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RSI क्या है?

RSI क्या है?
rsi indicator in hindi / rsi indicator kya hota hai

[Ultimate Guide] Relative Strength Index Indicator in Hindi | RSI Indicator क्या है?

RSI Indicator in Hindi: क्या आप जानते है की RSI Indicator क्या है और इसे कैसे उपयोग किया जाता है? यहाँ हमने RSI Indicator की सभी महत्वपूर्ण जानकारी Hindi में आपसे शेयर की है| अगर आप स्टोक मार्केट में टेक्निकल एनालिसिस को सीखना चाहते है तो आपको यह इंडिकेटर के बारेमे अवश्य जानना चाहिए|

RSI Indicator in Hindi

शेयर मार्किट में स्टॉक के एनालिसिस के लिए कई तरह के इंडिकेटर का उपयोग होता है लेकिन उनमे से कुछ अधिक प्रचलित इंडिकेटर कुछ ही है, RSI Indicator उन्ही प्रचलितो में से एक है| यहाँ हमने आपसे RSI Indicator की सभी महत्वपूर्ण जानकारी आपसे शेयर की है जैसे की RSI Indicator क्या है?, उसका FullForm क्या है?, RSI की गणना के पीछे का Maths Formula क्या है और उसकी गणना कैसे की जाती है?, RSI की मदद से हम क्या जान सकते है?, RSI का विश्लेषण कैसे किया जाता है?, RSI में Divergences क्या है?, RSI की क्या क्या मर्यादाओ है? इत्यादि

What is RSI Indicator in Hindi?

RSI Indicator का full form Relative Strength Index Indicator होता है जिसे हिंदी में “सापेक्ष शक्ति सूचकांक संकेतक” कहा जाता है| हिंदी अर्थ से ही उसकी परिभाषा समजमे आ जाती है की यह सापेक्ष शक्ति(Relative Strength) को सूचित करता है| टेक्निकल एनालिसिस में उपयोग होने वाला यह मोमेंटम इंडिकेटर है| RSI Indicator सबसे पहले जे वेल्स वाइल्डर जूनियर द्वारा विकसित किया गया था और उनकी सेमिनल 1978 की पुस्तक, “न्यू कॉन्सेप्ट्स” में पेश किया गया था।

इस इंडिकेटर के माध्यम से हम कोई भी स्टॉक या एसेट्स की कीमत में ओवरबॉट या ओवरसोल्ड स्थितियों का मूल्यांकन हाल के मूल्यों में हुए परिवर्तन पर मापता है| यह एक ग्राफ की तरह दर्शाया जाता है जिसमे ऊपर निचे एक एक लाइन होती है और बिच में एक ग्राफ की रचा चलती है| ऊपर की लाइन ओवरबॉट और निचे की लाइन ओवरसोल्ड की स्थिति को दर्शाते है|

What is Formula and Calculation of RSI Indicator in Hindi?

RSI Indicator के बारे माँ जानने के बाद अब हम उसके गाणितिक सूत्र और गणना के बारे में आपको जाणारी देते है|

आरएसआई की गणना दो हिस्सों में की जाती है| निचे हमने आपसे दोनों हिस्सों में कैसे RSI की गणना होती है उसकी जानकारी दी है|

Step one: इस स्टेप की गणना में एवरेज लाभ और एवरेज हानि का उपयोग होता है| एवरेज हानि के किस्से में मूल्य को पॉजिटिव ही लिया जाता है| इसमे स्टैण्डर्ड गणना के लिए पिछली 14 अवधि को लिया जाता है|

Step Two: एक बार पिछली 14 अवधि की गणना हो जाती है तब दुसरे सूत्र की मदद से RSI की कैलकुलेशन होती है| यहाँ निचे हमने दुसरे स्टेप का RSI Formula आपसे शेयर किया है|

ऊपर हमने आपसे RSI Indicator की कैलकुलेशन कैसे होती है और उसके फार्मूला क्या है उसकी जानकारी दी है| आपको अगर यह समज में न आये तब भी कोई चिंता का विषय नहीं है क्योंकि आपको किसी भी सॉफ्टवेर या ट्रेडिंग प्लेटफार्म में RSI Indicator Graph free में दिया होता है|

RSI की मदद से हम क्या जान सकते है?

