भारत में क्रिप्टोकरेंसी व्यापार

मोमबत्ती योजना

मोमबत्ती योजना
बिजली ना होने की वजह से मोमबत्ती और टॉर्च की रोशनी में मरीजों का इलाज किया जा रहा है.

स्वरोजगार मोमबत्ती उद्योग योजना | पूरी जानकारी | msy.मोमबत्ती योजना uk.gov.in | कैसे करें आवेदन

॥ मुख्यमंत्री स्वरोजगार मोमबत्ती उद्योग योजना | Mukhyamantri Swarojgar Candle Industry Yojana | उत्तराखंड स्वरोजगार मोमबत्ती उद्योग योजना | Swarojgar Candle Industry Yojana | लाभ / पात्रता / उद्देश्य / विशेषताएं | How to apply ॥

उत्तराखंड सरकार दवारा राज्य के युवाओ को अपना विजनेस / व्यापार शुरु करने के लिए स्वरोजगार मोमबत्ती उद्योग योजना को लागु किया गया है। जिसके जरिए राज्य मे वेरोजगार युवाओ की आय मे वढोतरी करने के लिए सरकार दवारा लोन उपलव्ध करवाया जाएगा। जिसकी मदद से लाभार्थी मोमबत्ती उदयोग का बिजनेस शुरु कर सकते हैं। कैसे किया जाएगा बिजनेस, लाभ कैसे प्राप्त होगा और योजना के लिए आवेदन कैसे किया जाएगा। इसके लिए आपको ये आर्टीकल अंत तक पढना होगा। तो आइए जानते हैं – स्वरोजगार मोमबत्ती उद्योग योजना के वारे मे।

Swarojgar Candle Industry Yojana

उत्तराखंड राज्य के मुख्यमंत्री दवारा वेरोजगार युवाओं को रोजगार से जोडने और उन्हे आत्म-निर्भर वनाने के लिए स्वरोजगार मोमबत्ती उद्योग योजना को शुरु किया गया है। जिसके तहत राज्य मे वेरोजगार / नौकरी की तलाश करने वाले लाभार्थीयो को मोमबत्ती का बिजनेस शुरु करने के लिए लोन दिया जाएगा। इसके अलावा निर्माण क्षेत्र में 25 लाख और सेवा क्षेत्र में अधिकतम 10 लाख के प्रोजेक्ट को 15 से 25% तक सब्सिडी भी लाभार्थीयो को दी जाएगी। मोमबत्ती उद्योग एक ऐसा व्यवसाय है, जिसको शुरू करने में बहुत ज्यादा लागत की जरुरत नहीं पड़ती है। इसका प्रयोग होली, दीपवाली, बर्थडे, क्रिसमस-डे , उद्धाटन या धार्मिक स्थलो आदि के अवसरों मे अधिक होता है। जिससे लाभार्थी की आमदनी निरंतर वढती है। इस बिजनेस को लाभुक अपने घर या किराये पर 12 बाई12 की एक छोटे से कमरे के साथ शुरु कर सकते है। इस व्यवसाय की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसको शुरू करने के लिए बहुत बड़ी जगह की आवश्यकता नहीं पड़ती है। लाभार्थी को केवल इसके रखरखाव का ध्यान रखना पडता है। योजना का लाभ लेने के लिए लाभार्थी को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन के उपरांत लाभार्थी के बैंक खाते मे लोन की राशि को स्थानातरित किया जाएगा। जिससे वह मोमबत्ती उद्योग का बिजनेस शुरु कर अपनी इनकम को वढा सकता है।

स्वरोजगार मोमबत्ती उद्योग योजना का उद्देश्य

योजना का मुख्य उद्देश्य बेरोजगार और नौकरी की तलाश करने वाले लाभार्थीयो को रोजगार से जोडने के लिए सरकार दवारा लोन के तोर पर वित्तिय सहायता उपलव्ध करवाना है।

