स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है?

नवभारत टाइम्स 1 दिन पहले
किसी बड़ी रैली के पहले 18000 के नीचे फिसल सकता है निफ्टी: जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज
अक्टूबर 2021 का 18604 अंकों का रिकॉर्ड हाई कोई ब्रेकआउट लेवल नहीं है। हमें निफ्टी में 18800-19000 का स्तर देखने को मिल सकता है। लेकिन किसी टिकाऊ रैली के पहले निफ्टी में हमें एक बार फिर से 18000 के नीचे भी जाता दिख सकता है। ये बातें जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज (Geojit Financial Services) के आनंद जेम्स ने मनीकंट्रोल के साथ हुई एक बातचीत में कही हैं। आनंद जेम्स ने इस बातचीत में आगे कहा कि आमतौर पर बेंचमार्क इंडेक्स को ऊपर की तरफ ले जाने और इस बढ़त को बनाए रखने में लार्जकैप शेयरों का सबसे बड़ा योगदान स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है? होता है। लेकिन भारतीय बाजार में अब तक आई तेजी में मिड और स्मॉलकैप की बड़ी भागीदारी नहीं रही है। ऐसे में हमें गिरावट में क्वालिटी मिडकैप में खरीदारी की रणनीति अपनानी चाहिए।
कैपिटल मार्केट का 15 सालों से ज्यादा का अनुभव रखने वाले आनंद जेम्स का बाजार में नए आए लोगों से कहना है कि बाजार में चाहे इंट्राडे हों या पोजीशनल ट्रेडर सभी के लिए ट्रेडिंग सेट-अप में ट्रेंड की पहचान करना सबसे अहम फैक्टर होता है। एंट्री लेवल पर इसकी समझ रखना और अहम हो जाता है।
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मिडकैप बैंकों में अभी और तेजी की उम्मीद
बैंक निफ्टी के अधिकांश दिग्गज अपने ऑलटाइम हाई के करीब हैं। लेकिन मिडकैप बैंकों में अब तक आई जोरदार तेजी के बावजूद इनमें खरीदारी देखने को मिल रही है। इसकी वजह ये है कि ये शेयर अभी भी अपने ऑल टाइम हाई से काफी नीचे दिख रहे हैं। ऐसे में लोगों को इनमें अभी और तेजी आने संभावना नजर आ रही है। आमतौर पर बेंचमार्क इंडेक्स को ऊपर की तरफ ले जाने और इस बढ़त को बनाए रखने में लार्जकैप शेयरों का सबसे बड़ा योगदान होता है। लेकिन भारतीय बाजार में अब तक आई तेजी में मिड और स्मॉलकैप की बड़ी भागीदारी नहीं रही है। ऐसे में हमें गिरावट में क्वालिटी मिडकैप में खरीदारी की रणनीति अपनानी चाहिए। इसके साथ ही लार्ज कैप में निवेशित बने रहना चाहिए।
जानिए क्या होती है फ्यूचर ट्रेडिंग, यहां मिलेगी पूरी जानकारी
- Money9 Hindi
- Publish Date - July 17, 2021 / 05:48 PM IST
शेयर बाजार (Stock Market) में उपयोग किए जाने वाले जटिल वित्तीय शब्दजाल अक्सर शुरुआती लोगों के लिए मुश्किल भरे हो स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है? जाते हैं. निवेश एक संवेदनशील मामला है क्योंकि इसमें आपकी मेहनत की कमाई शामिल है. इसलिए, आपको कभी भी बिना तैयारी के अज्ञात क्षेत्र में कदम नहीं रखना चाहिए. यहां, हम स्टॉक ट्रेडिंग में इस्तेमाल होने वाले एक बहुत ही सामान्य शब्द के बारे में बात कर रहे हैं जिसे वायदा कारोबार या फ्यूचर ट्रेडिंग कहते हैं.
फ्यूचर्स को समझने के लिए, किसी को डेरिवेटिव ट्रेडिंग की मूल बातें पता होनी चाहिए. डेरिवेटिव वित्तीय अनुबंध हैं जो किसी अन्य वित्तीय साधन की कीमत में बदलाव से मूल्य प्राप्त करते हैं. सरल शब्दों में यह वित्तीय वस्तु की कीमत को ट्रैक करती है. अब, वायदा कारोबार स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है? में एक खरीदार और विक्रेता के बीच एक निश्चित मूल्य के लिए भविष्य में एक पूर्व निर्धारित समय पर एक विशेष डेरिवेटिव खरीदने के लिए अनुबंध शामिल हैं. खरीदार को अनुबंध शुरू करने के समय एक छोटे से मार्जिन मूल्य का भुगतान करना होगा.
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स्टॉक मार्केट में निवेश से मिलनेवाले ऊंचे रिटर्न्स की वजह से लोग हमेशा से ही स्टॉक मार्केट की ओर आकर्षित होते हैं, लेकिन इक्विटीज़ में पैस बनाना कभी-भी आसान नहीं होता. इसके लिए रिसर्च के साथ-साथ मार्केट की समझ होना भी ज़रूरी है, जिसके लिए बहुत धीरज और अनुशासन की ज़रूरत होती है.