किसी भी टूल की मदद से एनालिसिस करने से पहले हमें उस टूल के बारे में सभी जानकारी होना आवश्यक है| RSI Indicator के माध्यम से हम कोई भी एसेट्स या स्टॉक में ओवरबॉट या ओवरसोल्ड स्थितियों को जान सकते है| सामान्य रूप से RSI का graph 70 से अधीक हो तब ओवरबॉट और RSI का graph 30 से कम हो तब ओवरसोल्ड स्थिति को माना जाता है| अधिक समजने के लिए निचे के चार्ट की सहायता ले|

RSI और RSI Range का विश्लेषण कैसे किया जाता है?

RSI और RSI Range का विश्लेषण करने के लिए ओवरबॉट या ओवरसोल्ड स्थितियों को जानना आवश्यक है| अगर आपको अभी भी उस विषय में कुछ प्रश्न है तो उसे फिरसे पढ़े, क्योंकि ओवरबॉट या ओवरसोल्ड को जाने के बिना RSI और RSI Range का विश्लेषण नहीं हो सकता|

आरएसआइ इंडिकेटर में सामान्य तौर पर 30 की लाइन को ओवरसोल्ड और 70 की लाइन को ओवरबॉट के रूप में देखा जाता है| जब भी RSI का ग्राफ निचे से 30 की लाइन को पार करके ऊपर आता है तब यह स्टॉक या एसेट्स में तेजी के संकेत देता है| वेसे ही जब RSI का ग्राफ 70 की लाइन को ऊपर से निचे की तरफ क्रॉस करता है तब स्टॉक या एसेट्स में मंदी के संकेत मिलते है|

जब भी स्टॉक या एसेट्स कोई ट्रेंड में रहता है तब वह 30 से 70 के बिच में रहेगा| जब वह अपट्रेंड में 70 को टच करता है या 70 के ऊपर निकालता है तब यह बहुत संभावना है की एक करेक्शन या पुलबेक आ सकता है| वेसे ही जब स्टॉक डाउनट्रेंड में निचे की और 30 की लाइन को टच करता है तब ओवरसोल्ड की स्थिति बनती है अथावा तो स्टॉक की प्राइस अंडरवैल्यू मानी जाती है| इसी लिए बहुत संभावना है की स्टॉक एक पुल बेक ले सकता है या अपना ट्रेंड बदल सकता है|

What is Divergences in RSI Indicator in Hindi?

अगर आप ने पहले इस इंडिकेटर को देखा हो और उसका एनालिसिस किया हो तब कभी कभी आपको चार्ट में पैटर्न और ट्रेंड तथा RSI के ग्राफ में भिन्नता देखने को मिलती है| अर्थात जब स्टॉक का ट्रेंड ऊपर हो तब भी ग्राफ निचे की और दिखता है, उसे RSI Divergences कहते है| मुख्यत्वे 2 प्रकार के Divergences होते है|

  • Bullish Divergence
  • Bearish Divergence

Bullish Divergence

बुलिश डाइवर्जेंस को समजने के लिए पहले निचे दिए गए ग्राफ को देखे| यहाँ चार्ट में आप आसानी से देख सकते है की चार्ट में ट्रेंड डाउन साइड का दिख रहा है और पिछले दो लो लोअर लो बने है लेकिन RSI Graph में उससे विपरीत है| उसी अवधि में RSI ग्राफ ऊपर की और है| इससे यह जब भी बनता है स्टॉक या एसेट्स का ऊपर की और भागना संभव बनता है|

Bearish Divergence

यह बुलिश डाइवर्जेंस से विपरीत होता है| इस तरह की पैटर्न में जब भी स्टोक हायर हाई बनता हो और उसी दरमियान RSI Graph लोअर हाई बनाता है तब Bearish Divergence बनता है| Bearish Divergence बनाने के बाद स्टॉक की निचे की और भागने की संभावना बढ़ जाती है| आसानी से समजने के लिए निचे दिया गया चार्ट देखे|

Limitation of RSI Indicator in Hindi?