Swarojgar Candle Industry Yojana के लिए पात्रता

  • उत्तराखंड राज्य के स्थायी निवासी
  • बेरोजगार युवा वर्ग
  • आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग
  • शैक्षिक योग्यता की बाध्यता नहीं है।
  • आवेदक किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक/वित्तीय संस्था / सहकारी बैंक या संस्था इत्यादि का चूककर्ता (defaulter) नहीं होना चाहिए।
  • लाभार्थी को 5 वर्ष के भीतर भारत तथा राज्य सरकार द्वारा संचालित किसी अन्य स्वरोजगार योजना का लाभ प्रदान नहीं होना चाहिए।
  • लाभार्थी अथवा उसके परिवार के किसी एक सदस्य को योजना के तहत केवल एक बार ही लाभान्वित किया जायेगा।

स्वरोजगार मोमबत्ती उद्योग योजना के लिए चयन प्रक्रिया

लाभार्थियों का चयन अधिक आवेदन प्राप्त होने पर प्रोजेक्ट व्यवहार्यता देखते हुए “पहले आयें पहले पायें” (First Come First Serve) के आधार पर किया जायेगा।

Age Range

  • न्युनतम – 18 वर्ष
  • अधिकतम – 35+

स्वरोजगार मोमबत्ती उद्योग योजना के लिए महत्वपूर्ण दस्तावेज

  • आधार कार्ड
  • स्थायी प्रमाण पत्र
  • जाति प्रमाण पत्र
  • शैक्षिक योग्यता दस्तावेज
  • बैंक खाता
  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • मोबाइल नम्वर

स्वरोजगार मोमबत्ती उद्योग योजना के लाभ

  • स्वरोजगार मोमबत्ती उद्योग योजना का लाभ उत्तराखंड राज्य के स्थायी निवासियो को प्राप्त होगा।
  • योजना के जरिए COVID-19 के चलते नौकरी खो चुके/ बेरोजगार युवा / नौकरी की तलाश कर रहे लाभार्थीयो को राज्य सरकार दवारा बिजनेस शुरु करने के लिए लोन दिया जाएगा।
  • लाभार्थीयो को दी जाने वाली धनराशि उनके बैंक खाते मे स्थानातरित की जाएगी।
  • इसकी मदद से लाभार्थी घर से ही मोमबत्ती का बिजनेस शुरु कर सकेगें।
  • इससे लाभार्थीयो का आर्थिक पक्ष मजबूत होगा और उनकी आय मे भी वढोतरी होगी।
  • योजना के चलते लाभार्थीयो को नौकरी की तलाश के लिए भागदौड नहीं करनी पडेगी।
  • योजना का लाभ लाभार्थी को आवेदन करके ही मिलेगा।

Mukhyamantri Swarojgar Candle Industry Yojana की मुख्य विशेषताएं

  • बेरोजगारो को रोजगार से जोडना
  • खुद का बिजनेस चलाने के लिए राज्य सरकार दवारा मिलेगी आर्थिक सहायता
  • लाभार्थीयो को आत्म-निर्भर वनाना
  • लाभार्थीयो की आय मे वढोतरी

स्वरोजगार मोमबत्ती उद्योग योजना के लिए कैसे करें आवेदन

  • स्वरोजगार मोमबत्ती उद्योग योजना के लिए आवेदन करने के लिए लाभार्थी को अधिकारिक वेब्साइट पे जाना है।

  • अब आपको योजना के लिंक की खोजकर आवेदन फार्म भरना होगा।
  • आवेदन फार्म मे दी गई सारी जानकारी भरने के बाद आपको आव्श्यक दस्तावेज अपलोड करने होगें।
  • सारी प्रक्रिया होने के बाद आपको सबमिट बटन पे किल्क कर देना है।
  • यहां किल्क करते ही आपके दवारा योजना के लिए आवेदन कर दिया जाएगा।
  • आवेदन होने के वाद लाभार्थी को योजना के संवध मे बैंक से लोन की राशि उसके खाते मे स्थानातरित कर दी जाएगी।
  • इस राशि के उपयोग से लाभार्थी मोमबत्ती का बिजनेस शुरु कर सकते हैं और योजना का लाभ ले सकते हैं।

