशों के सहपाठियों के साथ बिताएं। हमारा तीन सप्ताह का अमेरिकी संवादी अंग्रेजी कार्यक्रम आपको व्याकरण, वार्तालाप और सुनने के कौशल में विशेषज्ञ निर्देश प्रदान करता है।
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RBI रुपये की रक्षा के लिए 'समझदारी' से विदेशी मुद्रा भंडार का कर रहा उपयोग
भारतीय रुपया, जो कैलेंडर वर्ष 2022 की शुरुआत के बाद से गिर रहा था और कई बार निचले स्तर को छू गया था, भारतीय रिजर्व बैंक ने देश के विदेशी मुद्रा भंडार को खर्च करके कई बार विवेकपूर्ण तरीके से बचाव किया है।
भारतीय रुपया, जो कैलेंडर वर्ष 2022 की शुरुआत के बाद से गिर रहा था और कई बार निचले स्तर को छू गया था, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने देश के विदेशी मुद्रा भंडार को खर्च करके कई बार विवेकपूर्ण तरीके से बचाव किया है।एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा, केंद्रीय बैंक द्वारा डॉलर की मांग-आपूर्ति के बीच अंतर को भरने के बीच विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट को देखते हुए आरबीआई ने पिछले कुछ वर्षो में प्रवाह और बहिर्वाह को बहुत अच्छी तरह से प्रबंधित किया है।
रुपये पर दबाव बना रहेगा, निकट भविष्य में 79-80 के आसपास रहने का अनुमान: विशेषज्ञ
नयी दिल्ली, 27 जून (भाषा) कच्चे तेल और अन्य जिंसों की ऊंची कीमतों की वजह से देश की मुद्रा रुपये पर दबाव बने रहने की आशंका है और यह डॉलर के मुकाबले 79-80 के स्तर के आसपास स्थिर हो सकता है। रुपये की विनिमय दर में गिरावट को थामने के लिये भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पास सीमित गुंजाइश के बीच विशेषज्ञों ने यह बात कही।
रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद डॉलर के मुकाबले रुपये में इस साल पांच प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है। रूस के हमले से कच्चे तेल का दाम एक साल के उच्चस्तर पर पहुंच गया है। सोमवार को अमेरिकी करेंसी के मुकाबले रुपया रिकॉर्ड 78.34 (अस्थायी) के निचले स्तर पर बंद हुआ।
देश अपनी कुल तेल जरूरतों का 85 प्रतिशत और गैस का 50 प्रतिशत आयात के जरिये पूरा करता है। ऐसे में कच्चे तेल तथा जिंसों के दाम में तेजी से देश का बाह्य वित्तीय स्थिति पर प्रतिकूल असर पड़ा है। भारत का कच्चे तेल का आयात बिल मई में दोगुना से अधिक होकर 19.19 अरब डॉलर पहुंच गया था।
US dollar का टूटेगा दबदबा! रुपये में विदेशी व्यापार को बढ़ावा देगी सरकार, कारोबारियों को मिलेंगे ये सारे फायदे
Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published on: September 07, 2022 12:41 IST
Photo:FILE US dollar vs rupee
Highlights
- घरेलू मुद्रा की गिरावट रोकने में भी मदद मिलेगी
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अहम मुद्रा बनाने में मदद मिलेगी
- आयात के लिए डॉलर की मांग कम हो जाएगी
US dollar का दबदबा आने वाले दिनों में टूट सकता है। दरअसल, भारत सरकार विदेशी व्यापार में रुपये के इस्तेमाल को बढ़ाने के लिए आज अहम बैठक करने जा रही है। इसमें वित्त मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, वाणिज्य मंत्रालय, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के प्रतिनिधि समेत सभी प्रमुख बैंकों के अधिकारी शामिल होंगे। वित्तीय सेवा सचिव संजय मल्होत्रा बैठक की अध्यक्षता करेंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि रुपये में अंतरराष्ट्रीय व्यापार लेनदेन की अनुमति देने से व्यापार सौदों के निपटान के लिए विदेशी मुद्रा की मांग घटने के साथ घरेलू मुद्रा की गिरावट रोकने में भी मदद मिलेगी। इससे रुपये को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लेनदेन के लिए अहम मुद्रा बनाने में मदद मिलेगी। इस समय भारत और रूस के बीच हो रहे व्यापार के बड़े हिस्से का लेनदेन रुपये में ही हो रहा है। आइए, जानते हैं कि रुपये में विदेशी व्यापार बढ़ने से कारोबारियों को क्या फायदे मिलेंगे।
भारत को क्या लाभ मिलेगा
विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना महामारी के बाद वैश्विक हालात बदले हैं। कई देश दिवालिया हो गए हैं तो कई फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व की कमी से जूझ रहे हैं। ऐसे में इन देशों के साथ भारत का व्यापार प्रभावित हो रहा है। रुपये में विदेशी व्यापार को बढ़ावा देने से इन देशों के साथ कारोबार बढ़ाने एक विदेशी मुद्रा विशेषज्ञ बनें में मदद मिलेगी। भारतीय कारोबारी को बड़ा बाजार मिलेगा। इसके साथ ही द्विपक्षीय व्यापार में बैलेंस बनाने में इस प्रक्रिया से मदद मिल सकती है। रुपये में इनवॉयस और पेमेंट से ट्रांजैक्शन कॉस्ट और फॉरेन करेंसी में ट्रांजैक्शन से जुड़े मार्केट रिस्क भी कम होंगे। एक्सपोर्टर्स को रुपये की कीमत में मिले इनवॉयस के बदले एडवांस भी मिल सकेगा। वहीं, कारोबारी लेनदेन के बदले बैंक गारंटी के नियम भी FEMA (Foreign Exchange Management Act) के तहत कवर होंगे।
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नेपाल की अर्थव्यवस्था धीमी लेकिन खतरे में : विशेषज्ञ
काठमांडू, 21 अप्रैल (आईएएनएस)। केंद्रीय बैंक के ताजा आंकड़ों के मुताबिक बीच नेपाल आर्थिक चुनौतियों एक विदेशी मुद्रा विशेषज्ञ बनें और परेशानियों का सामना कर रहा है।
हालांकि नेपाल के वित्त मंत्री जनार्दन शर्मा दावा करते रहे हैं कि देश में कोई आर्थिक संकट नहीं है और समग्र आर्थिक संकेतक सुधार के चरण में हैं, लेकिन कुछ विशेषज्ञों और उद्योगपतियों ने आने वाले खतरे की चेतावनी दी है।
नेपाल राष्ट्र बैंक की ओर से इस महीने एक विदेशी मुद्रा विशेषज्ञ बनें की शुरूआत में जारी आंकड़ों के मुताबिक, देश की महंगाई का औसत 7.14 फीसदी है, जो पिछले 67 महीनों में सबसे ज्यादा है।