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एक सिर और कंधे पैटर्न क्या है

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Neck Pain: गर्दन में है दर्द? जानिए इसके प्रकार, कारण और असहनीय पीड़ा से राहत के उपाय

Neck Pain Treatment: गर्दन का दर्द एक बहुत ही सामान्य मस्कुलोस्केलेटल डिसऑर्डर (मांसपेशियों, नसों, टेंडन, जोड़ों, कार्टिलेज और स्पाइनल डिस्क की चोट या विकार) है.

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डैंड्रफ और खुजली से हैं परेशान? ये घरेलू नुस्खे दे सकते हैं राहत

Easy Home Remedies For Itchy Scalp And Dandruff

ऐसी बहुत सी प्रॉब्लम हैं जिनका सामना पुरुषों को हर मौसम में करना पड़ता है। इन्हीं में से एक समस्या है सिर में खुजली और डैंड्रफ की। डैंड्रफ को पुरुषों की टॉप तीन परेशानियों में भी शामिल किया जा सकता है।

लेकिन सर्दी का मौसम जैसे-जैसे बढ़ता जाता है, वैसे ही सिर में खुजली और डैंड्रफ दोनों बढ़ने लगता है। डैंड्रफ के कारण न सिर्फ बालों की ग्रोथ पर असर पड़ता है। बल्कि कई बार तो बाल पतले होकर टूटने भी लगते हैं। अगर समय रहते इस समस्या पर ध्यान न दिया जाए तो मेल पैटर्न बाल्डनेस और हेयर लॉस की समस्या भी हो सकती है।

इसलिए इस आर्टिकल में मैं आपको डैंड्रफ क्या है? सिर में खुजली, डैंड्रफ को दूर करने वाले 4 आसान घरेलू उपायों के बारे में जानकारी दूंगा। इन्हें अपनाकर आप भी आसानी से इससे छुटकारा पा सकते हैं।

Table of Contents

क्या है डैंड्रफ? (What Is Dandruff?)

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डैंड्रफ असल में सिर की सामान्य समस्या है। इसमें सिर से सफेद रंग की पपड़ी गिरने लगती है। असल में ये हमारी डेड स्किन होती है। डैंड्रफ किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है, कई बार तो नवजात बच्चे भी इससे ग्रस्त होते हैं। हालांकि, इस समस्या से ज्यादातर ऑयली स्किन वाले पुरुष परेशान होते हैं।

डैंड्रफ के कारण (Causes Of Dandruff)

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ड्राई स्किन (Dry Skin)

डैंड्रफ का सबसे सामान्य कारण ड्राई स्किन का होना है, खासतौर पर सर्दियों के मौसम में। अगर कंधे पर दिखने वाली पपड़ी के टुक​ड़े छोटे हैं और ऑयली नहीं है, या शरीर के अन्य अंगों पर भी आपकी स्किन ड्राई है, तो ये भी डैंड्रफ होेने का एक कारण हो सकता है।

पर्याप्त शैंपू न करना (Not Shampooing Enough)

अगर बालों को नियमित तौर पर न धोया जाए तो ऑयल और स्किन की कोशिकाएं सिर में बढ़ने लगती है। यही कोशिकाएं बाद में डैंड्रफ बनकर झड़ने लगती हैं। हेल्दी हेयर पाने के लिए जरूरी है कि हम नियमित तौर पर बालों की सफाई करते रहें।

हेयर प्रोडक्टस (Hair Products)

कई बार हेयर केयर प्रोडक्टस में अलग-अलग प्रकार की ढेरों सामग्रियों का इस्तेमाल किया जाता है। हो सकता है कि इनमें से कुछ प्रोडक्ट आपकी स्किन को सेंसेटिव बना दें, एक सिर और कंधे पैटर्न क्या है या​ फिर खुजली और ड्राई स्कैल्प की समस्या को बढ़ा दें। अगर स्कैल्प या सिर की त्वचा ड्राई हो जाए तो डैंड्रफ की समस्या बढ़ सकती है।