Swarojgar Candle Industry Yojana हेल्पलाइन नम्वर

  • 1800-270-1213

आशा करता हूं आपको इस आर्टीकल के दवारा सारी जानकारी मिल गई होगी। आर्टीकल अच्छा लगे तो कोमेंट और लाइक जरुर करें।

मोमबत्तियों का बिजनेस कैसे शुरू करें। Mombatti/ Candle Ka Business Kaise Start Kare | 50 हजार | How to Start Candle Making Business in Hindi

Mombatti/ Candle Ka Business Kaise Start Kare :आजकल खुद का बिजनेस करना काफी फायदेमंद साबित हो रहा है। इंसान हर तरह का बिजनेस करना पसंद कर रहे हैं इसमें से एक मोमबत्ती को कभी बिजनेस काफी लोकप्रिय हो रहा है। इस बिजनेस में आपको कम खर्च में बिजनेस होती भी है और बिजनेस चलने के बाद आपको ज्यादा मुनाफा भी होता है।

इस पोस्ट में बात करने वाले हैं मोमबत्ती ओ का बिजनेस आखिर कैसे करेंगे।

मोमबत्तियों(Mombatti) का बिजनेस कैसे शुरू करें ( How to Start Candle Making Business in Hindi)

आप लोगों को बता दूँ मोमबत्ती(Mombatti) हो का बिजनेस करने के लिए लगभग 20,000 से लेकर ₹30000 तक निवेश करके बिजनेस शुरू कर सकते हैं। इस बिजनेस को शुरू करने के लिए प्रयोग में लाने वाले कच्चे माल में मोमबत्ती सांचे धागा सुगंध तेल और भी बहुत कुछ लगेंगे। मोमबत्ती (Mombatti) का बिजनेस शुरू करने के लिए आपको स्थान की भी ध्यान रखनी होगी जिससे आपको फायदा मिले।

आप लोगों को बता दो मोमबत्ती बनाने में लगने वाला समय देखा जाए तो मशीन के द्वारा 15 मिनट में 300 मोमबत्तियां (Mombatti) बना लेती है। अगर आप मशीन के द्वारा बनाते हैं तो 15 मिनट में 300 मोमबत्तियां बन जाएगी लेकिन एक इंसान अगर इन्हीं मोमबत्तियां को बनाएगा तो 30 से 35 मिनट में सांची की संख्या के आधार पर 90 मोमबत्ती ही बन पाएंगे।

अगर आप मोमबत्ती(Mombatti) का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो उसके लिए कानूनी प्रक्रिया भी बहुत जरूरी है। जैसे मोमबत्ती योजना कि कंपनी की संरचना व्यापार की रजिस्ट्रेशन साथ में पैन कार्ड बिजनेस बैंक अकाउंट कंपनी का नाम ए आई एन के साथ रजिस्ट्रेशन इन सबके जरूरी है।

अब बात करते हैं मोमबत्ती का मार्केटिंग कैसे करेंगे

मोमबत्ती का मार्केटिंग कैसे करेंगे

1 .पोस्टरों के माध्यम या पंपलेट के जरिए आप मार्केटिंग करें।

2 .आप ऑनलाइन जाकर मोमबत्ती का मार्केटिंग कर सकते हैं।

3 .सोशल मीडिया साइट पर अकाउंट बनाएं और उस पर मार्केटिंग करें।

मोमबती(Mombatti) के व्यापार के लिए क़ानूनी प्रक्रिया (Legal Procedure)

