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बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है
यह वह जगह है जहां कंपनियां या व्यवसाय खुद को पंजीकृत करते हैं और पहली बार सूचीबद्ध करते हैं। कंपनियां आम जनता को अपने स्टॉक की पेशकश करके धन जुटाने के लिए प्राथमिक शेयर बाजार में प्रवेश करती हैं। जब कोई कंपनी खुद को प्राथमिक शेयर बाजार में सूचीबद्ध करती है और पहली बार अपने शेयरों को बेचने की पेशकश करती है, तो इसे प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) के रूप में जाना जाता है।

शेयर बाजार क्या है और बाजार कैसे काम करता है? | What is Stock Market in Hindi? | How the Stock Market Works in Hindi? |

स्टॉक मार्केट शब्द कई एक्सचेंजों को संदर्भित करता है जिसमें सार्वजनिक रूप से आयोजित कंपनियों के शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं। इस तरह की वित्तीय गतिविधियां औपचारिक एक्सचेंजों के माध्यम से और ओवर-द-काउंटर (ओटीसी) मार्केटप्लेस के माध्यम से आयोजित की जाती हैं जो नियमों के परिभाषित सेट के तहत काम करती हैं।

"स्टॉक मार्केट" और "स्टॉक एक्सचेंज" दोनों का उपयोग अक्सर परस्पर उपयोग किया जाता है। शेयर बाजार में व्यापारी एक या अधिक स्टॉक एक्सचेंजों पर शेयर खरीदते या बेचते हैं जो समग्र शेयर बाजार का हिस्सा हैं।

शेयर बाजार कैसे काम करता है?

जब आप एक सार्वजनिक कंपनी का स्टॉक खरीदते हैं, तो आप उस कंपनी का एक छोटा सा टुकड़ा खरीद रहे हैं।

शेयर बाजार एक्सचेंजों के नेटवर्क के माध्यम से काम करता है - आपने न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज या नैस्डैक के बारे में सुना होगा। कंपनियां प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश, या आईपीओ नामक प्रक्रिया के माध्यम से एक एक्सचेंज पर अपने स्टॉक के शेयरों को सूचीबद्ध करती हैं। निवेशक उन शेयरों को खरीदते हैं, जो कंपनी को अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए धन जुटाने की अनुमति देता है। निवेशक तब इन शेयरों को आपस में खरीद-फरोख्त कर सकते हैं।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज क्या है और कैसे काम करता है?

आज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है के इस Article के द्वारा हम आपको शेयर मार्केट के नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के बारे में पूरी जानकारी देंगे। इस लेख में आपको जानने को मिलेगा की नेशनल स्टॉक एक्सचेंज क्या है, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का इतिहास, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के कार्य, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है।

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नेशनल स्टॉक एक्सचेंज क्या है ? (What is NSE in Hindi)

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) क्या है

स्टॉक एक्सचेंज एक ऐसी विशिष्ट जगह है, जहां पर शेयर की लेन-देन और खरीदना-बेचना होता है। भारत में प्रमुख दो स्टॉक एक्सचेंज है: बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) . आज हम नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के बारे में जानने वाले हैं।

NSE का मतलब नेशनल स्टॉक एक्सचेंज होता है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज भारत का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज जो मुंबई में स्थित है। नेशनल बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना 1992 में हुई थी। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर 2000 से ज्यादा कंपनियां सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध (Listed) है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी 50 है। जिसने भारत की प्रमुख 50 सबसे बड़ी कंपनियों को शामिल किया जाता है।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है इतिहास (History of NSE)

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज भारत का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना 1992 में हुई थी, तब NSE सिक्योरिटी कॉन्ट्रैक्ट एक्ट, 1956 (Securities Contract Act, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है 1956) के तहत सिर्फ Tax Paying कंपनी के तौर पर काम किया करती थी, इसके बाद में 1993 से NSE ने स्टॉक एक्सचेंज के तौर पर काम करना शुरू किया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के आने के बाद में भारतीय स्टॉक मार्केट में इलेक्ट्रॉनिक एक्सचेंज सिस्टम की शुरुआत हुई। पहले शेयर बाजार का कार्य पेपर सिस्टम के जरिए हुआ करता था, लेकिन नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के आने के बाद में शेयर बाजार इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम पर आधारित हो गया जिसकी वजह से शेयर बाजार में निवेश करना काफी आसान हो गया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की वजह से शेयर मार्केट Automated हो गया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग सुविधओं को शुरू करने वाला देश का पहला स्टॉक एक्सचेंज था।

Stock Market में कल से नया फॉर्मूला, एक दिन में ट्रांसफर होंगे पैसे और शेयर, जानें पूरी डिटेल

सेबी ने 2003 में दोनों एक्‍सचेंज पर T+2 सेटलमेंट सिस्‍टम लागू किया था.