दुसरे इंडिकेटर के मुकाबले यह इंडिकेटर अच्छा है लेकिन फिर भी इसकी कुछ लिमिटेशन है| रिवर्सल सिग्नल को देखना काफी मुश्किल है और बहित बार इसमे फेक सिगनल भी मिल सकते है| यह कम समय की अवधि के बजाय लम्बें समय की अवधि में अच्छा कार्य देता है| कम समय में RSI ka ओवरबोट और ओवरसोल्ड का कांसेप्ट फेक सिग्नल अधिक देता है|

Summary

यहाँ हमने आपसे RSI Indicator in Hindi की जानकारी आपसे शेयर की है जिसमे RSI Indicator क्या है?, RSI Indicator की गणना कैसे की जाती है और उसके गाणिति सूत्र क्या है?, RSI मे Divergence क्या है और इसे कैसे चार्ट में देखते है साथ ही चार्ट में RSI Indicator का कैसे विश्लेषण करते है जैसी महत्वपूर्ण जानकारी दी है| अगर आपको यहाँ दिए गए किसी भी लेख से प्रश्न है तो आप निचे दिए गए कमेंट बॉक्स में हमें पूछ सकते है|

रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स एस्प्लेनेड - क्या RSI है

रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स इस अं इंडिकेटर वर्तमान कीमत आंदोलनों की कमजोरी या ताकत का आकलन करने के लिए और एक निश्चित अवधि से अधिक मूल्य वृद्धि अपने घाटे के साथ तुलना करके मूल्य परिवर्तनों के वेग को मापने के लिए Welles वाइल्डर द्वारा विकसित की है .

कैसे उपयोग करें मार्किट फैसिलिटेशन इंडेक्स व्यापार मंच में

RSI सूचक का उपयोग कैसे करें

रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स संभव और क्षेत्रों की पहचान करने के लिए अनुमति देता है, लेकिन प्रवृत्ति विश्लेषण के भीतर माना जाता होना चाहिए :

  • गेनेराल्ल्य इफ थे रसी इंडिकेटर क्लिम्बस अबोवे 70, आम तौर पर परिसंपत्ति जा सकता ;
  • अगर RSI इंडिकेटर के नीचे 30 बूँदें, परिसंपत्ति हो सकते हैं .

चरम क्षेत्रों संकेतक छोड़ने संभव सुधार या यहां तक कि प्रवृत्ति में परिवर्तन का सुझाव कर सकते हैं :

  • से ऊपर सीमा रेखा पार करने, RSI संकेतों को एक संभव बेचने का अवसर ;
  • सीमा रेखा को नीचे से पार, RSI एक संभव खरीदने का अवसर संकेतों .

कन्वर्जेन्स/डिवेर्जेंस पैटर्न संभव प्रवृत्ति कमजोरी संकेत हो सकता है :

  • अगर कीमत एक नई उच्च करने के लिए चढ़ते हैं, लेकिन संकेतक नहीं करता है, कि कमजोरी का संकेत हो सकता है ;
  • अगर कीमत करने के लिए एक नया कम पड़ता है, लेकिन संकेतक नहीं करता है, कि कमजोरी का संकेत हो सकता है .

रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स

रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स(RSI) इंडिकेटर

RSI ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी

ट्रेडिंग रणनीति RSI उत्पन्न खरीदें और क्षैतिज लाइनों है कि 70 और 30 मूल्यों पर चार्ट पर प्रकट द्वारा संकेतों को बेचने के लिए करना है। के रूप में हम पहले से ही ऊपर उल्लेख किया है, एक कदम है 30 के अंतर्गत एक हालत इंगित करता है और 70 से ऊपर एक कदम एक हालत का संकेत है .

इस प्रकार, यदि एक व्यापारी के लिए एक खरीदने का अवसर की तलाश में है, वह सूचक डुबकी तहत 30 देखता है। एक पार वापस 30 से ऊपर कई व्यापारियों द्वारा रुझान बदल गया एक पुष्टिकरण के रूप में माना जाता है। इसके विपरीत, वह सूचक 70 रेखा से ऊपर को पार देखता है अगर एक व्यापारी एक बेचने का अवसर के लिए करना चाहता है, .

रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स फार्मूला (RSI कैलकुलेशन)

RSI = 100 – 100/(1 + RS)
RS (14) = Σ(Upward movements)/Σ(|Downward movements|)

फोरेक्स संकेतकFAQ

क्या विदेशी मुद्रा संकेतक है?

फोरेक्स तकनीकी विश्लेषण संकेतकों का उपयोग नियमित रूप से व्यापारियों द्वारा विदेशी मुद्रा बाजार में मूल्य आंदोलनों की भविष्यवाणी करने के लिए किया जाता है और इस प्रकार विदेशी मुद्रा बाजार में पैसा बनाने की संभावना बढ़ जाती है। विदेशी मुद्रा संकेतक वास्तव में आगे बाजार पूर्वानुमान के लिए एक विशेष ट्रेडिंग इंस्ट्रूमेंट की कीमत और मात्रा को ध्यान में रखते हैं.

जठी तकनीकी संकेतक क्या हैं?

टेक्निकल विश्लेषण, जो अक्सर विभिन्न व्यापारिक रणनीतियों में शामिल होता है, को तकनीकी संकेतकों से अलग नहीं माना जा सकता है। कुछ संकेतकों का उपयोग शायद ही कभी किया जाता है, जबकि अन्य कई व्यापारियों के लिए लगभग अपूरणीय हैं। हमने 5 सबसे लोकप्रिय तकनीकी विश्लेषण संकेतकों पर प्रकाश डाला: मूविंग एवरेज (MA), एक्सपोनेंटियल मूविंग एवरेज (EMA), स्टोचस्टिक ऑसिलेटर, बोलिंगर बैंड, मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस फर्क (MACD).

तकनीकी संकेतकों का उपयोग कैसे करें?

ट्रेडिंग रणनीतियों को आमतौर पर पूर्वानुमान सटीकता बढ़ाने के लिए कई तकनीकी विश्लेषण संकेतकों की आवश्यकता होती है। तकनीकी संकेतकों में पिछड़ने से पिछले रुझान दिखाई देते हैं, जबकि प्रमुख संकेतक आगामी चालों की भविष्यवाणी करते हैं। ट्रेडिंग संकेतकों का चयन करते समय, विभिन्न प्रकार के चार्टिंग टूल्स जैसे वॉल्यूम, गति, अस्थिरता और ट्रेंड इंडिकेटर पर भी विचार करें.

दो संकेतक विदेशी मुद्रा में काम करते हैं?

2 प्रकार के संकेतक हैं: पिछड़ और अग्रणी। पिछले आंदोलनों और बाजार उलटफेर पर आधार संकेतकों का आधार है, और अधिक प्रभावी होते हैं जब बाजार दृढ़ता से रुझान कर रहे होते हैं। प्रमुख संकेतक भविष्य में मूल्य चालों और रिवर्सल की भविष्यवाणी करने की कोशिश करते हैं, उनका उपयोग आमतौर पर रेंज ट्रेडिंग में किया जाता है, और चूंकि वे कई झूठे संकेतों का उत्पादन करते हैं, इसलिए वे ट्रेंड ट्रेडिंग के लिए उपयुक्त नहीं हैं

rsi indicator in hindi – RSI से पता करे स्टॉक उपर जायेगा या निचे।

rsi indicator in hindi / rsi indicator kya hota hai

rsi indicator in hindi / rsi indicator kya hota hai

नमस्ते दोस्तों। आज हम समझने वाले है की rsi indicator in hindi में क्या होता है। और इसका ट्रेडिंग में का महत्त्व है। क्या हम rsi इंडिकेटर का इस्तेमाल करके ट्रेडिंग में अच्छे खासे पैसे कमा सकते है। और आखिर rsi इंडिकेटर का इस्तेमाल करते कैसे है। इन सब के बारे में हम आज विस्तार में जानने वाले है।