व्यापार का रजिस्ट्रेशन

कम्पनी की संरचना

पैन कार्ड

व्यावसायिक खाता

करों का भुगतान

कंपनी का नाम

न्योक्ता पहचान संख्या (इआईएन) के मोमबत्ती योजना साथ पंजीकरण

मोमबत्ती(Mombatti) बनाने के लिए आवश्यक मशीन (Candle Making Machine)

1 .मैनुअल मशीन

2 .अर्द्ध स्वचालित मशीन

3 .पूर्ण ऑटोमेटिक मशीन

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क्या मोमबत्तियां कैंसर का जोखिम दे सकती है? आइए जानते हैं इस दावे की सच्चाई

एलईडी बल्ब और लाइट के पहले मोमबत्तियों (effect of candle on health) की रोशनी का ही सहारा था। लेकिन क्या इसे जलाना आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक है? जानिए इस प्रश्न का जवाब।

Candles karti hai health ko affect

मोमबत्ती कर सकती है आपके स्वास्थ्य को प्रभावित। चित्र:शटरस्टॉक

आज की दुनिया में, मोमबत्तियों का उपयोग सजावट के रूप में, समारोहों और आरामदेह सुगंधों के लिए किया जाता है। अधिकांश आधुनिक मोमबत्तियां पैराफिन मोम से बनाई जाती हैं। लेकिन वे आमतौर पर मोम, सोया मोम या ताड़ के मोम से भी बनी होती हैं।

इस विषय पर इन दिनों अच्छी खासी बहस चल रही है कि मोमबत्ती जलाना आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। कुछ लोग दावा करते हैं कि मोमबत्तियां संभावित रूप से हानिकारक टॉक्सिक पदार्थों को छोड़ती हैं। हालांकि, तर्क के दूसरे पक्ष के लोगों का कहना है कि मोमबत्तियों में इतनी ज्यादा मात्रा में विषाक्त पदार्थ नहीं मोमबत्ती योजना होते कि वे सेहत को नुकसान पहुंचा सकें। बिना बहस में पड़े, हम इसके सेहत पर होने वाले प्रभावों की जांच करने वाले हैं।

क्या मोमबत्तियां जहरीली होती हैं? (Are candles toxic?)

इंटरनेट पर कई लेख हैं, जो मोमबत्ती जलाने के खतरों के बारे में बताते हैं। हालांकि, इनमें से कई लेख अपने दावों के समर्थन में एविडेंस या बिना किसी मोमबत्ती योजना सबूत का उपयोग करते हैं।

क्या मोमबत्ती की बत्ती लीड की बनी होती है? (Are candles light made of lead?)

वर्तमान में संयुक्त राज्य अमेरिका में मोमबत्ती की बाती में लीड नहीं मोमबत्ती योजना मोमबत्ती योजना होता है। 2003 में, यू.एस. कंज्यूमर प्रोडक्ट सेफ्टी कमीशन (CPSC) ने लीड की बत्तियों के साथ मोमबत्तियों की बिक्री और निर्माण पर प्रतिबंध लगाने के लिए कदम उठाए हैं। उन्होंने अन्य देशों से लीड युक्त मोमबत्तियों के आयात पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।

Candles ka sehat par prabhav jaane

मोमबत्ती का सेहत पर प्रभाव जानें। चित्र- शटरस्टॉक

अधिकांश मोमबत्ती निर्माताओं ने 1970 के दशक में अपनी मोमबत्तियों में लीड का उपयोग बंद कर दिया। इस चिंता के कारण कि धुएं से निकला लीड टॉक्सिक हो सकता है। विशेष रूप से बच्चों की सेहत को ध्यान में रखते हुए लीड युक्त मोमबत्तियों को बाजार से हटा दिया गया था।

क्या मोम जहरीले रसायनों से बना है? (Are candle wax made of harmful chemicals?)