  • News18Hindi
  • Last Updated : February 24, 2022, 14:29 IST

नई दिल्‍ली. शेयर बाजार (Stock Market) में जारी बड़े उतार-चढ़ाव के बीच शुक्रवार से T+1 सेटलमेंट का नया नियम लागू होगा. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) दोनों पर अब निवेशकों को शेयरों व पैसों का ट्रांसफर एक दिन में हो जाएगा.

सरकार और सेबी लंबे समय से T+1 सेटलमेंट नियम लागू करने की योजना बना रहे थे, लेकिन विदेशी निवेशकों ने इस पर आपत्ति जताई थी. अभी दोनों एक्‍सचेंज पर T+2 सेटलमेंट सिस्टम लागू है, जिसे साल 2003 में लाया गया था. इस नियम के तहत शेयर और पैसों के ट्रांसफर में दो दिन लगते हैं. इससे पहले T+3 सिस्टम थ, जिसमें तीन दिन लगते थे.

शेयर बाजार के प्रकार (Share Market In Hindi)

शेयर बाजार दो प्रकार के होते हैं, प्राथमिक और द्वितीयक बाजार।

प्राथमिक शेयर बाजार (Primary Share Market)

यह प्राथमिक बाजार में है कि कंपनियां अपने शेयर जारी करने और धन जुटाने के लिए खुद को पंजीकृत करती हैं। इस प्रक्रिया को स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टिंग के रूप में भी जाना जाता है। प्राथमिक बाजार में प्रवेश करने का उद्देश्य धन जुटाना है और यदि कंपनी पहली बार अपने शेयर बेच रही है तो इसे प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) कहा जाता है। इस प्रक्रिया के माध्यम से, कंपनी एक सार्वजनिक बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है इकाई बन जाती है।

द्वितीयक बाजार (Secondary Market)

प्राथमिक बाजार में नई प्रतिभूतियों के बेचे जाने के बाद कंपनी के शेयरों का द्वितीयक बाजार में कारोबार होता है। इस तरह निवेशक अपने शेयर बेचकर बाहर निकल सकते हैं। द्वितीयक बाजार में होने वाले ये लेन-देन व्यापार कहलाते हैं। इसमें बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है निवेशकों की एक-दूसरे से खरीदारी करने और सहमत मूल्य पर आपस में बेचने की गतिविधि शामिल है। एक दलाल एक मध्यस्थ है जो इन लेनदेन की सुविधा प्रदान करता है।

शेयर बाजार कैसे काम करते हैं (How do the Share Markets work)

स्टॉक एक्सचेंज प्लेटफॉर्म को समझना (Understanding the Stock Exchange Platform)

स्टॉक एक्सचेंज वास्तव में एक ऐसा मंच है जो स्टॉक और डेरिवेटिव जैसे वित्तीय साधनों का व्यापार करता है। इस प्लेटफॉर्म पर गतिविधियों को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड द्वारा नियंत्रित किया जाता है। ट्रेड करने के लिए प्रतिभागियों को सेबी और स्टॉक एक्सचेंज में पंजीकरण कराना होता है। व्यापारिक गतिविधियों में दलाली, कंपनियों द्वारा शेयर जारी करना आदि शामिल हैं।

सेकेंडरी मार्केट में कंपनी की लिस्टिंग (Listing of the Company in the Secondary Market)

किसी कंपनी के शेयर पहली बार प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश या आईपीओ के माध्यम से द्वितीयक बाजार में सूचीबद्ध होते हैं। शेयरों का आवंटन लिस्टिंग से पहले होता है और शेयरों के लिए बोली लगाने वाले निवेशकों को निवेशकों की संख्या के आधार पर अपना हिस्सा मिलता है।

Stock Exchange क्या है तथा भारत में कुल कितने स्टॉक एक्सचेंज हैं?

