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एक सीमा आदेश क्या है

एक सीमा आदेश क्या है
[email protected] in a joint search operation with @BSF_India have recovered a Hexacopter drone equipped with modern technology & packets containing #Heroin weighing 5Kgs from fields near the Indo-Pak border. (1/2) pic.twitter.com/wgCkFEHfSm— DGP Punjab Police (@DGPPunjabPolice) December 2, 2022

यूपीआई सुविधा देने वाली इकाइयों के लिए 30 एक सीमा आदेश क्या है प्रतिशत मात्रा सीमा हासिल करने की समयसीमा बढ़ी

नयी दिल्ली, दो दिसंबर (भाषा) भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने यूपीआई सुविधा देने वाली इकाइयों को राहत दी है। इसके तहत तीसरे पक्ष वाली ऐप प्रदाता इकाइयों (टीपीएपी) के लिये डिजिटल भुगतान लेन-देन में 30 प्रतिशत की मात्रा की सीमा को हासिल करने की समयसीमा दो साल बढ़ाकर दिसंबर, 2024 कर दी गयी है।

इस निर्णय से गूगल पे और वॉलमार्ट के फोन पे जैसे तीसरा पक्ष ऐप प्रदाताओं को राहत मिल सकती है। इन दोनों कंपनियों की यूपीआई आधारित लेन-देन में बड़ी हिस्सेदारी है।

एपीसीआई एकीकृत भुगतान व्यवस्था (यूपीआई) का संचालन करता है। इसका उपयोग आपसी लेन-देन या खरीदारी के साथ वास्तविक समय पर भुगतान के लिये किया जाता है।

निगम ने नवंबर, 2020 में इस प्रकार की सुविधा देने ऐप (थर्ड पार्टी) के लिये यूपीआई के जरिये होने वाले एक सीमा आदेश क्या है लेन-देन का केवल तीस प्रतिशत ही प्रबंधित करने की घोषणा की थी। यह सीमा एक जनवरी, 2021 से प्रभाव में आनी थी।

हालांकि पांच नवंबर, 2020 को अधिक हिस्सेदारी रखने वाले टीपीएपी को चरणबद्ध तरीके से सीमा हासिल करने के लिये दो साल का समय दिया गया।

एनपीसीआई ने एक परिपत्र में कहा, ‘‘यूपीआई के मौजूदा उपयोग और भविष्य की संभावनाओं तथा अन्य संबंधित कारकों को देखते हुए अधिक हिस्सेदारी रखने वाले टीपीएपी के लिये अनुपालन समयसीमा दो साल यानी 31 दिसंबर, 2024 तक के लिये बढ़ा दी गयी है।’’

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

गलती से सीमा पार एक सीमा आदेश क्या है कर गया जवान, PAK रेंजर्स ने की कार्रवाई! जानिए क्या रहा BSF का एक्शन

बीएसएफ का जवान फेंसिंग के पार सर्च ऑपरेशन के दौरान भारतीय सीमा एक सीमा आदेश क्या है से धुंध की वजह से भटक कर पाकिस्तान की सीमा में दाखिल हो गया था. बीएसएफ का कहना है कि, जब जवान को हिरासत में लिया गया, तब वह भारतीय सीमा के अंदर ही था.

गलती से सीमा पार कर गया जवान, PAK रेंजर्स ने की कार्रवाई! जानिए क्या रहा BSF का एक्शन

मोहित मलहोत्रा | Edited By: M. Nuruddin

Updated on: Dec 01, 2022 | 6:23 PM

बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स यानी बीएसएफ के उस जवान को पाकिस्तान ने रिहा कर दिया है, जो भटक कर पाकिस्तान की सीमा में चले गए थे. बीएसएफ जवान को पाक रेंजर्स ने हिरासत में ले लिया था. बीएसएफ का जवान फेंसिंग के पार सर्च ऑपरेशन के दौरान भारतीय सीमा से धुंध की वजह से भटक कर पाकिस्तान की सीमा में दाखिल हो गया था. बीएसएफ का कहना है कि, जब जवान को हिरासत में लिया गया, तब वह भारतीय सीमा के अंदर ही था.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बीएसएफ का जवान पंजाब के अबोहर सेक्टर में पाकिस्तान की सीमाई इलाके में गलती से सरहद पार पहुंच गया था. बताया जा रहा है कि सुबह तड़के फेंसिंग के दूसरी तरफ जवानों को एक सर्च ऑपरेशन के लिए भेजा गया था. इस जत्थे में 8 जवान थे, जिनमें एक सीमा आदेश क्या है सभी वापस आ गए थे लेकिन एक कॉन्सटेबल वापस नहीं लौटा. हाजिरी लेने पर पता चला कि कॉन्सटेबल जत्थे में नहीं था. इसके बाद जवान की सर्चिंग की गई, लेकिन वह नहीं मिला. बाद में पता चला कि बीएसएफ जवान गलती से सीमा पार चला गया है.