अधिकांश आधुनिक मोमबत्तियां पैराफिन मोम से बनाई जाती हैं। इस प्रकार का मोम पेट्रोल बनाने के उपोत्पाद के रूप में पेट्रोलियम से बनाया जाता है।

2009 के अध्ययन में पाया गया कि पैराफिन मोम जलाने से टोल्यूनि जैसे संभावित खतरनाक रसायन निकलते हैं। हालांकि, यह अध्ययन कभी भी एक पत्रिका में प्रकाशित नहीं हुआ था, और नेशनल कैंडल एसोसिएशन एवं यूरोपियन कैंडल एसोसिएशन ने अध्ययन की विश्वसनीयता के बारे में सवाल उठाए थे।

यूरोपियन कैंडल एसोसिएशन द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, “उन्होंने समीक्षा के लिए कोई डेटा प्रदान नहीं किया है, और उनके निष्कर्ष असमर्थित दावों पर आधारित हैं। किसी भी प्रतिष्ठित वैज्ञानिक अध्ययन ने मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होने के लिए पैराफिन समेत किसी भी मोमबत्ती मोम को कभी नहीं दिखाया है।”

यूरोपियन कैंडल एसोसिएशन द्वारा वित्त पोषित 2007 के एक अध्ययन में 300 जहरीले रसायनों के लिए हर प्रमुख प्रकार के मोम की जांच की गई।

शोधकर्ताओं ने पाया कि प्रत्येक प्रकार की मोमबत्ती से निकलने वाले रसायनों का स्तर मानव स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनने वाली मात्रा से काफी कम था।

क्या सेंटेड कैंडल्स जहरीली होती हैं? (Are scented candles toxic?)

सुगंधित मोमबत्तियां जलाने से फॉर्मलाडेहाइड जैसे वेपोराइजिंग कार्बनिक केमिकल निकल सकते हैं, जो आपके लिए कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं।

भले ही सुगंधित मोमबत्तियां इन यौगिकों को छोड़ती हैं, पर यह स्पष्ट नहीं है कि क्या वे आपके स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं। सुगंधित मोमबत्तियों से एलर्जी की प्रतिक्रिया होना भी संभव है। इसके लक्षणों में शामिल हो सकते हैं:

  1. छींक आना
  2. बहती नाक
  3. साइनस ब्लॉकेज

candles ke dhuyen se aa sakti hai cheenk

मोमबत्ती के धुएं से आ सकती है लगातार छींक। चित्र : शटरस्टॉक

आपके स्वास्थ्य के लिए कौन सी मोमबत्तियां सबसे अच्छी हैं?

एक अध्ययन के अनुसार, पाम स्टीयरिन से बनी मोमबत्तियां पैराफिन से बनी मोमबत्तियों की तुलना में आधा धुआं ही छोड़ती हैं। शोधकर्ता यह भी बताते हैं कि प्राकृतिक मोमबत्तियों से संभावित खतरनाक रसायनों की सबसे कम मात्रा निकलती है।

कुछ प्राकृतिक मोमबत्तियों के विकल्पों में शामिल हैं:

  1. नारियल का मोम
  2. सोया मोम
  3. ताड़ का मोम
  4. वेजिटेबल वैक्स

सारांश

मोमबत्ती जलाने से ऐसे रसायन निकलते हैं, जो मानव स्वास्थ्य के लिए संभावित रूप से खतरनाक हो सकते हैं। हालांकि, ऐसा कोई निश्चित शोध नहीं है जो यह दर्शाता हो कि मोमबत्ती के धुएं के संपर्क में आने से किसी भी स्वास्थ्य स्थिति के विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है।

किसी भी तरह का धुंआ सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। यदि आप नियमित रूप से मोमबत्तियों का उपयोग करने की योजना बनाते हैं, तो यह एक अच्छा विचार है कि आप उन्हें हवादार कमरे में जला दें। इससे आपके द्वारा सांस लेने वाले धुएं की मात्रा को कम किया जा सकता है।