rsi indicator एक leading indicator है। जो की स्टॉक के ट्रेंड चेंज होने के पहले ही सिग्नल दे देता है। की स्टॉक ऊपर जानेवाला है या फिर निचे। इसीलिए इसे लीडिंग इंडिकेटर भी बोलते है। अगर आपको leading indicators के बारे में नहीं पता तो आप हमारी पिछली पोस्ट पढ़ सकते है। उसमे हमने leading indicators के बारे में विस्तार में बताया है।

rsi indicator in hindi / rsi indicator kya hota hai

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rsi indicator in hindi

rsi का full फॉर्म होता है relative strength index .यानि की ये इंडिकेटर स्टॉक की strength यानि की ताकद बताता है। की स्टॉक ऊपर जा सकता है की निचे। अगर interday trading में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला इंडिकेटर हे तो वो rsi indicator है।

rsi indicator स्टॉक्स के चार्ट में होने वाले मोमेंटम का ट्रेंड को दर्शाता है। और इसे oscillator भी कहा जाता है। क्युकी ये इंडिकेटर ० ते १०० के बिच में घूमता रहता है। और स्टॉक overbought हे या फिर oversold है। ये दर्शाने का काम rsi indicator करता है।

स्टॉक में उसके टाइम फ्रेम के हिसाब से मार्केट में strength हे या weakness है। ये rsi RSI क्या है? indicator दर्शाता है। उसेही rsi indicator कहा जाता है ,अभी हमने जाना की rsi indicator क्या होता है (rsi indicator in hindi).अभी हम जानेंगे की rsi indicator काम कैसे करता है।

rsi indicator कैसे काम करता है

rsi indicator ० ते १०० के बिच में ट्रेंड दिखने के कारन ये कभी ० के निचे और १०० के ऊपर नही जाता। इसके में तीन स्तर होते है। जैसे की ३०,५०,और ७० ये इसके महत्वपूर्ण स्तर है। इनका मतलब होता है की। अगर rsi अगर ५० से १०० के बिच है मतलब स्टॉक का मोमेंटम अभी पॉजिटिव यानि की बुलिश है। और अगर rsi का स्तर ० से लेकर ५० के बिच होता है तो इसका मतलब स्टॉक का मोमेंटम नेगेटिव यानि की बेयरिश है।

rsi indicaor १४ दिनों का average निकाल के आपको स्टॉक की strength बताता है। हलाकि हम उसका average चेंज भी कर सकते है। जाइए की हम 20 दिनों का भी average निकल सकते है। या आप अपने हिसाब से इसका average निकल सकते है। लेकिन डिफ़ॉल्ट १४ दिनों का average निकलने ये सही होता है। ये इंडिकेटर ज्यादातर technical analysis में इस्तेमाल किया जाता है।

अगर rsi ५० के ऊपर जा रहा है इसका मतलब शेयर में तेजी आने की संभवना होती है। या स्टॉक की प्राइज भी ऊपर जाने लगाती है। लेकिन अगर rsi ५०के निचे अपना ट्रेंड बना रहा होता है ,यानि की शेयर में बिकवाली होना शुरू हुआ है ,यानि स्टॉक निचे जाने की संभावना होती है।

RSI indicator के फायदे

ये एक मोमेंटम indicator होने के कारन ये आपको स्टॉक के चार्ट का मोमेंटम बताता है। और अगर मार्केटover bought (औसत से ज्यादा खरीद ) हे तो ये आपको outbought का सिग्नल पहले ही दे देता है। इससे आप पहल की स्टॉक का रिवर्सल पता करके के स्टॉक में short selling भी कर सकते है। आपको अच्छ मुनाफा कमाने का मौका ये इंडिकेटर देता है।

और अगर मार्केट over sold यानि की औसत से ज्यादा बिकवाली स्टॉक में है तो ये इंडिकेटर आपको over sold का सिग्नल पहले ही दे देता है। और ऐसा मन जाता है की स्टॉक जब भी over bought होता है। या फिर over sold होता है। तो मार्केट में रिवर्सल जरूर आता है। तो इसी रिवर्सल को पहलेही पहनके आप इसमें अच्छा मुनाफा काम सकते है।