Remove term: Stock Exchange Kya Hai Stock Exchange Kya Hai

भारत में पैसे कमाने के बहुतायत तरीके हैं लेकिन कम समाया में ज्यादा पैसा कामना हो तो लगभग सभी लोग स्टॉक मार्केट की तरफ ही रुख करते हैं। लेकिन उन्हें पता होना चाहिए कि स्टॉक मार्केट जितना अधिक पैसा देता है उतना ही अधिक जोखिम भी होती है।

स्टॉक मार्केट की शुरुआत स्टॉक एक्सचेंज से होती है। अब ये स्टॉक एक्सचेंज किस बला का नाम है। तो इसी की जानकारी आज इस लेख में मिलने वाली है। क्योंकि स्टॉक एक्सचेंज शेयर बाजार का एक महत्त्वपूर्ण भाग होता है। बिना इसके कोई भी पैसों का लेन देन नहीं कर सकता है।

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Stock Exchange क्या है (What is Stock Exchange in Hindi)

स्टॉक एक्सचेंज एक प्रकार की संस्था है जहाँ पर निवेशक और खरीददार का जमावड़ा रहता है। यहाँ पर कोई भी निवेशक अपने पसंद के शेयर में में इन्वेस्ट कर सकता है। लेकिन आपको बता दें कि किसी कंपनी के शेयर को लेने के लिए सबसे पहले उस कंपनी के शेयर को स्टॉक एक्सचेंज में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है रजिस्टर करना पड़ता है।

स्टॉक एक्सचेंज से अगर कोई डायरेक्ट शेयर लेना चाहता है तो यह असंभव कार्य होता है क्योंकि किसी भी कंपनी में निवेश करने के लिए एक ब्रोकर की आवश्यकता होती है। जिसके माध्यम से डीमैट तथा ट्रेडिंग अकाउंट खोला जाता है। यह प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद ही हम कंपनी के शेयर को खरीद व बेंच सकते हैं।

Stock Exchange के प्रकार (Types of Stock Exchange)

स्टॉक एक्सचेंज के प्रकार की बात करे तो यह दो प्रकार का होता है। Bombay Stock Exchange (BSE) तथा National Stock Exchange (NSE) दोनों के नाम हैं। शेयर मार्केट में सभी नियम फॉलो होते हैं जो SEBI के द्वारा बनाये जाते हैं। स्टॉक एक्सचेंज का नियामक SEBI ही होता है।

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज भारत का सबसे पुराण स्टॉक एक्सचेंज हैं जहाँ से कागजों के माध्यम से खरीद व बिक्री होती थी। इसकी स्थापना 1875 में की गयी थी। BSE को ही भारत में Equity Derivatives का जन्मदाता कहा जाता है। वर्तमान समय में 5000 से भी अधिक कंपनियां BSE में लिस्टेड है. BSE का सूचकांक Sensex 30 है।

National Stock Exchange (NSE)

कागजी लेन देन को डिजिटल करने के लिए NSE की स्थापना 1992 में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है की गयी थी। इसका मुख्यालय मुंबई महाराष्ट्र में स्थित है। इस समय NSE में 2000 से अधिक कम्पनियां लिस्टेड है। NSE का सूचकांक Nifty 50 है। NSE के माध्यम से ही सबसे पहले भारत में इलेक्ट्रानिकली खरीद व विक्री की गयी।

अगर भारत में कोई स्टॉक मार्किट में पैसा लगाना चाहता है तो वह स्टॉक एक्सचैंज किसी भी कंपनी में पैसा लगा सकता है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है स्टॉक एक्सचेंज का नियामक SEBI होता है जिसके बनाये गए नियम यहाँ लागू होते हैं। आपको बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है शेयर में निवेश करने के लिए किसी ब्रोकर की आवश्यकता होगी जोकि आपको डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट प्रोवाइड करेंगे।

ब्रोकर स्टॉक एक्सचेंज और निवेशक बीच बिचौलिया का काम करता है। बिना ब्रोकर के कोई भी स्टॉक में इन्वेस्ट नहीं कर सकता है। स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड कंपनी में ही निवेश संभव है। इसलिए जिस कंपनी में पैसा लगाए पहले देख लें वह लिस्टेड है या नहीं।

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