दुनिया भर में मोमबत्ती प्रकाश - अक्टूबर 15

दुनिया भर में मोमबत्ती प्रकाश - अक्टूबर 15

सर्कल ऑफ लाइफ समुदाय के उन लोगों के लिए प्रकाश समारोह की अपनी पहली वार्षिक लहर की मेजबानी करेगा जिन्होंने गर्भावस्था और शिशु हानि का अनुभव किया है। मोमबत्ती जलाने की सेवा उन लोगों को एक साथ लाती है जिन्होंने एकता के समारोह में एक बच्चे के नुकसान का शोक व्यक्त किया है।

यह दिन 15 अक्टूबर को अमेरिका में प्रतिवर्ष मनाया जाता है, और यह गर्भावस्था के नुकसान और शिशु मृत्यु के लिए स्मरण का दिन है, जिसमें गर्भपात, स्टिलबर्थ, एसआईडीएस या नवजात शिशु की मृत्यु तक सीमित नहीं है। समारोह उन परिवारों के दर्द को कम करने का प्रयास करता है जिन्होंने एक गहरे प्यार और याद किए गए परिवार के सदस्य को स्वीकार करने और याद रखने का एक और साधन प्रदान करके एक बच्चे को खो दिया है।

वेव ऑफ लाइट सेरेमनी दुनिया भर के दोस्तों को एक घंटे के लिए मोमबत्तियां जलाने में एकजुट करेगी ताकि उन बेटों, बेटियों, भाइयों, बहनों और पोते-पोतियों की यादों का सम्मान किया जा सके जो बहुत जल्द चले गए थे। जैसा कि स्थानीय समयानुसार शाम 7:00 बजे मोमबत्तियां जलाई जाती हैं, सैकड़ों हजारों लोग जल्द ही चले गए सभी बच्चों की स्मृति का जश्न मनाएंगे और उनका सम्मान करेंगे। प्रकाश की निरंतर श्रृंखला दुनिया भर में और दुनिया भर में 24 घंटे की अवधि के लिए फैली हुई है जो हमारे बच्चों के सम्मान और स्मरण में प्यार और प्रकाश में रात को रोशन करती है।

स्थानीय रूप से, समारोह रविवार, 15 अक्टूबर को शाम 6:30 बजे, बेंटनविले में ऑर्चर्ड्स पार्क मंडप, 1100 एनई जॉन डीशील्ड्स ब्लव्ड में आयोजित किया जाएगा। स्मरणोत्सव में संगीत, रीडिंग, मोमबत्ती जलाने और मेमोरी वॉक के साथ एक स्मारक सेवा की सुविधा होगी। कृपया राष्ट्रीय गर्भावस्था हानि और शिशु हानि जागरूकता दिवस के पालन में हमारे साथ जुड़ें।

सर्कल ऑफ लाइफ एक गैर-लाभकारी संगठन है 501 (सी) (3) वाशिंगटन, बेंटन, कैरोल और मैडिसन काउंटी के निवासियों को दयालु अंत-जीवन देखभाल प्रदान करता है।

वेव ऑफ लाइट सेरेमनी के बारे में अधिक जानकारी के लिए, कृपया 479-750-6632 पर सर्कल ऑफ लाइफ में बेथ स्नाइडर से संपर्क करें।

नवीन पटनायक ये वीडियो देख लेगें, तो 'आयुष्मान भारत योजना' तुरंत लागू कर देंगे !

ओडिशा के ही एक अस्पताल की जो वीडियो और तस्वीरें सामने आई हैं, उन्होंने ओडिशा में स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोल दी है. यहां बिजली ना होने की वजह से मोमबत्ती और टॉर्च की रोशनी में मरीजों का इलाज किया जा रहा है.