निष्कर्ष

rsi indicator एक ऐसा इंडिकेटर हे जो आपको मार्किट की ताकत बुलिश है या फिर बेयरिश है ये दर्शाता है। फिर उसके हिसाब से आप अपना ट्रेड ले सकते है। लेकिन इसे समझने के लिए आपको इसे candle stick chart पर लगाना जरुरी है। उससे ही आपको इसका अंदाजा हो जायेगा की ये काम कैसे करता है।

ऐसा नहीं हे की rsi indicator हमेशा ही आपको सही सिग्नल दिखायेगा। आपको सिर्फ एक ही इंडिकेटर पर डिपेंड नहीं रहना आपको rsi indicatorके साथ साथ prize action और candle stick chart pattern ,ये भी देखना होता है।

टिप ; किसीभी इंडीकेटर्स को समझने के लिए आपको उन्हें अच्छे से समझना होगा। और ये मुमकिन हे आपके अनुभव से। कोई भी इंडीकेटर्स एक्यूरेट सिग्नल नहीं दिखता। ये आपको आपके अनुभव से पता चलेगा की कोनसा इंडीकेटर्स किस तरीके से काम करता है।

आज हमने क्या सीखा

आज हमने सीखा की rsi indicator in hindi में क्या होता है। rsi indicator कैसे काम करता है। rsi indicator in hindi के फायदे क्या है। इन सब के बारे में हमने आज जाना। और rsi indicator का सही से इस्तेमाल हम ट्रेडिंग में करेंगे।

यकीं है की आपको rsi indicator in hindi में क्या होता है। समझ आगया होगा। और साथ ही आपके ये हमरा आर्टिकल काफी फायदेमंद भी साबित रहा होगा। और अगर आपको हमारा ये आर्टिकल पसंद आये तो कृपया इसे अपने फॅमिली और दोस्तों के साथ जरूर शेयर कीजियेगा।

और अगर आपको ऐसेही शेयर बाजार के विषय में कोई जानकारी चाहिए हो तो आप हमें कमेंट बोस में क्यूमेंट करके पूछ सकते है। और अगर आपको इस आर्टिकल के सम्भंधि कोई भी सवाल हो तो आप हमें कमेंट में भेज सकते है। हम जरूर आपको सावल का जवाब देने की कोशिश करेंगे। धन्यवाद !

१. इंडिकेटर क्या है?

इंडिकेटर का मतलब होता है शेयर मार्किट के चार्ट पर लगाया जाने वाला एक सिग्नल होता है। जैसे की RSI (rsi indicator in hindi)ये किसी भी स्टॉक के चार्ट पर लगा कर आप उसके ट्रेंड का पता कर सकते है। उसेही इंडिकेटर कहा जाता है।

२. शेयर मार्केट में आर एस आई क्या होता है?

RSI (rsi indicator in hindi)ये एक शेयर मार्किट का लीडिंग इंडिकेटर होता है। इससे आप किसी भी स्टॉक का ट्रेंड पता कर सकते है। और आप इस इंडिकेटर की सहायता से ट्रेडिंग कर सकते है। जो आप स्टॉक में आ रही गिरावट या तेजी के बारे में पूर्व सूचना देता है।

३.RSI सूचक का उपयोग कैसे करे ?

RSI (rsi indicator in hindi) इंडिकेटर में अगर rsi ३० के निचे हे इसका मतलब मार्किट में मंडी कहल रही है ऐसा होता है।और अगर rsi ७० के ऊपर कहल रहा होता है तो मार्किट में तेजी चल रही है ऐसा कहा जाता है। और अगर rsi ५० चला रहा है तो मार्किट sideways चला रहा होता है।

RSI क्या है,

Zerodha

4. RSI से OVER BOUGHT का पता चलता है, और ऐसा माना जाता है कि OVER BOUGHT के बाद ट्रेंड में REVERSAL आ सकता है, और इसलिए OVER BOUGHT की सिचुएशन के बाद मार्केट में TREND बदलने से स्टॉक BEARISH हो सकता है, और इसलिए ट्रेडर ऐसी सिचुएशन में SHORT SELLING के मौके की तलाश करता है,

