वस्तुओं और क्रिप्टो संकेत है

दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठन
लोकसभा सचिवालय के बुलेटिन के अनुसार, सत्र के दौरान तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने से संबंधित विधेयक पेश किये जाने के लिये सूचीबद्ध है। गौरतलब है कि पिछले साल वस्तुओं और क्रिप्टो संकेत है सितंबर महीने में केंद्र सरकार ने विपक्षी दलों के भारी विरोध के बीच कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) कानून, कृषि (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून और आवश्यक वस्तु संशोधन कानून, 2020 बनाया था। तीन कृषि कानून के विरोध में पिछले करीब एक वर्ष से दिल्ली की सीमा पर किसान संगठन विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
“Bitcoin बैन से निवेशकों का बड़ा नुकसान, सरकार चाहे तो है समाधान”
वीडियो एडिटर: संदीप सुमन
विश्व की सर्वाधिक प्रचलित क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन लगातार खबरों में है. टेस्ला के निवेश के बाद बिटकॉइन का भाव नए नई उचाईयों पर पहुंचा है. हालांकि भारत के निवेशकों में डिजिटल करेंसी में निवेश को लेकर दुविधा बनी वस्तुओं और क्रिप्टो संकेत है हुई है. बिटकॉइन पर संभावित बैन को लेकर जेबपे के पूर्व CEO और एंजल इन्वेस्टर अजित खुराना ने क्विंट से बातचीत में अनेक अहम पहलुओं को स्पष्ट किया. आइए देखते हैं बातचीत का सार-
सरकार द्वारा बिटकॉइन जैसी मुद्राओं पर बैन के विचार से निवेशकों में अनिश्चितता, भय और आशंका का माहौल है.
बिटकॉइन को लेकर क्यों हैं सरकार चिंतित?
किसी भी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सरकारों के समक्ष दो बड़ी चिंताएं हैं.
सरकार की क्या है योजना?
भारत सरकार द्वारा बिटकॉइन समेत सारी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध के स्पष्ट संकेत हैं. आने वाले दिनों में ऐसी मुद्राओं को पूरी तरह से प्रतिबंधित करने के लिए बजट सत्र में ही सरकार 'क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ डिजिटल ऑफिशियल करेंसी बिल, 2021' लाने की तैयारी में है. वर्तमान निवेशकों को अपने निवेश से निकलने के लिए 90 से 180 दिए जाने की उम्मीद की जा रही है. इस अवधि में निवेशक बिटकॉइन को विदेशी बाजारों में बेच सकते हैं या विदेश में किसी संबंधी, मित्र, इत्यादि को ट्रांसफर कर सकते हैं. इसके अलावा अपनी क्रिप्टोकरेंसी को सेल्फ कस्टडी वॉलेट में भी लिया जा सकता है.
सरकार की डिजिटल करेंसी को लेकर चिंता सही है, लेकिन इसका समाधान पूर्ण प्रतिबंध नहीं है. इसके बदले कठोर नियंत्रण का रास्ता अपनाया जा सकता है.
- सरकारी नियंत्रण की कमी के बावजूद सरकार आसानी से जरूरत के समय पैन कार्ड और आधार की सहायता से बिटकॉइन के ट्रांजैक्शन्स को ट्रैक (track) कर सकती है. वर्तमान में भी बिटकॉइन में निवेश की सुविधा देने वाले सारे प्लेटफार्म निवेशकों से KYC जानकारी मांगते हैं. ऐसे वस्तुओं और क्रिप्टो संकेत है एक्सचेंजेस के लिए सरकार गाइडलाइन्स बना सकती है. इस सिस्टम के अच्छे इस्तेमाल से काफी चिंताओं से बचा जा सकता है.
- ड्रग्स, हथियार या अन्य ऐसे वस्तुओं की खरीद तो सरकार द्वारा नियंत्रित करेंसी और गोल्ड, इत्यादि से भी होती है. क्या इन सब मुद्राओं को बंद कर देना चाहिए? हमें FATF, G-20 देशों इत्यादि को अध्ययन करना चाहिए और फिर जरूरी चीजें अपनाई जा सकती है.