सेबोरीक डर्मटाइटिस (Seborrheic Dermatitis)

ये डैंड्रफ का ही एक प्रकार है, जो ज्यादातर ऑयली स्किन वालों को होता है। इस डैंड्रफ में पपड़ी चिपचिपी, सफेद या पीले रंग की होती है। जबकि सिर की त्वचा अक्सर लाल हो जाती है। सिर में रह-रहकर खुजली भी होती है। बाद में ये डैंड्रफ बढ़कर नाक, भौंह, कानों के पीछे, जांघों के बीच और कई बार अंडर आर्म्स में भी हो सकता है। इस समस्या के होने पर तुरंत डाक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

मलेसेजिया (Malessezia)

ये यीस्ट जैसा एक फंगस है जो हम सभी में ज्यादातर पाया जाता है। लेकिन कई बार इसकी बढ़त कंट्रोल से बाहर हो जाती है। ये समस्या भी ज्यादातर ऑयली स्किन वालों में ही पाई जाती है। इस समस्या के होने पर सिर में खुजली होती है, जिसके कारण सिर में स्किन कोशिकाएं तेजी से बढ़ने लगती हैं और सिर से पपड़ी झड़ने की मात्रा भी बढ़ जाती है।

एग्जिमा और सोरायसिस (Eczema & Psoriasis)

स्किन की कुछ सामान्य समस्याओं और बीमारियों के कारण भी कई बार डैंड्रफ की समस्या हो सकती है। स्किन की समस्याएं जैसे एग्जिमा और सोरायसिस इन बीमारियों में प्रमुख हैं। इन दोनों बीमारियों के अलावा कुछ बीमारियों जैसे पार्किंसन (Parkinson) के कारण भी लोगों को डैंड्रफ हो सकता है।

1. टी ट्री ऑयल (Tea Tree Oil)

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एक स्टडी में पाया गया है कि, शैंपू और रेग्युलर हेयर ऑयल के साथ टी ट्री ऑयल का इस्तेमाल करने से डैंड्रफ, ड्राईनेस और हेयर फॉल को कम किया जा सकता है। इसके अलावा, टी ट्री का एसेंस लगाने से भी स्कैल्प की ड्राईनेस कम हो सकती है।

ये भी डैंड्रफ की समस्या को कम करने में मदद कर सकती है। टी ट्री ऑयल की कुछ बूंदों को शैंपू के साथ मिलाकर सिर को धोया जा सकता है। या फिर सोने से पहले सिर में हेयर ऑयल के साथ मिलाकर लगाया जा सकता है।

2. एप्पल साइडर विनेगर (Apple Cider Vinegar)

Apple Cider Vinegar

© Getty Images

एप्पल साइडर विनेगर की एसिडिटी में ऐसे गुण पाए जाते हैं जो आपके स्कैल्प के पीएच लेवल को बदल सकते हैं। इसी के साथ धीरे-धीरे आपके सिर से डैंड्रफ भी गायब होना शुरू हो जाता है। लेकिन ध्यान रखने वाली बात ये भी है कि आप इसे बिना डाइल्यूट किए इस्तेमाल न करें।

इसीलिए, हर हफ्ते, चौथाई कप पानी में, चौथाई कप एप्पल साइडर विनेगर मिलाकर स्प्रे बॉटल में भर लीजिए। इसके बाद इसे अच्छी तरह से स्प्रे करके बालों को गीला कर लीजिए। इसके बाद सिर को 15 मिनट के लिए तौलिए से बांध लें। कुछ ही दिनों में असर दिखने लगेगा।

3. नींबू का जूस (Lemon Juice)

Lemon Juice

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नींबू के जूस में एंटी माइक्रोबियल और एंटी इंफ्लेमेट्री दोनों प्रकार के गुण पाए जाते हैं। ये गुण बालों को फंगस से मुक्ति दिलवा सकते हैं। इसके साथ ही ये ​स्कैल्प को गहरा पोषण भी देते हैं। हर हफ्ते एक या दो नींबू के जूस को अच्छी तरह से ​स्कैल्प में रूई की मदद से लगाएंं। कुछ ही दिनों में असर दिखने लगेगा।