5. RSI से OVER SOLD का पता चलता है, और ऐसा माना जाता है कि OVER SOLD के बाद ट्रेंड में REVERSAL आ सकता है, और इसलिए OVER SOLD की सिचुएशन के बाद मार्केट में TREND बदलने से स्टॉक BULLISH हो सकता है, और इसलिए ट्रेडर ऐसी सिचुएशन में अपनी पोजीशन को LONG रखना चाहिए,

RSI को कैसे कैलकुलेट किया जाता है ?

RSI को कैलकुलेट करने का फार्मूला है

RSI Calculation formula Hindi

ऊपर दिए गए फोर्मुले में Average Gain और Average Loss को निकालने का नियम इस प्रकार है –

Average Gain : जितने दिन का RSI निकालना है, उसमे पिछले दिन के बाद, स्टॉक के भाव में ऊपर की तरफ होने वाला बदलाव का औसत

Average Profit: जितने दिन का RSI निकालना है, उसमे पिछले दिन के बाद, स्टॉक का जितने दिन कम हुआ, तो कम हुए भाव के पॉइंट्स का औसत,

जैसे – अगर किसी स्टॉक का भाव 85 है, और अगले 14 दिन का भाव कुछ इस प्रकार है तो हम मैन्युअली RSI निकाल कर देखते है –

RS CALCULATION SHEET

इस तरह Average Gain = 29/14=2.07

और Average Loss= 10/4 =0.714

इस तरह RS = 2.07/0.714 =2.8991

इसलिए अब RSI = 100- 100/100+2.8991

= 74.3531

RSI का AUTOMATIC कैलकुलेशन

RSI को हम टेक्निकल एनालिसिस के सॉफ्टवेयर की हेल्प से दो सेकंड में कैलकुलेशन कर सकते है,

सिर्फ हमें RSI (INDICATOR TOOL) को सेलेक्ट करना है, और INPUT में सॉफ्टवेयर को दिनों की संख्या के बारे में बताना है, कि हम कितने दिन का RSI निकालना चाहते है,

जैसे- अगर 14 दिन का RSI निकलना चाहते है तो हमें 14 इनपुट करना है,

और सॉफ्टवेयर तुरंत चार्ट पर एक RSI इंडिकेटर की लाइन खीच देगा, जो 0 से 100 के बीच कुछ भी हो सकता है,

RELATIVE STRENGTH INDEX (RSI) के नियम और इसका इस्तेमाल

1. RSI एक RSI क्या है? 0 से 100 के बीच BAND में घूमता है, RSI न तो 0 से नीचे जा सकता है और न ही 100 से ऊपर,

2. जब RSI 70 से उपर जाता है, तो ये हमें OVERBOUGHT के बारे में बताता है, और स्टॉक में STRONG POSITIVE MOMENTUM के टॉप का पता चलता है, जहा से आगे CORRECTION या मार्केट नीचे आने की संम्भावना की जा सकती है,

और ये हो सकता है कि जब CORRECTION तो भाव नीचे आएगा और ऐसे में कुछ ट्रेडर SHORT SELLING या अपनी पोजीशन को SQUARE OFF करने का सोच सकते है,

3. जब RSI 30 से नीचे जाता है, तो ये हमें OVERSOLD के बारे में बताता है, और स्टॉक में STRONG NEGATIVE MOMENTUM के टॉप का पता चलता है, जहा से आगे CORRECTION या मार्केट के ऊपर की संम्भावना की जा सकती है,

ऐसी सिचुएशन में कुछ ट्रेडर खरीददारी का मौका तलाश कर सकते है, और अपनी पोजीशन को लॉन्ग बनाने की कोशिश कर सकते है,

RELATIVE STRENGTH INDEX (RSI) नियम के अपवाद और सावधानिया

1. अगर कोइ स्टॉक बहुत समय से UPTREND में है, तो चार्ट पर उसका RSI भी 70 से ऊपर हो सकता है, और ऐसे में ये जरुरी RSI क्या है? नहीं कि तुरंत कोई करेक्शन आने वाला है,