नीचे हम कुछ ऐसे महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में बता रहे हैं, जिनके बारे में ट्रेडिंग करने से पहले आपको ज़रूर ध्यान देना चाहिए:
1. ट्रेडिंग कॉस्ट
ट्रेडिंग कॉस्ट में ब्रोकरेज, टैक्स और मार्जिन फ़ंड कॉस्ट तीनों ही शामिल होते हैं. इन तीनों में से ब्रोकरेज का हिस्सा बड़ा होता है. यदि ब्रोकरेज की राशि में बचत की जा सके तो ट्रेडिंग कॉस्ट कम हो जाती है और लाभ बढ़ जाता है.
मंथली अनलिमिटेड ट्रेडिंग प्लान्स में ग्राहकों की ब्रोकरेज पर सबसे ज़्यादा बचत होती है. इस प्लान में ग्राहकों को एक सेग्मेंट के लिए अनलिमिटेड संख्या में ट्रेड्स के लिए एक निश्चित मासिक शुल्क देना होता है.
एक इन्ट्राडे ट्रेडर एक दिन में औसतन 20 ट्रेड्स करता है और 15 रु प्रति ट्रेड ब्रोकरेज के हिसाब से एक महीने में 6000 रुपए के ब्रोकरेज का भुगतान करता है. वहीं अनलिमिटेड ट्रेडिंग प्लान्स लगभग 899 रुपए प्रति माह पर ही मिल जाते हैं, जिससे आपकी बड़ी बचत होती है.
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भास्कर एक्सप्लेनर: आप शेयर ट्रेडिंग करते हैं तो यह जानना आपके लिए जरूरी है; एक सितंबर से बदल रहा है मार्जिन का नियम
शेयर बाजार में एक सितंबर से आम निवेशकों के लिए नियम बदलने वाले हैं। अब वे ब्रोकर की ओर से मिलने वाली मार्जिन का लाभ नहीं उठा सकेंगे। जितना पैसा वे अपफ्रंट मार्जिन के तौर पर ब्रोकर को देंगे, उतने के ही शेयर खरीद सकेंगे। इसे लेकर कई शेयर ब्रोकर आशंकित है कि वॉल्युम नीचे आ जाएगा। आइए समझते हैं क्या है यह नया नियम और आपकी ट्रेडिंग को किस तरह स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है? प्रभावित करेगा?
सबसे पहले, यह मार्जिन क्या है?
- शेयर मार्केट की भाषा में अपफ्रंट मार्जिन सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले शब्दों में से एक है। यह वह न्यूनतम राशि या सिक्योरिटी होती है जो ट्रेडिंग शुरू करने से पहले निवेशक स्टॉक ब्रोकर को देता है।
- वास्तव में यह राशि या सिक्योरिटी, बाजारों की ओर से ब्रोकरेज से अपफ्रंट वसूली जाने वाली राशि का हिस्सा होती है। यह इक्विटी और कमोडिटी डेरिवेटिव्स में ट्रेडिंग स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है? से पहले वसूली जाती है।
- इसके अलावा स्टॉक्स में किए गए कुल निवेश के आधार पर ब्रोकरेज हाउस भी निवेशक को मार्जिन देते थे। यह मार्जिन ब्रोकरेज हाउस निर्धारित प्रक्रिया के तहत तय होती थी।
- इसे ऐसे समझिए कि निवेशक ने एक लाख रुपए के स्टॉक्स खरीदे हैं। इसके बाद भी ब्रोकरेज हाउस उसे एक लाख से ज्यादा के स्टॉक्स खरीदने की अनुमति देते थे।
- अपफ्रंट मार्जिन में दो मुख्य बातें शामिल होती हैं, पहला वैल्यू एट रिस्क (वीएआर) और दूसरा एक्स्ट्रीम लॉस मार्जिन (ईएलएम)। इसी के आधार पर किसी निवेशक की मार्जिन भी तय होती है।
Mutual Fund : अब नहीं चलेगा म्यूचुअल फंड में फर्जीवाड़ा, खत्म होगी इनसाइडर ट्रेडिंग, आ गया नया नियम
नवभारत टाइम्स 1 दिन पहले
नई दिल्ली :
म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) की खरीद-बिक्री भी अब इनसाइडर ट्रेडिंग (Insider Trading) के दायरे में होगी। सेबी (SEBI) ने म्यूचुअल फंड यूनिट की खरीद-बिक्री को इनसाइडर ट्रेडिंग रेग्युलेशंस के दायरे में लाने के लिए नियमों में बदलाव किया है। इस समय इनसाइडर ट्रेडिंग से जुड़े नियम सिर्फ लिस्टेड कंपनियों की सिक्योरिटी के मामले में और लिस्ट होने के लिए प्रस्तावित कंपनियों पर लागू होते हैं। अभी तक म्यूचुअल फंड यूनिट्स को सिक्योरिटी की परिभाषा से बाहर रखा गया था। सेबी का ताजा फैसला फ्रैंकलिन टेम्पलटन (Franklin Templeton) प्रकरण के बाद आया है। इसमें फंड हाउस के कुछ अधिकारियों पर यह आरोप है कि उन्होंने 6 डेट स्कीम्स पर रोक लगाए जाने से पहले उन स्कीम्स में अपनी हिस्सेदारी को भुनाया था।