4. दही (Yoghurt)

Yoghurt

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दही में पाए जाने वाले पोषक तत्व स्कैल्प में पाई जाने वाली फंगस की ग्रोथ को रोक सकते हैं। इसके साथ ही दूध में पाया जाने वाला लैक्टिक एसिड बालों के ऊपर मौजूद केरोटिन की परत को हटा देते हैं।

इससे बालों में पोषक तत्व ज्यादा अच्छी तरह से अवशोषित हो पाते हैं। दही को बालों में लगाने से ये स्कैल्प को राहत देता है और इससे सिर में खुजली की समस्या भी खत्म हो जाती है।

गंजेपन के कारण

बालों के झड़ने या सिर पर बालों का न होना हो गंजापन कहलाता है। गंजापन के अलावा इसे एलोपेसिया भी कहा जाता हैं। देखा जाए तो गंजापन सबसे अधिक सिर उपरी हिस्से पर होता है जहां अधिकतर लोगों का ध्यान चला जाता है, लेकिन बाल जहां जहां उगता है गंजापन वहां कहीं पर भी हो सकता है। गंजापन क्या है जानने के बाद आप जरूर जानना चाहते होंगे कि गंजापन किसके कारण होता है ?

गंजेपन का क्या कारण है?

अब आपको बताते हैं कि गंजापन किसके कारण होता है ? बालों का झड़ना या हेयर फॉल कई कारणों से हो सकता है। पर गंजेपन के कारण में से कुछ निम्नलिखित है –

  • उम्र बढ़ने के कारण बालों का झडना
  • हार्मोन में बदलाव के कारण बालों का झडना
  • बालों के झड़ने के कारण होने वाली बीमारी (टेलोजेन एफ्लुवियम)
  • गंजेपन आनुवांशिक कारणों से भी हो सकता है।

बालों का झड़ना निम्न कारणों से नहीं होता है:

  • स्कैल्प में खराब सर्कुलेशन का होना
  • रूसी(डैंड्रफ) का होना
  • टोपी पहनने के कारण बालों का झडना

अब आप जान गए होंगे कि गंजेपन के एक सिर और कंधे पैटर्न क्या है कारण क्या है या गंजापन किसके कारण होता है। आम तौर पर बालों का झड़ना जितनी कम उम्र अर्थात जल्दी शुरू होता है यह उतना ही गंभीर होता जाता है।

गंजेपन के लक्षण क्या हैं?

गंजापन किसके कारण होता है? जानने के बाद आप गंजेपन के लक्षण जरुर जानना चाहेंगे। गंजापन कई तरह का होता है और और गंजेपन के कारण के साथ लक्षण भी अलग-अलग होते हैं। गंजेपन के प्रकार में देखें तो मेल पैटर्न हेयरफाल और फीमेल पैटर्न हेयरफाल होते हैं:

मेल पैटर्न हेयरफॉल

जब यह प्रश्न आता है कि गंजेपन किसके कारण होता है तो उसमें अधिकतर जवाब आता है पैटर्न हेयरफॉल के कारण। मेल पैटर्न हेयरफॉल सामान्य तौर पर आनुवांशिक कारणों के कारण होता है। हेयरफ़ाल की यह स्थिति किसी भी उम्र में शुरू हो सकती है। बालों का झड़ना अक्सर सामने की तरफ, कंधे की तरफ या सिर के ऊपरी हिस्से से शुरू हो जाता है। कई बार मेल पैटर्न हेयरफॉल सिर्फ और सिर्फ हेयरलाइन के कम होने तक सीमित हो जाती है। कभी कभी तो व्यक्ति अपने सभी बाल खो सकते हैं।