क्योकि RSI 100 से ऊपर नहीं जाता है, और स्टॉक जब तक UP TREND में तब तक RSI 70 या उस से ऊपर ही बताएगा,

और ऐसे में अगर आपने स्टॉक में अपनी पोजीशन बनाई हुई है, तो जब तक कोई ट्रेंड् REVERSAL नहीं आता, तब तक सिर्फ RSI के आधार पर मार्केट के करेक्शन की संभवना सही नहीं मानी जाएगी,

2. इसी तरह, अगर कोइ स्टॉक बहुत समय से DOWN TREND में है, तो चार्ट पर उसका RSI भी 30 के आस पास या उस नीचे हो सकता है, और ऐसे में ये जरुरी नहीं कि तुरंत कोई करेक्शन आने वाला है, क्योकि हो सकता है स्टॉक में लम्बे समय का डाउन ट्रेंड बना रहने वाला हो,

ध्यान देने वाली बात है कि क्योकि RSI 0 से नीचे नहीं जाता है, और इसलिए स्टॉक जब तक DOWN TREND में तब तक RSI 30 या उस से नीचे ही बताएगा,

और ऐसे में अगर आपने स्टॉक में अपनी पोजीशन को लेकर सावधान रहना चाहिए, और ट्रेंड के खिलाफ RSI के भरोसे किसी तरह का ट्रेड नहीं लेना चाहिए,

3. अगर एक लम्बे समय के बाद RSI 0 से 30 से ऊपर जाने लगे यानी OVERSOLD से बाहर निकलने के संकेत मिले तो ये एक ट्रेंड रेवेर्सल सूचक हो सकता है और ऐसे में कुछ अन्य टूल्स की मदद से कन्फर्मेशन लेते हुए अपनी लॉन्ग पोजीशन बना सकते है,

4. और इस तरह अगर एक लम्बे समय के बाद RSI 70 से नीचे जाने लगे यानी OVERBOUGHT से बाहर निकलने के संकेत मिले तो ये एक ट्रेंड रेवेर्सल सूचक हो सकता है और ऐसे में कुछ अन्य टूल्स की मदद से कन्फर्मेशन लेते हुए अपनी पोजीशन को क्लोज कर सकते है या short selling कर मौका बना सकते है,

RELATIVE STRENGTH INDEX (RSI) : SUMMARY

RELATIVE STRENGTH INDEX हमें बताता है –

अगर RSI 0 से 20 के बीच है तो OVERSOLD सिचुएशन है, इसलिए BUY करो

अगर RSI 80 से 100 के बीच है तो OVERBOUGHT सिचुएशन है, इसलिए SELL करो

RSI का बेस्ट तरीके से इस्तेमाल करने से पहले कुछ बातो का ध्यान रखना जरुरी है –

1. कोई भी टेक्निकल एनालिसिस टूल 100 % सही सही नहीं बता सकता , इस बात को ध्यान में रखना चाहिए, और इसी लिए RSI भी हमेशा सही नहीं हो सकता, ये सिर्फ एक सम्भावना को बताने की कोशिस करता है,

2. सिर्फ RSI के भरोसे कभी भी TRADE न ले, आपको इसके साथ टेक्निकल एनालिसिस के अन्य tools और इंडीकेटर्स को भी जरुर इस्तेमाल करे, जैसे – VOLUME, कैंडलस्टिक पैटर्न, सपोर्ट and रेजिस्टेंस, मूविंग एवरेज,

3. टेक्निकल एनालिसिस के नियमो के साथ फ्लेक्सिबल रहो, और थोड़े बहुत बदलाव RSI क्या है? के साथ अपना खुद का पॉइंट ऑफ़ व्यू बनाने की कोशिश करो,

आशा करता हु कि TECHNICAL ANALYSIS के ये टॉपिक, आपको जरुर पसंद आया होगा, और आपसे REQUEST कि आप अपने सुझाव, सवाल और कमेंट को निचे जरुर लिखिए,

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