होम -> सियासत

'ओडिशा में पहले से ही बेहतर चल रही स्वास्थ्य सेवाओं के बदले आयुष्मान भारत लागू करने के बजाय पीएम मोदी को तेल की बढ़ती कीमतों पर ध्यान देना चाहिए.' यही कहते हुए ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने आयुष्मान भारत योजना को लागू करने से मना किया था. लेकिन अब ओडिशा के ही एक अस्पताल की जो वीडियो और तस्वीरें सामने आई हैं, उन्होंने ओडिशा में स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोल दी है. ये वीडियो देखकर आप भी यही कहेंगे कि अगर ऐसे हालात हैं तो अपनी जिद को छोड़कर नवीन पटनायक को आयुष्मान भारत को लागू करना चाहिए.

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बिजली ना होने की वजह से मोमबत्ती और टॉर्च की रोशनी में मरीजों का इलाज किया जा रहा है.

क्या है मामला?

ओडिशा के मयूरभंज के रॉरुन ब्लॉक अस्पताल में बिजली की सही व्यवस्था नहीं है. मरीजों का इलाज टॉर्च की रोशनी और यहां तक कि मोमबत्ती की रोशनी में किया जा रहा है. आपको जानकर हैरानी होगी कि डॉक्टरों के अनुसार इस अस्पताल में 180 से 200 मरीज रोज आते हैं, लेकिन बावजूद इसके बिजली की दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. कभी तो डॉक्टरों को बिजली में मरीजों को देखना नसीब होता है तो कभी उन्हें टॉर्च या मोमबत्ती से काम चलाना पड़ता है. आप भी देखिए इसका वीडियो, जिसमें डॉक्टर मोमबत्ती और टॉर्च की रोशनी में इलाज कर रहे हैं.

ओडिशा समेत 5 राज्यों ने आयुष्मान भारत योजना को लागू करने से मना कर दिया है, जिनमें पंजाब, दिल्ली, केरल और तेलंगाना भी शामिल हैं. ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने आयुष्मान योजना को न लागू करने के पीछे तर्क दिया है कि राज्य में पहले से ही लागू बीजू स्वास्थ्य कल्याण योजना आयुष्मान भारत योजना से बहुत बेहतर है. नवीन पटनायक के तर्क पर हाल ही में सामने आए वीडियो और तस्वीरों ने सवाल खड़ा कर दिया है.

सेहत के नाम पर राजनीति !

नवीन पटनायक ने तो ये कह दिया है कि बीजू स्वास्थ्य कल्याण योजना आयुष्मान भारत से बेहतर है, लेकिन राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत खस्ता ही दिख रही है. पीएम मोदी ने तो नवीन पटनायक पर निशाना साधते हुए यह भी कह दिया है कि हर किसी को आयुष्मान भारत योजना का लाभ दिख रहा है, लेकिन ओडिशा सरकार को ये बात समझ नहीं आ रही. अमित शाह ने तो यहां तक कह दिया है कि नवीन पटनायक नहीं चाहते कि गरीबों को आयुष्मान भारत का लाभ मिले. उन्हें अपनी कुर्सी प्यारी है और वोटबैंक खोने का डर सता रहा है.

खैर, अभी तो ये भी नहीं कहा जा सकता कि आयुष्मान भारत योजना के बाद हालात कितने बदलेंगे, लेकिन इसमें कोई दोराय नहीं है कि ओडिशा के मौजूदा हालात सही नहीं हैं. बेशक आयुष्मान भारत योजना का भाजपा को राजनीतिक लाभ मिलेगा, लेकिन इसका विरोध कर रहे राज्यों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि उनकी स्कीम बेहतर है, वरना अपने ही राज्य के लोगों का मुख्यमंत्री पर से भरोसा उठ जाएगा. आयुष्मान भारत योजना कितनी सफल होगी ये तो वक्त ही बताएगा, लेकिन इसके फायदे गिनाने में भाजपा ने कोई कसर नहीं छोड़ी है. ऐसे में इसके खिलाफ खड़े राज्यों को ये साबित करना जरूरी है कि उनके यहां स्वास्थ्य सेवाएं पहले से ही काफी अच्छी हैं.

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