फीमेल पैटर्न हेयरफॉल

फीमेल पैटर्न हेयर फॉल बहुत अधिक लोगों को नहीं होता है पर कई महिलाएं इससे भी प्रभावित होती है। फीमेल पैटर्न हेयरफॉल, मेल पैटर्न हेयरफॉल से बहुत अलग होता हैं जिसमें बाल आम तौर पर पूरे सिर में बहुत अधिक पतले हो जाते हैं। फीमेल पैटर्न हेयर फॉल का आमतौर पर पहला लक्षण हेयरलाइन का भाग का चौड़ा होना दिख सकता है। अब आप इस प्रश्न का उत्तर जान चुके होंगे कि गंजेपन किसके कारण होता है।

बालों के झड़ने के अन्य कारण

एलोपेशिया एरियाटा

यह बालों के बहुत तेज झड़ने का कारण बनता है। इस बीमारी में बाल अचानक ही झड़ने लगते है और झड़ने की यह प्रक्रिया आमतौर पर बहुत छोटे पैच में होती होता है। बाल कई महीनों के बाद वापस भी उग सकते हैं। पर अगर शरीर के सभी बाल अचानक ही झड़ने लग जाते हैं, तो हो सकता है कि यह दोबारा न उगें। इस तरह से बालों के झड़ने का सटीक कारण अभी तक नहीं पता चला है। इस पर शोध करने वाले शोधकर्ताओं का मानना ​​है कि इस प्रकार के बालों का झड़ना एक ऑटोइम्यून बीमारी के कारण होता है। एलोपेशिया एरियाटा में आमतौर पर बाल के झड़ने छोटे छोटे हिस्से में झड़ने लगते हैं। अगर स्कैल्प पर से पूरे बाल झड़ने लगते हैं तो इसे एलोपेसिया टोटलिस कहा जाता है। और अगर शरीर के सभी बाल झड़ जाते हैं, तो इसे एलोपेसिया युनिवर्सलिस कहा जाता है। डॉक्टर से यह प्रश्न पूछने पर कि गंजेपन किसके कारण होता है ? तो डॉक्टर भी कभी कभी एलोपेशिया एरियाटा का नाम ले लेते हैं।

टॉक्सिक एलोपेसिया

तेज बुखार या किसी गंभीर बीमारी के बाद टॉक्सिक एलोपेसिया हो सकता है। इसमें कुछ दवाएं विशेष रूप से थैलियम, विटामिन ए की अधिक खुराक, रेटिनोइड्स और कैंसर की दवाएं भी इस बीमारी का कारण हो सकती हैं। कई बिमारियों का इलाज जैसे कि थायरॉयड की बीमारी और बच्चे को जन्म देने के कारण भी टॉक्सिक एलोपेसिया को ट्रिगर कर सकता है। पर सामान्यतः इसमें बाल अस्थाई रूप से ही झड़ते हैं।

ट्रिकोटिलोमेनिया (बाल का खींचना)

बाल को अधिक तेजी से खींचने पर बाल झड़ सकते हैं। यह छोटे बच्चों में बहुत अधिक होता है।

स्कारिंग या सिकाट्रिकियल एलोपेसिया

यह जले हुए भाग में बालों को दुबारा बढ़ने से रोक सकती हैं। जलन, चोट या एक्स-रे थेरेपी के निशान भी पड़ सकते हैं। पर बालों के झड़ने का कारण कई बिमारियां हो सकती हैं। बालों का झडने का कारण ल्यूपस, बैक्टीरियल या फंगल स्किन संक्रमण, लाइकेन प्लेनस, सारकॉइडोसिस, टीबी या स्किन कैंसर शामिल होता हैं।

गंजेपन की पहचान कैसे की जाती है?