इस चिंता को अवसर में कैसे तब्दील किया जाए?
ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी, आर्टिफिशल इंटेलिजेंश और मशीन लर्निंग की तरह ही भविष्य के तौर पर दिखती है. 30 वर्ष पहले जैसे इंटरनेट नया था उसी तरह अभी क्रिप्टो टेक्नोलॉजी तुलनात्मक तौर पर नई है. IT कंपनियों को सही सहायता से हम इंफोसिस, TCS जैसी अग्रणी कंपनियां खड़ी कर पाए हैं. अगर हम चाहे तो बिटकॉइन के मामले में भी ऐसा कमाल हो सकता है. हर कंपनी, छोटा से छोटा प्लैटफार्म रोजगार सृजन में अहम हो सकता है. हमें इस अवसर को जाने नहीं देना चाहिए.
Cryptocurrency: भारत में कैसे होगा क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल?
सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर 30 फीसदी टैक्स लगाने का फैसला किया था.
February 8, 2022
नई दिल्ली. क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) देश में निवेश के रूप में एक बड़ा आप्शन सामने आया है. क्रिप्टोकरेंसी में निवेशकों की भरमार सी आ गई है. जब बजट 2022 के अपने भाषण में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जिक्र किया. तब से देश में क्रिप्टोकरेंसी के बारे में जानने और यह कैसे काम करती है, इस बारे में लोगों जानने के लिए बड़े ही उत्सुक हो रहे हैं. सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर 30 फीसदी टैक्स लगाने का फैसला किया था.
Dogecoin और Shiba Inu के एक्टिव एड्रेस में वृद्धि, मार्केट सुधरने का इशारा?
मीम कॉइन्स नेटवर्क में डेली एक्टिविटी 7 हफ्तों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है
खास बातें
- दोनों क्रिप्टोकरेंसी को पेमेंट ऑप्शन के रूप में व्यापक रूप में अपनाया गया
- दोनों कॉइन्स नेटवर्क में डेली एक्टिविटी 7 हफ्तों के उच्चतम स्तर पर पहुंची
- पिछले 10 दिनों में 30% की बढ़ोत्तरी
Shiba Inu और Dogecoin की तरफ से एक अच्छा संकेत मिल रहा है. इन दोनों डिजिटल करेंसी की डेली नेटवर्क एक्टिविटी में बड़ा इजाफा देखा जा रहा है. क्रिप्टो एनालिसिस से जुड़ी एक रिपोर्ट में इसका खुलासा किया गया है. इसमें कहा गया है कि दोनों कॉइन्स नेटवर्क में डेली एक्टिविटी 7 हफ्तों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है. इसके अलावा पिछले 10 दिनों में शिबा इनु और डॉजकॉइन ने एक्टिव एड्रेसेज के मामले में 30 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है.
Santiment की रिपोर्ट के अनुसार, जून की शुरुआत में डॉजकॉइन के एक्टिव एड्रेस की संख्या 1 लाख 23 हजार 110 थी. शिबा इनु के लिए यह संख्या 3,975 थी. जून के मध्य में यह आंकड़ा शिबा इनु के लिए बढ़कर 1 लाख 37 हजार 150 हो गया जबकि शिबा इनु के लिए यह संख्या 5,222 हो गई. उसके बाद इसमें थोड़ी गिरावट आई और जून के अंतिम दिनों में ये आंकड़े फिर से बढ़ गए. 27 जून को शिबा इनु के लिए एक्टिव एड्रेस बढ़कर 1 लाख 38 हजार 680 हो गए. वहीं, शिबा इनु के लिए यह संख्या 6,759 हो गई.