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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ऑपरेशन के दौरान धुंध की वजह से जवान गलती से पाकिस्तान के इलाके में चला गया, जिसे पाक रेंजर्स ने हिरासत में ले लिया. बीएसएफ और पाक रेंजर्स के अफसरों की फ्लैग मीटिंग के बाद जवान को वापस देने पर बनी सहमति. हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि जवान के साथ पाक रेंजर्ज की तरफ से टॉर्चर भी किया गया या नहीं. समय रहते बीएसएफ अधिकारियों ने पाक रेंजर्स को संपर्क किया और फ्लैग मीटिंग के बाद जवान की रिहाई पर सहमति बनी. इसके बाद रिपोर्ट के मुताबिकपाक रेंजर्स ने जवान को गुरुवार 1.50 बजे रिहा कर दिया.

पंजाब के तरनतारन जिले से हेक्साकॉप्टर ड्रोन और 5 किलो हेरोइन बरामद

पंजाब के तरनतारन जिले से हेक्साकॉप्टर ड्रोन और 5 किलो हेरोइन बरामद

सीमा पार से पाकिस्तान की नापाक हरकतें थमने का नाम नहीं ले रहीं। भारतीय सीमा में घुसपैठ की कोशिश में जुटे पाक की तरफ से एक बार भी प्रयास किया, जिसे पंजाब पुलिस और सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने असफल कर दिया। पंजाब के तरनतारन जिले में भारत-पाकिस्तान सीमा के पास एक खेत से पांच किलोग्राम हेरोइन के साथ एक ड्रोन बरामद किया गया है।

पंजाब पुलिस और सीमा सुरक्षा बल के एक सीमा आदेश क्या है एक संयुक्त अभियान में छह रोटर वाला एक मानव रहित हेक्साकॉप्टर बरामद किया गया। पुलिस महानिदेशक गौरव यादव ने ट्वीट किया, ‘‘बीएसएफ के साथ एक संयुक्त तलाशी अभियान में तरनतारन पुलिस ने आधुनिक तकनीक से लैस एक हेक्साकॉप्टर ड्रोन और भारत-पाक सीमा के पास खेतों से 5 किलोग्राम हेरोइन के पैकेट बरामद किए हैं।’’ हेरोइन ड्रोन से ही गिराई गई थी।

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— DGP Punjab Police (@DGPPunjabPolice) December 2, 2022

28 नवंबर को बीएसएफ ने अमृतसर और तरनतारन जिलों में भारत-पाकिस्तान सीमा पर दो पाकिस्तानी ड्रोन को मार गिराया था। दो हेक्साकॉप्टर में करीब 10 किलो हेरोइन थी, जिसे बीएसएफ जवानों ने बरामद किया था। वहीं 25 नवंबर को शाम 7:45 बजे बीएसएफ के जवानों ने अमृतसर सेक्टर के दाओके गांव में भारत पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान की तरफ से आते एक ड्रोन की आवाज सुनी। घुसपैठ को विफल करने के प्रयास में बीएसएफ के जवानों ने ड्रोन पर ताबड़तोड़ फायरिंग की। गोलीबारी में ड्रोन नीचे आ गिरा।

एक सीमा आदेश क्या है

दो दिसंबर (भाषा) राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने टायर विनिर्माताओं की कथित गुटबंदी के मामले में भारतीय प्रतिस्पर्द्धा आयोग (सीसीआई) को नया आदेश जारी करने का निर्देश एक सीमा आदेश क्या है दिया है।

एनसीएलएटी ने बृहस्पतिवार को जारी अपने आदेश में कहा कि घरेलू टायर उद्योग को बचाने के लिए सीसीआई की तरफ से टायर विनिर्माताओं पर लगाए गए जुर्माने की समीक्षा करने की जरूरत है। इसके अलावा जुर्माना लगाने में असावधानीवश हुई गलतियों और अंकगणितीय गणना पर भी पुनर्विचार करने को कहा है।

प्रतिस्पर्द्धा आयोग ने अगस्त, 2018 के अपने फैसले में टायर विनिर्माताओं पर गुटबंदी करने के एक मामले में 1,788 करोड़ रुपये से अधिक जुर्माना लगाया था। हालांकि, उच्चतम न्यायालय की तरफ से अंतिम मंजूरी मिलने के बाद ही टायर कंपनियों को फरवरी, 2022 में इस फैसले से अवगत कराया गया था।

उसके बाद ही टायर कंपनियों ने एनसीएलएटी में इसके खिलाफ अपील की। सिएट, अपोलो टायर्स, जेके टायर्स, एमआरएफ, बिड़ला टायर्स और उद्योग निकाय एटीएमए ने सीसीआई के आदेश के खिलाफ अपील दायर की एक सीमा आदेश क्या है थी।

एनसीएलएटी में न्यायमूर्ति राकेश कुमार और न्यायमूर्ति अशोक कुमार मिश्रा की पीठ ने सुनवाई के बाद दिए अपने फैसले में कहा है कि आयोग की जांच इकाई की तरफ से कीमतों में प्रतिशत वृद्धि की गणना में गलती हुई है।

इसके साथ ही पीठ ने कहा कि नियमों के उल्लंघन की स्थिति में घरेलू उद्योगों को दंडित किया जाना चाहिए लेकिन उनकी सेहत कमजोर करने के बजाय उन्हें स्थिति सुधारने का एक मौका भी दिया जाना चाहिए।

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