किसी व्यक्ति के हाल फिलहाल कराए गए इलाज़ और विभिन्न टेस्ट के के अलावा स्किन की एक बायोप्सी भी गंजेपन के विभिन्न प्रकार या इसके कारणों की पहचान करने में डॉक्टर की मदद कर सकती है। बायोप्सी में टिश्यू का एक छोटा सा हिस्सा निकाल लिया जाता है जिसको जांच लैब में की जाती है। अगर डॉक्टरको लगता है कि इंफेक्शन हो सकता है तो कल्चर टेस्ट भी किया जा सकता है।

गंजेपन का इलाज कैसे किया जाता है?

गंजेपन के सम्भावित इलाज के बारे में डॉक्टर आपके साथ चर्चा जरूर करेगा और साथ ही साथ ही आपके ऊपर ही यह निर्णय छोड़ देगा कि आपको कौन सा इलाज करवाना है। देखा जाए तो गंजेपन के अधिकांश बिमारियों का कोई इलाज नहीं है। बस कुछ ही तरह के गंजेपन का इलाज किया जा सकता है। इसके इलाज में शामिल हो सकता है –

  • बालों को बढ़ने के के लिए कुछ दवाएं (जैसे मिनोक्सिडिल और फाइनस्टेराइड)
  • हेयर ट्रांसप्लांट
  • स्किन लिफ्ट्स और ग्राफ्ट्स
  • हेयर रिप्लेसमेंट सर्जरी

बालों को ट्रांसप्लांट के लिए पिछले कई वर्षों से लोगों की रुचि बढ़ती जा रही है। वर्तमान में कई हेयर रिप्लेसमेंट तकनीक उपलब्ध हो चुकी हैं। पर कोई भी हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी पूरी तरह से गंजे लोगों की मदद नहीं कर सकती है। बालों को बदलने के लिए के सिर के पीछे और किनारों पर बालों का स्वस्थ होना बहुत अधिक जरूरी है। सिर के पीछे और किनारों के बाल डोनर के रूप में काम करेंगे जहां से ग्राफ्ट और फ्लैप लिए जा सकते हैं।

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सिर के पिछले हिस्से में दर्द के क्या कारण हो सकते हैं? डॉक्टर से जानें क्यों खतरनाक है इसे नजरअंदाज करना

Anju Rawat

Written by: Anju Rawat Updated at: Jan 07, 2022 02:55 IST

 सिर के पिछले हिस्से में दर्द के क्या कारण हो सकते हैं? डॉक्टर से जानें क्यों खतरनाक है इसे नजरअंदाज करना

headache back of head : आजकल अधिकतर लोग सिर दर्द की समस्या का सामना कर रहे हैं। सिर दर्द छोटी उम्र से लेकर अधिक उम्र तक के लोगों को परेशान करता है। वैसे तो सिर में दर्द, माथे में दर्द, कनपटी में दर्द या फिर पूरे सिर में कही भी दर्द हो जाता है। यानी सिर दर्द कई तरह का होता है। लेकिन आज हम बात कर रहे हैं, सिर के पिछले हिस्से में होने वाले दर्द के बारे में (Headache in Back of Head )-

नींद पूरी न हो पाना, आंखें कमजोर होना, स्ट्रेस या तनाव में रहना, अधिक शोर में रहना सामान्य सिर दर्द का कारण होता है। लेकिन अगर आप बार-बार सिर के पिछले हिस्से में होने वाले दर्द से परेशान हैं, तो इसे नजरअंदाज न करें। क्योंकि सिर के पिछले हिस्से में होने वाले दर्द के पीछे कई गंभीर कारण हो सकते हैं। बालाजी सुपरस्पेशलिटी अस्पताल, गाजियाबाद, ब्रेन एंड स्पाइन इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर डॉक्टर अभिनव गुप्ता से जानें सिर के पिछले हिस्से में क्यों दर्द होता है? (sir ke pichle hisse me dard)

1. क्लस्टर सिरदर्द (cluster headache in hindi)