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एक्टिव एड्रेस की संख्या का बढ़ना यह संकेत देता है कि भले ही वर्तमान में क्रिप्टो बाजार गिरावट के दौर से गुजर रहा है लेकिन अंदरूनी तौर पर इसमें हलचल बढ़ रही है. जिसका मतलब है कि निवेशकों की गतिविधि क्रिप्टोकरेंसी के लिए बढ़ रही है. यह काफी चौंकाने वाला है कि इन दोनों टोकनों के एक्टिव एड्रेसेज की संख्या उस वक्त बढ़ी है जब अधिकतर पॉपुलर टोकनों के लिए एक्टिविटी लगातार घटती जा रही थी. यह कहना मुश्किल है कि डॉजकॉइन और शिबा इनु के एक्टिव एड्रेस बढ़ने के पीछे कौन सा कारक है.
डॉजकॉइन और शिबा इनु के एक्टिव एड्रेस बढ़ने का कारण वर्तमान में एक ही दिखाई देता है. वो है, मर्चेंट्स के द्वारा इन दोनों क्रिप्टोकरेंसी वस्तुओं और क्रिप्टो संकेत है को पेमेंट ऑप्शन के रूप में व्यापक स्तर पर अपनाया जाना. पिछले कुछ दिनों में स्पोर्ट्स, एंटरटेनमेंट, फूड चेन और फैशन इंडस्ट्री के कई दिग्गजों ने DOGE और SHIB पेमेंट्स की शुरुआत की है. या फिर एक कारण ये भी हो सकता है कि प्रोजेक्ट्स की टीम का नए सॉल्यूशन जैसे कि Shibarium या Dogechain पर बड़े पैमाने पर काम करना भी इस एक्टिविटी में बढ़ोत्तरी का एक कारण हो सकता है.
क्रिप्टोकरेंसी पर लगेगा बैन? संसद के शीतकालीन सत्र में बिल पेश करने जा रही है सरकार
Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: November 23, 2021 23:03 IST
Image Source : PIXABAY REPRESENTATIONAL संसद के शीतकालीन सत्र के लिए 26 विधेयक सूचीबद्ध किये गए हैं, जिसमें क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित विधेयक भी शामिल है।
Highlights
- विधेयकों की सूची में क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 सूचीबद्ध है।
- प्रस्तावित विधेयक में भारत में सभी तरह के निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने की बात कही गई है।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संकेत दिया था कि इस मुद्दे से निपटने के लिये सख्त विनियमन संबंधी कदम उठाये जायेंगे।
नयी दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र के लिए 26 विधेयक सूचीबद्ध किये गए हैं, जिसमें तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने वाला और क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित विधेयक भी शामिल हैं। लोकसभा सचिवालय के बुलेटिन में यह जानकारी दी गई है। लोकसभा के बुलेटिन के अनुसार, संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान निचले सदन में पेश किये जाने वाले विधेयकों की सूची में क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 सूचीबद्ध है। इस विधेयक में भारतीय रिजर्ब बैंक द्वारा जारी आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के सृजन के लिये एक सहायक ढांचा सृजित करने की बात कही गई है।
क्रिप्टोकरंसी की ट्रेडिंग पर टैक्स-GST का अलग से नियम बनाएगी सरकार, अगले बजट में हो सकता है बड़ा ऐलान
TV9 Bharatvarsh | Edited By: Ravikant Singh
Updated on: Nov 24, 2021 | 1:56 PM
सरकार क्रिप्टोकरंसी के टैक्स को लेकर नया नियम बनाने वाली है. पहले से जो टैक्स के नियम चले आ रहे हैं, वे नियम इस पर लागू नहीं होंगे. इनकम टैक्स के सेक्शन में क्रिप्टोकरंसी को लेकर कोई प्रावधान नहीं है क्योंकि यह वर्चुअल करंसी है. सरकार Cryptocurrency पर टैक्स लगाने और उसके लिए नियम बनाने पर विचार कर रही है. सूत्रों के मुताबिक, अगले बजट में इसका नियम लाया जा सकता है.
इस बारे में राजस्व सचिव तरुण बजाज ने कहा कि इनकम टैक्स के संदर्भ में, कुछ लोग पहले से ही क्रिप्टोकरंसी से होने वाली कमाई पर कैपिटल गेन्स टैक्स (पूंजीगत लाभ कर) का भुगतान कर रहे हैं. इसके अलावा वस्तु एवं सेवा कर (GST) के बारे में भी कानून “बहुत स्पष्ट” है. बाकी सेवाओं पर जीएसटी लगाने का जो नियम है, कुछ वैसी ही दर क्रिप्टोकरंसी पर भी लागू हो सकती है.