क्लस्टर सिरदर्द अलग-अलग पैटर्न में हो सकता है। कई बार क्लस्टर सिरदर्द दिन में कई बार हो जाता है, तो कुछ स्थिति में किसी विशेष समय पर ही यह दर्द उठता है। यह सिरदर्द कुछ महीने के अंतराल में भी हो सकता है। क्लस्टर सिर दर्द आंख के आस-पास के हिस्से, कनपटी या फिर सिर के पिछले हिस्से में हो सकता है। क्लस्टर सिरदर्द में अधिकतर लोग सिर के पीछे वाले हिस्से में दर्द का अनुभव करते हैं।

stress headache

2. तनाव सिरदर्द (stress headache symptoms in hindi)

जब कोई व्यक्ति लगातार लंबे समय तनाव, स्ट्रेस में रहता है, तो वह तनाव सिरदर्द का अनुभव कर सकता है। आजकल लोगों में तनाव सिरदर्द के मामले बढ़ते जा रहे हैं। तनाव सिरदर्द में सिर के पिछले हिस्से में दर्द होता है। इसके अलावा यह गर्दन में दर्द का भी कारण बनता है। इसके अलावा लंबे समय तक मोबाइल चलाना, झुककर बैठे रहना भी तनाव सिरदर्द का कारण होता है। इसमें गर्दन और कंधे में भी दर्द हो सकता है। इस तरह के सिरदर्द में मांसपेशियों में तनाव पैदा होता है।

3. साइनसाइटिस (sinusitis symptoms)

वैसे तो साइनसाइटिस का दर्द माथे पर होता है। लेकिन साइनस की समस्या बढ़ने या सूजन आने पर रोगी को सिर के पिछले हिस्से में भी दर्द होने लगता है। दरअसल, इस दौरान व्यक्ति को सांस लेने के लिए अधिक जोर लगाना पड़ता है। इस दौरान सिर दर्द होने लगता है। यह दर्द सिर के पीछे, माथे, नाक के आस-पास महसूस किया जा सकता है।

4. ऑक्सीपिटल नेयुरेल्जिया (occipital neuralgia causes)

यह दर्द सिर के ऑक्सीपिटल नर्व्स से संबंधित होता है। यह दर्द बेहद पीड़ादायक होता है। इस स्थिति में सिर के पिछले हिस्से में दर्द उठता है। यह दर्द आंखों तक महसूस हो सकता है। इसलिए इस दर्द के महसूस होने पर आपको तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए।

5. लिम्फ नोड्स में सूजन (swollen lymph nodes in neck)

लिम्फ नोड्स में सूजन के वजह से भी सिर के पिछले हिस्से में दर्द हो सकता है। दरअसल, कान के पीछे लिम्फ नोड होते हैं, जब ये नोड्स सूज जाते हैं तो दर्द का अहसास होता है। यह दर्द काफी कष्टदायक होता है।

6. वर्टिब्रल आर्टरी डाईसेक्शन (vertebral artery dissection symptoms)

वर्टिबल आर्टरी गर्दन की मुख्य आर्टरी होती है। जब इस आर्टरी पर दबाव पड़ता है, तो दर्द का अनुभव होता है। यह दर्द सिर के पिछले हिस्से के दर्द का कारण भी बन सकता है। धीरे-धीरे यह सिर से पीछे हिस्से से होते हुए जबड़े तक आता है।

अगर आप भी किसी तरह के सिर दर्द से परेशान हैं, तो इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें। क्योंकि सिर दर्द सामान्य से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं। ऐसे में डॉक्टर सिर दर्द की जांच से पता लगाते हैं कि सिर दर्द किसी गंभीर समस्या के कारण तो नहीं है। कुछ दिनों तक लगातार सिर के पीछे हिस्से में दर्द होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

(main image source: helpguide.org)

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डैंड्रफ और खुजली से हैं परेशान? ये घरेलू नुस्खे दे सकते हैं राहत

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ऐसी बहुत सी प्रॉब्लम हैं जिनका सामना पुरुषों को हर मौसम में करना पड़ता है। इन्हीं में से एक समस्या है सिर में खुजली और डैंड्रफ की। डैंड्रफ को पुरुषों की टॉप तीन परेशानियों में भी शामिल किया जा सकता है।

लेकिन सर्दी का मौसम जैसे-जैसे बढ़ता जाता है, वैसे ही सिर में खुजली और डैंड्रफ दोनों बढ़ने लगता है। डैंड्रफ के कारण न सिर्फ बालों की ग्रोथ पर असर पड़ता है। बल्कि कई बार तो बाल पतले होकर टूटने भी लगते हैं। अगर समय रहते इस समस्या पर ध्यान न दिया जाए तो मेल पैटर्न बाल्डनेस और हेयर लॉस की समस्या भी हो सकती है।

इसलिए इस आर्टिकल में मैं आपको डैंड्रफ क्या है? सिर में खुजली, डैंड्रफ को दूर करने वाले 4 आसान घरेलू उपायों के बारे में जानकारी दूंगा। इन्हें अपनाकर आप भी आसानी से इससे छुटकारा पा सकते हैं।

Table of Contents

क्या है डैंड्रफ? (What Is Dandruff?)

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डैंड्रफ असल में सिर की सामान्य समस्या है। इसमें सिर से सफेद रंग की पपड़ी गिरने लगती है। असल में ये हमारी डेड स्किन होती है। डैंड्रफ किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है, कई बार तो नवजात बच्चे भी इससे ग्रस्त होते हैं। हालांकि, इस समस्या से ज्यादातर ऑयली स्किन वाले पुरुष परेशान होते हैं।

डैंड्रफ के कारण (Causes Of Dandruff)

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ड्राई स्किन (Dry Skin)

डैंड्रफ का सबसे सामान्य कारण ड्राई स्किन का होना है, खासतौर पर सर्दियों के मौसम में। अगर कंधे पर दिखने वाली पपड़ी के टुक​ड़े छोटे हैं और ऑयली नहीं है, या शरीर के अन्य अंगों पर भी आपकी स्किन ड्राई है, तो ये भी डैंड्रफ होेने का एक कारण हो सकता है।

पर्याप्त शैंपू न करना (Not Shampooing Enough)

अगर बालों को नियमित तौर पर न धोया जाए तो ऑयल और स्किन की कोशिकाएं सिर में बढ़ने लगती है। यही कोशिकाएं बाद में डैंड्रफ बनकर झड़ने लगती हैं। हेल्दी हेयर पाने के लिए जरूरी है कि हम नियमित तौर पर बालों की सफाई करते रहें।

हेयर प्रोडक्टस (Hair Products)

कई बार हेयर केयर एक सिर और कंधे पैटर्न क्या है प्रोडक्टस में अलग-अलग प्रकार की ढेरों सामग्रियों का इस्तेमाल किया जाता है। हो सकता है कि इनमें से कुछ प्रोडक्ट आपकी स्किन को सेंसेटिव बना दें, या​ फिर खुजली और ड्राई स्कैल्प की समस्या को बढ़ा दें। अगर स्कैल्प या सिर की त्वचा ड्राई हो जाए तो डैंड्रफ की समस्या बढ़ सकती है।

सेबोरीक डर्मटाइटिस (Seborrheic Dermatitis)

ये डैंड्रफ का ही एक प्रकार है, जो ज्यादातर ऑयली स्किन वालों को होता है। इस डैंड्रफ में पपड़ी चिपचिपी, सफेद या पीले रंग की होती है। जबकि सिर की त्वचा अक्सर लाल हो जाती है। सिर में रह-रहकर खुजली भी होती है। बाद में ये डैंड्रफ बढ़कर नाक, भौंह, कानों के पीछे, जांघों के बीच और कई बार अंडर एक सिर और कंधे पैटर्न क्या है आर्म्स में भी हो सकता है। इस समस्या के होने पर तुरंत डाक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

मलेसेजिया (Malessezia)