क्या कहा सरकार ने
तरुण बजाज ने PTI को दिए एक इंटरव्यू में कहा, “हम इस पर (इनकम टैक्स और जीएसटी) निर्णय लेंगे. मैं समझता हूं कि पहले से ही लोग इस पर टैक्स चुका रहे हैं. अब जब वास्तव में इसका प्रचलन बहुत बढ़ गया है, तो हम देखेंगे कि कानून में कुछ बदलाव ला सकते हैं या नहीं. लेकिन यह बजट में ही होगा. बजट के दिन करीब हैं, उसी समय इस बात को देखा जाएगा. यह पूछे जाने पर कि क्या क्रिप्टो ट्रेडिंग के लिए टीसीएस (टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स) का प्रावधान पेश किया जा सकता है, सचिव ने कहा, “अगर हम एक नया कानून लेकर आते हैं तो हम देखेंगे कि क्या किया जाना है.”
राजस्व सचिव बजाज ने कहा, “लेकिन हां, अगर आप पैसा कमाते हैं तो आपको टैक्स देना होगा… हमें पहले ही कुछ टैक्स मिल चुके हैं, कुछ ने इसे एक प्रॉपर्टी के रूप में माना है और इस पर कैपिटल गेन टैक्स का भुगतान किया है.” यह पूछे जाने पर कि क्या क्रिप्टोकरंसी ट्रेडिंग में शामिल लोगों को फैसिलिटेटर, ब्रोकरेज और ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के रूप में मान्यता दी जाएगी और जीएसटी के तहत टैक्स कैसे लिया जाएगा. इस पर बजाज ने कहा, “अन्य सेवाओं के लिए जीएसटी के नियम पहले से उपलब्ध हैं, इसलिए जीएसटी की जो भी दर है, उन पर (क्रिप्टोकरंसी की ट्रेडिंग या अन्य सर्विस) टैक्स लगाया जाता है. यही नियम क्रिप्टो पर भी लागू होगा.” उन्होंने कहा, “उन्हें (फैसिलिटेटर, ब्रोकरेज) खुद को रजिस्टर करवाना होगा. जीएसटी कानून बहुत स्पष्ट है. अगर कोई बिजनेस होता है, अगर कोई ब्रोकर है जो लोगों की मदद कर रहा है और ब्रोकरेज शुल्क ले रहा है, तो जीएसटी वसूला जाएगा.”
शीत सत्र में क्रिप्टो बिल
सरकार की ओर से 29 नवंबर से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान क्रिप्टोकरंसी पर एक बिल पेश करने की संभावना है. यह बिल इसलिए अहम माना जा रहा है क्योंकि ऐसी करंसी भ्रामक और बहकावे वाले दावे के साथ निवेशकों को बहकाने में लगी हैं. खास कर, हाल के दिनों में क्रिप्टोकरंसी में निवेश पर आसान और उच्च रिटर्न का वादा करते हुए, फिल्मी सितारों वाले विज्ञापनों की संख्या बढ़ रही है.
अभी देश में क्रिप्टोकरंसी के उपयोग पर कोई रेगुलेशन या कोई प्रतिबंध नहीं है. इसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले हफ्ते वरिष्ठ अधिकारियों के साथ क्रिप्टोकरंसी पर एक बैठक की और संकेत दिया कि इस मुद्दे से निपटने के लिए मजबूत कदम उठाए जा सकते हैं. इस हफ्ते की शुरुआत में, बीजेपी सदस्य जयंत सिन्हा की अध्यक्षता में स्टैंडिंग कमेटी ने क्रिप्टो एक्सचेंजों, ब्लॉक चेन और क्रिप्टो एसेट्स काउंसिल (बीएसीसी) के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि क्रिप्टोकरंसीज पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाना चाहिए, लेकिन इसे रेगुलेट किया जाना चाहिए.