ये यीस्ट जैसा एक फंगस है जो हम सभी में ज्यादातर पाया जाता है। लेकिन कई बार इसकी बढ़त कंट्रोल से बाहर हो जाती है। ये समस्या भी ज्यादातर ऑयली स्किन वालों में ही पाई जाती है। इस समस्या के होने पर सिर में खुजली होती है, जिसके कारण सिर में स्किन कोशिकाएं तेजी से बढ़ने लगती हैं और सिर से पपड़ी झड़ने की मात्रा भी बढ़ जाती है।

एग्जिमा और सोरायसिस (Eczema & Psoriasis)

स्किन की कुछ सामान्य समस्याओं और बीमारियों के कारण भी कई बार डैंड्रफ की समस्या हो सकती है। स्किन की समस्याएं जैसे एग्जिमा और सोरायसिस इन बीमारियों में प्रमुख हैं। इन दोनों बीमारियों के अलावा कुछ बीमारियों जैसे पार्किंसन (Parkinson) के कारण भी लोगों को डैंड्रफ हो सकता है।

1. टी ट्री ऑयल (Tea Tree Oil)

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एक स्टडी में पाया गया है कि, शैंपू और रेग्युलर हेयर ऑयल के साथ टी ट्री ऑयल का इस्तेमाल करने से डैंड्रफ, ड्राईनेस और हेयर फॉल को कम किया जा सकता है। इसके अलावा, टी ट्री का एसेंस लगाने से भी स्कैल्प की ड्राईनेस कम हो सकती है।

ये भी डैंड्रफ की समस्या को कम करने में मदद कर सकती है। टी ट्री ऑयल की कुछ बूंदों को शैंपू के साथ मिलाकर सिर को धोया जा सकता है। या फिर सोने से पहले सिर में हेयर ऑयल के साथ मिलाकर लगाया जा सकता है।

2. एप्पल साइडर विनेगर (Apple Cider Vinegar)

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एप्पल साइडर विनेगर की एसिडिटी में ऐसे गुण पाए जाते हैं जो आपके स्कैल्प के पीएच लेवल को बदल सकते हैं। इसी के साथ धीरे-धीरे आपके सिर से डैंड्रफ भी गायब होना शुरू हो जाता है। लेकिन ध्यान रखने वाली बात ये भी है कि आप इसे बिना डाइल्यूट किए इस्तेमाल न करें।

इसीलिए, हर हफ्ते, चौथाई कप पानी में, चौथाई कप एप्पल साइडर विनेगर मिलाकर स्प्रे बॉटल में भर लीजिए। इसके बाद इसे अच्छी तरह से स्प्रे करके बालों को गीला कर लीजिए। इसके बाद सिर को 15 मिनट के लिए तौलिए से बांध लें। कुछ ही दिनों में असर दिखने लगेगा।

3. नींबू का जूस (Lemon Juice)

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नींबू के जूस में एंटी माइक्रोबियल और एंटी इंफ्लेमेट्री दोनों प्रकार के गुण पाए जाते हैं। ये गुण बालों को फंगस से मुक्ति दिलवा सकते हैं। इसके साथ ही ये ​स्कैल्प को गहरा पोषण भी देते हैं। हर हफ्ते एक या दो नींबू के जूस को अच्छी तरह से ​स्कैल्प में रूई की मदद से लगाएंं। कुछ ही दिनों में असर दिखने लगेगा।

4. दही (Yoghurt)

Yoghurt

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दही में पाए जाने वाले पोषक तत्व स्कैल्प में पाई जाने वाली फंगस की ग्रोथ को रोक सकते हैं। इसके साथ ही दूध में पाया जाने वाला लैक्टिक एसिड बालों के ऊपर मौजूद केरोटिन की परत को हटा देते हैं।

इससे बालों में पोषक तत्व ज्यादा अच्छी तरह से अवशोषित हो पाते हैं। दही को बालों में लगाने से ये स्कैल्प को राहत देता है और इससे सिर में खुजली की समस्या भी खत्म हो जाती है।

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